Hanuman chalisa explained in hindi

  1. हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित
  2. हनुमान चालीसा का सही अर्थ. Hanuman chalisa meaning in hindi.
  3. Hanuman Chalisa Hindi Lyrics PDF Download
  4. Hanuman Chalisa With Meaning
  5. Hanuman Chalisa pdf Hindi श्री हनुमान चालीसा पाठ pdf


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हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित

श्रीहनुमानचालीसाअर्थसहित यहाँआपलालरंगमें श्रीहनुमानचालीसाहिंदीअर्थसहितपाठ (Hanuman Chalisa Arth Sahit/ Meaning in Hindi)करसकतेहैं।पाठमेंशुद्धताकाविशेषध्यानरखागयाहैएवंआपयहाँपाठकेसाथहीहनुमानचालीसाकाऑडियोभीचलासकतेहैं। हनुमानचालीसा, तुलसीदासजीद्वारा 40 चौपाइयोंकासंकलनहै।इसमेंहनुमानजीकेपराक्रमकीविशेषताएंबताईगईंहैं।हनुमानचालीसाकानियमितपाठपरमफलदायीसिद्धहोतीहै।वैसे, हनुमानचालीसाकापाठमंगलवारयाशनिवारकोअवश्यशुभहोताहै। दोहा श्रीगुरुचरणसरोजरज, निजमनमुकुरुसुधारि। बरनऊँरघुवरबिमलजसु, जोदायकफलचारि। श्रीगुरुमहाराजकेचरणकमलोंकीधूलिसेअपनेमनरुपीदर्पणकोपवित्रकरकेश्रीरघुवीरकेनिर्मलयशकावर्णनकरताहूँ,जोचारोंफलधर्म, अर्थ, कामऔरमोक्षकोदेनेवालाहे। ••• बुद्धिहीनतनुजानिके, सुमिरोपवनकुमार। बलबुद्धिविद्यादेहुमोहिं, हरहुकलेशविकार। हेपवनकुमार! मैंआपकोसुमिरनकरताहूँ।आपतोजानतेहीहैं,किमेराशरीरऔरबुद्धिनिर्बलहै।मुझेशारीरिकबल,सदबुद्धिएवंज्ञानदीजिएऔरमेरेदुःखोंवदोषोंकानाशकरदीजिए। ••• चौपाई जयहनुमानज्ञानगुणसागर,जयकपीसतिहुँलोकउजागर॥1॥ श्रीहनुमानजी!आपकीजयहो।आपकाज्ञानऔरगुणअथाहहै।हेकपीश्वर! आपकीजयहो!तीनोंलोकों,स्वर्गलोक,भूलोकऔरपाताललोकमेंआपकीकीर्तिहै। ••• रामदूतअतुलितबलधामा, अंजनीपुत्रपवनसुतनामा॥2॥ हेपवनसुतअंजनीनंदन!आपकेसमानदूसराबलवाननहीहै। ••• महावीरविक्रमबजरंगी, कुमतिनिवारसुमतिकेसंगी॥3॥ हेमहावीरबजरंगबली! आपविशेषपराक्रमवालेहै।आपखराबबुद्धिकोदूरकरतेहै,औरअच्छीबुद्धिवालोकेसाथी, सहायकहै। ••• कंचनबरनबिराजसुबेसा ,काननकुण्डलकुंचितकेसा॥4॥ आपसुनहलेरंग,सुन्दरवस्त्रों,कानोंमेंकुण्डलऔरघुंघरालेबालोंसेसुशोभितहैं। ••• हाथब्रजऔरध्वजाविराजे, काँधेमूँजजनेऊसाजै॥5॥ आपकेहाथमेबज्रऔरध्वजाहैऔरकन्धेपरमूंजकेजनेऊकीशोभाहै। ••• संकरसुवनकेसरीनंदन,तेजप...

हनुमान चालीसा का सही अर्थ. Hanuman chalisa meaning in hindi.

Hanuman chalisa meaning in hindi Hanuman chalisa का महत्व. आज का हमारा विषय है Hanuman chalisa meaning in hindi जिसमें हम जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि हमारे भारतवर्ष में जितनी पूजा श्री रामचंद्र की नहीं होती उससे ज्यादा श्री राम भक्त महावीर हनुमान की होती है. Hanuman chalisa एक ऐसा पाठ है जिसे पढ़ने से पापों से मुक्ति तो मिलती है साथ ही साथ जातक के ऊपर आने वाली कोई भी पीड़ा, आपत्ति या दुख स्वयं श्री हनुमान जी हर लेते हैं. हनुमान चालीसा पढ़ने के बहुत सारे चमत्कारी फायदे भी हैं। हर मनुष्य को अपने जीवन काल में हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुख दूर होते हैं, मनुष्य का भय दूर होता है, बल और बुद्धि मिलती है और साथी साथ आपके मन को असीम शांति भी मिलती है। तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं हनुमान चालीसा का पाठ और उसका अर्थ। यह भी पढ़े – हनुमान चालीसा का हिंदी अर्थ. Hanuman chalisa meaning in hindi. Hanuman chalisa meaning in hindi ॥ दोहा ॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ मैं श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूली से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुिीर के कीर्ति यश का वर्णन करता हूं, जो चारों फल अर्थात धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्रदान करने वाला है। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार । बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ॥ हे पवन कुमार , मैंआपको ध्यान करता हूं। आप जानते है की मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। कृपा कीजिये और आप मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान प्रदान कीजिये और मेरे दुखो व् दोषों का नाश कर दीजिये। ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥ ...

Hanuman Chalisa Hindi Lyrics PDF Download

Hanuman Chalisa Hindi Lyrics दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥ हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥ शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥ विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मनबसिया॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥ लाय सजीवन लखन जियाए श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥ रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावै अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥ तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥ जुग सहस्त्र जोजन पर भानू लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥ दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥ सब सुख लहैं तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥ आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥ भूत पिशाच निकट नहि आवै महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥ नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥ संकट ...

Hanuman Chalisa With Meaning

Table of Contents • • • • • • • • • Mark Favorite The following are the English and Hindi translations of Shri Hanuman Chalisa Lyrics. You can also read the श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स के अंग्रेजी और हिन्दी अनुवाद निम्न लिखित हैं। Shri Hanuman Chalisa Lyrics (English / Hindi) Hanuman Chalisa Meaning in Hindi Hanuman Chalisa Hindi mein arth sahit niche di gayi hai. Hanuman Chalisa written in Hindi ॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरन सरोज रज , निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनऊं रघुबर बिमल जसु , जो दायकु फल चारि ॥ भावार्थ – श्री गुरुदेव के चरण–कमलों की धूलि से अपने मनरूपी दर्पण को निर्मल करके मैं श्री रघुवर के उस सुन्दर यश का वर्णन करता हूँ जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को प्रदान करने वाला है। व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं– ‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है। बुद्धिहीन तनु जानिके , सुमिरौं पवन – कुमार । बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं , हरहु कलेस बिकार ॥ भावार्थ – हे पवनकुमार! मैं अपने को शरीर और बुद्धि से हीन जानकर आपका स्मरण (ध्यान) कर रहा हूँ। आप मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करके मेरे समस्त कष्टों और दोषों को दूर करने की कृपा कीजिये। व्याख्या – मैं अपने को देही न मानकर देह मान बैठा हूँ, इस कारण बुद्धिहीन हूँ और पाँचों प्रकार के क्लेश (अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश) तथा षड्विकारों (काम...

Hanuman Chalisa pdf Hindi श्री हनुमान चालीसा पाठ pdf

PDF Hanuman Chalisa: Download the Hanuman Chalisa here as a PDF – हनुमान चालीसा को डाउनलोड कीजिये : श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए फ्री Hanuman Chalisa Lyrics pdf उपलब्ध है| हनुमान चालीसा तुलसीदास द्वारा रचित “श्री रामचरित मानस” ग्रंथ का ही एक हिस्सा है| कवि तुलसीदास ने 16 वीं सदी में हनुमान चालीसा अवधी भाषा में लिखी थी| हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी ने संकट मोचन हनुमान के विराट स्वरूप और उनकी शक्तियों का वर्णन किया है| श्री हनुमान चालीसा का पाठ एक आरती के रूप में पढ़ा जाता है| हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुःख और विकार दूर होते हैं और बुरी शक्तियों का नाश होता है| तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा में 40 चौपाई और 2 दोहे हैं| राम भक्त हनुमान को भगवान शंकर का अवतार माना जाता है और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है और हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा जाता है| हनुमान चालीसा का पाठ डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें – Download PDF इस हनुमान चालीसा पीडीएफ को डॉउनलोड करके आप अपने मोबाइल या डेस्कटॉप में save कर सकते हैं| इससे आप जब चाहे हनुमान चालीसा पाठ पढ़ सकते हैं| हनुमान चालीसा हनुमान जी का मंगलकारी पाठ है जिसे हर मंगलवार को सभी लोगों को पढ़ना चाहिए| हनुमान चालीसा पाठ दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥ चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥1॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥2॥ महाबीर बिक्रम बजरङ्गी । कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥3॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥4॥ हाथ बज्र ...