Tulsidas ka sthayi niwas sthan kahan tha

  1. भगवान शिव का जन्म कैसे और कहां हुआ?
  2. 2023 में, भारत की जनसंख्या कितनी है? जून अपडेट
  3. निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate) के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करे
  4. तुलसीदास का जीवन परिचय [साहित्यिक परिचय, रचनाएँ]


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भगवान शिव का जन्म कैसे और कहां हुआ?

वेद कहते हैं कि जो जन्मा है, वह मरेगा अर्थात जो बना है, वह फना है। वेदों के अनुसार ईश्वर या परमात्मा अजन्मा, अप्रकट, निराकार, निर्गुण और निर्विकार है। अजन्मा का अर्थ जिसने कभी जन्म नहीं लिया और जो आगे भी जन्म नहीं लेगा। प्रकट अर्थात जो किसी भी गर्भ से उत्पन्न न होकर स्वयंभू प्रकट हो गया है और अप्रकट अर्थात जो स्वयंभू प्रकट भी नहीं है। निराकार अर्थात जिसका कोई आकार नहीं है, निर्गुण अर्थात जिसमें किसी भी प्रकार का कोई गुण नहीं है, निर्विकार अर्थात जिसमें किसी भी प्रकार का कोई विकार या दोष भी नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि फिर शिव क्या है? वे किसी न किसी रूप में जन्मे या प्रकट हुए तभी तो उन्होंने विवाह किया। तभी तो उन्होंने कई असुरों को वरदान दिया और कई असुरों का वध भी किया। दरअसल, जब हम 'शिव' कहते हैं तो वह निराकर ईश्वर की बात होती है और जब हम 'सदाशिव' कहते हैं तो ईश्वर महान आत्मा की बात होती है और जब हम शंकर या महेश कहते हैं तो वह सती या पार्वती के पति महादेव की बात होती है। बस, हिन्दूजन यहीं भेद नहीं कर पाते हैं और सभी को एक ही मान लेते हैं। अक्सर भगवान शंकर को शिव भी कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार भगवान सदाशिव और पराशक्ति अम्बिका (पार्वती या सती नहीं) से ही भगवान शंकर की उत्पत्ति मानी गई है। उस अम्बिका को प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेवजननी (ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता), नित्या और मूल कारण भी कहते हैं। सदाशिव द्वारा प्रकट की गई उस शक्ति की 8 भुजाएं हैं। पराशक्ति जगतजननी वह देवी नाना प्रकार की गतियों से संपन्न है और अनेक प्रकार के अस्त्र शक्ति धारण करती है। वह शक्ति की देवी कालरूप सदाशिव की अर्धांगिनी दुर्गा हैं। उस सदाशिव से दुर्गा प्रकट हुई। काशी के आनंदरूप वन में रमण ...

2023 में, भारत की जनसंख्या कितनी है? जून अपडेट

दुनिया के हर 100 लोगों में से 18 लोगों का घर भारत में है, आइए जनसंख्या का गणित विस्तार से जानते हैं. Breaking News: संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार, दुनिया की कुल आबादी 15 नवंबर 2022 को 8 को अरब कर चुकी है. लेने की दुनिया में पहली बार अब 8 बिलियन लोग रहते हैं। आधी से अधिक आबादी अकेले एशिया महादीप में रहती है। चीन अभी भी शीर्ष पर है जबकि भारत का दूसरा स्थान है। India ki Jansankhya, जनगणना 2011 के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 1,21,01,93,422 रहा था। 2023 के यूनाइटेड नेशन (UN) के डाटा के मुताबिक भारत की जनसंख्या 1,412,644,054 है. भारत में सर्वप्रथम जनगणना 1872 में हुई थी जो ब्रिटिश इंडिया ने करवाया था। जैसा कि आप सोच रहे होंगे 2021 में भारत का जनगणना होना था, किंतु कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पाया है. उम्मीद है कि, इस वर्ष के अंत तक डाटा सरकार के द्वारा जारी हो सकता है. अक्सर आपने टीवी या अपने मोबाइल फोन पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र कुमार मोदी को सवा सौ भारतीय के बारे में बात करते हुए सुना होगा. इस आर्टिकल के मदद से आप को वर्ष 2023 में भारत की जनसंख्या का पूरा गणित समझने का एक मौका है. 25 प्रश्न – नेपाल की जनसंख्या 2022 में कितनी है? भारत की जनसंख्या 1951 से 2023 तक डाटा को जानिए आप यह आप समझ चुके होंगे कि भारत सरकार द्वारा पर हर 10 वर्षों के अंतराल में जनगणना कराया जाता है। 1951 से लेकर 2011 तक भारत में 7 बार जनगणना कराया गया है। भारत का अगला जनगणना वर्ष 2021 होना था। नीचे सबसे पहले वर्ष लिखा गया है। उसके बाद जनसंख्या तथा आखिर में जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत लिखा गया है। • 1951 – 361,088,090 – 13.32% • 1961 – 438,936,918 – 21.62% • 1971 – 548,160,050 – 24।8% • 1...

निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate) के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करे

Niwas Praman Patra क्या है निवास प्रमाण पत्र एक ऐसा दस्तावेज है जो प्रत्येक व्यक्ति को स्थानीय निवासी होने कि पुष्टि करता है। इसके द्वारा उस व्यक्ति के बताये गये पते को दस्तावेजों द्वारा प्रमाणित किया जाता है कि वह उस स्थान पर रह रहा है अर्थात उस स्थान का निवासी है। यह एक ऐसा दस्तावेज है जो आपके पिछले 15 सालों से एक ही राज्य में रहने का प्रमाण देता है इसमें आपका नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान, पता और राज्य के किस स्थान में रह रहें है को प्रमाणित करता है | इसकी आवश्यकता भिन्न दस्तावेजों को बनाते समय पता प्रमाणित करने के लिए पड़ती रहती है। आर्टिकल निवास प्रमाण पत्र वर्ष 2023 माध्यम ऑनलाइन आवेदन शुल्क 10-50 तक (अलग- अलग राज्यों के अनुसार) घोषणा पत्र यहां से डाउनलोड करें अगर आप भी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता कहां होती है ? • निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता सबसे अधिक आपको स्कूल, कॉलेज और विश्विद्यालयों में एडमिशन लेते वक्त निवास स्थान प्रमाणित करने के लिये पड़ती है। • इसकी आवश्यकता आपको रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के समय निवास स्थान को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक रूप से पड़ती है • Domicile Certificate द्वारा उस राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता हैं, जैसे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत बेटियों की शिक्षा के लिए और उनकी शादी-ब्याह के लिए कुछ रकम देती है ) इसमें भी इस की आवश्यकता पड़ती है। • स्कूल, कॉलेज में मिलने वाली छात्रवृति, सरकारी नौकरी, गाड़ी लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड आदि स्थानों पर इसकी आवश्यकता पड़ती है। • भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रधानमंत्री उज्वला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना आदि में भी मूल निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता प...

तुलसीदास का जीवन परिचय [साहित्यिक परिचय, रचनाएँ]

Tulsidas Ka Jivan Parichay Hindi Rachnaye Janam Mrityu goswami jivani sahityik parichay, गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ jeevan, kavi साहित्यिक परिचय बचपन short mein jivan bataiye bachpan अंतिम रचना इन हिंदी bataiye पीडीएफ लिखिए शार्ट likhiye दीजिए rachna तुलसीदास जी को हम हिंदू कवि और संत के रूप में जानते हैं इन्होंने भारत के सबसे बड़े महाकाव्य रामचरितमानस और हनुमान चालीसा की रचना की है । Tulsidas भक्ति काल में राम भक्ति शाखा के राम की भक्ति के लिए काफी ज्यादा मशहूर कवि है इनके जन्मतिथि को लेकर अलग-अलग अवधारणा प्रस्तुत की गई है फिर भी इनका जन्म संवत 1568 में राजापुर, बांदा उत्तर प्रदेश को माना जाता है । तुलसीदास का जन्म के बाद अनाथों की तरह जीवन रहा है क्योंकि जन्म के 2 दिन बाद इसकी माता जी की मृत्यु हो गई । Tulsi Das जी का जीवन काल बहुत लंबे समय 126 वर्षों का रहा है जिसमें इन्होंने 22 कृतियों की रचनाएं की है । इनके जीवन में इनके गुरु नरहरी दास और आचार्य रामानंद जी रहे हैं और इसकी सबसे प्रसिद्ध रचना रामचरितमानस, कवितावली, दोहावली और हनुमान चालीसा है। तो चलिए अब तुलसीदास जी का जीवन परिचय, इनकी रचनाएं और इनकी जीवन गाथा को विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं। पूरा नाम ( Full Name) गोस्वामी तुलसीदास पिता का नाम ( Pita ka N a am) आत्माराम दुबे माता का नाम ( Mata Ka Naam ) हुलसी देवी जन्म (jaman Thithi) संवत 1568 जन्म स्थान (Janam Sthan) राजापुर, बांदा, उत्तर प्रदेश धर्म ( Religion) हिन्दू Caste ( Cast) ज्ञात नहीं पत्नी (Wife, Marriage) रत्नावली प्रमुख रचनाए (Rachnaye) रामचरितमानस दोहावली कवितावली गीतावली विनयपत्रिका हनुमान चालीसा शिक्षा ( Education ) वेदशास्त्र ...