घड़ी को संस्कृत में क्या कहते हैं

  1. Hathi Ko Sanskrit Mein Kya Kahate Hain 🤔
  2. Sanskrit me samaya gyan / संस्कृत में समय ज्ञान / Time knowledge in sanskrit / Sanskrit me samaya lekhan / संस्कृत में समय लेखन
  3. संस्कृत शब्दकोश
  4. 📌संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में गिनती ❗❗ Counting in Sanskrit, Hindi and English
  5. संस्कृत में घड़ी को क्या कहते हैं?
  6. प्रातिपदिक किसे कहते हैं? संस्कृत व्याकरण में प्रातिपदिक संज्ञा
  7. संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ


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Hathi Ko Sanskrit Mein Kya Kahate Hain 🤔

Hathi Ko Sanskrit Mein Kya Kahate Hain 🤔| हाथी को संस्कृत में क्या कहते हैं हाथी 🐘 एक ऐंसा जानवर जिसके लिए संस्कृत में 4,000 से ज्यादा शब्द हैं। जी हां, एक रिसर्च के मुताबिक संस्कृत भाषा में हाथी के लिए 4,000 से ज्यादा शब्द हैं। संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन व सबसे विशाल शब्दकोश वाली भाषा है। इसे भी दबाएँ- प्रिय मित्राणि❤ आज हम आपको बताने वाले हैं- हाथी को संस्कृत में क्या कहते हैं (Hathi Ko Sanskrit Mein Kya Kahate Hain)जी हां, आज के इस लेख में हाथी को संस्कृत में क्या कहते हैं, हाथी के लिए संस्कृत में 4,000 शब्द, हाथी की सूंड संस्कृत, हाथी का पैर संस्कृत आदि हाथी की सारी जानकारी आपको संस्कृत में बताने जा रहे हैं। तो चलिए, हाथी की सवारी करिए 🐘💕- संस्कृत सीखते-सीखते। चल मेरे हाथी, टिक-टिक-टिक 😍 इसे भी दबाएँ- हाथी शब्द का परिचय (Elephant In Sanskrit) 🤔 हाथी किसे कहते हैं- यह शायद आप सभी को अवश्य पता होगा और यदि पता न हो तो किसी घनघोर जंगल में मिल जाएगा। 🏞 हाथी शब्द एक जानवर विशेष के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसकी बड़ी-बडी सूंडे होती हैं। बड़े बड़े दांत होते हैं। बड़ा भारी भरकम शरीर होता है। ऐंसे जानवर का नाम हाथी है। उसे ही हाथी शब्द से पुकारते हैं। आजकल यह हाथी शब्द मजाक में चिढाने के लिए बढे भारी मोटे लोगों को भी बोला जाता है। 😅 इसे भी दबाएँ- हाथी को संस्कृत में क्या कहते हैं 🤔 (Hathi Ko Sanskrit Mein Kya Kahate Hain) हाथी शब्द को सुनकर हाथी का चित्र मन में आ जाता है। 🐘 हाथी हिंदी भाषा में प्रयोग किया जाने वाला शब्द है लेकिन क्या आपको पता है कि हाथी को संस्कृत में क्या कहते हैं? Hathi Ko Sanskrit Mein Kya Kahate Hain क्या आप जानते हैं कि सिर्फ एक हाथी के लिए संस्कृत में...

Sanskrit me samaya gyan / संस्कृत में समय ज्ञान / Time knowledge in sanskrit / Sanskrit me samaya lekhan / संस्कृत में समय लेखन

संस्कृत में समय ज्ञान- प्रश्न पत्र में घड़ी में देखकर या अंको में लिखे समय को संस्कृत में शब्दों में लिखने के लिए आता है। अतः संस्कृत में समय ज्ञान की जानकारी अत्यंत आवश्यक है। समय ज्ञान के लिए सर्वप्रथम समय से सम्बन्धित शब्दावली को जान लेते हैं- समय से सम्बन्धित शब्दावली- घटिका- घड़ी समयः- समय वादनम्- बजे होरा- घंटा निमेषः- मिनट क्षणम्- सेकेंड सपाद- सवा सार्ध- साढे पादोन- पौने अधिकम्- अधिक न्यूनम् / ऊनम्- कम sanskrit samay gyan समय का प्रयोग- 1. पूर्णसमयः- पूरा समय 2. सपाद- सवा 3. सार्ध- साढे 4. पदोन- पौने 1. पूर्णसमय- 1:00- एकवादनम् 2:00- द्विवादनम् 3:00- त्रिवादनम् 4:00- चतुर्वादनम् 5:00- पंचवादनम् 6:00- षड्वादनम् 7:00- सप्तवानम् 8:00- अष्टवादनम् 9:00- नववादनम् 10:00- दशवादनम् 11:00- एकादशवादनम् 12:00- द्वादशवादनम् 2. सपाद- सवा- 1:15- सपाद एकवादनम् 2:15- सपाद द्विवादनम् 3:15- सपाद त्रिवादनम् 4:15- सपाद चतुर्वादनम् 5:15- सपाद पंचवादनम् 6:15- सपाद षड्वादनम् 7:15- सपाद सप्तवानम् 8:15- सपाद अष्टवादनम् 9:15- सपाद नववादनम् 10:15- सपाद दशवादनम् 11:15- सपाद एकादशवादनम् 12:15- सपाद द्वादशवादनम् 3. सार्ध- साढे- 1:30- सार्ध एकवादनम् 2:30- सार्ध द्विवादनम् 3:30- सार्ध त्रिवादनम् 4:30- सार्ध चतुर्वादनम् 5:30- सार्ध पंचवादनम् 6:00- सार्ध षड्वादनम् 7:30- सार्ध सप्तवानम् 8:30- सार्ध अष्टवादनम् 9:30- सार्ध नववादनम् 10:30- सार्ध दशवादनम् 11:30- सार्ध एकादशवादनम् 12:30- सार्ध द्वादशवादनम् 4. पादोन- पौने- 12:45- पादोन एकवादनम् 1:45- पादोन द्विवादनम् 2:45- पादोन त्रिवादनम् 3:45- पादोन चतुर्वादनम् 4:45- पादोन पंचवादनम् 5:45- पादोन षड्वादनम् 6:45- पादोन सप्तवानम् 7:45- पादोन अष्टवादनम् 8:45- पा...

संस्कृत शब्दकोश

अनुक्रम • 1 परिचय • 2 संस्कृत कोशों की टीकाएँ और उनका महत्त्व • 3 प्राचीन भारतीय कोशों एवं आधुनिक पाश्चात्य कोशों में अन्तर • 4 इन्हें भी देखें • 5 बाहरी कड़ियाँ परिचय [ ] • (१) जहाँ तक संस्कृत कोशों का संबंध है, शब्दप्रकृति के अनुसार उसके तीन प्रकारह कहे जा सकते हैं - • शब्दकोश, • लौकिक शब्दकोश, और • उभयात्मक शब्दकोश • (२) वैदिक निघंटुओं की शब्द-संग्रह-पद्धति क्या थी, इसका ठीक ठीक निर्धारण नहीं होता। पर उपलब्ध नाम, आख्यात, उपसर्ग और निपात चारों प्रकार के शब्दों का संग्रह रहा होगा। परंतु उनका संबंध मुख्य और विरल शब्दों से रहता था और कदाचित् • (३) • (४) नामतंत्रात्मक कोशों की भी दो विधाएँ होती थीं— एक समानार्थक शब्दसूचीकोश (जिसे आज • (५) 'अमरसिंह' के कोशग्रंथ में 'नामतंत्र' और 'लिंगतंत्र' दोनों का समन्वय होने के बाद जहाँ एक ओर कोश उभयनिर्देशक होने लगे वहाँ कुछ कोश 'अमरकोश' के अनुकरण पर ऐसे भी बने जिनमें समानार्थक पर्यायों और अनेकार्थक शब्दों —दोनों विधाओं की अवतारण एकत्र की गई। फिर भी कुछ कोश (अभिधान चिंतामणि और कल्पद्रु आदि) केवल पर्यायवाची भी बने, और कुछ कोश— विश्वप्रकाश, • (६) अमरकोश' की पद्धति पर कुछ कोशों में शब्दों का वर्गीकारण, स्वर्ग, द्योः, दिक्, काल आदि विषयसंबद्ध पदार्थों के आधार पर कांडों, वर्गों, अध्यायों आदि में हुआ और आगे चलकर कुछ में वर्णानुक्रम शब्दयोजना का भी आधार लिया गया। इनमें कभी सप्रमाण शब्दसंकलन भी हुआ। • (७) अनेकार्थकोशों में विशेष रूप से वर्णाक्रमानुसारी शब्दसंकलन-पद्धति स्वीकृत हुई। उसमें भी अंत्यक्षर (अर्थात् अतिम स्वरांत व्यंजन) के आधार पर शब्दसंकलन का क्रम अपनाया गया और थोड़े बहुत कोशों में आदिवर्णानुसारी शब्द-क्रम-योजना भी अपनाई गई। अत्यवर्णान...

📌संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में गिनती ❗❗ Counting in Sanskrit, Hindi and English

अंक संस्कृत हिंदी अंग्रेजी 1 प्रथमः एक One 2 द्वितीयः दो Two 3 तृतीयः, त्रीणि तीन Three 4 चतुर्थः चार Four 5 पंचमः पाँच Five 6 षष्टः छः Six 7 सप्तमः सात Seven 8 अष्टमः आठ Eight 9 नवमः नौ Nine 10 दशमः दस Ten 11 एकादशः ग्यारह Eleven 12 द्वादशः बारह Twelve 13 त्रयोदशः तेरह Thirteen 14 चतुर्दशः चौदह Fourteen 15 पंचदशः, पञ्चदश पन्द्रह Fifteen 16 षोड़शः सोलह Sixteen 17 सप्तदशः सत्रह Seventeen 18 अष्टादशः अठारह Eighteen 19 एकोनविंशतिः, ऊनविंशतिः उन्नीस Nineteen 20 विंशतिः बीस Twenty 21 एहेतुंशतिः इक्कीस Twenty One 22 द्वाविंशतिः बाइस Twenty Two 23 त्रयोविंशतिः तेइस Twenty Three 24 चतुर्विंशतिः चौबीस Twenty Four 25 पञ्चविंशतिः पच्चीस Twenty Five 26 षड्विंशतिः छब्बीस Twenty Six 27 सप्तविंशतिः सत्ताईस Twenty Seven 28 अष्टविंशतिः अट् ठाईस Twenty Eight 29 नवविंशतिः, एकोनत्रिंशत् उनतीस Twenty Nine 30 त्रिंशत् तीस Thirty 31 एकत्रिंशत् इकत्तीस Thirty One 32 द्वात्रिंशत् बत्तीस Thirty Two 33 त्रयस्त्रिंशत् तेतीस Thirty Three 34 चतुर्त्रिंशत् चौतीस Thirty Four 35 पञ्चत्रिंशत् पैंतीस Thirty Five 36 षट्त्रिंशत् छत्तीस Thirty Six 37 सप्तत्रिंशत् सैंतीस Thirty Seven 38 अष्टात्रिंशत् अड़तीस Thirty Eight 39 ऊनचत्वारिंशत्, एकोनचत्वारिंशत्, उनतालीस Thirty Nine 40 चत्वारिंशत् चालीस Forty 41 एकचत्वारिंशत् इकतालीस Forty One 42 द्वाचत्वारिंशत् बियालीस Forty Two 43 त्रिचत्वारिंशत् तेतालीस Forty Three 44 चतुश्चत्वारिंशत् चबालीस Forty Four 45 पंचचत्वारिंशत् पैंतालीस Forty Five 46 षट्चत्वारिंशत् छियालीस Forty Sic 47 सप्तचत्वारिंशत् सैंतालीस Forty Seven 48 अष्टचत्वारिंशत् अड़तालीस Forty Eight 49 एकोनपञ्चाशत्,...

संस्कृत में घड़ी को क्या कहते हैं?

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प्रातिपदिक किसे कहते हैं? संस्कृत व्याकरण में प्रातिपदिक संज्ञा

संस्कृत व्याकरण में प्रत्यय बहुत जगहों पर होते हैं। परन्तु इस प्रत्ययों का अधिकारी कौन है? किसे प्रत्यय लगते हैं? क्या हम किसी भी शब्द को संस्कृत का कोई भी प्रत्यय लगा सकते हैं? संस्कृत को छोडिए। क्या अंग्रेजी के जो कोई भी प्रत्यय (suffix) हैं, वे किसी भी शब्द से हो सकते हैं? – नहीं। इसीलिए कौन से प्रत्यय कहाँ हो सकते हैं? किस तरह के शब्द से कौन सा प्रत्यय हो सकता है यह विचार करना बहुत आवश्यक होता है। और इस बात में प्रातिपदिक संज्ञा बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रातिपदिक की संकल्पना हम प्रतिदिन अनेक वाक्य बोलते हैं। इन वाक्यों की मदद से हम किसी वस्तु (मूर्त या अमूर्त) के बारे में बाते करते हैं। वहीं तो प्रातिपदिक होते हैं। अर्थात् हम प्रातिपदिक के बारे में यह कह सकते हैं कि वाक्य में जिस मूर्त अथवा अमूर्त चीज के बारे में बात होती है वह प्रातिपदिक होता है। जैसे कि यह वाक्य देखिए – राम ने भोजन का विचार किया। इस वाक्य में तीन वस्तुओं के बारे में बात हैं – १. राम, २. भोजन, ३. विचार। ये तीनों प्रातिपदिक हैं। प्रातिपदिक संज्ञा का प्रयोजन विभक्तिप्रत्यय, तद्धितप्रत्यय और स्त्रीप्रत्यय उन ही शब्दों को लग सकते हैं जो प्रातिपदिक हैं। यानी इन प्रत्ययों का विधान केवल प्रातिपदिक शब्दों से हो सकता है। प्रातिपदिक संज्ञा हमे यह बताती है कि उपर्युक्त प्रत्ययों को किस शब्द को लगाना है और किस को नहीं। प्रातिपदिक से विभक्तिप्रत्यय प्रातिपदिकों को ही विभक्तिप्रत्यय लगते हैं और इन विभक्तिप्रत्ययों की मदद से हम पता चलता है कि प्रातिपदिकों की वाक्य में भूमिका क्या है। जैसे कि उपर्युक्त वाक्य में – • राम प्रातिपदिक को ने यह प्रथमा विभक्ति का प्रत्यय लगा है। इससे हम पता चला की यह वाक्य में कर्ता (subject...

संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ

जी हाँ, आज हम आप सभी के लिए लेकर आए हैं- विभिन्न संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ- संस्कृत शब्दकोश। ये सभी संस्कृत शब्द दैनिक उपयोगी हैं। अतः आप सभी इन संस्कृत शब्दों को अवश्य देखें। इस पृष्ठ में संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ स्थानवाचक संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ कालवाचक संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ सर्वनामवाचक संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ प्रश्नवाचक संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ संबन्धवाचक संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ इन्हें भी देखें / क्लिक करें 👇 • • संस्कृत में अनुवाद कैंसे करें? • Hindi To Sanskrit Translation • संस्कृत विभक्ति पहचानें • Online Sanskrit dictionary PDF संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ प्यारे मित्रों, यदि आप भी आसानी से संस्कृत बोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके लिए सबसे जरूरी है कि संस्कृत शब्द का हिन्दी अर्थ समझना। अपने संस्कृत शब्दकोशको बढाना। जी हाँ, यँहा दैनिक उपयोगी कुछ महत्वपूर्ण संस्कृत शब्द तथा उनका हिन्दी व अंग्रेजी अर्थ दिया गया है, जिससे आप भी आज से ही संस्कृत बोलना शुरु कर दें। प्रिय मित्राणि, आज हम आपको विभिन्न संस्कृत शब्दों का हिंदी अर्थ तो बताएँगे ही लेकिन संस्कृत शब्दकोश को जानने से पहले हम आपको संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ बताना चाहेंगे। वास्तव में संस्कृत- इस शब्द का क्या अर्थ होता है। सबसे पहले यही जानते हैं- संस्कृत अर्थात् शुद्ध, संस्कारित, परिमार्जित, परिनिष्ठित, व्यवस्थित, पवित्र, सात्विक आदि। संस्कृत को अंग्रेजी में Welldone, Pure, Devine आदि नामों से भी कह सकते हैं।‌ सामान्य रूप से संस्कृत शब्द नपुंसक लिंग में प्रयोग किया जाता है। संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ नीचे तालिका से भी देख सकते हैं- संस्कृत Meaning In Hindi - Matlab (Definition) संस्कृत शब्द का हिं...