विष्णु भगवान की आरती

  1. विष्णु भगवान की कथा और आरती – Vishnu ji Vrat katha, Aarti PDF Hindi – InstaPDF
  2. श्री विष्णु भगवान जी की आरती (ओम जय जगदीश हरे)
  3. श्री विष्णु भगवान की आरती
  4. भगवान विष्णु जी की आरती
  5. विष्णु भगवान की आरती: आरती ओम जय जगदीश हरे
  6. Yogini Ekadashi 2023 Date time and importance of fasting know puja vidhi and shubh muhurt
  7. ॐ जय जगदीश हरे : विष्णु भगवान की आरती...। Vishnu Ji Ki Aarti


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विष्णु भगवान की कथा और आरती – Vishnu ji Vrat katha, Aarti PDF Hindi – InstaPDF

विष्णु भगवान की व्रत कथा और आरती (Vishnu Bhagwan Aarti & Vrat katha) हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप विष्णु भगवान की कथा और आरती - Vishnu ji Vrat katha, Aarti हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं विष्णु भगवान की व्रत कथा और आरती (Vishnu Bhagwan Aarti & Vrat katha) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। बृहस्पति व गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती हैं। भगवान विष्णु जी की पूजा करने से धन, विद्या, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और कई अन्य मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। गुरुवार के दिन व्रत और कथा सुनने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। हिन्दू धर्म में हर दिन किसी न किसी भगवान की पूजा की जाती है, इसमें गुरुवार का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है। बृहस्पति के दिन जगतपालक श्री हरि विष्णुजी की पूजा का विधान है। कई लोग बृहस्पतिदेव और केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। बृहस्पतिदेव को बुद्धि का कारक माना जाता है। केले के पेड़ को हिन्दू धर्मानुसार बेहद पवित्र माना जाता है। विष्णु भगवान की व्रत कथा और आरती कथा के अनुसार, प्राचीन काल की बात है। किसी राज्य में एक बड़ा प्रतापी और दानी राजा राज करता था। वह हर गुरुवार को व्रत रखकर दीन-दुखियों की मदद करके पुण्य प्राप्त करता था, परंतु ये बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी। वह न तो व्रत करती थी और न ही दान-पुण्य में विश्वास रखती थी। इतना ही नहीं, वह राजा को भी ऐसा करने से मना करती थी। एक समय की बात है, राजा शिकार खेलने के लिए वन गए। घर पर रानी और ...

श्री विष्णु भगवान जी की आरती (ओम जय जगदीश हरे)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे। (x2) जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का। सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय जगदीश हरे। मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी। स्वामी शरण गहूँ किसकी। तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥ ॐ जय जगदीश हरे। तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी। स्वामी तुम अन्तर्यामी। पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय जगदीश हरे। तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता। स्वामी तुम पालन-कर्ता। मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय जगदीश हरे। तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। स्वामी सबके प्राणपति। किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय जगदीश हरे। दीनबन्धु दुखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे। स्वामी ठाकुर तुम मेरे। अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय जगदीश हरे। विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा। स्वमी पाप हरो देवा। श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥ ॐ जय जगदीश हरे। ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे। (x2)

श्री विष्णु भगवान की आरती

How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे द्वारा बताए गए उपाय करके आप ऋण मुक्त हो सकते हैं परंतु शर्त यह है कि आपके कर्म अच्छे होना चाहिए। उपाय तभी काम करते हैं जबकि आप सच्चे और अच्‍छे हैं। परिवार के प्रति जिम्मेदार हैं। Vidur Niti : भारत में कई महान नीतिज्ञ हुए। जैसे भीष्म, विदुर, मनु, चर्वाक, शुक्राचार्य, बृहस्पति, परशुराम, गर्ग, चाणक्य, भर्तृहरि, हर्षवर्धन, बाणभट्ट आदि ...

भगवान विष्णु जी की आरती

भगवान विष्णु जी को जगत का पालनहार कहा जाता है भगवान विष्णु जी की आरती करने से घर में सुख समृद्धि का वास रहता है। घर में सुख शांति रहती है। श्री हरी विष्णु जी की भक्ति करने से माँ लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं। जिससे घर में दरिद्रता दूर होती है। हिंदू धर्म के अनुसार गुरूवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है। इस दिन सुबह उठकर मंदिर में या पूजा स्थल में जाकर विष्णु की मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए उसके बाद भगवान् विष्णु का ध्यान करना चाहिए।ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। आइये भगवान् विष्णु की संपूर्ण आरती पढ़ते हैं, व विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भगवान विष्णु जी की आरती हिन्दी में ( Vishnu Aarti) ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का। सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥ मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी। तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥ तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी। पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥ तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥ तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥ दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥ विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥ तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा। तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥ जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥ ये आरती भी पढ़ें – Shri Vishnu Aarti Image Download Free Download This Image Lord Vishnu Aar...

विष्णु भगवान की आरती: आरती ओम जय जगदीश हरे

विष्णु जी की जो आरती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, वह है ॐ जय जगदीश हरे आरती (Om Jai Jagdish Hare Aarti)। इस आरती की रचना लगभग 150 साल पहले पंडित श्रद्धाराम शर्मा फिल्लौरी ने की थी। तब से यह हर घर में प्रसिद्ध हो गया। इस आरती को भगवान जगदीश की आरती भी कहा जाता है (Vishnu Bhagwan Ki Aarti)। इस लेख में, आप जगदीश आरती (Om Jai Jagdish Hare Aarti) नामक हिंदू प्रार्थना के बारे में जानेंगे। सबसे पहले, आप प्रार्थना के बोल पढ़ेंगे। बाद में, आप हिंदी अनुवाद का अर्थ सीखेंगे। अंत में, आप विष्णु आरती के बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानेंगे। ओम जय जगदीश हरे आरती ( Vishnu Bhagwan Ki Aarti ) यह भी पढ़ें - ओम जय जगदीश हरे आरती ( Vishnu Bhagwan Ki Aarti ) - हिंदी अनुवाद ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे।। धन्यवाद भगवान। जो लोग आपसे प्रार्थना करते हैं, उनके कष्टों और समस्याओं को आप दूर करते हैं। आप सारे संसार के परमेश्वर हैं, और आप यह शीघ्र और सरलता से कर सकते हैं। जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का, स्वामी दुःख विनसे मन का। सुख-संपत्ति घर आवे, सुख-संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का।। जो लोग सच्चे मन से आपका ध्यान करेंगे उनके दुःख दूर होंगे। वे अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेंगे और उनके घर में धन का आगमन होगा। इनके जीवन से रोग और कष्ट दूर होंगे। मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी, स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी। तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा, आस करूँ मैं जिसकी।। प्रिय भगवान विष्णु, आप मेरे माता-पिता हैं और इसका मतलब है कि मैं आपके कारण पैदा हुआ हूं। मैं आपकी शरण लेता हूं और आपने मुझे जो जीवन का उपहार दिया है, उसके लिए मैं आभा...

Yogini Ekadashi 2023 Date time and importance of fasting know puja vidhi and shubh muhurt

Yogini Ekadashi 2023 Date time and importance of fasting know puja vidhi and shubh muhurt | Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी में इस विधि से भगवान विष्णु की पूजा करने से मिटते हैं सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त | Hindi News, जयपुर Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी में इस विधि से भगवान विष्णु की पूजा करने से मिटते हैं सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) उत्तर भारतीय पंचांग के आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष और दक्षिण भारतीय पंचांग के ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है. माना जाता है कि इसका व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि और तिथि. Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi): योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) नीरजल एकादशी के बाद और देवशयनी एकादशी के पहले आती है. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) उत्तर भारतीय पंचांग के आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष और दक्षिण भारतीय पंचांग के ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पर उपवास करना 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान है. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पर भक्तजन खुशी और समृद्धि लाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. कुछ भक्त योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पर पूरा निर्जला (बिना पानी के) उपवास रखते हैं. योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi Importance) एकादशी एक अपने भीतर की ओर देखने और एक सरल जीवन जीने का दिन है, जिसमें मनोरंजन को नियंत्रित करके लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना और इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने की दिशा में काम करना होता है. इस अवसर पर अधिकांश समय...

ॐ जय जगदीश हरे : विष्णु भगवान की आरती...। Vishnu Ji Ki Aarti

Kalava in hindi : कई लोग हाथ की कलाई पर काला या लाल धागा बांधते हैं। पीला धागा अक्सर मांगलिक कार्य के दौरान बांधा जाता है लेकिन काला या सफेद धागा ज्योतिष की मान्यता या लोकमान्यता के अनुसार कलाई पर बांधा जाता है। कहते हैं कि 2 राशियों के लोगों को काला और अन्य 2 राशियों के जातकों को काला धागा या नाड़ा नहीं बांधना चाहिए। Akhand Samarajya Rajyog 2023 : अगले हफ्ते ग्रहों के परिवर्तन से महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस बार अखंड साम्राज्य योग के साथ ही नव पंचम राजयोग का निर्माण भी हो रहा है जिसके चलते 4 राशियों को वर्षों तक लाभ होता रहेगा। बस उन्हें एककाम करना है तो फायदा ही फायदा होगा। Chanakya niti about woman : चाणक्य नीति में महिला और पुरुषों के गुण और व्यवहार को लेकर बहुत कुछ लिखा है। आम धारणा यह है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं कमजोर होती हैं परंतु यह मात्र धारणा हैं। ऐसी कई बातें हैं जिनमें महिलाएं पुरुषों पर भारी पड़ती है। इन बातों से से जानिए कि कौनी सी ऐसी 5 खास बाते हैं जिनमें औरतें हरा सकती हैं आदमियों को? Vastu tips for positive energy : घर के सदस्य आए दिन एक दूसरे से किसी न किसी बात पर लड़ते झगड़ते रहते हैं तो इससे परिवार की सेहत के साथ ही आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह पारिवारिक विघटन का कारण है। गृह कलह से जीवन में घटना-दुर्घटना के योग भी बनते हैं और व्यक्ति में आत्महत्या की इच्छा भी बलवती होती है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार करें मात्र 3 उपाय। दिनांक 13 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 4 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिद्दी, कुशाग्र बुद्धि वाले, साहसी होते हैं। आपका जीवन संघर्षशील होता है। इनमें अभिमान भी...