डिप्थीरिया के लक्षण

  1. डिप्थीरिया के मुख्य कारण और लक्षण (Diphtheria in hindi)
  2. Diphtherial Pseudomembrane : Causes, Symptoms, And Diagnosis In Hindi
  3. डिप्थीरिया या गलाघोंटू के भयानक लक्षण व रोकथाम
  4. डिप्थीरिया रोग क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार
  5. डिप्थीरिया
  6. रोहिणी (डिप्थीरिया) के कारण, लक्षण, जांच और उपचार
  7. Diphtheria Rog Kya Hai
  8. डिप्थीरिया: कारण, लक्षण और उपचार
  9. डिप्थीरिया यह क्या है? कारण, लक्षण, रोकथाम


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डिप्थीरिया के मुख्य कारण और लक्षण (Diphtheria in hindi)

डिप्थीरिया एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो Corynebacterium, एक प्रकार के बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह एक संक्रामक वायरस है जो खांसने या छींकने से फैल सकता है। डिप्थीरिया आमतौर पर नाक और गले को प्रभावित करता है। इससे गले में खराश, बुखार और सांस लेने में दिक्कत होती है। ज़्यादातर मामलों में, गर्दन में एक ग्रे या सफेद धब्बा हो जाता है, जो वायुमार्ग को रोककर गंभीर स्तिथि पैदा कर सकता है। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में यह गंभीर रूप ले सकता है। इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है टीकाकरण, जो सभी बच्चों और वयस्कों को लेना चाहिए। डिप्थीरिया के उपचार के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं जिससे बैक्टीरिया नष्ट हो सके और बैक्टीरिया के टोक्सिन को कम करने के लिए एंटीटॉक्सिन दिए जाते हैं। प्रारंभिक उपचार से डिप्थीरिया को कम किया जा सकता है और जटिलताओं को रोका जा सकता है, इसलिए यदि आपको लगता है कि आपको या किसी प्रियजन को डिप्थीरिया हो सकता है तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं। डिप्थीरिया एक संभावित घातक जीवाणु संक्रमण है जो नाक, गले और त्वचा को प्रभावित करता है। लक्षण अक्सर संक्रमण के 2 से 5 दिन बाद दिखाई देते हैं और इसमें गले और टॉन्सिल को ढकने वाली एक मोटी, ग्रे फिल्म शामिल होती है, गले में दर्द और स्वर बैठना, सूजी हुई ग्रंथियां, कमजोरी, हल्का बुखार और सांस लेने या निगलने में कठिनाई होती है। डिप्थीरिया एक संभावित घातक जीवाणु बीमारी है जिसका उपचार तुरंत शुरू होना चाहिए। जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, साथ ही जीवाणु विष को शरीर को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए एंटीटॉक्सिन दिए जाते हैं। कीटाणुओं को मिटाने और अतिरिक्त संचरण को रोकने के ल...

Diphtherial Pseudomembrane : Causes, Symptoms, And Diagnosis In Hindi

New Delhi: उत्तर पश्चिम दिल्ली में नगर निगम के एक अस्पताल में डिप्थीरिया से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है. इलाके के मेयर ने मौतों की जांच के लिए एक समिति गठित की है. महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल में 20 सितंबर को 12 बच्चों की मौत हुई थी जबकि एलएनजेपी अस्पताल में एक की मौत हुई है. उत्तर दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नगर निगम के अस्पताल में अबतक कुल 18 बच्चों की मौत हो चुकी है. 17 मरीज दिल्ली के बाहर के थे जबकि एक दिल्ली का था. उन्होंने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से मिली जानकारी के हवाले से आंकड़े बताए. उत्तर पश्चिम दिल्ली में स्थित अस्पताल उत्तर दिल्ली नगर निगम के तहत आता है. सूत्रों ने बताया कि इस बीच उत्तर दिल्ली के मेयर आदेश गुप्ता ने मौतों की जांच के लिए एक समिति गठित की है और रिपोर्ट मांगी है. क्या है डिप्थीरिया इस बीमारी का पूरा नाम है डिप्थीरिया कॉरीनेबैक्टीरियम. यह डिप्थीरी नामक बैक्टिरिया से पैदा होती है. डिप्थीरी जीवाणु एक तेज जहर छोड़ता है, जो पूरे शरीर के ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचता है. आंकड़ों के अनुसार साल 2000 में पूरी दुनिया में डिप्थीरिया के तकरीबन तीस हजार केस दर्ज हुए. जिनमें से करीब तीन हजार लोगों की मौत हो गई थी. क्या हैं डिप्थीरिया के लक्षण - गले की खराश, - भूख की कमी - बार बार बुखार आना डिप्थीरिया का संक्रमण बढ़ने पर छद्म-झिल्ली नाक पर, टॉन्सिल्स, गले पर साफ दिखती है. कैसे बनती है डिप्थीरिया में झिल्ली डिप्थीरिया में शरीर के किसी भाग पर छद्म-झिल्ली का निर्माण हो सकता है. इसकी वजह होती है वह जीवाणु. यह बैक्टिरीया से छोड़े गए जहर से जुड़े बेकार उत्पादों और प्रोटीन से होता है. यह पतली सी झिल्ली सेल्स से चिपक ...

डिप्थीरिया या गलाघोंटू के भयानक लक्षण व रोकथाम

Diphtheria Ka Ilaj – Diphtheria in Hindi जिस तेजी से हमारा खान-पान बदल रहा है उसी तेजी से छोटे से छोटे रोगों का प्रभाव भी भयाबह होता जा रहा है। कई ऐसी बीमारी है जो एक छोटें से संक्रमण से शुरू होती हैं तथा कभी-कभी घातक रूप लेने की हद तक पहुच जाती है। एक ऐसी ही बीमारी है जिसकी समस्या आजकल बहुत लोगों तक दिखाई देने लगी है इसका नाम है डिफ्थीरिया। आइये जानते है डिफ्थीरिया के लक्षण, कारण एवं इसके दुष्प्रभाव। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • डिप्थीरिया क्या है? (Diphtheria in Hindi) डिप्थीरिया नाक और गले में होने वाला एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण होता है। यह नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है। यह एक ऐसा संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है लेकिन सही समय पर उपचार मिलने से इससे बचा जा सकता है। इसे गला घोटू भी कहा जाता है। डिप्थीरिया में बुखार, गला खराब होने जैसी समस्याएं होती है लेकिन गले में गहरे ग्रे रंग के पदार्थ की एक मोटी परत जमना इसकी पहचान का प्रमुख लक्षण है। यह परत आपकी सांस लेने वाली नलियों को बंद कर देती है जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। डिप्थीरिया कैसे होता है? (Galaghontu Kaise Hota Hai) डिप्थीरिया एक बैक्टीरियल संक्रमण होता है, इसके जीवाणु रोगी के मुंह , नाक और गले में रहते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस संक्रमण से ग्रसित होता है तो उसके खांसने और छीकने से यह संक्रमण दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है। मानसून की बात करें तो डिप्थीरिया बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इस रोग में एक मोटी परत गले में जम जाती है, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसीलिए किसी भी ऐसे व्यक्ति के संपर...

डिप्थीरिया रोग क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार

डिप्थीरिया रोग क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार वैसे तो दुनिया भर में अनेक जानलेवा बीमारियां लेकिन साधारण बीमारियों के मुकाबले में संक्रामक बीमारियां ज्यादा जानलेवा होती है और यह किसी भी इंसान को हो सकती हैं क्योंकि संक्रामक बीमारियां एक दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाती है जिससे कई बार संक्रामक बीमारियां महामारी का भी रूप ले लेती है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोरो ना वायरस भी है इसी तरह से डिप्थीरिया भी एक ऐसी ही संक्रामक बीमारी है जो कि ज्यादातर बच्चों में होती है तो आज किस ब्लॉग़ में हम इसी खतरनाक बीमारी के बारे में बात करेंगे इस ब्लॉग में हम इस बीमारी के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार आदि के बारे में जानेंगे. डिप्थीरिया रोग क्या है डिप्थीरिया रोग एक ऐसा खतरनाक संक्रामक रोग है जो कि ज्यादातर बच्चों को अपना शिकार बनाता है यह रोग बिल्कुल छोटे सूक्ष्म बैक्टीरिया के जरिए एक दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है इस जीवाणु का नाम ‘कोर्नीबैक्टीरियम डिफ्थीरिया’ है यह एक जानलेवा रोग है हालांकि इस रोग का इलाज संभव है इस रोग को आम भाषा में गलघोटू रोग भी कहा जाता है क्योंकि यह रोग सबसे पहले रोगी के गले में दस्तक देता है जिससे रोगी की गले में इंफेक्शन होने लगता है. फिर इस इंफेक्शन से रोगी के गले एक से परत बन जाती है जिसके कारण रोगी को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है कुछ समय बाद इस इस परत से जहर निकलने लगता है और फिर वह जहर खून के साथ मिल कर रोगी के मस्तिष्क और हृदय तक पहुंच जाता है जिससे रोगी की मौत होने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है गले के बाद यह रोग धीरे धीरे रोगी की नाक गले व साँस नाली तक पहुंच जाता है डिप्थीरिया रोग के कारण अगर डिप्थीरिया रोग के कारणों के बारे में बात की जाए तो इ...

डिप्थीरिया

सौ साल पहले, वैज्ञानिक पहली बार डिप्थीरिया जैसी अवधारणा से परिचित हो गए थे और उस पल से वे पहले से ही इस बीमारी के कारणों, लक्षणों, रोकथाम और उपचार की खोज कर चुके हैं। जब किसी व्यक्ति को बुखार होता है, तो शरीर में इसी बैक्टीरिया (रॉड) के प्रवेश की साइट पर तापमान बढ़ता है, सूजन और हल्का भूरा कोटिंग होता है। अक्सर बीमारी के पाठ्यक्रम के दिल, रक्त वाहिकाओं और तंत्रिका तंत्र पर गंभीर परिणाम होते हैं। डिप्थीरिया के लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम सशर्त रूप से रोग के लक्षणों को विभाजित किया जाता है: संक्रमण और नशा की साइट पर सूजन। निम्नलिखित सुविधाओं द्वारा श्लेष्म की सूजन का पता लगाया जा सकता है: • लाली; • pershenie, गले में गले स्थिर है और निगलने के साथ; • नाक की घोरता; • खाँसी। संक्रमण की साइट पर ग्रे फिल्में दूसरे दिन दिखाई देने लगती हैं। जब वे अलग होते हैं, ऊतक खून बहते हैं। थोड़ी देर के बाद वे फिर से गठित होते हैं। यदि बीमारी गंभीर रूप से बढ़ती है, तो आसपास के ऊतकों की सूजन गर्दन और कॉलरबोन तक शुरू होती है। जब बैक्टीरिया गुणा हो जाता है, तो एक विशेष पदार्थ जारी किया जाता है जो नशा के लक्षणों का कारण बनता है: • शरीर की कमजोरी और कमजोरी; • ऊंचा तापमान; • सिरदर्द, • त्वरित दिल की धड़कन और सांस लेने; • उनींदापन। यह नशा सबसे खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इससे घातक परिणाम तक जटिलताओं का कारण बनता है। उपचार डिप्थीरिया के कारणों और लक्षणों के आधार पर नियुक्त किया जाता है। वे अलग हो सकते हैं: • संक्रमण के स्रोत से संक्रमण - यह बीमार हो सकता है, या बस बैक्टीरिया के वाहक हो सकता है। प्रक्रिया सामान्य रूप से संचार या उपयोग करते समय होती है। • वसूली के मामले में, हालांकि प्रतिरक्षा प्रकट हो...

रोहिणी (डिप्थीरिया) के कारण, लक्षण, जांच और उपचार

7 रोहिणी (डिप्थीरिया) की रोकथाम एवं नियंत्रण के उपाय (Prevention of Diphtheria in Hindi) रोहिणी (डिप्थीरिया) क्या है ? (What is Diphtheria in Hindi) रोहिणी (डिप्थीरिया) अथवा गलघोंटू विशेषत: बच्चों में होनेवाला ऐसा रोग है जो कार्नी बैक्टीरिया डिफ्थीरी नामक जीवाणु द्वारा फैलता है। ये जीवाणु सूक्ष्मदर्शी में दंडे के समान दिखते हैं अत: इन्हें दंडाणु कहते हैं। यह जीवाणु एक तरह का बाह्य विष (Exotoxin) उत्पन्न करता है जो शरीर के लिए घातक होता है और यह बाह्य विष ही शरीर में इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होता है। तीन प्रकार के कानी बैक्टीरियम जीवाणुओं का पता अभी तक लगा है। रोहिणी (डिप्थीरिया) रोग का संक्रमण मुख्यत: गले में, टांसिल (Tonsil), ग्रसनी और स्वरयंत्र अथवा नाक में होता है। इन अंगों में एक भूरी या पीली सी झिल्ली (Fals membrane) का निर्माण हो जाता है, जो साँस द्वारा ली जानेवाली वायु के जाने-आने में अवरोध पैदा करती है। डिप्थीरिया के जीवाणु द्वारा उत्पन्न बाह्य विष रक्त में मिलकर हृदय और तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर गंभीर जटिलताएँ पैदा करता है। विश्व और भारत में रोहिणी (डिप्थीरिया) रोग की स्थिति : डिप्थीरिया रोग का विकसित देशों में उन्मूलन हो चुका है। अर्थात् यह रोग अब वहाँ कभी नहीं होता। लेकिन दुर्भाग्य से भारत जैसे विकासशील देशों में यह खतरनाक रोग अभी भी होता है। वह भी जागरूकता के अभाव एवं टीकाकरण में कमी की वजह से। 1996 में लाओस एवं थाईलैंड से डिफ्थीरिया या डिप्थीरिया से ग्रसित कुछ बच्चों की सूचना मिली थी। भारत में यह बीमारी क्रमश: कम होती जा रही है। और यह सम्भव हुआ है अधिक से अधिक आबादी को टीकाकरण कार्यक्रमों के अन्तर्गत लाने के कारण। जहाँ सन् 1987 में 12952 रोगियों की सू...

Diphtheria Rog Kya Hai

Diphtheria Rog Kya Hai संक्रामक बीमारी है डिप्थीरिया – भारत में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर पहुंच गया है। रोज नए मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सावधानी और अपना बचाव जरूरी है लेकिन इस क्रम में यह न भूलें कि बरसाती मौसम में गंदगी और जानकारी के अभाव में कुछ अन्य संक्रमण भी फैल रहे हैं। डिप्थीटिया इन्हीं में एक है, जो खासतौर पर बच्चों में ज्यादा दिखता है । इससे बचाव और वैक्सीनेशन क्यों जरूरी है। यह जानना हमारे लिए बहुत जरुरी है। कोविड-19 संक्रमण अभी भारत में चरम पर है। ऐसे में सांस संबंधी अन्य बीमारियां, खांसी, बुखार भी अतिरिक्त डर का माहौल बना देती है। कोरोना से बचाव के साथ-साथ मौसमी बीमारियों व संक्रमणों से खुद को बचाना जरूरी है। फिलहाल लोग कोरोना के डर से इतने ग्रस्त हैं कि अन्य संक्रमणों पर ध्यान ही नहीं दे पा रहे हैं। ऐसा ही एक रोग है डिप्थीरिया, जो एक तरह का बैक्टीरियल रोग है और यह बरसात के मौसम में बच्चों को तेजी से घेरता है। इस रोग में गले में गांठ सी होने लगती है, साथ में तेज बुखार, गले में खराश या दर्द और सिरदर्द होता है। इम्युनिटी कम हो तो बढ़ता है डिप्थीरिया का खतरा डिप्थीरििया से बचाने के लिए बचपन में ही डीपीटी का टीका लगाया जाता है। इसके बावजूद डब्यूएचओ के अनुसार, भारत के आंकड़े इस बीमारी के विषय में चिंताजनक हैं। डि्थीरिया 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में अधिक होने वाला रोग है। बयस्कों को भी यह होता है, लेकिन ऐसे मामले कम देखने को मिलते हैं। वयस्कों में डिप्थीरिया होने का कारण बचपन में टीका न लगना, इम्युनिटी कमजोर होना आदि हैं।बच्चों को इसका खतरा सबसे ज्यादा है। क्यों होती है डिप्थीरिया जैसी बीमारी – Diphtheria Rog Kya Hai ‘डिप्थीरिया कोराइन बैक्टीरियम डिष्पीरी नामक ...

डिप्थीरिया: कारण, लक्षण और उपचार

डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है जो आमतौर पर नाक और गले को संक्रमित करती है। हॉलमार्क का निशान भूरी सामग्री की एक शीट है जो गले के पीछे को कवर करती है। पश्चिमी दुनिया में यह दुर्लभ है, लेकिन अगर इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह घातक हो सकता है। डिप्थीरिया पर तेजी से तथ्य: • उपचार और टीकों के विकास से पहले, डिप्थीरिया 15 वर्ष से कम उम्र के व्यापक और ज्यादातर प्रभावित बच्चों में था। • डिप्थीरिया के लक्षणों में से कुछ सामान्य सर्दी के समान हैं। • जटिलताओं में तंत्रिका क्षति, दिल की विफलता और कुछ मामलों में मृत्यु शामिल है। • निदान की पुष्टि स्वैब नमूनों और प्रयोगशाला परीक्षण द्वारा की जाती है। • उपचार एंटीटॉक्सिन और एंटीबायोटिक दवाओं के साथ है जबकि रोगी को गहन देखभाल में अलग और निगरानी की जाती है। डिप्थीरिया क्या है? डिप्थीरिया नाक और गले का एक अत्यधिक संक्रामक जीवाणु संक्रमण है। नियमित टीकाकरण के लिए धन्यवाद, डिप्थीरिया दुनिया के अधिकांश हिस्सों में अतीत की बीमारी है। पिछले 10 वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका में जीवाणु संक्रमण के केवल पांच मामले सामने आए हैं। उन देशों में जहां बूस्टर टीकों का कम उठाव है, हालांकि, भारत में, हर साल हजारों मामले रहते हैं। 2014 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को विश्व स्तर पर डिप्थीरिया के 7,321 मामले सामने आए थे। उन लोगों में जो बैक्टीरिया के खिलाफ टीकाकरण नहीं करते हैं जो डिप्थीरिया का कारण बनते हैं, संक्रमण गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे तंत्रिका समस्याएं, हृदय की विफलता और यहां तक ​​कि मृत्यु भी। कुल मिलाकर, डिप्थीरिया से संक्रमित होने वाले 5 से 10 प्रतिशत लोग मर जाएंगे। 5 वर्ष से कम या 40 वर्ष से अधिक आयु के संक्रमित लोगों में 20 प...

डिप्थीरिया यह क्या है? कारण, लक्षण, रोकथाम

एक के सबसे गंभीर संक्रामक रोगों में से एक है – डिप्थीरिया. यह क्या है के लिए जाना जाता है । इस रोग को प्रभावित करता है कि दोनों वयस्कों और बच्चों, यह मुश्किल है इलाज के लिए न केवल, लेकिन यह भी निदान करने के लिए । डिप्थीरिया के खिलाफ टीकाकरण अनिवार्य है और है में शामिल टीकाकरण का कैलेंडर. जब हिट द्वारा विशिष्ट बैक्टीरिया मानव शरीर में शुरू होता है, एक तेजी से विकास । रोग के डिप्थीरिया गंभीर है और तत्काल उपचार की आवश्यकता है, अन्यथा वहाँ हो सकता है गंभीर जटिलताओं. डिप्थीरिया. यह क्या है और कैसे खतरनाक बीमारी है? इस रोग को प्रभावित करता है, श्लेष्मा झिल्ली की nasopharynx और oropharynx. इसके अलावा, यह विकसित करता है, सामान्य नशा, को प्रभावित करता है तंत्रिका और हृदय प्रणालियों. सूजन है सहवर्ती की उपस्थिति के साथ आतंच फिल्मों की याद ताजा सफेद धब्बे. डिप्थीरिया हो सकता है एक सौम्य स्वभाव के बिना, गंभीर नशा. खतरा यह है कि इस रोग विकसित कर सकते हैं श्वासावरोध का गला, श्वसन पक्षाघात, विषाक्त मायोकार्डिटिस या तीव्र अधिवृक्क कमी, जो मौत की ओर जाता है । इस रोग में, के रूप में, डिप्थीरिया टीकाकरण का सबसे अच्छा तरीका है रोकथाम से बचा जाता है, नहीं तो रोग ही है, लेकिन कम से कम इसकी जटिलताओं है । का कारण बनता है रोग की प्रेरणा का एजेंट - Loeffler बेसिलस है, जो बाहरी प्रभावों के लिए प्रतिरोधी है । मानक स्थितियों में प्रतिरोध जारी रखा दो सप्ताह के लिए पानी या दूध में – तीन सप्ताह के लिए, कम तापमान पर - के बारे में पांच महीने । उबलते के दौरान या उपचार के साथ क्लोरीन, रोगज़नक़ के भीतर मर जाता है एक मिनट. अक्सर लेखकों शब्द का उपयोग “शुष्क मुँह" के को व्यक्त करने के लिए मजबूत भावना के अपने चरित...