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  1. पुरुषवाचक सर्वनाम : परिभाषा, भेद, उदाहरण
  2. क्रिया की परिभाषा, भेद उदाहरण Kriya in Hindi
  3. Kriya in Hindi
  4. CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाक्य
  5. पद (Pad Parichay)
  6. सरल वाक्य किसे कहते है? परिभाषा, उदाहरण
  7. समास की परिभाषा, भेद, उदाहरण Samas in Hindi


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पुरुषवाचक सर्वनाम : परिभाषा, भेद, उदाहरण

विषय-सूचि • • • • • • • • • पुरुषवाचकसर्वनामकीपरिभाषा जिनसर्वनामशब्दोंकाप्रयोगवक्ताद्वाराखुदकेलिएयादुसरोकेलिएकियाजाताहै, उसेपुरुषवाचकसर्वनामकहतेहैं। जैसे– मैं, हम (वक्ताद्वाराखुदकेलिए), तुमऔरआप (सुननेवालेकेलिए ) और यह, वह, ये, वे(किसीऔरकेबारेमेंबातकरनेकेलिए) आदि पुरुषवाचकसर्वनामकेउदाहरण • मैंफिल्मदेखनाचाहताहं। • मैंघरजानाचाहतीहूँ। • तूकहताहैतोठीकहीहोगा। • तूजबतकआईतबतकवोचलागया। • आजकल आपकहाँरेहतेहैं। • आपजहाँभीरहतीहैंखुशियोंकामाहौलरहताहै। • मैंखानाखानाचाहताहूँ। • वहबहुतअच्छालड़काहै। • तुममुझेबहुतपसंदहो। • तुमदिल्लीचलेजाओ। • तुझेकमदोड़नाचाहिए। • मैंबीमारहोगया। • मैंकामकरनाचाहताहूँ। • तुम्हारानामक्याहै? ऊपरदिएगएवाक्योंमेंमैं, तू , आप, वहआदिशब्दवक्तास्वयंकेलिए, श्रोताकेलिएयाकिसीतीसरेव्यक्तिकेलिएइस्तेमालकररहाहै।अतःयेशब्दपुरुषवाचकसर्वनामकीश्रेणीमेंआतेहैं। पुरुषवाचकसर्वनामकेभेद पुरुषवाचकसर्वनामकेतीनभेदहोतेहैं : • उत्तमपुरुष • मध्यमपुरुष • अन्यपुरुष 1. उत्तमपुरुष जिससर्वनामकाप्रयोगवक्ताखुदकेबारेमेंबतानेकेलिएकरताहै।जैसे : मैं, मुझे, मुझको, मेरा, मेरीआदि। उतमपुरुषकेकुछउदाहरण:- • मैंखानाखानाचाहताहूँ। • मेरानामविकासहै। • मैंदिल्लीमेंरहताहूँ। • मैंरोजानाफुटबॉलखेलताहूँ। • मैंजयपुरजारहाहूँ। • मैंदिनमेंतीनबारखानाखाताहूँ। • मेरेबहुतसारेदोस्तहैं। • मुझेस्कूलजानापसंदहै। • मेरेपरिवारमेंचारसदस्यहैं। • मेराघरमुंबईमेंहै। • मेरेपापाबहुतअच्छेहैं। • मुझकोबरसातपसंदहै। • मुझकोबारिशमेंभीगनापसंदनहींहै। • मैंकलदिलजाऊँगा। • इससाल मेरेनंबरकाफीअच्छेआयेहैं। ऊपरदिएगएवाक्योंमेंवक्ता‘मैं’,’मेरे’,’मुझे’, ‘मुझको’आदिशब्दोंकाप्रयोगकरकेखुदकेबारेमेंबतारहाहै।अतःयेशब्दउत्तमपुरुषकीश्रेणीमेंआयेंगे। 2. मध्यमपुरुष जिससर्वना...

क्रिया की परिभाषा, भेद उदाहरण Kriya in Hindi

क्रिया की परिभाषा भेद उदाहरण (Kriya ki Paribhasha, Bhed Udaharan) किसी भी कार्य को करने या होने को क्रिया कहते हैं। संज्ञा या सर्वनाम द्वारा किया गया कार्य क्रिया कहलाता है। उदाहरण स्वरुप: राम‌ पढ़ता है, मोहन खाता है, सीता गाती है इत्यादि। क्रिया के मूल रूप को मुख्य धातु कहाँ जाता हैं। धातु से ही क्रिया शब्द का निर्माण होता हैं। Advertisement अकर्मक क्रिया की पहचान यह है कि यदि हम कर्ता से “क्या ” प्रश्न करें तो हमारा प्रश्न अनुत्तरित रह जाता है। उपरोक्त वाक्यों में राम क्या खाता है और मोहन क्या गाता है, इसका उत्तर हमें नहीं मिलता । इसकी दूसरी पहचान है कि यदि हम कौन का प्रश्न करते हैं तो हमें उत्तर मिल जाता है, जैसे: कौन खाता है, कौन गाता है, तो इसका उत्तर हमें राम और मोहन के रूप में मिल जाता है। सकर्मक क्रिया : जिस वाक्य की बनावट कर्ता+ कर्म+ क्रिया के रूप में हो वह सकर्मक क्रिया का उदाहरण है, अर्थात कर्म के साथ जु़ड़ी हुईं क्रिया सकर्मक क्रिया कहलाती है। Advertisement उदाहरण स्वरुप:: सोहन क्रिकेट खेलता है, सीता स्कूल जाती है। सकर्मक क्रिया के दो भेद हैं: एक कर्मक क्रिया: जिस क्रिया में सिर्फ एक कर्म हो उसे एक कर्मक क्रिया कहते हैं।।, जैसे: कोयल गीत गाती है, राजेश गेंद से खेलता है।इन वाक्यों में हम देखते हैं कि कर्ता कर्म के साथ जुड़ा हुआ है लेकिन उसके कर्म की संख्या एक है, इसलिए एक कर्म होने के कारण इसे एक कर्मक क्रिया कहते हैं। द्विकर्मक क्रिया : जिस क्रिया में कर्ता के साथ दो कर्म जुड़े हुए हों उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं जैसे: राम मैदान में गेंद से खेलता है। सीता साबुन से कपड़े धोती है। पहले वाक्य से हमें यह पता चलता है कि कर्ता के साथ दो कर्म जुड़े हुए हैं, मैदान औ...

Kriya in Hindi

In this page we are providing all This grammar helpfully for Students class 6, 7, 8, 9, 10 Kriya ki Paribhasha, Prakar, Bhed aur Udaharan (Examples) in Hindi Grammar Kriya Kise Kahate Hain (What is Kriya in Hindi) – क्रिया इन हिंदी परिभाषा, धातु, मूल, क्रिया, प्रकार, प्रयोग, काल, भेद, परिवर्तन, वाच्य, प्रकार, वाच्य, परिवर्तन. क्रिया वाक्य को पूर्ण बनाती है। इसे ही वाक्य का ‘विधेय’ कहा जाता है। वाक्य में किसी काम के करने या होने का भाव क्रिया ही बताती है। अतएव, ‘जिससे काम का होना या करना समझा जाय, उसे ही ‘क्रिया’ कहते हैं।’ जैसे- लड़का मन से पढ़ता है और परीक्षा पास करता है। उक्त वाक्य में ‘पढ़ता है’ और ‘पास करता है’ क्रियापद हैं। 1. क्रिया का सामान्य रूप ‘ना’ अन्तवाला होता है। यानी क्रिया के सामान्य रूप में ‘ना’ लगा रहता है। जैसे- खाना : खा पढ़ना : पढ़ सुनना : सुन लिखना : लिख आदि। नोट : यदि किसी काम या व्यापार का बोध न हो तो ‘ना’ अन्तवाले शब्द क्रिया नहीं कहला सकते। जैसे- सोना महँगा है। (एक धातु है) वह व्यक्ति एक आँख से काना है। (विशेषण) उसका दाना बड़ा ही पुष्ट है। (संज्ञा) 2. क्रिया का साधारण रूप क्रियार्थक संज्ञा का काम भी करता है। जैसे- सुबह का टहलना बड़ा ही अच्छा होता है। इस वाक्य में ‘टहलना’ क्रिया नहीं है। निम्नलिखित क्रियाओं के सामान्य रूपों का प्रयोग क्रियार्थक संज्ञा के रूप में करें : • नहाना • कहना • गलना • रगड़ना • सोचना • हँसना • देखना • बचना • धकेलना • रोना निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त क्रियार्थक संज्ञाओं को रेखांकित करें : 1. माता से बच्चों का रोना देखा नहीं जाता। 2. अपने माता-पिता का कहना मानो। 3. कौन देखता है मेरा तिल-तिल करके जीना। 4. हँसना जीवन के लिए ब...

CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण वाक्य

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पद (Pad Parichay)

Learn पद परिचय ‘पद-परिचय’- को कई नामों से जाना जाता है—वाक्य-विवरण, पद-निर्देश, पद-निर्णय, पद-विन्यास, शब्दबोध, पदान्वय, पद-विश्लेषण, पदच्छेद आदि। “वाक्य में प्रयुक्त पदों को बिलगाने, लिंग-वचन आदि को बिखराने और दूसरे पदों से उनके संबंध बताने को ही ‘पद-परिचय कहते हैं।” वाक्य में किसी पद का क्या स्थान है? वह संज्ञा, सर्वनाम, विस्मयादिबोधक आदि में से क्या है तथा उसका भी आगे कौन-सा उपभेद है, यह जानना अत्यावश्यक है, तभी उसके बारे में पूर्ण विवरण दिया जा सकता है। 1. संज्ञापद का परिचय किसी संज्ञापद का परिचय देने के लिए निम्न बातें लिखी जानी चाहिए : 1. संज्ञापद किस भेद में है 2. उसका लिंग-वचन-कारक-पुरुष 3. वाक्य में अन्य पदों से उसका संबंध 4. वाक्य के अंगों में वह क्या काम कर रहा है नीचे लिखे उदाहरणों को ध्यानपूर्वक देखें 1. आशु रामानुज की पुत्री है। आशुः व्यक्तिवाचक संज्ञा है। स्त्रीलिंग, एकवचन और अन्यपुरुष है। ‘है’ क्रिया का कर्ता है। वाक्य का उद्देश्य है। 2. कहते हैं, बुढ़ापा बचपन का ही पुनरागमन है। बुढ़ापा : भाववाचक संज्ञा है। पुंल्लिग, एकवचन और अन्यपुरुष है। है क्रिया का कर्ता है। वाक्य का उद्देश्य है। 3. रानीगंज में कोयला पाया जाता है। कोयला : द्रव्यवाचक संज्ञा है। पुँल्लिग, एकवचन और अन्यपुरुष है। ‘जाता है’ क्रिया का कर्ता है। वाक्य का उद्देश्य है। 2. सर्वनाम पद का परिचय सर्वनाम पद का परिचय देने में निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए : 1. सर्वनामपद किस भेद में है 2. वचन, लिंग, कारक और पुरुष क्या है? 3. वाक्य के दूसरे पदों से उसका संबंध 4. किस संज्ञा के लिए प्रयुक्त हुआ है 5. वाक्य के अंगों में वह क्या है निम्नलिखित उदाहरणों को देखें : 1. वह रोज सुबह में टहलता है। वह : पुरुषवाचक...

सरल वाक्य किसे कहते है? परिभाषा, उदाहरण

जिस वाक्य में एक ही विधेय होता है और एक ही क्रिया होती है उसे सरल वाक्य कहते है। वाक्य में एक उद्देश्य करता एक ही विद ए करम होता है उसे साधारण सरल वाक्य कहते है। ( अर्थात एक करता एक ही क्रिया होती है।) उदाहरण : विजय आम खाता है। जैसे कि ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि इस वाक्य में एक ही उद्देश्य है अर्थात कर्ता है जो कि “विजय” है और एक ही विधेय है। अर्थात किया है जोकि “आम खाता है” है। राम साइकिल चला रहा है। इस उदाहरण में भी आप देख सकते हैं कि इस वाक्य में एक ही उद्देश्य हे जोकि “राम” है और एक ही विधेय है जो कि “साइकिल चला रहा है” है। इसलिए यह वाक्य सरल वाक्य के अंतर्गत आता है। राधा फूल तोड़ने जा रही है। इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि वाक्य में “राधा” उद्देश्य है और उसका एक ही विधेय है अर्थात क्रिया है जो कि “फूल तोड़ने जा रही है” है। सरल वाक्य के कुछ अन्य उदाहरण : • सूरज के निकलते ही फूल खिल उठे। • विजय पढ़-लिखकर अधिकारी बना। • अभिषेक थैला लेकर चला गया। • वह पुस्तक पढ़ते पढ़ते सो गया। • धनी व्यक्ति हर चीज खरीद सकता है। • तुम गाड़ी रुकने के स्थान पर चले जाओ। • वह जूते खरीदने के लिए बाजार गया। • स्वावलंबी व्यक्ति सदा सुखी रहते है। • दंड क्षमा करने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो। वाक्य रूपांतरण सरल वाक्य से मिश्रित वाक्य : सरल वाक्य – मोहन शास्त्री जी के यहां हिंदी पढ़ने गया है। मिश्रित वाक्य – मोहन शास्त्री जी के यहां गया है, क्योंकि उसे हिंदी पढ़नी है। सरल वाक्य – देश के लिए मर मिटने वाला सच्चा देशभक्त होता है। मिश्रित वक्त – जो देश के लिए मर मिटता है, वही सच्चा देशभक्त होता है। सरल वाक्य – विपिन ने शादी के लिए कार्ड छपवाए। मिश्रित वाक्य – विपिन ने जो कार्ड छपाए, वे श...

समास की परिभाषा, भेद, उदाहरण Samas in Hindi

Advertisement दो या अधिक शब्दों (पदों) का परस्पर संबद्ध बतानेवाले शब्दों अथवा प्रत्ययों का लोप होने पर उन दो या अधिक शब्दों से जो एक स्वतन्त्र शब्द बनता है, उस शब्द को सामासिक शब्द (Samasik Shabd) कहते है और उन दो या अधिक शब्दों का जो संयोग होता है, वह समास (Samas) कहलाता है। समास में कम-से-कम दो पदों का योग होता है। वे दो या अधिक पद एक पद हो जाते है: ‘एकपदीभावः समासः’। Advertisement What is a Samasik Shabd? समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहा जाता है। समास होने के बाद विभक्तियों के चिन्ह गायब हो जाते हैं। जैसे :- राजपुत्र समस्तपद का विग्रह करके उसे पुनः पहले वाली स्थिति में लाने की प्रक्रिया को समास-विग्रह (samas-vigrah) कहते हैं; जैसे- देश के लिए भक्ति; मुरली को धारण किया है जिसने; राम और लक्ष्मण; चार राहों का समूह; महान है जो आत्मा; रसोई के लिए घर आदि। समास-विग्रह Samas-Vigrah: सामासिक शब्दों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करने को समास – विग्रह कहते हैं। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद अलग – अलग किय जाते हैं उसे समास-विग्रह कहते हैं। जैसे :- माता-पिता = माता और पिता। समस्तपद में मुख्यतः दो पद होते हैं- पूर्वपद तथा उत्तरपद। पहले वाले पद को पूर्वपद कहा जाता है तथा बाद वाले पद को उत्तरपद; जैसे- पूजाघर(समस्तपद) – पूजा(पूर्वपद) + घर(उत्तरपद) – पूजा के लिए घर (समास-विग्रह) राजपुत्र(समस्तपद) – राजा(पूर्वपद) + पुत्र(उत्तरपद) – राजा का पुत्र (समास-विग्रह) Advertisement ( Samas Examples in Hindi, Hindi mein Samas Class 10, Hindi Vyakaran Samas) समास और संधि में अंतर Difference between Samas and शब्दों से ...

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