टीबी की गांठ कैसी होती है

  1. टीबी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  2. What Is Gland Tuberculosis And Its Symptoms
  3. महिलाओं में टीबी के लक्षण
  4. टीबी डाइट चार्ट
  5. टीबी (क्षय रोग, तपेदिक) के लक्षण, प्रकार, कारण, इलाज, दवा, उपचार
  6. टीबी कैसे होती है इसके लक्षण और कारण


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टीबी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक संक्रामक रोग है। यह इंसान के फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। इसके अलावा टीबी का बैक्टीरिया किडनी और ब्रेन को भी संक्रमित कर सकता है। टीबी के कई प्रकार होते हैं, लेकिन इसका सक्रिय रूप खांसी, छींक, लार आदि के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में काफी तेजी से फैलता है। अधिक संचारी होने के कारण टीबी विश्व स्तर पर दूसरी घातक बीमारी घोषित हो चुकी है। यह ट्यूबरक्लोसिस का सबसे आम प्रकार है। फैफड़ों में होने वाली टीबी ही सबसे ज्यादा संक्रामक होती है और बेहद आसानी से एस इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है। इसके अलावा टीबी इम्यून सिस्टम (लिम्फ नोड्स), हड्डियों व जोड़ों, पाचन तंत्र, मूत्राशय और प्रजनन प्रणाली के साथ नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करती है। इसके लक्षण फेफड़ों वाली टीबी से कई गुना घातक होते हैं। एड्स या डायबिटीज जैसी बड़ी बीमारियों से ग्रसित लोगों को टीबी का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसके अलावा टीबी, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को भी आसानी से अपना शिकार बना सकती है। हालांकि टीबी का इलाज व रोकथाम संभव है। रोग से संबंधित कुछ तथ्य इस प्रकार हैं: • तथ्य 1: 2021 में दुनियाभर के कुल मामलों में, अकेले भारत में टीबी के 28% मामले दर्ज किए गए थे। • तथ्य 2: 2021 में भारत में 21.4 लाख टीबी के नए मामले सामने आए थे। • तथ्य 3: 2021 में भारत में 22 करोड़ से अधिक लोगों पर टीबी की जांच की गई थी। यह 2020 की तुलना में 18% अधिक थी। • तथ्य 4: 2021 में भारत में 5 लाख से अधिक लोगों की मौत टीबी से हुई थी। • तथ्य 5: 2021 में भारत में टीबी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 5.8 मिलियन रह गई। • तथ्य 5: 2021 में भारत में टीबी के मामले प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 210...

What Is Gland Tuberculosis And Its Symptoms

Gland Tuberculosis: ट्यूबरक्लोसिस जिसे हम आम बोल चाल के भाषा में टीबी कहते हैं. ये एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियल ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है. कुछ लोगों में ये गलतफहमी है कि टीबी सिर्फ फेफड़े की बीमारी है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है टीबी मूंह, लिवर, गले, किडनी के अलावा हड्डियों में भी होता है. जब टीबी फेफड़े में होता है तो इसे प्लमोनरी टीबी कहा जाता है, लेकिन जब ये फेफडे़ से बाहर टीबी होता है तो इसे एक्सट्रा प्लमोनरी टीबी कहा जाता है. इन्हीं में से एक है ग्लैंड टीबी जो काफी खतरनाक होती है...अगर वक्त पर इसका इलाज ना किया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है. क्या है ग्लैंड टीबी ? ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया फेफड़ों के बाहर निकल कर गले में पहुंच जाते हैं. इसे मेडिकल साइंस के भाषा में सर्वाइकल ट्यूबरकुलर लिंफेडनाइटिस कहा जाता है.इसे स्क्रोफुला के नाम से भी जानते हैं.इस बीमारी में गले के नोड्स में इंफेक्शन फैल जाता है, जिसकी वजह से नोड्स और गले में सूजन पैदा हो जाती है. संक्रमित चीजों के मुंह में जाने से या संक्रमित व्यक्ति से बैक्टीरिया के आदान-प्रदान से बीमारी फैलती है. फेफड़ों के बाद टीवी का रोग सबसे ज्यादा गली में ही होता है.ग्लैंड टीबी की समस्या ज्यादातर इम्यूनोसप्रेस्ड रोगियों में होती है इस समस्या में मरीज के गले या प्रभावित जगह पर गांठ बन जाती है.टॉन्सिल की तरह गांठ विकसित होने लगती है. ग्लैंड टीबी होने के लक्षण? गले में टीवी होने पर मरीज के गले में सूजन और अंदर की तरफ घाव हो जाते हैं. गले के नोड्स और लिंफ नोड में सूजन और दर्द की समस्या होती है. जब यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो मरीज के गले से मवाद और अन्य तरल पदार्थ भी निकलने लगते हैं. • बुखार • नोड्स मे...

महिलाओं में टीबी के लक्षण

हालांकि, टीबी से संक्रमित सभी लोगों में लक्षण विकसित नहीं होंगे। छह से नौ महीने की अवधि में एंटीबायोटिक दवाओं के संयोजन से टीबी का इलाज किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि सभी दवाओं को निर्धारित अनुसार लिया जाए और यह सुनिश्चित करने के लिए उपचार का पूरा कोर्स पूरा किया जाए कि संक्रमण पूरी तरह से समाप्त हो गया है। १. अव्यक्त टीबी संक्रमण: इस प्रकार में, टीबी पैदा करने वाले जीवाणु शरीर में मौजूद होते हैं, लेकिन व्यक्ति बीमार महसूस नहीं करता है या किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया को नियंत्रित करने और उन्हें गुणा करने से रोकने में सक्षम है। हालांकि, अगर प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो बैक्टीरिया भविष्य में सक्रिय हो सकता है, जिससे सक्रिय टीबी रोग का विकास हो सकता है। २. सक्रिय टीबी रोग: इस प्रकार में, टीबी पैदा करने वाले जीवाणु सक्रिय रूप से शरीर में गुणा कर रहे हैं, और व्यक्ति बीमार महसूस करता है और लक्षणों का अनुभव करता है। सक्रिय टीबी रोग फेफड़ों (फुफ्फुसीय टीबी) के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों जैसे गुर्दे, रीढ़ और मस्तिष्क (एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी) को प्रभावित कर सकता है। सक्रिय टीबी रोग संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने पर हवा के माध्यम से दूसरों में फैल सकता है। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ अनुवर्ती कार्रवाई करें: यह सुनिश्चित करने के लिए कि टीबी संक्रमण का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है और किसी भी संभावित दुष्प्रभाव या जटिलताओं की निगरानी के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ अनुवर्ती कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। आपको यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जांच या परीक्षण कराने क...

टीबी डाइट चार्ट

टीबी एक ऐसी बीमारी है जो अकसर शारीरिक रूप से कमज़ोर होते हैं। यानी जो लोग कुपोषित होते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण वे आसानी से टीबी की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे लोगों को इलाज होने के बावजूद ऐसे में एक स्वस्थ • हरी पत्तेदार सब्ज़ियां जैसे पालक। ऐसी सब्ज़ियों के माध्यम से विटामिन बी का सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाती है। • इसके अलावा साबुत अनाज लेने की सलाह भी दी जाती है। • टीबी होने पर शरीर के लिए संतृप्त वसा को पचाना मुश्किल होता है। • जानकार ऐसे में जैतून के तेल जैसे असंतृप्त वसा की सलाह देते हैं। • सभी रंगों के फलों से युक्त फल खाना टीबी में लाभदायक होता है। • खाने में चमकीले रंग वाले जैसे टमाटर, चेरी और ब्लूबेरी शामिल करें। टीबी के रोगियों को स्वस्थ आहार लेने के साथ कुछ चीज़ों से परहेज़ भी करना चाहिए जैसे: • परिष्कृत उत्पाद जैसे चीनी, सफेद ब्रेड, सफेद चावल । • तम्बाकू का सेवन ना करें। • शराब से परहेज करें। • कैफीन को नियंत्रित सीमा में रखें । रविवार सुबह (8:00-8:30AM) पनीर सैंडविच (2 स्लाइस ब्रेड) + 1 कप मलाई निकाला हुआ दूध। सुबह (11:00-11:30AM) 1 कप उबले हुए मूंग दाल दोपहर (2:00-2:30PM) वेज पुलाव चावल 1 कप + 1 कप सोया चंक करी शाम (4:00-4:30PM) 1 कप बादाम का दूध रात (8:00-8:30PM) 2 रोटी + भिंडी की सब्जी 1 कप सोमवार सुबह (8:00-8:30AM) 3 चपाती + पनीर की सब्जी 1 कप सुबह (11:00-11:30AM) पनीर के साथ 1 कप ग्रिल्ड सब्जियां। दोपहर (2:00-2:30PM) 2 रोटी + मशरूम करी 1 कप + 1 कप मूंग दाल शाम (4:00-4:30PM) 1 सेब + 1/2 कप पनीर रात (8:00-8:30PM) 2 रोटी + अरहर दाल 1 कप मंगलवार सुबह (8:00-8:30AM) 2 सोया आटा उत्तपम + नारियल की चटनी + 1 गिलास मलाई निकाला हुआ दूध सुबह (11:00-...

टीबी (क्षय रोग, तपेदिक) के लक्षण, प्रकार, कारण, इलाज, दवा, उपचार

टीबी (ट्यूबरकुलोसिस, यक्ष्मा, तपेदिक या क्षयरोग) एक संक्रामक रोग होता है, जो आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है। किसी एक ही संक्रामक एजेंट के कारण होने वाले अन्य रोगों के मुकाबले टीबी दुनियाभर में दूसरा सबसे बड़ा जानलेवा रोग है। टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के द्वारा फैलता है। आप हवा में सांस लेकर टीबी के बैक्टीरिया को प्राप्त कर सकते हैं और टीबी से ग्रस्त हो सकते हैं। टीबी के बैक्टीरिया हवा में उन व्यक्तियों द्वारा फैलाए जाते हैं, जिनके शरीर में पहले से ही टीबी के बैक्टीरिया हैं। यह एक धीमी-गति से बढ़ते बैक्टीरिया के कारण होता है जो शरीर के उन भागो में बढ़ता है जिनमे खून और ऑक्सीजन होता है इसलिए टीबी ज़्यादातर फेफड़ों में होता है। इसे पल्मोनरी टीबी (Pulmonary TB) कहते हैं। टीबी शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है। इसके लक्षणों में लगातार तीन हफ्ते से ज्यादा निरंतर कफ वाली टीबी कितनी तरह का होता है? टीबी के मुख्यत: दो प्रकार होते हैं • लेटेंट ( Latent) टीबी - इसका अर्थ है कि बैक्टीरिया आपके शरीर में है लेकिन आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उसे सक्रिय नहीं होने दे रही है। आपको टीबी के लक्षणों का अनुभव नहीं होगा और आपके कारण यह बीमारी नहीं फैलेगी। लेकन यदि आपको लेटेंट (Latent) टीबी है तो वह सक्रिय (Active) टीबी बन सकता है। • सक्रिय ( Active) टीबी - इसका अर्थ है कि बैक्टीरिया आपके शरीर में विकसित हो रहा है और आपको इसके लक्षण महसूस होंगे। यदि आपके फेफड़े सक्रिय टीबी से संक्रमित हों तो आपके कारण यह बीमारी दूसरों को फैल सकती है। टीबी को अन्य दो श्रेणियों में भी विभाजित किया जा सकता है, प्लमोनरी और एक्स्ट्रापल्मोनरी • प्लमोनरी टीबी– यह टीबी का प्राथमिक रूप होता है, जो फ...

टीबी कैसे होती है इसके लक्षण और कारण

टीबी कैसे होती है इसके लक्षण और कारण टीबी या ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक रोग होता है और यह एक ऐसी बीमारी है जो इन्सान को अन्दर अन्दर खा जाती है यदि इसका समय पर इलाज न किया गया तो यह बीमारी बहुत ज्यादा खतरनाक है टी.बी. रोग को अन्य कई नाम से जाना जाता है, जैसे तपेदिक, क्षय रोग तथा यक्ष्मा से फेफड़ों का रोग माना जाता है, लेकिन यह फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है, जैसे हड्डियाँ, हड्डियों के जोड़, लिम्फ ग्रंथियां, आंत, मूत्र व प्रजनन तंत्र के अंग, त्वचा और मस्तिष्क के ऊपर की झिल्ली आदि का रोग बन जाता है और इस रोग के मुख्य लक्षण तीन हफ्ते से ज्यादा निरंतर कफ वाली खांसी होना, थकान और शरीर में कमजोरी आना आदि और यह रोग इतना ज्यादा खतरनाक है की दुनियाभर में 5 से 6 करोड़ लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं और प्रत्येक वर्ष 10 से 20 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है। देश में हर तीन मनट में दो मरीज क्षयरोग के कारण दम तोड़ दे‍ते हैं। हर दिन चालीस हजार लोगों को इसका संक्रमण हो जाता है लेकिन इस बीमारी से छुटकारा पाने के बहुत से जागरूक अभियान चलाये गये है और बहुत कामयाबी मिली है आज यंहा आपको इस बीमारी के बारे पूरी जानकारी देंगे और इस बीमारी से बचने के उपाय बतायेंगे | टीबी के प्रकार – Types of Tuberculosis (TB) in Hindi टीबी की बीमारी एक प्रकार की नही होती है यह बीमारी दो प्रकार की होती है | लेटेंट (Latent) टीबी – इसके अन्दर बीमारी की शुरुआत होती है शरीर को पता नही चलता है और इसमें बीमारी के लक्षण दिखाई नही देते है लेकिन यदि समय पर इलाज ना किया जाये तो यह सक्रिय (Active) टीबी बन सकता है। सक्रिय (Active) टीबी –इसके अन्दर बहुत जल्दी लक्षण दिखाई देते है इसके अन्दर फेफड़े स...