Albert einstein ka jivan parichay

  1. आर्यभट्ट का जीवन परिचय और गणित में योगदान
  2. अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी
  3. अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय, जाने कैसे बने महान वैज्ञानिक
  4. Aryabhata: Biography, Age, Indian mathematician, Mathematician, contribution, Zero, satellite, invented zero
  5. Chanakya Biography In Hindi
  6. Albert Einstein Biography in Hindi
  7. कबीर दास
  8. आर्यभट्ट का जीवन परिचय और गणित में योगदान
  9. Aryabhata: Biography, Age, Indian mathematician, Mathematician, contribution, Zero, satellite, invented zero
  10. अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी


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आर्यभट्ट का जीवन परिचय और गणित में योगदान

आर्यभट्ट का जीवन परिचय और गणित में योगदान ,Aryabhatta Biography in Hindi, भारतीय गणितज्ञ का जीवन परिचय, आर्यभट्ट की जीवनी, आर्यभट्ट का जीवन परिचय pdf, aryabhatt ka jivan parichay, आर्यभट्ट केवल एक खगोलशास्त्री ही नहीं बल्कि महान गणितज्ञ भी थे। भारत में आधुनिक काल में जैसे आर्यभट्ट ने सर्वप्रथम दुनियाँ को शून्य (0) का ज्ञान दिया। इस महान् खगोलशास्त्री के सम्मान में भारत सरकर ने अपना पहला उपग्रह का नाम ‘ आर्यभट्ट उपग्रह‘ रखा था। जिसे सन 1975 में छोड़ा गया था। आईये इस महान गणितज्ञ के बारें में विस्तार से जानते हैं। आर्यभट्ट कौन थे– Who is Aryabhatta in Hindi आर्यभट्ट भारत के महान खगोलज्ञ, ज्योतिषशास्त्री और गणितज्ञ थे जिसने दुनियाँ को शून्य का ज्ञान दिया। आर्यभट्ट का जीवन परिचय और गणित में उनके योगदान से पता चलता है की भले ही आज निकोलस कोपरनिकस को सौरमंडल का खोजकर्ता माना जाता है। लेकिन आज से करीव 1500 साल पहले भारत के आर्यभट्ट का जीवन परिचय – Aryabhatta Biography in Hindi सबसे पहले उन्होंने ही बताया था की पृथ्वी के घूर्णन के कारण ही दिन और रात होते है। आर्यभट्ट का मानना था की ब्रह्मांड का केंद्र विंदु पृथ्वी है। इन्हीं कारणों से आर्यभट्ट को प्राचीन भारतीय विज्ञान का सबसे चमकीला सितारा कहा जाता है। चलिए इस लेख में A ryabhatt ka jivan parichay aur unke yogdan के बारें में जानते हैं। महान गणितज्ञ आर्यभट्ट का जीवन परिचय – Aryabhatta biography in Hindi नाम आर्यभट्ट (in English – Aryabhatta) प्रसिद्धि शून्य के अविस्कार के कारण आर्यभट्ट का जन्म 476 ईस्वी आर्यभट्ट का जन्म स्थान ज्ञात नहीं आर्यभट्ट की शिक्षा नालंदा विश्व विध्यालय, बिहार आर्यभट्ट की पत्नी का नाम ज्ञात नहीं आर्यभट्ट के ...

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी

नाम : अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन जन्म : 14 मार्च 1879 उल्मा (जर्मनी) पिता : हेर्मन्न आइंस्टीन माता : पौलिन कोच पत्नी : पहला मरिअक और दूसरा एलिसा लोवेंन थाल। आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है। आरंभिक जीवन : अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में वुतटेमबर्ग के यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक इंजिनियर और सेल्समन थे जबकि उनकी माता पोलिन आइंस्टीन थी। 1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था। Albert Einstein परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की, वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी। 1895 में इंस्टें ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschul...

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय, जाने कैसे बने महान वैज्ञानिक

Albert Einstein ka jeevan parichay: नमस्कार दोस्तों, आज इस लेख में हम आपको इस सदी के सबसे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में बताने जा रहे हैं जो विश्व के महान वैज्ञानिकों में से एक थे इन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में बहुत सी खोजें और अविष्कार किए भौतिकी के क्षेत्र में इन्होंने अपना अद्वितीय योगदान देकर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में हमारे देश में कई ऐसी तकनीकें हैं। जो इनके सिद्धांतों पर काम कर रही है। इनके सिद्धांतों ने हमारे देश को विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जैसे ही कोई जीनियस शब्द की बात करता है। तो अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप दिमाग में चला आता है। क्योंकि इनके जन्मदिवस को ही जीनियस दिवस के रूप में मनाया जाता है। जी हां दोस्तों हम आपको बता दें अल्बर्ट आइंस्टीन ही दुनिया के सबसे ज्यादा जीनियस व्यक्ति थे यदि आप उनके जीवन के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Birth) अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी के उल्म शहर में 14 मार्च सन 1879 को यहूदी परिवार में हुआ था इनके पिता सेल्समैन और इंजीनियर थे। जिनका नाम हरमन आइंस्टीन था इनकी माता का नाम पोलीन आइंस्टीन था। इन के पिता 1880 मैं अपने पूरे परिवार को लेकर म्यूनिख शहर चले गए। जहां पर उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर elektrotechnische fabrik j.& co. कंपनी खोली इस कंपनी में बिजली के उपकरणों का निर्माण होता था। इस कंपनी म्युनिख ने oktoberfest मेले को पहली बार रोशनी से जगमगाया था इस कंपनी से उ...

Aryabhata: Biography, Age, Indian mathematician, Mathematician, contribution, Zero, satellite, invented zero

Aryabhata Born: 476 A.D.3 Aryabhata was an important figure in traditional Indian mathematics and astronomy. From the classical period forward, India has produced a long line of visionary mathematicians known as mathematicians of vision. Modern astrophysics and mathematics may trace their roots back to the research and writings linked with him, which were decades ahead of their time when they were first published. Early Life Ashmaka, where Aryabhata was born in 475 AD, is recognized as the birthplace of the great Indian philosopher. Researchers are unable to pinpoint his exact birthdate, but one of his works dates from roughly 3,600 years into the Kali Yuga, allowing for some reasonable guesswork. Ashmaka's birthplace is a mystery. However, Maharashtra or Dhaka may be considered. His upper-level study may have taken place in Kusumapura, and he may have resided in the region for quite some time, according to historical sources from the period. In fact, there has been some conjecture that the place known as Kusumapura might, in fact, be Pataliputra, which was the site of an important astronomical observatory. Consequently, he would have spent a large amount of time here to achieve the status of the master astronomer as a consequence of this. There probably weren't many other options available to him back in the classical period, when the number of institutes teaching astronomy was probably very small. According to some historians, Aryabhata may have been in control of the Na...

Chanakya Biography In Hindi

Chanakya Ki Jivani In Hindi:- चाणक्य एक दार्शनिक, अर्थशास्त्री, और राजनेता थे जिन्होंने भारतीय राजनीतिक ग्रंथ (अर्थशास्त्र) लिखा था। इस सेमिनल में उन्होंने संपत्ति, अर्थशास्त्र या भौतिक सफलता के बारे में उस समय तक भारत में लिखे गए लगभग हर पहलू को संकलित किया था। उन्हें इन क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के कारण भारत में राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। चाणक्य, जो कौल्या या विष्णु गुप्ता के रूप में भी पहचाने जाते हैं, पहले मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त के दरबार में एक शक्तिशाली राजनेता थेऔर मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। Biography of Chanakya In Hindi Jivan Parichay– ब्राह्मण परिवार में जन्मे चाणक्य की शिक्षा तक्षशिला में हुई थी, जो कि उत्तर-पश्चिमी प्राचीन भारत में स्थित शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र था। वह अर्थशास्त्र, राजनीति, युद्ध रणनीतियों, चिकित्सा और ज्योतिष जैसे विभिन्न विषयों में गहराई से ज्ञान रखने वाला एक उच्च शिक्षित व्यक्ति था। एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करते हुए, वह सम्राट चंद्रगुप्त के एक विश्वसनीय सहयोगी बन गए। सम्राट के परामर्शदाता और सलाहकार के रूप में कार्य करते हुए, उन्होंने चंद्रगुप्त को मगध क्षेत्र में पाटलिपुत्र में शक्तिशाली नंदा राजवंश को उखाड़ फेंकने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और चंद्रगुप्त ने उनकी शक्तियों को समेकित करने में मदद की। चाणक्य ने चंद्रगुप्त के पुत्र बिन्दुसार के सलाहकार के रूप में भी काम किया। Chanakya Ka Jivan Parichay In Hindi Chanakya Ka Jivan Parichay: चाणक्य का जन्म 350 BC में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके जन्म के स्थान के बारे में...

Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन को बीसवीं सदी का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माना जाता है। इसी कारण उन्हें 1921 में नोबेल प्राइज भी मिला। इसीलिए आज हम अल्बर्ट आइंस्टीन की आत्मकथाउनके संघर्ष, उनके सिद्धांतों और दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन ( Albert Einstein Biography in Hindi) के बारे में जानेंगे। अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जन्म 14 मार्च 1879 (को उल्म, वुर्ट्टनबर्ग,जर्मन साम्राज्य में) मृत्यु 18 अप्रैल 1955 (को प्रिंसटन,न्यू जर्सी, USA) पिता हरमन आइंस्टीन माता पॉलिन आइंस्टीन जीवन संगिनी मिलेवा मेरिक (1903 – 1919), एल्सा (1919 – 1936) पुरुस्कार भौतिकी में नोबेल प्राइज (1921 में) बच्चे हंस अल्बर्ट आइंस्टीन, एडवार्ड आइंस्टीन और Lieserl Maric Albert Einstein Biography in Hindi Albert Einstein Biography in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी। Albert Einstein Biography in Hindi अल्बर्ट आइंस्टीन की कहानी अल्बर्ट आइंस्टीन का बचपन और स्कूली शिक्षा – Albert Einstein Childhood and Schooling in Hindi. अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में हुआ था। उसके पिता हरमन आइंस्टीन और माता पॉलिन आइंस्टीन थी। हरमन आइंस्टीन एक सेल्समेन और इंजीनियर थे जो बिजली के उपकरण सप्लाई करते थे।सन 1980 में हरमन आइंस्टीन और पॉलिन आइंस्टीन उल्मा से 160 किलोमीटर दूर म्युनिक ( Munich ) में रहने आ गए। वहाँ सेटल होकर हरमन आइंस्टीन और अल्बर्ट के अंकल जैकोब आइंस्टीन ने एक नए कंपनी की स्थापना की जो डायरेक्ट कर्रेंट (DC) के लिए बिजली के उपकरण बनाती थी। 1881 – 1888 के भीच अल्बर्ट के जन्म के करीबन दो साल बाद अल्बर्ट की बहन का जन्म हुआ। जिसका नाम उनके माता – पिता ने माजा ( Maja ...

कबीर दास

प्रश्न १. कबीरदास का जीवन-परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए। Kabir Das कबीरदास का जन्म ऐसे समय में हुआ, जब समाज अनेक बराइयों से ग्रस्त था। छुआछूत, अन्धविश्वास, रूढ़िवादिता का बोलबाला था और हिन्दू-मुसलमान आपस में दंगा-फसाद करते रहते थे। धार्मिक पाखण्ड अपनी चरमसीमा पर था और धर्म के ठेकेदार अपने स्वार्थ की रोटियां धार्मिक कट्टरता एव उन्मादक चूल्हे पर सेंक रहे थे। कबीर ने इसका डटकर विरोध किया और सभी क्षेत्रों में फैली हुई सामाजिक बुराइयों को दूर करने का भरपूर प्रयास किया। उन्होंने अपनी बात निर्भीकता से कही तथा हिन्दुओ आर मुसलमान को डटकर फटकारा। वस्तुतः कबीर भक्त और कवि बाद में थे. वे सही अर्थों में समाज-सुधारक पहले थे। कबीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। जीवन-परिचय कबीर के जीवन-परिचय का विवरण प्रस्तुत करने वाले ग्रन्थ हैं- ‘कबीर चरित्र बोध’, ‘भक्तमाल’, ‘कबीर परिचयी’ किन्त इनमें दिए गए तथ्यों की प्रामाणिकता संदिग्ध है। इन ग्रन्थों के आधार पर जो निष्कर्ष कबीर के सम्बन्ध में विद्वानों ने निकाले हैं उनका सार इस प्रकार है: कबीर का जन्म सम्वत् 1555 (सन् 1398 ई.) में हुआ था। जनश्रुति के अनुसार उनका जन्म एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से हुआ जिसने लोकलाज के भय से उन्हें त्याग दिया। एक जुलाहा दम्पति को वे लहरतारा नामक तालाब के किनारे पड़े हुए मिले जिसने उनका पालन-पोषण किया। वे ही कबीर के माता-पिता कहलाए। इनके नाम थे नीमा और नीरू। कबीर के गुरु प्रसिद्ध सन्त रामानन्द थे। कबीर के जन्म के सम्बन्ध में एक दोहा बहुत प्रचलित है : चौदह सौ पचपन साल गए चन्द्रवार एक ठाट ठए। जेठ सुदी बरसाइत को पूरनमासी प्रगट भए॥ जनश्रुतियों के अनुसार कबीर की पत्नी का नाम लोई था जिससे उन्हें दो सन्तान...

आर्यभट्ट का जीवन परिचय और गणित में योगदान

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Aryabhata: Biography, Age, Indian mathematician, Mathematician, contribution, Zero, satellite, invented zero

Aryabhata Born: 476 A.D.3 Aryabhata was an important figure in traditional Indian mathematics and astronomy. From the classical period forward, India has produced a long line of visionary mathematicians known as mathematicians of vision. Modern astrophysics and mathematics may trace their roots back to the research and writings linked with him, which were decades ahead of their time when they were first published. Early Life Ashmaka, where Aryabhata was born in 475 AD, is recognized as the birthplace of the great Indian philosopher. Researchers are unable to pinpoint his exact birthdate, but one of his works dates from roughly 3,600 years into the Kali Yuga, allowing for some reasonable guesswork. Ashmaka's birthplace is a mystery. However, Maharashtra or Dhaka may be considered. His upper-level study may have taken place in Kusumapura, and he may have resided in the region for quite some time, according to historical sources from the period. In fact, there has been some conjecture that the place known as Kusumapura might, in fact, be Pataliputra, which was the site of an important astronomical observatory. Consequently, he would have spent a large amount of time here to achieve the status of the master astronomer as a consequence of this. There probably weren't many other options available to him back in the classical period, when the number of institutes teaching astronomy was probably very small. According to some historians, Aryabhata may have been in control of the Na...

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी

नाम : अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन जन्म : 14 मार्च 1879 उल्मा (जर्मनी) पिता : हेर्मन्न आइंस्टीन माता : पौलिन कोच पत्नी : पहला मरिअक और दूसरा एलिसा लोवेंन थाल। आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है। आरंभिक जीवन : अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में वुतटेमबर्ग के यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक इंजिनियर और सेल्समन थे जबकि उनकी माता पोलिन आइंस्टीन थी। 1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था। Albert Einstein परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की, वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी। 1895 में इंस्टें ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschul...