दीर्घ संधि के 100 उदाहरण pdf

  1. यण संधि (परिभाषा एवं उदाहरण)
  2. Deergh Sandhi in Sanskrit
  3. संधि की परिभाषा, भेद, उदाहरण [Sandhi] PDF
  4. Sandhi (Seam)
  5. Hindi Grammar Sandhi Notes PDF
  6. हिंदी संधि अभ्यास प्रश्न [Hindi Sandhi] Objective Question Answer PDF
  7. Savarna Deergha Sandhi Sutram
  8. संधि की परिभाषा, भेद, उदाहरण [Sandhi] PDF
  9. यण संधि (परिभाषा एवं उदाहरण)
  10. Deergh Sandhi in Sanskrit


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यण संधि (परिभाषा एवं उदाहरण)

विषय सूची • • • • • • यण संधि किसे कहते हैं? (Yan Sandhi Kise Kahate Hain) सुत्र:- ‘इको यणचि’ यण संधि की परिभाषा: इक् (इ, उ, ऋ, लृ) वर्ण के परे असमान यण संधि की पहचान संभवतः किसी शब्द में य, व, र, ल से पहले आधा यण संधि के उदाहरण (Yan Sandhi ke Udaharan) • अत्यधिक = अति + अधिक • प्रत्यक्ष = प्रति + अक्ष • प्रत्याघात = प्रति + आघात • अत्यंत = अति + अंत • यद्यपि = यदि + अपि • अत्यावश्यक = अति + आवश्यक • अत्युत्तम = अति + उत्तम • अत्यूष्म = अति + उष्म • अन्वय = अनु + आय • मध्वालय = मधु + आलय • गुर्वोदन = गुरु + ओदन • गुरवौदार्य = गुरु + औदार्य • अन्वित = अनु + इत • अन्वेषण = अनु + एषण • पित्रादेश = पितृ + आदेश • पर्यटन = परि + अटन • व्यंजन = वि + अंजन • अध्याय = अधि + आय • इत्यादि = इति + आदि • व्यवहार = वि + अवहार • व्यभिचार =वि + अभिचार • सख्यागमन =सखी + आगमन • अभ्यास =अभि + आस • स्वागत= सु + आगत • पित्रुपदेश = पितृ + उपदेश • मात्राज्ञा = मातृ + आज्ञा • मात्रिच्छा = मातृ + इच्छा • साध्वाचार = साधु + आचार • स्वभास = सु + आभास • देव्यागमन = देवी + आगमन • देव्यालय = देवी + आलय • सख्याग्म = सखी + आगम • उपर्युक्त = उपरि + उक्त • प्रत्युपकार= प्रति + उपकार • प्रत्युत्तर = प्रति + उत्तर • अभ्युदय = अभि + उदय • न्यून = नि + ऊन • अभ्यागत = अभि + आगत • देव्यर्पण = देवी + अर्पण • सख्यपराध = सखी + अपराध यह भी पढ़े: यण संधि की ट्रिक • इ/ई + असमान स्वर = य् • उ/ऊ + असमान स्वर = व् • ऋ + असमान स्वर = र् यण संधि के नियम नियम – 1 जब लघु (ह्रस्व) इ और दीर्घ ई के बाद कोई असमान स्वर आये तो इ, ई की जगह ‘य्’ हो जाता हैं। जैसे: • अति + अधिक = अत्यधिक • अधि + अक्ष = अध्यक्ष • अभि + अर्थी = अभ्यर्थी ...

Deergh Sandhi in Sanskrit

नियम 1 – अ/आ + आ/अ = आ अ + अ = आ अ + आ = आ आ + अ = आ आ + आ = आ अ/आ + आ/अ = आ के उदाहरण शिव + आलयः = शिवालयः विद्या + आलयः = विद्यालयः पुस्तक + आलयः = पुस्तकालयः हिम + आलयः = हिमालयः श्रद्धा + अस्ति = श्रद्धास्ति कमल + आकरः = कमलाकरः दैत्य + अरिः = दैत्यारिः शश + अङ्कः = शशाङ्क: गौर + अङ्गः = गौराङ्गः रत्न + आकरः = रत्नाकरः यथा + अर्थः = यथार्थः विद्या + अभ्यासः = विद्याभ्यासः विद्या + अर्थी = विद्यार्थी प्र + अर्थी = प्रार्थी परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी राम + अवतारः = रामावतारः सूर्य + अस्तः = सूर्यास्तः धर्म + आत्मा = धर्मात्मा परम + आत्मा = परमात्मा कदा + अपि = कदापि देह + अंतः = देहांतः सुख + अन्तः = सुखान्तः दीक्षा + अंतः = दीक्षांतः आत्मा + आनंदः = आत्मानंदः जन्म + अन्धः = जन्मान्धः श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु सभा + अध्यक्षः = सभाध्यक्षः पुरुष + अर्थः = पुरुषार्थः परम + अर्थः = परमार्थः पर + अधीनः = पराधीनः वेद + अन्तः = वेदान्तः सुषुप्त + अवस्था = सुषुप्तावस्था अभय + अरण्यः = अभयारण्यः श्रदा + आनन्दः = श्रद्धानन्दः महा + आशयः = महाशयः वार्ता + आलापः = वार्तालापः महा + अमात्यः = महामात्यः मूल्य + अंकनः = मूल्यांकनः मुक्त + अवली = मुक्तावली दीप + अवली = दीपावली प्रश्न + अवली = प्रश्नावली कृपा + आकांक्षी = कृपाकांक्षी विस्मय + आदि = विस्मयादि सत्य + आग्रहः = सत्याग्रहः प्राण + आयामः = प्राणायामः शुभ + आरंभः = शुभारंभः मरण + आसन्नः = मरणासन्नः शरण + आगतः = शरणागतः नील + आकाशः = नीलाकाशः सर्व + अंगीणः = सर्वांगीणः रेखा + अंकितः = रेखांकितः परा + अस्तः = परास्तः गीत + अंजलिः = गीतांजलिः प्रधान + अध्यापकः = प्रधानाध्यापकः विभाग + अध्यक्षः = विभागाध्यक्षः नियम 2 – इ/ई + ई/इ ...

संधि की परिभाषा, भेद, उदाहरण [Sandhi] PDF

संधि (Sandhi) का हिन्दी व्याकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, संधि के द्वारा ही वर्णों या ध्वनियों के मेल से होने वाले परिवर्तन की जानकारी ज्ञात होती है। जिन परीक्षाओं में हिन्दी विषय से प्रश्न पूछे जाते है उनमे संधि के प्रश्न अवश्य पूछे जाते इसलिए इसका परीक्षाओं की दृष्टि से महत्व और भी अधिक हो जाता है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में स्वर संधि तथा इसके भेद जैसे दीर्घ संधि, गुण संधि, यण संधि, वृद्धि संधि और व्यंजन संधि तथा विसर्ग संधि से अनेक प्रश्न पूछे जाते है। यहाँ हमने आपके लिए प्रत्येक संधि से समपूर्ण भेद एवं उनके नियमों की विस्तार पूर्वक व्याख्या की है जिससे आपको संधि के सभी भेदों को समझने तथा इन संधियों को बहुत सरलता से पहचान करने में आसानी होगी। संधि की परिभाषा (Sandhi) संधि का अर्थ है – ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार होता है, उसे संधि कहते है। उदाहरण • विद्या+आलय = विद्यालय • सत्+आनन्द = सदानन्द • सुर=इन्द्र = सुरेन्द्र संधि के भेद संधि तीन प्रकार की होती है, संधि के तीन भेद होते है। • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि स्वर संधि दो स्वरों के मेल से जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते है। स्वर संधि के भेद स्वर संधि पाँच प्रकार की होती है • दीर्घ स्वर संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण संधि • अयादि संधि दीर्घ स्वर संधि सवर्ण ह्रस्व या दीर्घ स्वरों के मिलने से उनके स्थान में सवर्ण दीर्घ हो जाता है। वर्णों का मेल चाहे ह्रस्व+ह्रस्व हो या ह्रस्व+दीर्घ हो, यदि सवर्ण है तो दीर्घ हो जाएगा। इसे दीर्घ संधि कहते है। उदाहरण • देव + आलय = देवालय • मत् + अनुसार = मतानुसार • देव + अर्चन = देवार्चन • कपि + ईश = कपीश • परम + अणु = परमाणु • सूर्य + अस्त ...

Sandhi (Seam)

· संधि विच्छेद - उन पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद है। जैसे - हिम + आलय = हिमालय ( यह संधि है ), अत्यधिक = अति + अधिक ( यह संधि विच्छेद है ) • यथा + उचित = यथोचित • यशः + इच्छा = यशइच्छ • अखि + ईश्वर = अखिलेश्वर • आत्मा + उत्सर्ग = आत्मोत्सर्ग • महा + ऋषि = महर्षि • लोक + उक्ति = लोकोक्ति

Hindi Grammar Sandhi Notes PDF

Hindi Grammar Sandhi Notes PDF( हिन्दी व्याकरण संधि ) : दोस्तो आज इस पोस्ट मे हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) के संधि टॉपिक का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे । Hindi Vyakaran Sandhi PDF ( हिन्दी व्याकरण संधि ) पोस्ट REET 2020, Patwari Bharti 2020, Gramsevak 2020, LDC, RPSC, RBSE REET, School Lecturer, Sr. Teacher, TGT PGT Teacher, 3rd Grade Teacher आदि परीक्षाओ के लिए महत्त्वपूर्ण है । अगर पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे । संधि:- संधि का अर्थ मेल होता है दो वर्णों के मेल से जो विकार या परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। इसमें पूर्व पद का अंतिम वर्ण और पर पद का पहला वर्ण दोनों के मेल से जो शब्द बनता हैं उसे संधि शब्द कहते है । संधि शब्द को अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है। Important Links for Study Materials All Important Quiz India GK Quiz Rajasthan GK Quiz Study Material PDF Geography Notes PDF History Notes PDF Rajasthan GK Notes PDF Hindi Grammar Notes PDF Sanskrit Grammar Notes PDF Psychology / Pedagogy Notes PDF Computer Notes PDF Daily Current Affairs PDF Monthly Current Affairs PDF Join Telegram Channel Join Our Official Social Platform Youtube Channel Facebook Page Telegram Channel Telegram Channel Instagram Page Rajasthan GK Daily Current Affairs, Exam Model Paper, GK, Gen. Science, Hindi, Computer, Math, Reasoning, REET, CTET, Patwar,Police, Gramsevak, Teacher Exams Videos, Latest Govt Jobs News Etc. Subscribe Our Youtube Channel Thanks For Subscribe Our Social Media Platform

हिंदी संधि अभ्यास प्रश्न [Hindi Sandhi] Objective Question Answer PDF

sandhi questions pdf,संधि अभ्यास प्रश्न,संधि क्विज with score,बहुविकल्पीय प्रश्न संधि: हिंदी संधि प्रश्न-पत्र (Hindi sandhi Question With Answer) – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु सामान्य हिंदी संधि संबंधी एवं परीक्षा में आये हुए हिंदी संधि (Hindi sandhi Question) प्रश्न-उत्तर इस प्रकार है- Q1. दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को कहते है We are not accountable for miscommunication or data misalignment. Please confirm the official website for updated information or related authority. The www.goldeneraeducation.com is not an official web site or any other web site of the government. All contact data given here is only intended for educational Purposes. Important Link • • • • • • Follow Us

Savarna Deergha Sandhi Sutram

Savarna Deergha Sandhi Sutram | सवर्ण दीर्घ संधि सूत्रम्- अर्थ, उदाहरण विद्यालय, भवनीश, अवनीश, रजनीश, भानूदय इत्यादि बहुत सारे शब्द हैं जिनमें सवर्ण दीर्घसंधि है, लेकिन क्या आपको पता है कि सवर्णदीर्घ संधि किस सूत्र से होती है? जी हाँ, आज हम आपको बताएंगे- Savarna Deergha Sandhi Sutram (सवर्ण दीर्घ संधि सूत्रम्) हिंदी व्याकरण हो चाहे कोई दूसरा व्याकरण। सबका आधार संस्कृत भाषा ही है। संस्कृत व्याकरण में सवर्ण दीर्घ संधि के लिए एक विशेष सूत्र है जो हिंदी में भी वैंसे ही घटित होता है जैंसे कि संस्कृत में। तो चलिए, जानते हैं- सवर्ण दीर्घ संधि सूत्र के बारें में- इसे भी दबाएँ- सवर्ण दीर्घ संधि सूत्रम्-Savarna Deergha Sandhi Sutram संस्कृत व्याकरण में सवर्ण दीर्घ संधि के लिए महर्षि पाणिनि ने एक सूत्र बनाया- अकः सवर्णे दीर्घः (सवर्ण दीर्घ संधि सूत्रम्) यही सवर्ण दीर्घ संधि सूत्र है। इसे भी दबाएँ- सवर्ण दीर्घ संधि सूत्र- अर्थ, परिभाषा, उदहारण-Savarna Deergha Sandhi Sutram- Arth • सूत्रम्- अकः सवर्णे दीर्घः • संस्कृत परिभाषा- अकः सवर्णेsचि परे दीर्घ एकादेशः स्यात्। • हिंदी अर्थ- अ,इ,उ,ऋ,लृ (अक् प्रत्याहार) के बाद यदि समान स्वर (अच्) आए तो दोनों के स्थान पर दीर्घ एकादेश हो जाता है। • उदाहरण- दैत्यारिः, श्रीशः, विष्णूदयः आदि। इसे भी दबाएँ- उदाहरण सहित स्पष्टीकरण-Savarna Deergha Sandhi Sutram सवर्ण दीर्घ संधि को सरलता से समझने के लिए यंहा एक उदाहरण को देखते हैं- संधिविच्छेद ➡ विद्या+ आलय संधि प्रकार ➡ सवर्ण दीर्घ संधि सवर्णदीर्घ संधि सूत्रम् ➡ अकः सवर्णे दीर्घः स्पष्टीकरण- सवर्ण दीर्घसंधि उदाहरण विद्यालय इस शब्द में सवर्ण दीर्घ संधि है। अकः सवर्णे दीर्घः- इस Savarna Deergha Sandhi Sutram...

संधि की परिभाषा, भेद, उदाहरण [Sandhi] PDF

संधि (Sandhi) का हिन्दी व्याकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, संधि के द्वारा ही वर्णों या ध्वनियों के मेल से होने वाले परिवर्तन की जानकारी ज्ञात होती है। जिन परीक्षाओं में हिन्दी विषय से प्रश्न पूछे जाते है उनमे संधि के प्रश्न अवश्य पूछे जाते इसलिए इसका परीक्षाओं की दृष्टि से महत्व और भी अधिक हो जाता है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में स्वर संधि तथा इसके भेद जैसे दीर्घ संधि, गुण संधि, यण संधि, वृद्धि संधि और व्यंजन संधि तथा विसर्ग संधि से अनेक प्रश्न पूछे जाते है। यहाँ हमने आपके लिए प्रत्येक संधि से समपूर्ण भेद एवं उनके नियमों की विस्तार पूर्वक व्याख्या की है जिससे आपको संधि के सभी भेदों को समझने तथा इन संधियों को बहुत सरलता से पहचान करने में आसानी होगी। संधि की परिभाषा (Sandhi) संधि का अर्थ है – ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार होता है, उसे संधि कहते है। उदाहरण • विद्या+आलय = विद्यालय • सत्+आनन्द = सदानन्द • सुर=इन्द्र = सुरेन्द्र संधि के भेद संधि तीन प्रकार की होती है, संधि के तीन भेद होते है। • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि स्वर संधि दो स्वरों के मेल से जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते है। स्वर संधि के भेद स्वर संधि पाँच प्रकार की होती है • दीर्घ स्वर संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण संधि • अयादि संधि दीर्घ स्वर संधि सवर्ण ह्रस्व या दीर्घ स्वरों के मिलने से उनके स्थान में सवर्ण दीर्घ हो जाता है। वर्णों का मेल चाहे ह्रस्व+ह्रस्व हो या ह्रस्व+दीर्घ हो, यदि सवर्ण है तो दीर्घ हो जाएगा। इसे दीर्घ संधि कहते है। उदाहरण • देव + आलय = देवालय • मत् + अनुसार = मतानुसार • देव + अर्चन = देवार्चन • कपि + ईश = कपीश • परम + अणु = परमाणु • सूर्य + अस्त ...

यण संधि (परिभाषा एवं उदाहरण)

विषय सूची • • • • • • यण संधि किसे कहते हैं? (Yan Sandhi Kise Kahate Hain) सुत्र:- ‘इको यणचि’ यण संधि की परिभाषा: इक् (इ, उ, ऋ, लृ) वर्ण के परे असमान यण संधि की पहचान संभवतः किसी शब्द में य, व, र, ल से पहले आधा यण संधि के उदाहरण (Yan Sandhi ke Udaharan) • अत्यधिक = अति + अधिक • प्रत्यक्ष = प्रति + अक्ष • प्रत्याघात = प्रति + आघात • अत्यंत = अति + अंत • यद्यपि = यदि + अपि • अत्यावश्यक = अति + आवश्यक • अत्युत्तम = अति + उत्तम • अत्यूष्म = अति + उष्म • अन्वय = अनु + आय • मध्वालय = मधु + आलय • गुर्वोदन = गुरु + ओदन • गुरवौदार्य = गुरु + औदार्य • अन्वित = अनु + इत • अन्वेषण = अनु + एषण • पित्रादेश = पितृ + आदेश • पर्यटन = परि + अटन • व्यंजन = वि + अंजन • अध्याय = अधि + आय • इत्यादि = इति + आदि • व्यवहार = वि + अवहार • व्यभिचार =वि + अभिचार • सख्यागमन =सखी + आगमन • अभ्यास =अभि + आस • स्वागत= सु + आगत • पित्रुपदेश = पितृ + उपदेश • मात्राज्ञा = मातृ + आज्ञा • मात्रिच्छा = मातृ + इच्छा • साध्वाचार = साधु + आचार • स्वभास = सु + आभास • देव्यागमन = देवी + आगमन • देव्यालय = देवी + आलय • सख्याग्म = सखी + आगम • उपर्युक्त = उपरि + उक्त • प्रत्युपकार= प्रति + उपकार • प्रत्युत्तर = प्रति + उत्तर • अभ्युदय = अभि + उदय • न्यून = नि + ऊन • अभ्यागत = अभि + आगत • देव्यर्पण = देवी + अर्पण • सख्यपराध = सखी + अपराध यह भी पढ़े: यण संधि की ट्रिक • इ/ई + असमान स्वर = य् • उ/ऊ + असमान स्वर = व् • ऋ + असमान स्वर = र् यण संधि के नियम नियम – 1 जब लघु (ह्रस्व) इ और दीर्घ ई के बाद कोई असमान स्वर आये तो इ, ई की जगह ‘य्’ हो जाता हैं। जैसे: • अति + अधिक = अत्यधिक • अधि + अक्ष = अध्यक्ष • अभि + अर्थी = अभ्यर्थी ...

Deergh Sandhi in Sanskrit

नियम 1 – अ/आ + आ/अ = आ अ + अ = आ अ + आ = आ आ + अ = आ आ + आ = आ अ/आ + आ/अ = आ के उदाहरण शिव + आलयः = शिवालयः विद्या + आलयः = विद्यालयः पुस्तक + आलयः = पुस्तकालयः हिम + आलयः = हिमालयः श्रद्धा + अस्ति = श्रद्धास्ति कमल + आकरः = कमलाकरः दैत्य + अरिः = दैत्यारिः शश + अङ्कः = शशाङ्क: गौर + अङ्गः = गौराङ्गः रत्न + आकरः = रत्नाकरः यथा + अर्थः = यथार्थः विद्या + अभ्यासः = विद्याभ्यासः विद्या + अर्थी = विद्यार्थी प्र + अर्थी = प्रार्थी परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी राम + अवतारः = रामावतारः सूर्य + अस्तः = सूर्यास्तः धर्म + आत्मा = धर्मात्मा परम + आत्मा = परमात्मा कदा + अपि = कदापि देह + अंतः = देहांतः सुख + अन्तः = सुखान्तः दीक्षा + अंतः = दीक्षांतः आत्मा + आनंदः = आत्मानंदः जन्म + अन्धः = जन्मान्धः श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु सभा + अध्यक्षः = सभाध्यक्षः पुरुष + अर्थः = पुरुषार्थः परम + अर्थः = परमार्थः पर + अधीनः = पराधीनः वेद + अन्तः = वेदान्तः सुषुप्त + अवस्था = सुषुप्तावस्था अभय + अरण्यः = अभयारण्यः श्रदा + आनन्दः = श्रद्धानन्दः महा + आशयः = महाशयः वार्ता + आलापः = वार्तालापः महा + अमात्यः = महामात्यः मूल्य + अंकनः = मूल्यांकनः मुक्त + अवली = मुक्तावली दीप + अवली = दीपावली प्रश्न + अवली = प्रश्नावली कृपा + आकांक्षी = कृपाकांक्षी विस्मय + आदि = विस्मयादि सत्य + आग्रहः = सत्याग्रहः प्राण + आयामः = प्राणायामः शुभ + आरंभः = शुभारंभः मरण + आसन्नः = मरणासन्नः शरण + आगतः = शरणागतः नील + आकाशः = नीलाकाशः सर्व + अंगीणः = सर्वांगीणः रेखा + अंकितः = रेखांकितः परा + अस्तः = परास्तः गीत + अंजलिः = गीतांजलिः प्रधान + अध्यापकः = प्रधानाध्यापकः विभाग + अध्यक्षः = विभागाध्यक्षः नियम 2 – इ/ई + ई/इ ...