बल सागर भारत होओ

  1. अरब सागर में उठे चक्रवात बिपरजॉय का भारत में तूफानी असर, समुद्र में ऊंची लहरें, तटीय क्षेत्र में बारिश शुरू
  2. 21 June
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अरब सागर में उठे चक्रवात बिपरजॉय का भारत में तूफानी असर, समुद्र में ऊंची लहरें, तटीय क्षेत्र में बारिश शुरू

अरब सागर में उठे चक्रवात बिपरजॉय का भारत में तूफानी असर, समुद्र में ऊंची लहरें, तटीय क्षेत्र में बारिश शुरू भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि बिपरजॉय अभी पोरबंदर से 290 किलोमीटर और जखाऊ बंदरगाह से 360 किलोमीटर की दूरी पर है। बिपरजॉय 15 जून की शाम तक जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ के तट से टकराएगा। अरब सागर में उठे चक्रवात तूफान बिपरजॉय का प्रभाव भारत में दिखना शुरू हो गया है। हालांकि इसके भारत पहुंचने में अभी दो दिन का समय है। बिपरजॉय की वजह से आज समुद्र में कई फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं। इसके कारण पश्चिम-दक्षिण तटीय इलाकों में बारिश भी हो रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि बिपरजॉय अभी पोरबंदर से 290 किलोमीटर और जखाऊ बंदरगाह से 360 किलोमीटर की दूरी पर है। बिपरजॉय 15 जून की शाम तक जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ के तट से टकराएगा। इसे बेहद गंभीर श्रेणी में रखा गया है। उधर, बिपरजॉय की वजह से मुंबई में मरीन ड्राइव पर हाई टाइड देखा गया। जुहू बीच के पास सोमवार को ऊंची लहरों की चपेट में आने से पांच युवक डूब गए। बिपरजॉय को लेकर तटीय इलाकों में चेतावनी जारी की गई है। बिपरजॉय 16 जून तक राजस्थान पहुंचेगा। इस वजह से उत्तर पश्चिम रेलवे ने कुछ ट्रेनों को रद कर दिया है। राजस्थान के कई इलाकों में 16-17 जून को भारी बारिश होने की संभावना है। तूफान के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने 12 टीमें तैनात की हैं। 15 टीमों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बिपरजॉय के कारण दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुरुवार और शुक्रवार को हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है। बिपरजॉय की गंभीरता...

21 June

21 जून हा ग्रेगरी दिनदर्शिकेनुसार वर्षातील १७२ वा किंवा लीप वर्षात १७३ वा दिवस असतो. अठरावे शतक • १७४९ – कॅनडाच्या नोव्हा स्कॉशिया प्रांतात हॅलिफॅक्स शहराची स्थापना. • १७८८ – न्यू हॅम्पशायर अमेरिकेचे नववे राज्य झाले. एकोणिसावे शतक • १८७७ – पेनसिल्व्हेनियात १० कामगार नेत्यांना फाशी देण्यात आली. • १८९८ – गुआम अमेरिकेचा प्रांत झाला. विसावे शतक • १९४० – दुसरे महायुद्ध – फ्रांसने जर्मनीसमोर शरणागती पत्करली. • १९४२ – दुसरे महायुद्ध – जर्मन सैन्याने टोब्रुक जिंकले. • १९४५ – दुसरे महायुद्ध – ओकिनावाची लढाई संपली. • १९४८ – स्मॉल स्केल एक्सपरिमेंटल मशीन या जगातील पहिल्या संचयित आज्ञावली संगणकाने आपली पहिली आज्ञावली पार पाडली. • १९६४ – अमेरिकेत मिसिसिपी राज्यात समान हक्कांसाठी आंदोलन करणाऱ्या ३ व्यक्तींना कु क्लुक्स क्लॅनने ठार मारले. • १९७५ – वेस्ट इंडीजने पहिला क्रिकेट विश्वचषक जिंकला. • १९८९ – अमेरिकेच्या सर्वोच्च न्यायालयाने देशाचा ध्वज जाळण्याची कृती ही वाचास्वातंत्र्याची अभिव्यक्ती असल्यामुळे वैध ठरवली. • १९९१ – पी.व्ही.नरसिंह राव भारताच्या पंतप्रधानपदी. एकविसावे शतक • २००४ – स्पेसशिपवन या पहिल्या खाजगी अंतराळयानाचे पहिले उड्डाण. जन्म • १००२ – पोप लिओ नववा. • १२२६ – बोलेस्लॉस पाचवा, पोलंडचा राजा. • १७३२ – योहान क्रिस्चियन बाख, जर्मन संगीतकार. • १७८१ – सिमिओन-डेनिस पॉइसॉन, फ्रेंच गणितज्ञ व भौतिकशास्त्रज्ञ. • १९०५ – ज्यॉॅं-पॉल सार्त्र, फ्रेंच लेखक व तत्त्वज्ञानी. • १९२३ – सदानंद रेगे, मराठी कवी, कथाकार आणि अनुवादक. • १९३७ – जॉन एडरिच, इंग्लिश क्रिकेट खेळाडू. • १९५३ – बेनझीर भुट्टो, पाकिस्तानची पंतप्रधान. • १९५४ – जेरेमी कोनी, न्यू झीलंडचा क्रिकेट खेळाडू. • १९५५ – मिशेल प्लाटिनी, ...

बलसागर भारत होवो

बलसागर भारत होवो, विश्वात शोभुनी राहो हे कंकण करि बांधियले, जनसेवे जीवन दिधले राष्ट्रार्थ प्राण हे उरले, मी सिद्ध मरायाला हो वैभवी देश चढवीन, सर्वस्व त्यास अर्पीन तिमिर घोर संहारिन, या बंधु सहाय्याला हो हातात हात घालून, हृदयास हृदय जोडून ऐक्याचा मंत्र जपून, या कार्य करायाला हो करि दिव्य पताका घेऊ, प्रिय भारतगीते गाऊ विश्वास पराक्रम दावू, ही माय निजपदा लाहो या उठा करू हो शर्थ, संपादु दिव्य पुरुषार्थ हे जीवन ना तरि व्यर्थ, भाग्यसूर्य तळपत राहो ही माय थोर होईल, वैभवे दिव्य शोभेल जगतास शांती देईल, तो सोन्याचा दिन येवो