ये

  1. её
  2. Anushka Sharmas Asked Fans What Should I Eat? Biryani And Noodles
  3. प्यार
  4. Gita Chapter 9
  5. یہ
  6. यी और ई तथा ए और ये के प्रयोग में भ्रांतियाँ – कविता की पाठशाला


Download: ये
Size: 31.73 MB

её

Contents • 1 Russian • 1.1 Alternative forms • 1.2 Pronunciation • 1.3 Pronoun • 1.3.1 See also • 1.4 Pronoun Russian [ ] Alternative forms [ ] • ( jejá )– obsolete: pre-1918 spelling of the possessive pronoun, and of the genitive of personal pronoun • ( nejó )– personal pronoun inflection only, when used after a preposition Pronunciation [ ] • ( [(j)ɪˈjɵ] Pronoun [ ] её jejó) • ( possessive ) её Gde jejó kníga? ― Where is her book? её Ja užé vídel jejó knígu. ― I have already seen her book. See also [ ] • ( svoj ) • ( moj ) • ( tvoj ) • ( jevó ) • ( naš ) • ( vaš ) • ( ix ) Pronoun [ ] её jejó) • ( oná ): её On jejó vídit. ― He sees her. • ( oná ):

Anushka Sharmas Asked Fans What Should I Eat? Biryani And Noodles

इस बात में कोई शक नही है कि अनुष्का शर्मा इंस्टाग्राम पर सबसे बड़ी फूड लवर्स में से एक हैं. एक्टिंग और डायरेक्शन की दुनिया में अपना नाम बना चुकी अनुष्का दुनिया में किसी भी जगह पर हो वहां के खाने को एनजॉय करना वो नहीं भूलती हैं. फिर वो चाहे दिल्ली के फेमस छोले-भटूर और छोले कुल्चे हों या फिर इटेलियन खाना और हेल्दी ब्रेकफास्ट हर चीज वो मजे से खाती हैं. लेकिन क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपके पास अपनी पसंदीदा कई चीजें एक साथ आ जाएं और आप कंफफ्यूज हो जाएं कि आपको आखिर क्या खाना है! अगर हां तो आपको बता दें कि ठीक यही दुविधा है जिसका सामना अनुष्का शर्मा को हाल ही में करना पड़ा था. उन्हें क्या खाना चाहिए यह डिसाइड करने के लिए उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोल किया था. जिसमें वो फैंस से एक चीज को चूज करने के लिए कह रही थीं. यहां देखें स्टोरी यह भी पढ़ें • आर्मी की वर्दी पहने पिता को प्यार से देखती इस बच्ची ने एक्टिंग की दुनिया में कमाया है नाम, क्रिकेट के महारथी से की है शादी- पहचाना क्या? • फोटो में दिख रही दोनों बच्चियों ने की क्रिकेट के भगवान से शादी, एक बनी बॉलीवुड सुपरस्टार तो एक कहलाई बेस्ट वाइफ...पहचाना क्या? • अनुष्का शर्मा ने की क्रिकेटर पति विराट कोहली की नकल! Video देख फैंस कहेंगे- ऐसा तो सिर्फ एक पत्नी ही कर सकती है दरअसल एक्ट्रेस ने अपने वर्कआउट की एक फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा था, "वर्कआउट चेक. लेकिन मेरा दिमाग पहले से ही अगली चीज पर है!!" वो ये थी कि वो एक्सरसाइड के बाद क्या खाएं. "काश सहीखाना चूज करना सिंपल होता "मेरे पास क्या होना चाहिए." उनके पास पोस्ट- वर्कआउट की मील के लिए ऑप्शन में था फ्लेक्स, पैनकेक्स, बिरयानी और नूडल्स. अब इनमें से एक चीज ...

प्यार

प्यार या प्रेम एक एहसास है, जो "प्यार" शब्द ऐसा प्रेम एक रसायन है क्योंकि यह प्रेम होने के सात चरण:- • पहला आकर्षण • दूसरा ख्याल • तीसरा मिलने की चाह • • पांचवा मिलने व बात करने के लिए कोशिश करना • छठवां मिलकर इजहार करना • सातवाँ साथ जीवन जीने के लिए प्रयत्न करना व • अंत में जीवनसाथी बन जाना । प्रेम समाप्त होने के सात चरण:- • पहला एक दूसरे के विचार व कार्यों को पसंद ना करना • दूसरा झगड़े • तीसरा नफ़रत करना • चौथा एक दूसरे से दूरी बनना • पांचवा • छठवां अलग होने के लिए प्रयत्न करना • सातवाँ अलग हो जाना । प्रेमी व प्रेमिका या के प्रेम करने व अलग होने की मनोस्थित एक समान है । परन्तु कुछ अनुक्रम • 1 प्रेम के रूप • 2 प्यार के कई आधार हैं • 3 प्यार के कई दृष्टिकोण हैं • 3.1 राजनीतिक दृष्टिकोण • 3.2 दार्शनिक दृष्टिकोण • 4 प्यार मे दुरिया • 5 जब प्यार किसी से होता है • 6 सन्दर्भ • 7 बाहरी कड़ियाँ प्रेम के रूप [ ] • अवैयक्तिक प्रेम एक व्यक्ति किसी • पारस्पारिक प्यार प्यार के कई आधार हैं [ ] • जैविक आधार • मनोवैज्ञानिक आधार मनोविज्ञान में संज्ञानात्मक और समाजिक घटना को दर्शाया जाता है। मनोविज्ञानी रोबेर्ट स्टर्न्बर्ग ने प्यार के त्रिभुजाकार सिद्धांत को सूत्रबद्ध किया हैं। उन्होंने तर्क किया के प्यार के तीन भिन्न प्रकार के घटक हैं: आत्मीयता, प्रतिबद्धता और जोश। आत्मीयता वो तत्व है जिसमें दो मनुष्य अपने आत्मविश्वास और अपने ज़िन्दगी के व्यक्तिगत विवरण को बाँटते हैं। ये ज़्यादातर दोस्ती और रोमानी कार्य में देखने को मिलता है। प्रतिबद्धता एक उम्मीद है कि ये रिश्ता हमेशा के लिये कायम रहेगा। आखिर में यौन आकर्षण और जोश है। आवेशपूर्ण प्यार, रोमानी प्यार और आसक्ति में दिखाया गया है। प्यार के सा...

Gita Chapter 9

Gita Chapter 9 Verse 22 Adi Sankara Commentary On the other hand, ye janah, those persons, the monks, who are desireless and fully illumined; who ananyah, becoming non-different (from Me), having realized the supreme Deity, Narayana, as their own Self; and cintayantah, becoming meditative; [‘Having known that I, Vasudeva, am the Self of all, and there is nothing else besides Me’.] paryu-pasate mam, worship Me everywhere; [‘They see Me the one, all-pervading, infinite Reality.’] tesam, for them; who have realized the supreme Truth, nitya-abhiyuktanam, who are ever attached (to Me); aham, I; vahami, arrange for; both yoga-kesamam, securing what they lack and preserving what they have. Yoga means making available what one does not have, and ksema means the protection of what one has got. Since ‘but the man of Knowledge is the very Self. (This is) My opinion’ and ‘he too is dear to Me’ (7.17,18), therefore they have become My own Self as also dear. Does not the Lord surely arrange for securing what they lack and protecting what they have even in the case of other devotees? This is true. He does arrange for it. But the difference lies in this: Others who are devotees make their own efforts as well for their own sake, to arrange for securing what they lack and protecting what they have. On the contrary, those who have realized non-duality do not make any effrot to arrange for themselves the acquisition of what they do not have and the preservation of what they have. Indeed, they...

یہ

Contents • 1 Urdu • 1.1 Etymology • 1.2 Pronunciation • 1.3 Pronoun • 1.4 Determiner • 1.4.1 Declension • 1.5 See also Urdu [ ] Etymology [ ] ( yahu ), from m ( ehu ), f ( eha ), from m ( eso ), f ( esā ), from m ( eṣaḥ ), f ( eṣā ). Pronunciation [ ] • ( ) ( /jeː/ Pronoun [ ] یہ ye) m or f ( Hindi spelling or • ( ) • Determiner [ ] یہ ye) ( Hindi spelling or • proximal Declension [ ] Singular: direct یہ‎ (ye) indirect ergative genitive dative/ accusative See also [ ] Urdu personal pronouns Person Description Direct case Indirect case Ergative case Dative/Accusative case 1 st person singular ( ma͠i ) ( mujh ) ( ma͠i-ne ) ( mujh-ko ), ( mujhe ) plural ( ham ) ( ham-ne ) ( ham-ko ), ( hamẽ ) 2 nd person informal (intimate) ( tū ) ( tujh ) ( tū-ne ) ( tujh-ko ), ( tujhe ) semiformal (familiar) ( tum ) ( tum-ne ) ( tum-ko ), ( tumhẽ ) formal (polite) ( āp ) ( āp-ne ) ( āp-ko ) 3 rd person proximal singular / informal یہ ( ye ) ( is ) ( is-ne ) ( is-ko ), ( ise ) plural / formal ( in ) ( inhõ-ne ) ( in-ko ), ( inhẽ ) distal singular / informal ( vo ) ( us ) ( us-ne ) ( us-ko ), ( use ) plural / formal ( un ) ( unhõ-ne ) ( un-ko ), ( unhẽ )

यी और ई तथा ए और ये के प्रयोग में भ्रांतियाँ – कविता की पाठशाला

– अमिताभ त्रिपाठी इसे यदि एक वाक्य में कहना हो बहुत आसान है। जहाँ क्रियापद हो वहाँ पर ‘यी’ या ‘ये’ होगा अन्य स्थानों पर ‘ई’ या ‘ए’ होगा। • क्रिया की पहचान आसान है आना, खाना, जाना, नहाना आदि। वर्तमान में इनका रूप आता, खाता, नहाता आदि होता है। भूत में यही क्रियाएं आया, गया, खाया, नहाया आदि हो जाती हैं। इन्ही स्थानों पर ‘ये’ और ‘यी’ प्रयोग होता है जैसे आये, गये, खाये, नहाये आदि या आयी, गयी, खायी, नहायी आदि। • ‘यी’ और ‘ई’ की कठिनाई इसलिए है क्योंकि ‘इचुयशानां तालु:’ के सूत्र से इ, ई, चवर्ग, य और श के उच्चारण का स्थान तालु है। अर्थात्त ई और य के लिए जीभ एक स्थान पर जाती है जिससे भ्रम हो जाता है। ‘ई’ का उच्चारण ‘यी’ की तुलना में सरल होने से ‘ई’ ने अधिकांश जगहों से ‘यी’ को बेदखल कर दिया है। यही ‘ए’ ने ‘ये’ के साथ किया है। • कुछ ग़लत प्रयोग तो इतने प्रचिलित हैं कि उन्हें बदलना असंभव सा हो गया है। जैसे ‘नया’ पुल्लिंग से स्त्रीलिंग ‘नयी’ बनेगा लेकिन ‘नई’ अधिक प्रचिलित है। नई दिल्ली प्रसिद्ध है। दुख तो तब होता जब साहित्यिक लोग नयी कविता, नयी कहानी न लिख कर नई कविता, नई कहानी लिखते हैं। रही सही कसर गूगल पूरी कर देता है। यही नहीं, यदि आप सही बतायें तो शुद्धतावादी कहने लगते हैं। • संक्षेप में यदि किसी शब्द के, प्रायः क्रियाओं के, किसी रूप में अंत मे ‘या’ आता है उसके बहुवचनात्मक तिर्यक प्रयोग में ‘या’ का ‘ये’ हो जाता है तथा स्त्रीलिंग बनाने में ‘या’ का ‘यी’ हो जाता है। • संज्ञा, सर्वनाम और अव्यय इससे बाधित नहीं होते। अव्यय वे शब्द हैं जो संज्ञा या क्रिया के लिंग से प्रभावित नहीं होते अर्थात्त संज्ञा या लिंग बदलने पर उनमें कोई परिवर्तन नहीं होता। सिलाई, कढ़ाई, बिनाई, रजाई आदि संज्ञाएँ हैं। ...