गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित, भीतरी स्तंभ किस साम्राज्य के राजाओं की वंशावली निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण स्रोत है?

  1. गुप्त साम्राज्य
  2. [Solved] किस किले को मराठा साम्राज्य का पहला स्तंभ मान�
  3. उत्तर प्रदेश का विस्तृत इतिहास (Detailed History of Uttar Pradesh)
  4. [Solved] काशी उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध भारत�
  5. yugon ka daur class 8


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गुप्त साम्राज्य

चौथी शताब्दी में उत्तर भारत में एक नए राजवंश का उदय हुआ. इस वंश का नाम गुप्तवंश था. इस वंश ने लगभग 300 वर्ष तक शासन किया. इस वंश के शासनकाल में अनेक क्षेत्रों का विकास हुआ. इस वंश के संस्थापक श्रीगुप्त थे. गुप्त वंशावली में श्रीगुप्त, घटोत्कच, चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, रामगुप्त, चन्द्रगुप्त द्वितीय, स्कन्दगुप्त जैसे शासक हुए. इस वंश में तीन प्रमुख शासक थे – चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य). चलिए जानते हैं गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire/Period) के विषय में. प्रशस्ति और चरित गुप्तकाल में प्रशस्ति लेखन का विकास हुआ. प्रशस्ति लेख एक विशेष रूप का अभिलेख होता था, जिसमें राजा की प्रसंशा की जाती थी. इन प्रशस्तियों में राजा की उपलब्धियों के साथ-साथ उनकी महानता के विषय में भी लिखा जाता था. हरिसेन, वत्सभट्टि, वासुल आदि प्रमुख प्रशस्ति लेखक थे. इनकी प्रशस्तियाँ गुप्तकाल के इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोत हैं. इसी प्रकार बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित और रामपालचरित पाल शासक रामपाल के क्रियाकलापों का वर्णन करता है और तत्कालीन बंगाल की जानकारी देता है. चालुक्य राजा विक्रमादित्य पर विक्रमांकदेवचरित लिखा गया. गुप्तकालीन भारत चन्द्रगुप्त प्रथम कुषाणकाल में मगध की शक्ति और महत्ता समाप्त हो गई थी. चन्द्रगुप्त प्रथम ने इसको पुनः स्थापित किया. उसने साकेत (अयोध्या) और प्रयाग (इलाहाबाद) तक मगध का विस्तार किया. वह पाटलिपुत्र से शासन करता था. उसने लिच्छवी वंश की राजकुमारी से विवाह किया था. इस सम्बन्ध से मगध तथा लिच्छवियों के बीच सम्बन्ध अच्छे हुए और गुप्तवंश की प्रतिष्ठा बढ़ी. चन्द्रगुप्त ने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी. समुद्रगुप्त समुद्रगुप्त चन्द्रगुप्...

[Solved] किस किले को मराठा साम्राज्य का पहला स्तंभ मान�

सही उत्तर प्रचंडगढ़ है। Key Points • इसे तोराना किले के नाम से भी जाना जाताहै और यह पुणे जिले में स्थित है। • इसे मराठा साम्राज्य का पहला स्तंभ माना जाता है। • इस किले को शिवाजी ने अपने चाचा शंबाजी मोहिते से अपने कब्जे में ले लिया था। मराठा साम्राज्य • अंतिम राजा - प्रताप सिंह • समय अवधि - 1674-1818 • संस्थापक - शिवाजी • राजधानी - पुणे Important Points • सिंधुदुर्ग • सिंधुदुर्ग किला शिवाजी महाराज द्वारा महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में सिंधुदुर्ग जिले के मालवन शहर के तट पर बनाया गया था। • कर्टे द्वीप पर स्थित है, इसने मराठों के नौसेना मुख्यालय के रूप में कार्य किया। • राजगढ़ • यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित एक किला है। • इसे मुरुमदेव के नाम से भी जाना जाता था। • यह छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन में मराठा साम्राज्य की राजधानी के रूप में रहा था। • पन्हाला • पन्हाला किले को पन्हालगढ़ और पन्हाल्ला के नाम से भी जाना जाता है। • यह महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 20 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में पन्हाला में स्थित है।

उत्तर प्रदेश का विस्तृत इतिहास (Detailed History of Uttar Pradesh)

Table of Contents • • • • • • • • उत्तर प्रदेश का विस्तृत इतिहास (Detailed History of Uttar Pradesh) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का ज्ञात इतिहास (History) लगभग 4000 वर्ष पुराना है, जब आर्यों ने अपना पहला कदम इस जगह पर रखा। इस समय वैदिक सभ्यता की शुरूआत हुईं और उत्तर प्रदेश में इसका जन्म हुआ। आर्यों का फैलाव सिन्धु नदी और सतलज के मैदानी भागों से यमुना और गंगा के मैदानी क्षेत्र की ओर हुआ। आर्यों ने दोब (दो-आब, यमुना तथा गंगा का मैदानी भाग) और घाघरा नदी क्षेत्र को अपना घर बनाया। इन्हीं आर्यों के नाम पर भारत देश का नाम आर्यावर्त या भारतवर्ष (भारत आर्यों के एक प्रमुख राजा थे) पड़ा। समय के साथ आर्य भारत के दूरस्थ भागों में फैल गये। संसार के प्राचीनतम शहरों में एक माना जाने वाला वाराणसी शहर यहीं पर स्थित है। वाराणसी के पास स्थित सारनाथ का चौखन्डी स्तूप भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचन की याद दिलाता है। समय के साथ यह क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया या फिर बड़े साम्राज्यों, गुप्त, मौर्य तथा कुषाण का भाग बन गया। 7वीं शताब्दी में कन्नौज गुप्त साम्राज्य का मुख्य केन्द्र था। प्राचीन काल में यह राज्य मध्य देश के नाम से विख्यात था। उत्तर पश्चिम से आने वाले आक्रामकों के मार्ग में पड़ने तथा दिल्ली और पटना के बीच की उपजाऊ भूमि होने के कारण इसके इतिहास का उत्तर भारत के इतिहास से घनिष्ठ सम्बन्ध है। यह क्षेत्र पूर्व में प्रयाग तक फैला हुआ था। लगभग यही वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा है। हिन्दू कथा तथा किंवदन्ती साहित्य में जितने महान व्यक्ति और देवता वर्णित हैं, उन सभी की कर्मस्थली यहीं थी। रामायण तथा महाभारत भी यहीं के लोगों की कथा है। यहीं के आर्य सुसंस्कृत, व्यवहार कुशल और आदर्श माने गए। उत्...

[Solved] काशी उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध भारत�

सही उत्तर गंगा है। • काशी उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध भारतीय तीर्थस्थल है। यह गंगा के तट पर स्थित है। ​ • काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। • यह भारत में उत्तर प्रदेश के वाराणसी कीविश्वनाथ गली में स्थित है। • मंदिर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, या ज्योतिर्लिंगम, शिव मंदिरों में सबसे पवित्र है। Additional Information गंगा • गंगेया गंगा एशिया की एक ट्रांसबाउंड्री नदी है जो भारत और बांग्लादेश से होकर बहती है। • 2,525 किलोमीटर (1,569 मील) नदी भारतीय राज्य उत्तराखंड में पश्चिमी हिमालय से निकलतीहै और उत्तर भारत के गंगा के मैदान से होकर बांग्लादेश में दक्षिण और पूर्व में बहती है। • इसका उद्गम भागीरथी नदी के रूप में हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियरके हिम क्षेत्रों से होता है। • गंगा बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। • गंगा हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र नदी है। • यह उन लाखों भारतीयों के लिए एक जीवन रेखा है जो इसके पाठ्यक्रम में रहते हैं और अपनी दैनिक जरूरतों के लिए इस पर निर्भर हैं। • गंगे भारत की राष्ट्रीय नदी है और इसे 4 नवंबर 2008 को घोषित किया गया था। • गंगा नदी में पाया जाने वाला राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा डॉल्फिन। • गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ अलकनंदा, यमुना, कोसी, सोन, गोमती, दामोदर, घागरा हैं। • गंगा नदी के पांच संगम हैं: • विष्णुप्रयाग - धौलीगंगा अलकनंदा से मिलती है; • नंदप्रयाग - नंदाकिनी नदी मिलती है • कर्णप्रयाग - पिंडर नदी मिलती है • रुद्रप्रयाग - मंदाकिनी नदी मिलती है • देवप्रयाग- भागीरथी नदी और अलकनंदा नदी गंगा नदी बनाती है गोमती • गोमती गंगा की बायीं ओर की सहायक नदी है। • गो...

yugon ka daur class 8

उत्तर- भारतीय हास के समय समाज गुटो और जाति बधनों में बँट चुका था। हर आदमी का व्यवसाय पुश्तेनी रूप ले चुका था। भारतीयों के विचारों में, दर्शन, राजनीति युद्ध पद्धति सभी में गिरावट आ चुकी थी। भारतीय अखंडता के स्थान पर समाज, सामंतवाद और गिरोह बंदी की भावनाएँ बढ़ती गई। पूर्व समाज अपनी सभ्यता और संस्कृति की महत्ता खोता जा रहा था।