नमस्ते,

  1. Halo 3
  2. नमस्ते
  3. नमस्ते! जानिये अभिवादन के २० से अधिक प्रकार चौंक गये?
  4. नमस्कार/ नमस्ते करने के 7 मुख्य फायदे, Namaste Karne Ke Fayde, Namaskar
  5. Námaste
  6. नमस्ते सदा वत्सले (संघ प्रार्थना)
  7. Halo 3
  8. नमस्ते
  9. नमस्कार/ नमस्ते करने के 7 मुख्य फायदे, Namaste Karne Ke Fayde, Namaskar
  10. नमस्ते! जानिये अभिवादन के २० से अधिक प्रकार चौंक गये?


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Halo 3

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नमस्ते

एक सुझावहरूको लागि (जुन २०११) नमस्कार अथवा नमस्ते मा अभिवादन गर्ने एक प्रचलित चलन हो । यसको प्रयोग कुनै व्यक्तिसँग मिल्ने अथवा उनीसँग विदाई गर्ने समय, दुवैमाप्रयोग गरिन्छ। नमस्कार गर्ने समय व्यक्तिको पीठ आगाडि तर्फ झुकी, छातीको मध्यमा हात एक आपसमा जोडी, औंलाहरु आकाशतर्फ हुन्छन् । यो मुद्राको साथ साथै व्यक्ति ‘नमस्ते’ या ‘नमस्कार’ शब्द भन्दै अभिवादन गर्दछ । हातको यो मुद्रालाई नमस्कार मुद्रा भनिन्छ । नमस्ते अथवा नमस्कारको अर्थ ‘नमस्कार’ एक संस्कृत शब्द हो जुन संस्कृत को ‘नमः’ शब्दबाट लिएको हो, जसको अर्थ हो प्रणाम गर्नु । हाम्रो लेख ” मनुष्य कुन घटकले बनेको हुन्छ रु”, मा हामीले बताएका छौं कि प्रत्येक व्यक्ति भित्र परमात्मा ९ईश्वरीय तत्व० हुन्छजसलाई हामीआत्माभन्छौं । नमस्कार गर्ने समय एक व्यक्तिको आत्मा दोस्रो व्यक्तिको आत्मालाई अभिनन्दन अनि नमस्कार गर्दछ । ‘नमस्ते’ अनि ‘नमस्कार’ शब्द पर्याय हुँदाहुँदै पनि ती दुवै बीच एक आध्यात्मिक अन्तर छ क्ष् नमस्कार शब्द नमस्ते भन्दा अधिक सात्विक छ नमस्कार गर्नुको उद्देश्य नमस्कार अर्थात अर्को व्यक्तिमा दैवी रूप देख्नु, यसले आध्यात्मिक शक्तिलाई बढ़ाउछ अनि दैवी चेतना आकर्षित गर्दछ । यदि नमस्कार यस्तो आध्यात्मिक भाव ले गर्ने कि हाम्रो सामुन्य व्यक्तिको आत्मालाई नमस्कार गरिरहेका छ, यसले हामीमा कृतज्ञता अनि भक्तिको भावना जागृत गर्दछ । यो आध्यात्मिक विकासमा सहायता गर्दछ । नमस्कार गर्ने समय यदि हामीयस्तो विचार राख्छौ कि “तपाई म भन्दा श्रेष्ठ हुनुहुन्छ, म तपाईको अधीनस्त छु, मलाई कुनै पनि ज्ञान छौनअनि तपाई सर्वज्ञ हुनुहुन्छ”, यो अहंकार कम गर्नअनि विनम्रता बढ़ाउनमा सहायक हुन्छ । मुख्यतया नमस्कार तिन प्रकारका हुन्छन् । सामान्य नमस्कार: कुनै व्यक्तिसँ...

नमस्ते! जानिये अभिवादन के २० से अधिक प्रकार चौंक गये?

नमस्ते! इस संस्करण के आरम्भ का इससे उत्तम साधन और क्या हो सकता है! किसी भी स्थान में सर्वप्रथम जो आप सीखते हैं, वह है उस स्थान के अभिवादन की शैली। किसी भी स्थान में पहुँचने से पूर्व ही आप वहाँ का प्रचलित अभिवादन सुनते हैं, विमान में, विमानतल में, टैक्सी में तथा आपके गंतव्य स्थान पर। साथ ही आप अपने साथ ले जाते हैं अपनी मातृभूमि के अभिवादन की शैली। नमस्ते सम्पूर्ण भारत का सर्वाधिक प्रयुक्त तथा लोकप्रिय अभिवादन है। अधिकतर समय, जैसे ही लोगों को आपके भारतीय होने की जानकारी प्राप्त होती है, वे अपने हाथ जोड़कर, नमस्ते द्वारा आपका अभिवादन करते हैं। भारत वर्ष में जहां पग पग पर विभिन्नता हो वहाँ अभिवादन की प्रक्रिया कैसे समान हो सकती हैं! इस संस्मरण में मैं प्रस्तुत करना चाहती हूँ भारत के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में प्रयोग में आने वाली अभिवादन की विभिन्न शैलियाँ। मैं इस संस्मरण के लिए शोध करना मेरे लिए अत्यंत ही रोचक तथा मनोरंजक था। नमस्ते तथा इसके विभिन्न स्वरूप नमस्ते का अक्षरशः अर्थ है, ‘आपके भीतर के दिव्य स्वरूप के समक्ष मैं शीश झुकाता अथवा झुकाती हूँ’। आप किसी भी हिप्पी से पूछिए, वे एक चरण आगे जाकर इसका अर्थ यह बताते हैं, ‘मेरे भीतर का दिव्य स्वरूप आपके भीतर के दिव्य स्वरूप को प्रणाम करता है’। नमस्ते, इस शब्द के कई रूपांतर हैं। नमस्कार – इसका प्रयोग तब किया जाता है जब आप एक से अधिक व्यक्तियों का अभिवादन करते हैं। यही नमस्ते केरल में यह नमस्कारम बन जाता है तो कर्नाटक में यह नमस्कारा तथा आंध्र में नमस्कारमु बन जाता है। नेपाल के निवासी भी इसी अभिवादन, नमस्कार का प्रयोग करते हैं। इन सब अभिवादनों का एक ही अर्थ है – किसी भी वार्तालाप अथवा चर्चा से पूर्व मैं आपके भीतर के दिव्य स्वरूप का अ...

नमस्कार/ नमस्ते करने के 7 मुख्य फायदे, Namaste Karne Ke Fayde, Namaskar

भारतीय संस्कृति में नमस्कार या नमस्ते का बहुत महत्व (Namaskar Meaning In Hindi) हैं जो दूसरों को सम्मान प्रकट करने के लिए किया जाता हैं। नमस्कार शब्द का अर्थ होता हैं कि मैं आपको नमन करता (Namaste Ka Matlab Kya Hai) हूँ। नमस्ते का भी यही अर्थ होता हैं। हालाँकि दोनों में एक सूक्ष्म अंतर होता हैं जिसके बारे में हम आपको इस लेख में बताएँगे। इसके साथ ही नमस्ते करने से क्या-क्या फायदे मिलते हैं, इसके बारे में भी हम आपको विस्तार से (Namaskar In Hindi) बताएँगे । आइए जानते हैं भारतीय संस्कृति में नमस्कार या नमस्ते करने के फायदों के बारे में। नमस्कार या नमस्ते करने के फायदे (Namaskar Karne Ke Fayde) नमस्कार और नमस्ते में क्या अंतर है (Namaskar Or Namaste Me Antar) नमस्कार मुख्यतया अपनों से बड़ो को किया जाने वाला अभिवादन हैं। इसके अलावा यह किसी समूह को भी किया जा सकता हैं। भगवान को भी नमस्कार किया जाता है, नमस्ते नही। इस अनुसार नमस्कार शब्द का प्रयोग सामान्यतया अपने से बड़े, गुणकारी व दैवीय शक्तियों को किया जाता हैं। अब बात करते हैं नमस्ते (Namaste Ka Hindi Arth) की। नमस्ते शब्द दो शब्दों के मेल से बना हैं: “नमः” अर्थात प्रणाम व “ते” अर्थात तुम्हे। इसका अर्थ हुआ कि “तुम्हे प्रणाम”। नमस्ते शब्द का प्रयोग सामान्यतया अपने समकक्षो के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं। यदि कोई उम्र या गुणों में आपके बराबर हैं तो उसको नमस्ते किया जाता हैं। नमस्कार कैसे करते हैं (Namaskar Kaise Karen) नमस्कार करने के लिए आपको अपने दोनों हाथो को पास लाकर अंगूठे व हथेलियों को आपस में मिलाना होता हैं। आपके दोनों हाथ आपके एक दम सामने होने चाहिए व छाती पर टिके होने (Namaste Karne Ka Tarika) चाहिए। सिर का नीचे श्रद्धा भ...

Námaste

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नमस्ते सदा वत्सले (संघ प्रार्थना)

नमस्ते सदा वत्सले (संघ प्रार्थना) नरहरि नारायण भिड़े (१९३९) १९३९ नमस्ते सदा वत्सले (संघ प्रार्थना) १९३९ इयं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघस्य प्रार्थना:। अस्य प्रणेता नरहरि नारायण भिड़े आसीत। १९३९ तमे वर्षे फेब्रुअरी मासे रचिता इयं प्रार्थना पुणे संघ शिक्षा वर्गे प्रथम अवसरे प्रस्तुतवान। राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ प्रार्थना - नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे इति नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम् । महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ।।१।। प्रभो शक्तिमन् हिन्दु राष्ट्राङ्गभूता इमे सादरं त्वां नमामो वयम् त्वदीयाय कार्याय बद्धा कटीयं शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये । अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिं सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत् श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत् ।।२।। समुत्कर्ष निःश्रेयसस्यैकमुग्रं परं साधनं नाम वीरं व्रतम् तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राऽनिशम् । विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर् विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम् । परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं समर्था भवत्वाशिषाते भृशम् ।।३।। ।। भारत माता की जय ।। © राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

Halo 3

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नमस्ते

एक सुझावहरूको लागि (जुन २०११) नमस्कार अथवा नमस्ते मा अभिवादन गर्ने एक प्रचलित चलन हो । यसको प्रयोग कुनै व्यक्तिसँग मिल्ने अथवा उनीसँग विदाई गर्ने समय, दुवैमाप्रयोग गरिन्छ। नमस्कार गर्ने समय व्यक्तिको पीठ आगाडि तर्फ झुकी, छातीको मध्यमा हात एक आपसमा जोडी, औंलाहरु आकाशतर्फ हुन्छन् । यो मुद्राको साथ साथै व्यक्ति ‘नमस्ते’ या ‘नमस्कार’ शब्द भन्दै अभिवादन गर्दछ । हातको यो मुद्रालाई नमस्कार मुद्रा भनिन्छ । नमस्ते अथवा नमस्कारको अर्थ ‘नमस्कार’ एक संस्कृत शब्द हो जुन संस्कृत को ‘नमः’ शब्दबाट लिएको हो, जसको अर्थ हो प्रणाम गर्नु । हाम्रो लेख ” मनुष्य कुन घटकले बनेको हुन्छ रु”, मा हामीले बताएका छौं कि प्रत्येक व्यक्ति भित्र परमात्मा ९ईश्वरीय तत्व० हुन्छजसलाई हामीआत्माभन्छौं । नमस्कार गर्ने समय एक व्यक्तिको आत्मा दोस्रो व्यक्तिको आत्मालाई अभिनन्दन अनि नमस्कार गर्दछ । ‘नमस्ते’ अनि ‘नमस्कार’ शब्द पर्याय हुँदाहुँदै पनि ती दुवै बीच एक आध्यात्मिक अन्तर छ क्ष् नमस्कार शब्द नमस्ते भन्दा अधिक सात्विक छ नमस्कार गर्नुको उद्देश्य नमस्कार अर्थात अर्को व्यक्तिमा दैवी रूप देख्नु, यसले आध्यात्मिक शक्तिलाई बढ़ाउछ अनि दैवी चेतना आकर्षित गर्दछ । यदि नमस्कार यस्तो आध्यात्मिक भाव ले गर्ने कि हाम्रो सामुन्य व्यक्तिको आत्मालाई नमस्कार गरिरहेका छ, यसले हामीमा कृतज्ञता अनि भक्तिको भावना जागृत गर्दछ । यो आध्यात्मिक विकासमा सहायता गर्दछ । नमस्कार गर्ने समय यदि हामीयस्तो विचार राख्छौ कि “तपाई म भन्दा श्रेष्ठ हुनुहुन्छ, म तपाईको अधीनस्त छु, मलाई कुनै पनि ज्ञान छौनअनि तपाई सर्वज्ञ हुनुहुन्छ”, यो अहंकार कम गर्नअनि विनम्रता बढ़ाउनमा सहायक हुन्छ । मुख्यतया नमस्कार तिन प्रकारका हुन्छन् । सामान्य नमस्कार: कुनै व्यक्तिसँ...

नमस्कार/ नमस्ते करने के 7 मुख्य फायदे, Namaste Karne Ke Fayde, Namaskar

भारतीय संस्कृति में नमस्कार या नमस्ते का बहुत महत्व (Namaskar Meaning In Hindi) हैं जो दूसरों को सम्मान प्रकट करने के लिए किया जाता हैं। नमस्कार शब्द का अर्थ होता हैं कि मैं आपको नमन करता (Namaste Ka Matlab Kya Hai) हूँ। नमस्ते का भी यही अर्थ होता हैं। हालाँकि दोनों में एक सूक्ष्म अंतर होता हैं जिसके बारे में हम आपको इस लेख में बताएँगे। इसके साथ ही नमस्ते करने से क्या-क्या फायदे मिलते हैं, इसके बारे में भी हम आपको विस्तार से (Namaskar In Hindi) बताएँगे । आइए जानते हैं भारतीय संस्कृति में नमस्कार या नमस्ते करने के फायदों के बारे में। नमस्कार या नमस्ते करने के फायदे (Namaskar Karne Ke Fayde) नमस्कार और नमस्ते में क्या अंतर है (Namaskar Or Namaste Me Antar) नमस्कार मुख्यतया अपनों से बड़ो को किया जाने वाला अभिवादन हैं। इसके अलावा यह किसी समूह को भी किया जा सकता हैं। भगवान को भी नमस्कार किया जाता है, नमस्ते नही। इस अनुसार नमस्कार शब्द का प्रयोग सामान्यतया अपने से बड़े, गुणकारी व दैवीय शक्तियों को किया जाता हैं। अब बात करते हैं नमस्ते (Namaste Ka Hindi Arth) की। नमस्ते शब्द दो शब्दों के मेल से बना हैं: “नमः” अर्थात प्रणाम व “ते” अर्थात तुम्हे। इसका अर्थ हुआ कि “तुम्हे प्रणाम”। नमस्ते शब्द का प्रयोग सामान्यतया अपने समकक्षो के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं। यदि कोई उम्र या गुणों में आपके बराबर हैं तो उसको नमस्ते किया जाता हैं। नमस्कार कैसे करते हैं (Namaskar Kaise Karen) नमस्कार करने के लिए आपको अपने दोनों हाथो को पास लाकर अंगूठे व हथेलियों को आपस में मिलाना होता हैं। आपके दोनों हाथ आपके एक दम सामने होने चाहिए व छाती पर टिके होने (Namaste Karne Ka Tarika) चाहिए। सिर का नीचे श्रद्धा भ...

नमस्ते! जानिये अभिवादन के २० से अधिक प्रकार चौंक गये?

नमस्ते! इस संस्करण के आरम्भ का इससे उत्तम साधन और क्या हो सकता है! किसी भी स्थान में सर्वप्रथम जो आप सीखते हैं, वह है उस स्थान के अभिवादन की शैली। किसी भी स्थान में पहुँचने से पूर्व ही आप वहाँ का प्रचलित अभिवादन सुनते हैं, विमान में, विमानतल में, टैक्सी में तथा आपके गंतव्य स्थान पर। साथ ही आप अपने साथ ले जाते हैं अपनी मातृभूमि के अभिवादन की शैली। नमस्ते सम्पूर्ण भारत का सर्वाधिक प्रयुक्त तथा लोकप्रिय अभिवादन है। अधिकतर समय, जैसे ही लोगों को आपके भारतीय होने की जानकारी प्राप्त होती है, वे अपने हाथ जोड़कर, नमस्ते द्वारा आपका अभिवादन करते हैं। भारत वर्ष में जहां पग पग पर विभिन्नता हो वहाँ अभिवादन की प्रक्रिया कैसे समान हो सकती हैं! इस संस्मरण में मैं प्रस्तुत करना चाहती हूँ भारत के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में प्रयोग में आने वाली अभिवादन की विभिन्न शैलियाँ। मैं इस संस्मरण के लिए शोध करना मेरे लिए अत्यंत ही रोचक तथा मनोरंजक था। नमस्ते तथा इसके विभिन्न स्वरूप नमस्ते का अक्षरशः अर्थ है, ‘आपके भीतर के दिव्य स्वरूप के समक्ष मैं शीश झुकाता अथवा झुकाती हूँ’। आप किसी भी हिप्पी से पूछिए, वे एक चरण आगे जाकर इसका अर्थ यह बताते हैं, ‘मेरे भीतर का दिव्य स्वरूप आपके भीतर के दिव्य स्वरूप को प्रणाम करता है’। नमस्ते, इस शब्द के कई रूपांतर हैं। नमस्कार – इसका प्रयोग तब किया जाता है जब आप एक से अधिक व्यक्तियों का अभिवादन करते हैं। यही नमस्ते केरल में यह नमस्कारम बन जाता है तो कर्नाटक में यह नमस्कारा तथा आंध्र में नमस्कारमु बन जाता है। नेपाल के निवासी भी इसी अभिवादन, नमस्कार का प्रयोग करते हैं। इन सब अभिवादनों का एक ही अर्थ है – किसी भी वार्तालाप अथवा चर्चा से पूर्व मैं आपके भीतर के दिव्य स्वरूप का अ...