तुष्टिकरण की नीति क्या है

  1. BJP And Opposition Leaders Slams Each Other On NCBC Report On OBC Reservation
  2. Soft Hinduism: सॉफ्ट हिंदुइज्म कार्ड से हार्ड हिंदुत्व को चुनौती
  3. तुष्टिकरण क्या है? विदेश नीति में परिभाषा और उदाहरण
  4. क्या मैं तुष्टिकरण करता हूं, लादेन से पूछिये: ओबामा
  5. Karnataka: देवेंद्र फडणवीस बोले
  6. बिटेन एवं फ्रांस की तुष्टिकरण की नीति, द्वितीय विश्वयुद्ध का महत्वपूर्ण कारण कैसे था?


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BJP And Opposition Leaders Slams Each Other On NCBC Report On OBC Reservation

OBC Reservation Report Row: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लेकर विवाद छिड़ गया है. आयोग की रिपोर्ट में चार राज्यों (पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और पंजाब) में ओबीसी (OBC) के आरक्षण को लेकर सवाल उठाए गए हैं. बंगाल (West Bengal) में जहां ओबीसी आरक्षण के नाम पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया गया है, वहीं बिहार (Bihar) में 30 साल तक नॉन क्रीमीलेयर का सर्टिफिकेट बनवाने में गड़बड़ी की बात कही गई है. राजस्थान में भी सर्टिफिकेट बनवाने में गड़बड़ी की बात है जबकि पंजाब में ओबीसी को कम रिजर्वेशन की बात कही गई है. जिन चार राज्यों पर सवाल उठाए गए हैं, उन चारों ही राज्यों में फिलहाल विपक्षी पार्टियां सत्ता में हैं. यही वजह है कि इस रिपोर्ट के सहारे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछड़ी जातियों का हक मारने का आरोप लगाया है. बीजेपी अध्यक्ष ने ओबीसी आरक्षण को लेकर बोला हमला जेपी नड्डा ने कहा कि ओबीसी का संवैधानिक हक आरक्षण का जो दिया गया है उसका पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान की सरकारें खुलेआम हनन कर रही हैं. जातिगत जनगणना की बात करने वाले दल खुलेआम ओबीसी भाइयों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. बंगाल में ओबीसी के कोटा का खुलेआम मुस्लिम तुष्टिकरण किया जा रहा है और पिछड़ा वर्ग के उनके हक से उन्हें वंचित किया जा रहा है. बंगाल सरकार को घेरा उन्होंने बंगाल सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि बंगाल में बांग्लादेश और रोहिंग्याओं से घुसपैठियों को ओबीसी प्रमाणपत्र देने का प्रयास किया जा रहा है. अब सवाल ये है किक्या वाकई ओबीसी के हितों का झंडा बुलंद करने वाली पार्टियां उनके आरक्षण का हक मार रही हैं. सवाल ये भी है कि क्या ओबीसी आरक्षण के नाम पर तुष्टिकरण हो रहा है औ क्या 2024 के लिए ओबीसी के ...

Soft Hinduism: सॉफ्ट हिंदुइज्म कार्ड से हार्ड हिंदुत्व को चुनौती

Soft Hinduism: रविवार को प्रियंका गांधी ने आगामी मध्य प्रदेश चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी के प्रचार की शुरूआत वनवासी बहुल महाकोशल क्षेत्र से करते हुए प्रदेश के मतदाताओं को पांचसूत्रीय वादों की गारंटी का एलान किया। परंतु उनके दौरे की सबसे खास बात रही माँ नर्मदा का पूजन। ऐसा करके प्रियंका गांधी ने मुस्लिम तुष्टिकरण की उस धारणा को तोड़ने का प्रयास किया जिसके चलते कांग्रेस से अधिसंख्य हिंदू दूर हो गए थे। हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने खासकर गांधी परिवार के किसी सदस्य ने हिंदूवादी मतदाताओं को वापस अपनी ओर लाने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा लिया हो। राहुल गांधी का स्वयं को दत्तात्रेय गोत्र का ब्राह्मण बताना हो अथवा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान देश के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करना हो, कांग्रेस और गांधी परिवार दोनों सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलकर हिंदू हितैषी दिखने का प्रयास कर रहे हैं और भाजपा के हार्ड हिंदुत्व के मुक़ाबले उन्हें हिंदुओं का साथ भी मिल रहा है। याद कीजिए मई, 2023 में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधात्मक संगठनों में डालने का निर्णय लिया तो भाजपा ने पूरा चुनाव प्रचार बजरंग बली को बंधक बनाने से जोड़ दिया। इसके उलट कांग्रेस ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड का पाठ जैसे आयोजनों से जनता को जोड़ने की कवायद की और बजरंग दल के पदाधिकारियों से जुड़े विवादों को सार्वजनिक किया जिसके परिणामस्वरूप कर्नाटक में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला और भाजपा की झोली से दक्षिण का प्रवेश द्वार छिन गया। इसी प्रकार 24 मई, 2023 को पुष्य नक्षत्र के अवसर पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार के देवस्थान विभाग न...

तुष्टिकरण क्या है? विदेश नीति में परिभाषा और उदाहरण

तुष्टिकरण है विदेश नीति युद्ध को रोकने के लिए एक आक्रामक राष्ट्र को विशिष्ट रियायतें देने की रणनीति। तुष्टिकरण का एक उदाहरण कुख्यात 1938 का म्यूनिख समझौता है, जिसमें ग्रेट ब्रिटेन ने नाजी जर्मनी के साथ युद्ध से बचने की मांग की थी और फासीवादी इटली ने 1935 में इथियोपिया पर इटली के आक्रमण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया या जर्मनी के ऑस्ट्रिया पर कब्जा कर लिया। 1938. • तुष्टिकरण युद्ध से बचने या देरी करने के प्रयास में आक्रामक राष्ट्रों को रियायत देने की कूटनीतिक रणनीति है। • अपील अक्सर ग्रेट ब्रिटेन के साथ जुड़ा हुआ है जो एडोल्फ हिटलर को रियायतें देकर जर्मनी के साथ युद्ध को रोकने का विफल प्रयास है। • जबकि तुष्टिकरण में आगे के संघर्ष को रोकने की क्षमता है, इतिहास दिखाता है कि यह शायद ही कभी ऐसा करता है। तुष्टिकरण की परिभाषा जैसा कि शब्द का अर्थ है, तुष्टिकरण एक राजनयिक अपनी कुछ मांगों पर सहमत होकर एक आक्रामक राष्ट्र को "तुष्ट" करने का प्रयास। आमतौर पर अधिक शक्तिशाली तानाशाही को पर्याप्त रियायतें देने की नीति के रूप में देखा जाता है अधिनायकवादी और फासीवादी सरकारें, तुष्टीकरण की बुद्धि और प्रभावशीलता बहस का एक स्रोत रही हैं क्योंकि यह रोकने में विफल रही है 1930 के दशक की शुरुआत में, सुस्त आघात पहला विश्व युद्ध एक उपयोगी शांति व्यवस्था नीति के रूप में एक सकारात्मक प्रकाश में तुष्टिकरण। वास्तव में, यह मांग को संतुष्ट करने का एक तार्किक साधन था अलगाववाद, द्वितीय विश्व युद्ध तक अमेरिका में प्रचलित। हालांकि, 1938 के म्यूनिख समझौते की विफलता के बाद से, तुष्टिकरण की भावना ने अपने पेशेवरों को पछाड़ दिया। यद्यपि तुष्टिकरण "समय खरीद सकता है", एक राष्ट्र को युद्ध के लिए तैयार करने की अन...

क्या मैं तुष्टिकरण करता हूं, लादेन से पूछिये: ओबामा

वॉशिंगटन। विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य इस आरोप के जवाब में कि राष्ट्रपति बराक ओबामा 'तुष्टिकरण' की विदेश नीति चलाते हैं, ओबामा ने दो टूक कहा, "ओसामा बिन लादेन से पूछिये।" व्हाइट हाउस में गुरुवार को आयोजित संवददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, "ओसामा बिन लादेन और अलकायदा के शीर्ष 30 में से 22 आतंकवादियों से पूछिये, जो मार गिराए गए, कि क्या मैं तुष्टिकरण करता हूं। या वहां जो भी बचे हैं, उनसे पूछिये इस बारे में।" रिपब्लिकन सदस्य न्यूट गिनरिक ने बुधवार को ओबामा पर मध्य-पूर्व में सक्रिय आतंकवादियों के प्रति लापरवाही बरतने और ईरान के खिलाफ सख्ती से नहीं निपटने का आरोप लगाया था। रिपब्लिकन यहूदी गठबंधन में उन्होंने कहा था, "मैं उग्र इस्लाम के साथ हमारे पूरे सम्बंध को लेकर बहुत चिंतित हूं, क्योंकि यह झूठ के पुलिंदे पर आधारित है।" उन्होंने कहा, "यह आत्म-वंचना पर आधारित है। यह विदेश विभाग पर निर्भर है, जो तुष्टिकरण की नीति में जुटा है।" वहीं, मैसाचुसेट्स के पूर्व गवर्नर मिट रोमनी ने कहा, "राष्ट्रपति ओबामा ने तुष्टिकरण की नीति अपना रखी है। यह अमेरिका, अमेरिकी ताकत और देश के भविष्य के साथ धोखा है।" पूर्व सीनेटर रिक सैनटोरम ने कहा, "जो आप होते हुए देखना चाहते हैं, उस पर तब तक इसका कोई प्रभाव नहीं होगा जब तक आप कुछ करते नहीं, जब तक आप नीतियों का क्रियान्वयन नहीं करते। इस राष्ट्रपति ने सभी ठग, गुंडे तथा इस्लामिक चरमपंथियों के साथ तुष्टिकरण के अतिरिक्त कुछ नहीं किया।" . Tags: • 'मूसेवाला का 295 बजाओ', अमेरिका में देसी ट्रक ड्राइवर से राहुल गांधी की फरमाइश • भारत ही नहीं, चीन और पाकिस्तान में भी डोली धरती, जानें भूकंप आने पर क्या करें? • VIDEO: समुद्र में तेल निकालने में जुटे थे 50 कर्मी,...

Karnataka: देवेंद्र फडणवीस बोले

Karnataka Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है। चुनाव प्रचार में पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। महराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हुबली में कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। फडणवीस ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वालों पर कोई बैन नहीं लगा सकता है, जय श्रीराम कहने वालों पर कोई रोक नहीं लगा सकता है। उन्होंने कहा- मैं कांग्रेस को चैलेंज करता हूं, वो ये करके दिखाएं। वो ऐसा कर ही नहीं सकते। इस प्रकार का बयान देकर अगर वे वोट की राजनीति करना चाहते हैं तो कर्नाटक की राष्ट्रप्रेमी जनता कांग्रेस को उनकी जगह दिखाएगी। देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा- भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने वाला है। कर्नाटक के लोगों की जो पल्स दिख रही है, उससे पता चलता है कि पूरा कर्नाटक भाजपा और पीएम मोदी के साथ है। इसलिए इस चुनाव में कोई दूसरा परिणाम नहीं आएगा। पूर्ण बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर्नाटक में बनेगी। डैमेज कंट्रोल तो हो ही नहीं सकता। क्योंकि जो कांग्रेस के मन में हैं, अब वह उनके जबान पर आ चुका है। बजरंगबली की जय से परेशानी वाले दिमाग का इलाज कराएं- फडणवीस जय बजरंगबली मामले पर ओवैसी पर निशाना साधते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा- प्रधानमंत्री जी ने बजरंगबली की जय कहा, ये कहना क्या गलत है? बजरंगबली की जय जय कार करना हमारी संस्कृति है। इसपर किसी को आपत्ति है तो वो लोग अपने दिमाग का इलाज कराएं। इसे भी पढ़ें:

बिटेन एवं फ्रांस की तुष्टिकरण की नीति, द्वितीय विश्वयुद्ध का महत्वपूर्ण कारण कैसे था?

बिटेन एवं फ्रांस की तुष्टिकरण की नीति को भी द्वितीय विश्वयुद्ध के महत्वपूर्ण कारणों में शामिल किया जाता है। इस संबंध में महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि ब्रिटेन एवं फ्रांस ने तुष्टिकरण की नीति अपनाते हुए हिटलर एवं मुसोलिनी को शांति संधियों के उल्लंघन की खुली छूट क्यों दी? इस प्रश्न का संगत उत्तर तलाशने एवं तुष्टिकरण की नीति को उसके सही परिप्रेक्ष्य में समझने के लिए पहले प्रथम विश्वयुद्ध एवं द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच की अवधि में ब्रिटेन एवं फ्रांस की तत्कालिक स्थिति को समझना आवश्यक है। ब्रिटेन की तत्कालिक स्थिति प्रथम विश्वयुद्ध में विजेता होने के बावजूद ब्रिटेन अब आर्थिक रूप से सर्वश्रेष्ठ नहीं रह गया था। वैश्विक व्यापार में अमेरिका का वर्चस्व बढ़ता जा रहा था और शीघ्र ही जर्मनी से भी ब्रिटेन को चुनौती मिलने लगी थी। अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर यूरोपीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती निर्भरता का एक प्रभाव यह भी हुआ कि 1929-33 की विश्व आर्थिक मंदी की चपेट में ब्रिटिश अर्थव्यवस्था भी आ गई। ब्रिटेन में पहले ही मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ रही थी, इस आर्थिक मंदी ने रही-सही कसर पूरी कर दी। बजट को संतुलित करने के लिए करों में वृद्धि ही एकमात्र उपाय थी पर पहले से ही भड़के हुए श्रमिक असंतोष एवं जनाक्रोश को देखते हुए यह कदम राजनीतिक दृष्टि से खतरनाक हो सकता था। बहरहाल, 1931 ई. के चुनाव में रैम्जे मैकडोनाल्ड के नेतृत्व में सभी दलों की मिली-जुली राष्ट्रीय सरकार बनी जिसने कर बढ़ाने, मजदूरी घटाने जैसे उपायों के साथ-साथ आस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ अधिमानी व्यापार समझौते (प्रिफेरेन्शियल ट्रेड एग्रीमेंट) करके अर्थव्यवस्था को सुधारने का प्रयत्न किया। आर्थिक समस्याओं के साथ-साथ ब्रिटेन को प्रथम विश्वयुद्ध के बाद र...