- Aapeshikta Siddhant Kya Hai by Gunakar Muley
- कार्ल मार्क्स का वर्ग
- सापेक्षता का सिद्धांत किसने दिया?
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Aapeshikta Siddhant Kya Hai by Gunakar Muley
Description आपेक्षिकता सिद्धांत क्या है आपेक्षिकता सिद्धांत क्या है महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन (1879-1955 ई.) द्वारा प्रतिपादित आपेक्षिकता-सिद्धांत को वैज्ञानिक चिंतन की दुनिया में एक क्रांतिकारी खोज की तरह देखा जाता है। इस सिद्धांत ने विश्व की वास्तविकता को समझने के लिए एक नया साधन तो प्रस्तुत किया ही है, मानव चिंतन को भी गहराई से प्रभावित किया है। अब द्रव्य, गति, आकाश और काल के स्वरूप को नए नजरिए से देखा जा रहा है। सन् 1905 में ‘विशिष्ट आपेक्षिकता’ का पहली बार प्रकाशन हुआ, तो इसे बहुत कम वैज्ञानिक समझ पाए थे, इसके बहुत-से निष्कर्ष पहेली-जैसे प्रतीत होते थे। आज भी इसे एक ‘क्लिष्ट’ सिद्धांत माना जाता है। लेकिन इस पुस्तक में आपेक्षिकता के सिद्धांत को, गणितीय सूत्रों का उपयोग किए बिना, इस तरह प्रस्तुत किया गया है कि इसकी महत्त्वपूर्ण बातों को सामान्य पाठक भी समझ सकते हैं। संसार की कई प्रमुख भाषाओं में अनूदित इस पुस्तक के लेखक हैं, नोबेल पुरस्कार विजेता प्रख्यात भौतिकवेत्ता लेव लांदाउ$ और उनके सहयोगी यूरी रूमेर। परिशिष्ट में इनका जीवन-परिचय भी दिया गया है। इतिहास-पुरातत्त्व और वैज्ञानिक विषयों के सुविख्यात लेखक गुणाकर मुळे ने सरल भाषा में इस पुस्तक का अनुवाद किया है। कई वैज्ञानिक शब्दों और कथनों को स्पष्ट करने के लिए अनुवादक ने पाद-टिप्पणियाँ भी दी हैं। साथ ही, परिशिष्ट में ‘विशिष्ट शब्दावली’ तथा ‘पारिभाषिक शब्दावली’ के अलावा अल्बर्ट आइंस्टाइन की संक्षिप्त जीवनी भी जोड़ी गई है, चित्रों सहित। हिंदी माध्यम से ज्ञान-विज्ञान का अध्ययन करने वाले पाठकों के लिए आपेक्षिकता सिद्धांत के शताब्दी वर्ष में यह पुस्तक एक अनमोल उपहार की तरह है। गुणाकर मुले जन्म : विदर्भ के अमरावती जिले ...
कार्ल मार्क्स का वर्ग
B. A. II, Political Science I प्रश्न 14. कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वर्ग संघर्ष और सर्वहारा के अधिनायकत्व के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। अथवा '' कार्ल मार्क्स के साम्यवादी सिद्धान्त का परीक्षण कीजिए। अथवा '' कार्ल मार्क्स के वर्ग-संघर्ष सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। अथवा "अब तक के सभी समाजों का इतिहास वर्ग-संघर्ष का इतिहास रहा है। इस कथन की पुष्टि कीजिए। उत्तर - कार्ल मार्क्स ने अपना वर्ग-संघर्ष का सिद्धान्त अपनी प्रसिद्ध कृतियों 'Das Capital' तथा' Communist Manifesto' में प्रस्तुत किया। मार्क्स का विचार है कि मनुष्य यद्यपि एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु वह एक वर्ग प्राणी भी है। कार्ल मार्क्स का विचार है कि यदि ऐतिहासिक आधार पर समाज का विश्लेषण किया जाए तो यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि समाज सदैव दो वर्गों में विभक्त रहा है। प्रारम्भ में समाज स्त्री और पुरुष दो वर्गों में विभक्त था, उसके उपरान्त समाज के कुछ वर्गों ने प्रकृति पर अधिकार कर लिया तथा दूसरा वर्ग इससे वंचित रह गया अर्थात् समाज दो वर्गों में विभक्त हो गया। मार्क्स का विचार है कि समय व परिस्थितियों में परिवर्तन के साथ-साथ नये-नये वर्गों का उदय होता रहा है। इनके अनुसार वर्गों का निर्माण भौतिक विभाजन के आधार पर होता है। वर्ग वास्तव में आर्थिक वर्ग हैं, जो उत्पादन की प्रणाली या आधार पर विकसित होते हैं। वस्तुओं के वितरण का अन्तर ही वर्ग-भेद का कारण है। कार्ल मार्क्स का वर्ग-संघर्ष सिद्धान्त मार्क्स के वर्ग-संघर्ष के सिद्धान्त को निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है वर्ग- संघर्ष का अर्थ और प्रकृति मार्क्स के वर्ग-संघर्ष सिद्धान्त का यह अर्थ है कि प्रत्येक वस्त का विकास उस वस्तु म...
सापेक्षता का सिद्धांत किसने दिया?
सापेक्ष गति के सिद्धांत का प्रतिपादन अल्वर्ट आइंस्टीन ने किया था। आइंस्टीन द्वारा प्रतिपादित सापेक्ष गति सिद्धांत के दो भाग हैं : (i) विशिष्ट सापेक्ष गति सिद्धांत (ii) सामान्य सापेक्ष गति सिद्धांत बतादें कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर (प्रवक्ता) परीक्षा के अनिवार्य प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन के अन्तर्गत भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन, भारत एवं विश्व का भूगोल, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल, भारतीय राजनीतिक एवं शासन, भारतीय संविधान और अधिकारिक मुद्दे, भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय कृषि सहित सामान्य विज्ञान पर कई प्रश्न पूछे जाते है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान पर भी तीन से पांच प्रश्न अवश्य ही पूछे जाते है।