भारत में सबसे पहले कोरोना वायरस कहां मिला

  1. TNPL 2023 Most Expensive Final Delivery In History 18 Runs From The Last Ball Of The 20th Over
  2. India's First Corona Cluster Agra Wreaks Havoc Again, 138 Positive Patients
  3. Loard Jagannath Kuleth: ज्वर से पीड़ित होकर भगवान जगन्नाथ आज से सात दिन एकांतवास में रहेंगे
  4. WHO ने कहा


Download: भारत में सबसे पहले कोरोना वायरस कहां मिला
Size: 14.35 MB

TNPL 2023 Most Expensive Final Delivery In History 18 Runs From The Last Ball Of The 20th Over

Tamil Nadu Premier League 2023:क्रिकेट भी कितना निर्दयी खेल है यह उस समय एहसास होता है जब अचानक किसी मैच में ऐसा कुछ घट जाए जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल हो. तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) के इस सीजन के दूसरे ही मुकाबले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. सालेम स्पार्टन्स और चेपॉक सुपर गिलीज के बीच मैच एक गेंद में 6 या 7 नहीं बल्कि पूरे 18 रन बनते हुए देखने को मिले. सालेम स्पार्टन्स टीम इस मुकाबले में पहले गेंदबाजी कर रही थी. चेपॉक सुपर गिलीज ने 19 ओवरों में 5 विकेट के नुकसान पर 191 रन बना लिए थे. इसके बाद सालेम की तरफ से पारी का आखिरी ओवर फेंकने आए टीम की कप्तान अभिषेक तंवर से सभी को बेहतर गेंदबाजी की उम्मीद थी. अभिषेक ने भी अपने ओवर की 5 गेंदों पर सिर्फ 8 रन ही दिए. आखिरी गेंद पर लुटा दिए 18 रन अब आखिरी गेंद जब अभिषेक फेंकने के लिए दौड़े तो उन्होंने नौ बॉल फेंक दी जिसपर कोई और रन नहीं आया. फिर अभिषेक ने अगली गेंद भी नो बॉल फेंकी जिसपर छक्का लगा और कुल 7 रन आए. अब फिर अगली गेंद नो बॉल हो गई जिसपर 2 रन आए. फिर उसके बाद अभिषेक ने वाइड गेंद फेंक दी. हालांकि जब उन्होंने लीगल गेंद फेंकी तो उसपर भी छक्का आया. इस तरह अभिषेक ने एक गेंद को फेंकने के लिए 5 बार गेंद को फेंका. The most expensive delivery ever? 1 Ball 18 runs अभिषेक ने अपने नाम दर्ज किया शर्मनाक रिकॉर्ड पारी की आखिरी गेंद पर 18 रन लुटाने वाले सालेम स्पार्टन्स टीम के कप्तान अभिषेक तंवर के नाम पर भी शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. अब अभिषेक भारत की तरफ से सिर्फ एक गेंद पर सर्वाधिक रन देने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. वहीं वर्ल्ड क्रिकेट में यह रिकॉर्ड अभी क्लिंट मैकॉय के नाम है. जिन्होंने साल 2012-13 के बिग बैश लीग सीजन में एक मैच के...

India's First Corona Cluster Agra Wreaks Havoc Again, 138 Positive Patients

नई दिल्ली: देश के पहले कोरोना क्लस्टर आगरा में एक बार फिर इस वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आगरा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 138 हो गई है. आज की जांच रिपोर्ट में 35 नए मामले सामने आए हैं. कल 104 से यह संख्या सीधे 138 हो गई है. इन मामलों में आगरा के पारस अस्पताल, फतेहपुर सीकरी के गाइड जावेद अली और डॉ प्रमोद मित्तल के संपर्क में आने वालों की बड़ी संख्या है. आज जो पॉजिटिव मामले सामने आए हैं उनमें आठ जमाती हैं. आगरा में कुल 138 मरीजों में 60 जमाती हैं. बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के जिन 15 जिलों के हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील करने का फैसला लिया है, उसमें आगरा भी शामिल है. मालूम हो कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के आगरा मॉडल की तारीफ की थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि देश का पहला कोरोना क्लस्टर आगरा में ही बना था जिसके बाद आगरा प्रशासन हरकत में आया और यहां बने हॉटस्पॉट को खत्म किया. इसके लिए स्मार्ट सिटी के लिए बनाए गए वॉररूम को कोरोना वॉर रूम में तब्दील किया गया और सख्त कंटेनमेंट प्लान और लॉक डाउन यहां लागू किया गया. कैसे हॉटस्पॉट की ट्रेसिंग की गई आगरा में पहला मामला कहां से आया सबसे पहले ये जाने के लिए प्रशासन इसमें जुट गया. जिसके बाद प्रशासन को पता चला 25 फरवरी वो पहला संक्रमित शख्स इटली से दिल्ली में आया. उसी दिन वो व्यक्ति दिल्ली से आगरा अपने घर और फैक्ट्री गया. यही दिनचर्या उसकी रोज़ की थी. 28 और 29 फरवरी को वो संक्रमित व्यक्ति रेस्टोरेंट और फैक्ट्री गया. उसके बाद अगले दो दिन घर पर रहने के बाद वो 2 मार्च को अस्पताल गया जहां वो कोरोना वायरस से संक्रमित ...

Loard Jagannath Kuleth: ज्वर से पीड़ित होकर भगवान जगन्नाथ आज से सात दिन एकांतवास में रहेंगे

Loard Jagannath Kuleth: ग्वालियर,(नईदुनिया प्रतिनिधि) कुलैथ में प्राचीन भगवान जगन्नाथ का भक्तों की आस्था का विश्वास का केंद्र है। मंदिर में भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र व बहन सुुभद्रा के साथ विराजित हैं। मंदिर में अपनी मौजूदगी का प्रत्यक्ष प्रमाण देने यहां हर सोमवार को स्वत: चावल के भरे घट फटने के बाद भी भोग लगता है। पुरी की पंरपरा और मान्यता के अनुसार कुलैथ में भगवान जगन्नाथ ज्वर से पीड़ित होंगे। सोमवार को सात दिन के लिए मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। पुरी में भगवान जगन्नाथ एक पखवाड़े के लिए एकांतवास में रहते हैं। 19 जून को मंदिर के पट खुलने पर भगवान जगन्नाथ के दर्शन भक्तों को होंगे। दूसरे दिन 20 जून को दो दिवसीय भगवान जगन्नाथ की परंपरागत रथ यात्रा गांव में भ्रमण के लिए निकलेगी। रथयात्रा वार्षिक उत्सव के रूप में निकाली जाती है। भक्त सांवलदास पर कृपा कर यहां विराजित हुए भगवान जगन्नाथ जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर की दूरी पर कुलैथ गांव में भगवान जगन्नाथ का मंदिर है। भगवान जगन्नाथ की प्राण प्रतिष्ठा 1846 में हुई थी। मंदिर के पुजारी किशोरी लाल श्रीवास्तव और भानु श्रीवास्तव ने बताया उनके बाबा सांवलदास नौ वर्ष के थे तब माता-पिता का निधन हो गया था। उनके लालन-पालन को लेकर गांव चर्चा हो रही थी। गांव के लोगों ने पूछा कि माता-पिता कहां हैं तो उन्होंने कहा वो तो पुरी जगन्नाथजी की शरण में चले गये हैं। उसके बाद दंडवत करते हुये वे सात बार पुरी गए। उसके बाद उन्हें स्वपन हुआ कि तुम्हें अब यहां आने की जरूरत नहीं हैं। मैं स्वयं तुम्हारे घर में विराजित हूं। कुलैथ में मेरा मंदिर बनवाएं। बाबा मूर्ति पूजा के उपासक नहीं बनना चाहते थे, दो वर्ष तक वे भटकते रहे। इसके बाद फिर उन्हें मंदिर बनाने का आदेश ...

WHO ने कहा

भारत में सबसे पहले पाए गए कोरोना वायरस के वैरिएंट को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने बड़ा बयान दिया है। WHO ने मंगलवार को कहा कि भारत में सबसे पहले पाए गए कोरोना वैरिएंट का एक स्ट्रेन ही अब चिंता का विषय है, जबकि बाकी दो स्ट्रेन का खतरा कम हो गया है। कोरोना के इस वैरिएंट को WHO ने B.1.617 या डेल्टा नाम दिया था। इसी की वजह से भारत में कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक हुई थी। पिछले महीने ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया था WHO ने कहा कि इसका बस एक सब लिनिएज ही अब चिंता का विषय है। यानी B.1.617 वैरिएंट के तीन स्ट्रेन में से बस एक स्ट्रेन B.1.617.2 से ही ज्यादा खतरा है, जबकि दूसरे स्ट्रेन के संक्रमण का प्रसार अब कम हो गया है। पिछले महीने ही WHO ने कोरोना के इस वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी चिंताजनक वैरिएंट बताया था। 31 मई को ही डेल्टा नाम दिया था इससे पहले WHO ने कोरोना के नए वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC), वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) का नाम ग्रीक अल्फाबेट्स का इस्तेमाल करते हुए रखने की घोषणा की थी। इसके तहत सबसे पहले जो कोरोना वैरिएंट भारत में मिला, उसे डेल्टा कहा जाएगा। जबकि, इससे पहले मिले वर्जन को कप्पा कहा जाएगा। वायरस को इंडियन वैरिएंट कहने पर सरकार ने जताई थी आपत्ति कोरोना के नए स्ट्रेन को भारतीय बताने पर सरकार ने आपत्ति जताई थी। सरकार की तरफ से कहा गया था कि B.1.617 वैरिएंट को दुनिया के लिए चिंताजनक बताने वाले WHO के बयान को कई मीडिया रिपोर्ट्स में कवर किया गया। इनमें से कुछ रिपोर्ट्स में इस वैरिएंट को भारतीय कहा गया, लेकिन ये रिपोर्ट्स बेबुनियाद हैं। सरकार का दावा था कि WHO ने अपने 32 पेज के डॉक्यूमेंट्स में B.1.617 वैरिएंट के साथ कहीं भी इंडियन नहीं जोड़ा था। महारा...