Vachya kise kahate hain

  1. वाच्य किसे कहते हैं, वाक्य के भेद, परिभाषा उदाहरण सहित। (Vachya Class 10) » Hindikeguru
  2. विस्मय वाचक किसे कहते हैं? » Vismay Vachak Kise Kehte Hain
  3. कृत वाच्य किसे कहते हैं? » Krit Vachya Kise Kehte Hain
  4. वाच्य किसे कहते हैं? » Vachya Kise Kehte Hain
  5. वाच्य किसे कहते हैं ? वाच्य के प्रकार व वाच्य के भेद


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वाच्य किसे कहते हैं, वाक्य के भेद, परिभाषा उदाहरण सहित। (Vachya Class 10) » Hindikeguru

7 क्रिया के प्रयोग कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित समझाइए। वाच्य किसे कहते हैं (vachya kise kahate hain) क्रिया के जिस रूप से पता चलता है कि वाक्य में क्रिया कर्ता, कर्म या भाव के अनुसार प्रयुक्त हुई है उसे वाच्य कहते हैं। जैसे:- १. राम खेल रहा है।(कर्तृवाच्य) २. राम द्वारा खेला जाता है।(कर्मवाच्य) ३. राम से खेला जाएगा। (भाववाच्य) वाच्य के भेद/ वाच्य के प्रकार प्रयोग के आधार पर क्रिया के तीन भेद हैं- १. कर्तृवाच्य २. कर्मवाच्य ३. भाव वाच्य “जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है, उन्हें कर्तृवाच्य कहते हैं। इसकी क्रिया सकर्मक या अकर्मक हो सकती है।” उदाहरण: १. बच्चों ने रोटी खाई। २. राम पुस्तक पढ़ता है। ३. पुष्पा समोसा खाती है। ४. श्याम खेलता है। इन वाक्यों में बच्चों, राम, पुष्पा, श्याम कर्ता हैं तथा वाक्य में कर्ता की प्रधानता हैं अतः रोटी खाई, पुस्तक पढ़ता है, समोसा खाती है, खेलता है, कर्तृवाच्य हैं कर्म वाच्य किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए। “जिस वाक्य में कर्म प्रधान होता है तथा कर्ता गौण अथवा लोप होता है, वहां कर्मवाच्य होता है।” उदाहरण: १. राम द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है। २. सुमन के द्वारा आम खरीदे जाते हैं। ३. पतंग उड़ रही है। भाव वाच्य किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए। “ जिस वाक्य में क्रिया कर्ता या कर्म के अनुसार न होकर भाव के अनुसार होती है उसे भाव वाच्य कहते हैं।” “क्रिया के जिस रूप में वाक्य का उद्देश्य केवल भाव (क्रिया का अर्थ) की जाना जाए वहां भाववाच्य होता है। उदाहरण: १. नानी से चला नहीं जाता। २. कबूतर से उड़ा नहीं जाता। ३. लड़कों से खेला जाएगा। ४. मैदान में लड़के इधर उधर दौड़ा करते हैं। ५. बच्चों से तोड़ा नहीं जाता। ६. अब चला जाए। ट्रिक या वाच्य पहचा...

विस्मय वाचक किसे कहते हैं? » Vismay Vachak Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। हेलो ना आपका प्रसन्न है जिसमें वाच्य किसे कहते हैं उसका एक उदाहरण दीजिए इस वाक्य में हर्ष शोक भी धरना रस्में आदि का बोध होता हो उसे विश्व में वाचक कहते हैं यह जैसे अरे यह क्या हो गया

कृत वाच्य किसे कहते हैं? » Krit Vachya Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। कृत वाच्य देखें कृत वाच्य का मतलब यह होता है कि अगर एक वाक्य उस वाक्य में कर्ता कर्म या जो काम है उनमें से सबसे ऊपर कौन है सबसे ऊंचा कौन है सबसे उच्च कौन है इस बात का पता लग जाए तो इसको कृत वाच्य बोलते हैं krit vachya dekhen krit vachya ka matlab yah hota hai ki agar ek vakya us vakya mein karta karm ya jo kaam hai unmen se sabse upar kaun hai sabse uncha kaun hai sabse ucch kaun hai is baat ka pata lag jaaye toh isko krit vachya bolte hain कृत वाच्य देखें कृत वाच्य का मतलब यह होता है कि अगर एक वाक्य उस वाक्य में कर्ता कर्म या जो

वाच्य किसे कहते हैं? » Vachya Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। वॉच प्रिया के प्रधानता जिस रूप में की जाती है वह वाक्य कहलाता है यदि क्रिया की प्रधानता करता द्वारा की जाती है तो उसे कृत वाच्य कहते हैं यदि क्रिया की प्रधानता कर्म द्वारा पूर्ण होती है तो उसे कर्मवाच्य कहते हैं जैसे राम खाता है राम करता है यहां पर करता द्वारा प्रधानता की गई है इसलिए यह कृत वाच्य है राम के द्वारा खाना खाया जाता है यहां पर राम के द्वारा कर्म के आधार पर इस वाक्य का प्रधानता प्रगट हो रही है इसलिए यहां कर्मवाच्य watch priya ke pradhanta jis roop me ki jaati hai vaah vakya kehlata hai yadi kriya ki pradhanta karta dwara ki jaati hai toh use krit vachya kehte hain yadi kriya ki pradhanta karm dwara purn hoti hai toh use karmvachya kehte hain jaise ram khaata hai ram karta hai yahan par karta dwara pradhanta ki gayi hai isliye yah krit vachya hai ram ke dwara khana khaya jata hai yahan par ram ke dwara karm ke aadhar par is vakya ka pradhanta pragat ho rahi hai isliye yahan karmvachya वॉच प्रिया के प्रधानता जिस रूप में की जाती है वह वाक्य कहलाता है यदि क्रिया की प्रधानता कर

वाच्य किसे कहते हैं ? वाच्य के प्रकार व वाच्य के भेद

वाक्य में प्रयुक्त क्रिया रूप कर्ता, कर्म या भाव किसके अनुसार प्रयुक्त हुआ है, इसका बोध कराने वाले कारकों को वाच्य कहते हैं।वाच्य तीन प्रकार के होते है- कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य। क्रिया में कर्ता की प्रधानता होने पर कर्तृवाच्य, कर्म की प्रधानता होने पर कर्मवाच्य और केवल भाव या क्रिया (यापार) की प्रधानता होने पर भाववाच्य। जैसे- अधिकांश भाषाओं में कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य की क्रिया की भावना प्रयत्नमात्र है। कर्मवाच्य से प्रायः ऐसी क्रिया का बोध होता है जो समाप्त हो गई हो। अतएव फ्रांसीसी में ऐत्रा (Etre, होना) धातु की सहायता के बिना कई क्रियाएँ भूतकाल के अर्थ का बोध नहीं करा सकती हैं। यही बात लैटिन में भी थी। लैटिन में कर्मवाच्य का एक अन्य प्रयोग भी था, जिसकी अवैयक्तिक वाच्य या भाववाच्य कहा जाता है। वाच्य के प्रकार/ वाच्य के भेद जब वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का सीधा और प्रधान सम्बन्ध कर्ता से होता है, अर्थात् क्रिया के लिंग, वचन कर्ता के अनुसार प्रयुक्त होते हैं, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। जैसे (i) लड़का दूध पीता है। (ii) लड़कियाँ दूध पीती हैं। प्रथम वाक्य में‘पीता है।’ क्रिया कर्ता‘लड़का’ के अनुसार पुल्लिंग एक वचन की है जबकि दूसरे वाक्य में‘पीती हैं।’ क्रिया कर्ता‘लड़कियाँ’ के अनुसार स्त्रीलिंग, बहुवचन की है। (ii) कर्ता रहित कर्मवाच्य: कर्ता रहित कर्मवाच्य की स्थिति में वाक्य में प्रयुक्त कर्म ही प्रत्यक्ष कत्र्ता के रूप में प्रयुक्त होता है। ऐसी स्थिति में क्रिया संयुक्त होती है। जैसे एक ओर अध्ययन हो रहा था, दूसरी ओर मैच चल रहा था। जबकि क्रिया की पूर्णता की स्थिति में क्रिया पद के गठन में आ। ई। ए मुख्यधातु में न जुड़कर उसके तुरन्त बाद में प्रयुक्त सहायक धातु में जुड़ते...