वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है

  1. Veer Bal Diwas 2022: क्या है वीर बाल दिवस, क्यों मनाया जा रहा है? जानें इतिहास और महत्व
  2. वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है
  3. [Solved] बाल दिवस कब मनाया जाता है?
  4. Veer Baal Diwas: प्रधानमंत्री मोदी का एलान, 26 दिसंबर को मनाया जाएगा 'वीर बाल दिवस' यहाँ जाने! साहिबजादों का गौरव पूर्ण इतिहास
  5. बाल दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता है? Bal Diwas in Hindi
  6. वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है
  7. Veer Bal Diwas 2022: क्या है वीर बाल दिवस, क्यों मनाया जा रहा है? जानें इतिहास और महत्व
  8. बाल दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता है? Bal Diwas in Hindi
  9. Veer Baal Diwas: प्रधानमंत्री मोदी का एलान, 26 दिसंबर को मनाया जाएगा 'वीर बाल दिवस' यहाँ जाने! साहिबजादों का गौरव पूर्ण इतिहास
  10. [Solved] बाल दिवस कब मनाया जाता है?


Download: वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है
Size: 68.40 MB

Veer Bal Diwas 2022: क्या है वीर बाल दिवस, क्यों मनाया जा रहा है? जानें इतिहास और महत्व

नई दिल्ली: आज यानी 26 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में ‘वीर बाल दिवस’कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की है. सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी से देश और दुनिया अवगत कराने के लिए वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. दरअसल, इस साल 9 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि सिख गुरु के चार साहिबजादे खालसा की शहादत को चिह्नित करने के लिए 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. तो चलिए जानते हैं क्या है वीर बाल दिवस, क्या रहा है इसका इतिहास और इसका महत्व क्या है? वीर बाल दिवस: इतिहास मुगल शासनकाल के दौरान पंजाब में सिखों के नेता गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटे थे. उन्हें चार साहिबजादे खालसा कहा जाता था. 1699 में गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की. धार्मिक उत्पीड़न से सिख समुदाय के लोगों की रक्षा करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी. तीन पत्नियों से गुरु गोबिंद सिंह चार बेटे: अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह, सभी खालसा का हिस्सा थे. उन चारों को 19 वर्ष की आयु से पहले मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था. उनकी शहादत का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में 9 जनवरी को घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यह दिन चार साहिबजादों, विशेष रूप से उनके पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह के साहस के लिए एक श्रद्धांजलि होगी, जिन्हें तत्कालीन शासक औरंगजेब के आदेश पर मुगलों द्वारा कथित तौर पर मार दिया गया थाय वीर बाल दिवस का महत्व वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिद...

वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है

वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है (Veer Bal Diwas 2022) भारत में वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है| 26 दिसंबर वह दिन है जिस दिन जोरावर सिंह और फतेह सिंह शहीद हुए थे| उनके महान बलिदान को याद करने के लिए, वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है| दरअसल, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 09 जनवरी 2022 को श्रीगुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर श्रीगुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' (Veer Baal Divas) के रूप में मनाए जाने की घोषणा करी| यह घोषणा प्रधानमंत्री ने ट्विटर के माध्यम से एक ट्वीट कर के करी| प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट पर लिखा था-"आज श्रीगुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर,मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस वर्ष से,26 दिसंबरको वीर बालदिवस के रूप में मनाया जाएगा| यह साहिबजादों के साहस और न्याय के लिए उनकी खोज के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि है|" इसके बाद 26 दिसंबर 2022 को पहला वीर बाल दिवस धूम धाम से मनाया गया| वीर बाल दिवस का उद्देश्य माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और चार साहिबज़ादों की वीरता और आदर्श लाखों-करोड़ोंलोगों को प्रेरणादेते हैं| वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके| उन्होनें एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो| इसलिए अधिक से अधिक लोगों को इन सभी महानुभावों को जानना ही समय की मांग है| प्रत्येक वर्ष वीर बाल दिवस मनाया जाना इनके आदर्शों को लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगा| वीर बाल दिवस का महत्त्व (Significance of Veer Baal Diwas) गुरु गोबिंद सिंह जी के चार बेटों ने मुग़लों के खिलाफ लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था| गुरु गोबिंद सिंह की जयंती प...

[Solved] बाल दिवस कब मनाया जाता है?

सही उत्‍तर है → 14 नवंबर। प्रमुख बिंदु • भारत में बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है, जिनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था। • जवाहरलाल नेहरू , जिन्हें प्यार से चाचा नेहरू या केवल चाचाजी कहा जाता था, बच्चों के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते थे । • 1964 से पहले , भारत ने 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया गया।

Veer Baal Diwas: प्रधानमंत्री मोदी का एलान, 26 दिसंबर को मनाया जाएगा 'वीर बाल दिवस' यहाँ जाने! साहिबजादों का गौरव पूर्ण इतिहास

Veer Baal Diwas: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रकाश पर्व पर एक बड़ा ऐलान किया है अब देश में हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए बताया कि माता, गुरु जी श्री गुरु गोविंद सिंह जी और चार साहिब जादे की वीरता और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति देते हैं वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके और उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्य पूर्ण हो देश की भावी पीढ़ियों को इनके बारे में जानना बेहद आवश्यक है. The bravery and ideals of Mata Gujri, Sri Guru Gobind Singh Ji and the 4 Sahibzades give strength to millions of people. They never bowed to injustice. They envisioned a world that is inclusive and harmonious. It is the need of the hour for more people to know about them.— Narendra Modi (@narendramodi) ‘Veer Baal Diwas’ will be on the same day Sahibzada Zorawar Singh Ji and Sahibzada Fateh Singh Ji attained martyrdom after being sealed alive in a wall. These two greats preferred death instead of deviating from the noble principles of Dharma.— Narendra Modi (@narendramodi) जाने क्या है वीर साहिबजादो का गौरव पूर्ण इतिहास भारत की भूमि वीरों की भूमि कहीं जाती है और इसका सबसे बेहतर उदाहरण इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज चार साहिबजादो का वह वीरता पूर्वक कार्य है जिससे आज हर युवाओं को पता होना चाहिए. श्री गुरु गोविंद सिंह जी के 4 पुत्र थे साहिबजादे जोरावर सिंह, साहिबजादे फतेह सिंह, साहिबजादे अजीत सिंह तथा साहिबजादे जुझार सिंह. सिख धर्म के गुरु श्री गोविंद सिंह जी ने देश तथा धर्म की रक...

बाल दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता है? Bal Diwas in Hindi

बाल दिवस (Bal Diwas) बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेहरू का पूरा जीवन ही प्रेरणा से भरा रहा। उन्हें ‘आधुनिक भारत का रचयिता’ कहा जाता है। बाल दिवस बच्चों की भावना, जीवनशैली एवं विचारों को पढ़ने, समझने एवं जानने का अवसर है। आज के इस लेख में हम आपको बाल दिवस के बारे में हिंदी में (Bal Diwas in Hindi) सम्पूर्ण जानकारी देंगे जैसे कि Bal Diwas kab manaya jata hai, kaise manaya jata hai, kyon manaya jata hai? History, Importance बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं और उनके विकास से देश के विकास को मजबूती मिलती है। जितना शक्तिशाली देश के बच्चा होता हैं उतना ही उस देश का युवा प्रभावशील बनता है और उतना ही उज्ज्वल उस देश का भविष्य होता है। बाल दिवस को शिक्षकों और विद्यार्थियों के द्वारा स्कूल और कॉलेजों में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। स्कूलों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं और बच्चों के लिए कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। बाल दिवस कब मनाया जाता है? (Bal Diwas kab manaya jata hai) विश्‍वभर में हर साल 20 नवम्‍बर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को बचपन का जश्‍न मनाने के लिए चुना गया है। 1959 से पहले बाल दिवस अक्‍टूबर महीने में मनाया जाता था। संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की महासभा द्वारा लिये गये निर्णय के हिसाब से यह सबसे पहले 1954 में मनाया गया। 1959 में जिस दिन संयुक्‍त राष्‍ट्र की महासभा ने बच्‍चों के अधिकारों के घोषणापत्र को मान्‍यता दी थी, उसी दिन के उपलक्ष्‍य में 20 नवम्‍बर को चुना गया। भारत में 14 नवम्‍बर को बाल दिवस मनाया जाता है। भारत में बाल दिवस 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निध...

वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है

वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है (Veer Bal Diwas 2022) भारत में वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है| 26 दिसंबर वह दिन है जिस दिन जोरावर सिंह और फतेह सिंह शहीद हुए थे| उनके महान बलिदान को याद करने के लिए, वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है| दरअसल, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 09 जनवरी 2022 को श्रीगुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर श्रीगुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' (Veer Baal Divas) के रूप में मनाए जाने की घोषणा करी| यह घोषणा प्रधानमंत्री ने ट्विटर के माध्यम से एक ट्वीट कर के करी| प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट पर लिखा था-"आज श्रीगुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर,मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस वर्ष से,26 दिसंबरको वीर बालदिवस के रूप में मनाया जाएगा| यह साहिबजादों के साहस और न्याय के लिए उनकी खोज के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि है|" इसके बाद 26 दिसंबर 2022 को पहला वीर बाल दिवस धूम धाम से मनाया गया| वीर बाल दिवस का उद्देश्य माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और चार साहिबज़ादों की वीरता और आदर्श लाखों-करोड़ोंलोगों को प्रेरणादेते हैं| वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके| उन्होनें एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो| इसलिए अधिक से अधिक लोगों को इन सभी महानुभावों को जानना ही समय की मांग है| प्रत्येक वर्ष वीर बाल दिवस मनाया जाना इनके आदर्शों को लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगा| वीर बाल दिवस का महत्त्व (Significance of Veer Baal Diwas) गुरु गोबिंद सिंह जी के चार बेटों ने मुग़लों के खिलाफ लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था| गुरु गोबिंद सिंह की जयंती प...

Veer Bal Diwas 2022: क्या है वीर बाल दिवस, क्यों मनाया जा रहा है? जानें इतिहास और महत्व

नई दिल्ली: आज यानी 26 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में ‘वीर बाल दिवस’कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की है. सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी से देश और दुनिया अवगत कराने के लिए वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. दरअसल, इस साल 9 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि सिख गुरु के चार साहिबजादे खालसा की शहादत को चिह्नित करने के लिए 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. तो चलिए जानते हैं क्या है वीर बाल दिवस, क्या रहा है इसका इतिहास और इसका महत्व क्या है? वीर बाल दिवस: इतिहास मुगल शासनकाल के दौरान पंजाब में सिखों के नेता गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटे थे. उन्हें चार साहिबजादे खालसा कहा जाता था. 1699 में गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की. धार्मिक उत्पीड़न से सिख समुदाय के लोगों की रक्षा करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी. तीन पत्नियों से गुरु गोबिंद सिंह चार बेटे: अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह, सभी खालसा का हिस्सा थे. उन चारों को 19 वर्ष की आयु से पहले मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था. उनकी शहादत का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में 9 जनवरी को घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यह दिन चार साहिबजादों, विशेष रूप से उनके पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह के साहस के लिए एक श्रद्धांजलि होगी, जिन्हें तत्कालीन शासक औरंगजेब के आदेश पर मुगलों द्वारा कथित तौर पर मार दिया गया थाय वीर बाल दिवस का महत्व वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिद...

बाल दिवस कब, क्यों, कैसे मनाया जाता है? Bal Diwas in Hindi

बाल दिवस (Bal Diwas) बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेहरू का पूरा जीवन ही प्रेरणा से भरा रहा। उन्हें ‘आधुनिक भारत का रचयिता’ कहा जाता है। बाल दिवस बच्चों की भावना, जीवनशैली एवं विचारों को पढ़ने, समझने एवं जानने का अवसर है। आज के इस लेख में हम आपको बाल दिवस के बारे में हिंदी में (Bal Diwas in Hindi) सम्पूर्ण जानकारी देंगे जैसे कि Bal Diwas kab manaya jata hai, kaise manaya jata hai, kyon manaya jata hai? History, Importance बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं और उनके विकास से देश के विकास को मजबूती मिलती है। जितना शक्तिशाली देश के बच्चा होता हैं उतना ही उस देश का युवा प्रभावशील बनता है और उतना ही उज्ज्वल उस देश का भविष्य होता है। बाल दिवस को शिक्षकों और विद्यार्थियों के द्वारा स्कूल और कॉलेजों में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। स्कूलों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं और बच्चों के लिए कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। बाल दिवस कब मनाया जाता है? (Bal Diwas kab manaya jata hai) विश्‍वभर में हर साल 20 नवम्‍बर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को बचपन का जश्‍न मनाने के लिए चुना गया है। 1959 से पहले बाल दिवस अक्‍टूबर महीने में मनाया जाता था। संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की महासभा द्वारा लिये गये निर्णय के हिसाब से यह सबसे पहले 1954 में मनाया गया। 1959 में जिस दिन संयुक्‍त राष्‍ट्र की महासभा ने बच्‍चों के अधिकारों के घोषणापत्र को मान्‍यता दी थी, उसी दिन के उपलक्ष्‍य में 20 नवम्‍बर को चुना गया। भारत में 14 नवम्‍बर को बाल दिवस मनाया जाता है। भारत में बाल दिवस 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निध...

Veer Baal Diwas: प्रधानमंत्री मोदी का एलान, 26 दिसंबर को मनाया जाएगा 'वीर बाल दिवस' यहाँ जाने! साहिबजादों का गौरव पूर्ण इतिहास

Veer Baal Diwas: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रकाश पर्व पर एक बड़ा ऐलान किया है अब देश में हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए बताया कि माता, गुरु जी श्री गुरु गोविंद सिंह जी और चार साहिब जादे की वीरता और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति देते हैं वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके और उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्य पूर्ण हो देश की भावी पीढ़ियों को इनके बारे में जानना बेहद आवश्यक है. The bravery and ideals of Mata Gujri, Sri Guru Gobind Singh Ji and the 4 Sahibzades give strength to millions of people. They never bowed to injustice. They envisioned a world that is inclusive and harmonious. It is the need of the hour for more people to know about them.— Narendra Modi (@narendramodi) ‘Veer Baal Diwas’ will be on the same day Sahibzada Zorawar Singh Ji and Sahibzada Fateh Singh Ji attained martyrdom after being sealed alive in a wall. These two greats preferred death instead of deviating from the noble principles of Dharma.— Narendra Modi (@narendramodi) जाने क्या है वीर साहिबजादो का गौरव पूर्ण इतिहास भारत की भूमि वीरों की भूमि कहीं जाती है और इसका सबसे बेहतर उदाहरण इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज चार साहिबजादो का वह वीरता पूर्वक कार्य है जिससे आज हर युवाओं को पता होना चाहिए. श्री गुरु गोविंद सिंह जी के 4 पुत्र थे साहिबजादे जोरावर सिंह, साहिबजादे फतेह सिंह, साहिबजादे अजीत सिंह तथा साहिबजादे जुझार सिंह. सिख धर्म के गुरु श्री गोविंद सिंह जी ने देश तथा धर्म की रक...

[Solved] बाल दिवस कब मनाया जाता है?

सही उत्‍तर है → 14 नवंबर। प्रमुख बिंदु • भारत में बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है, जिनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था। • जवाहरलाल नेहरू , जिन्हें प्यार से चाचा नेहरू या केवल चाचाजी कहा जाता था, बच्चों के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते थे । • 1964 से पहले , भारत ने 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया गया।