हनुमान जी का चोला सामग्री

  1. Tuesday Hanuman Ji Chola Benefit Right Process Offer To Chola Bajrangbali
  2. Hanuman Ji के श्रृंगार में गलती से भी न करें इस चीज का उपयोग, फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान
  3. Hanuman Chola Vidhi
  4. मंगलवार को हनुमान जी को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर का चोला, जानें क्या है कारण
  5. हनुमान जयंती आज, जान लें मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, पूजन सामग्री, भोग और आरती
  6. हनुमान जयंती 2023: बजरंगबली को चोला चढ़ाते वक्त 5 चीजें होना ज़रूरी, पंडित जी से जानें सही विधि, बरसेगी कृपा
  7. Know Why Hanuman God Is Called Bajrangbali


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Tuesday Hanuman Ji Chola Benefit Right Process Offer To Chola Bajrangbali

Hanuman ji chola, Tuesday Puja: अधिकतर घरों में बजरंजबली की पूजा की जाती है. कहते हैं जो हनुमान जी की उपासना करता है बुरी शक्तियां उसके आसपास भी नहीं भटकती. हनुमान जी अपने सच्चे भक्तों की हर पीड़ा दूर कर देते हैं. मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है. शनि की महादशा से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा उत्तम मानी गई है. मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने से हर मनोकामना पूर्ण होती है साथ ही मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते है. हनुमान जी को चोला चढ़ाने के भी कुछ नियम है. आइए जानते हैं क्यों हनुमान जी को चोला अति प्रिय है और क्या है इसे चढ़ाने की विधि. हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि (How to offer chola to Hanuman ji) • हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना गया है. इस दिन स्नानादि से निवृत होकर लाल रंग के वस्त्र धारण करें. • हनुमान मंदिर या फिर घर में बजरंगबली की प्रतिमा पर गंगाजल से अभिषेक करें. अब एक साफ वस्त्र से प्रतिमा को पोछें. • सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर सबसे पहले हनुमान जी के चरणों में लगाएं और फिर प्रतिमा पर ऊपर से लेकर पैरों तक उन्हें चोला चढ़ाएं. • चोला चढ़ाने के बाद चांदी की वर्क, जनेऊ, साफ वस्त्र पहनाएं. अब 21 या 11 पीपल के पत्तों पर उसी सिंदूर से श्रीराम लिखकर हनुमान जी को पहना दें. • बजरंगबली के चने, गुड़, मिठाई, पान, सुपारी चढ़ाएं और फिर धूप, दीप लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. • आरती करें और हनुमान जी के चरणों से थोड़ा सा सिंदूर लेकर मस्तिष पर लगा लें. कहते हैं इससे तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही इस सिंदूर घर में मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. क्यों चढ़ाया जाता है हनुमान जी को चोला ...

Hanuman Ji के श्रृंगार में गलती से भी न करें इस चीज का उपयोग, फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान

नई दिल्‍ली: रामभक्‍त हनुमान के भक्‍त देश के हर कोने में मिलेंगे. मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) के लिए लोग व्रत रखते हैं, उनकी पूजा करते हैं. कई लोग उन्‍हें श्रृंगार भी चढ़ाते हैं. इसके अलावा ज्‍योतिष के मुताबिक मंगल (Mangal) ग्रह को मजबूत करने के लिए भी हनुमान जी की पूजा-आराधना या उनसे संबंधित उपाय करने की सलाह दी जाती है. इन उपायों में हनुमान जी को श्रृंगार चढ़ाना भी शामिल है, लेकिन इसमें की गई गलती फायदे की जगह नुकसान करा सकती है. जिन लोगों की राशि में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो या शनि ग्रह के कारण कष्‍ट हो रहा हो उन्‍हें हनुमान जी शनिवार के दिन चोला चढ़ाने (Chola Chadana) की सलाह दी जाती है. वहीं मंगल ग्रह कमजोर होने पर मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने से लाभ होता है. इस चोला चढ़ाने में उपयोग होने वाले सभी सामान को ही अमूमन हनुमान जी का श्रृंगार कहा जाता है. यह भी पढ़ें: ऐसे चढ़ाएं चोला मंदिर में हनुमान जी के सामने घी का दिया जलाकर उनका गंगा जल से अभिषेक करें. फिर साफ कपड़े से प्रतिमा को पोंछ लें. इसके बाद सिंदूर में घी या चमेली का तेल मिलाकर उन्‍हें इसका लेप करें. इसे ही चोला चढ़ाना कहते हैं. भगवान को सबसे पहले बाएं पैर में चोला चढ़ाएं, इसके बाद बाकी जगह लगाएं. कई लोग चोला चढ़ाने के बाद हनुमान जी को सोने या चांदी का वर्क चढ़ाने की सलाह देते हैं, लेकिन कभी भी हनुमान जी के श्रृंगार में चांदी के वर्क का उपयोग न करें क्‍योंकि यह सात्विक नहीं होता है. इससे जातक मुश्किल में आ सकता है. चोला चढ़ाने के बाद हनुमान जी को साफ वस्‍त्र और जनेऊ पहनाएं. उन्‍हें रेशम का एक लाल धागा अर्पित करके इसे अपने गले में धारण करने से भी बहुत लाभ होगा. आखिर में भगवान...

Hanuman Chola Vidhi

हनुमान जी को कलियुग के सबसे जीवंत देवता इसलिए कहा गया है क्योंकि वे अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त के सभी दुखों को हर लेते है | हनुमान जी की कृपा पाने के लिए भक्त को चाहिए कि वह पूर्ण निष्ठा और भक्तिभाव के साथ हनुमान जी सेवा में स्वयं को समर्पित कर दे | हनुमान जी की आराधना करने वाले भक्त यदि विद्यार्थी है तो ब्रम्चार्य का पालन करें, यदि भक्त शादीशुदा है तो अपनी पत्नी के प्रति पत्नीव्रता धर्म का पालन करें | यूँ तो भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा भाव से हनुमान जी की पूजा-आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है किन्तु कुछ उपाय ऐसे भी है जिनके प्रयोग से हनुमान जी अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त को फलीभूत करते है | हनुमान जी को चौला अर्पित करना भी इन विशेष उपायों में से एक है | Hanuman Chola Vidhi हनुमान जी को चौला चढ़ाने के पीछे कहानी : – एक बार हनुमान जी ने माँ सीता को सिर में सिंदूर लगाते देख पुछा, हे माँ आप अपने सिर में यह सिन्दूर क्यों लगा रही है | माँ सीता ने कहा यह सिन्दूर मैं प्रभु श्री राम की दीर्घायु के लिए लगाती हूँ | इससे वे प्रसन्न भी रहते है | तब हनुमान जी ने भी प्रभु श्री राम की दीर्घायु के लिए अपने पूरे शरीर को सिन्दूर से लेपन कर लिया | भगवान श्री राम ने हनुमान जी को ऐसे देख हनुमान जी से इसका कारण पूछा तो हनुमान जी ने कहा हे प्रभु मैंने यह सिन्दूर आपको प्रसन्न करने हेतु व आपकी दीर्घायु के लिए लगाया है | श्री राम ने हनुमान जी के इस भक्तिभाव को देख उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा आज से जो भी भक्त तुम्हें सिन्दूर चढ़ायेगा उसके सभी दुःख दूर होंगे | और तभी से हनुमान जी व प्रभु राम को प्रसन्न करने हेतु हनुमान जी को चौला चढ़ाया जाने लगा | 5 मंगलवार व शनिवार लगातार हनुमान जी को चौला च...

मंगलवार को हनुमान जी को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर का चोला, जानें क्या है कारण

Lord Hanuman Puja: हनुमान जी (Hanuman Ji) अपने भक्तों पर आने वाले तमाम तरह के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. उनकी पूजा पाठ में ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती. मंगलवार (Tuesday) को उनकी पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने से बजरंगबली खुश होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. वैसे तो हिन्दू धर्म में सिन्दूर का एक अलग ही महत्व है. एक ओर जहां शादीशुदा महिलाएं इसे अपनी मांग में लगाती हैं, वहीं पूजा-पाठ में भी सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है. अधिकतर देवी-देवताओं को सिन्दूर का तिलक लगाया जाता है. वहीं हनुमान जी को तो सिंदूर का चोला तक चढ़ाया जाता है लेकिन इसके पीछे का कारण कई लोग नहीं जानते हैं. आइए आपको बताते हैं क्यों मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है. इसका उल्लेख रामचरितमानस में है…. रामचरितमानस के अनुसार चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके जब श्रीराम, सीता और लक्ष्मण वापस अयोध्या आए, तो एक दिन हनुमान ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर लगाते देखा. उनके लिए ये कुछ अजब सी चीज थी तो उन्होंने माता सीता से सिन्दूर के बारे में पूछा. इस पर माता सीता ने कहा कि सिन्दूर लगाने से उन्हें श्रीराम का स्नेह प्राप्त होगा और उनकी आयु बढ़ेगी. साथ ही माता सीता ने हनुमान को बताया कि सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक है. अब हनुमान तो ठहरे राम भक्त तो उन्होंने अपने पूरे शरीर को सिन्दूर से रंग लिया. हनुमान जी ने सोचा कि यदि वे सिर्फ मांग नहीं बल्कि पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लेंगे, तो उन्हें भगवान राम का खूब प्रेम प्राप्त होगा और उनके स्वामी कि उम्र भी लम्बी होगी. इसे भी प...

हनुमान जयंती आज, जान लें मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, पूजन सामग्री, भोग और आरती

Astrology: इन राशियों का शुरू होने जा रहा है गोल्डन टाइम, हाथ लगेगा कुबेर का खजाना! © News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "हनुमान जयंती आज, जान लें मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, पूजन सामग्री, भोग और आरती" Hanuman Jayanti 2023: आज 06 अप्रैल गुरुवार को रामभक्त हनुमान जी का जन्मदिन है, जो हनुमान जयंती के नाम प्रसिद्ध है. चैत्र पूर्णिमा तिथि को हर साल हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा तिथि को मंगलवार को प्रात:काल में हुआ था. हनुमान जी आसानी से प्रसन्न होने वाले देव हैं, जिनकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, कार्य सफल होते हैं. रोग, दोष, भय, संकट सब पल भर में दूर हो जाते हैं. उनके नाम मात्र के स्मरण से नकारात्मक शक्तियां दूर भाग जाती हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं हनुमान जयंती का मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, पूजन सामग्री आदि. हनुमान जयंती मुहूर्त 2023 चैत्र पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 5 अप्रैल, बुधवार, सुबह 09:19 बजे से चैत्र पूर्णिमा तिथि का समापन: 6 अप्रेल, गुरुवार, सुबह 10:04 बजे पर हनुमान जयंती सुबह का पूजा मुहूर्त: 06:06 बजे से 07:40 बजे तक, शुभ उत्तम मुहूर्त है. दोपहर लाभ उन्नति मुहूर्त: 12:24 बजे से 01:58 बजे तक हनुमान जयंती शाम का पूजा मुहूर्त: 05:07 बजे से रात 08:07 बजे तक. शाम में शुभ उत्तम मुहूर्त: 05:07 बजे से 06:42 बजे तक शाम में अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त: 06:42 बजे से रात 08:07 बजे तक हनुमान जयंती का अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक यह भी पढ़ें: हनुमान जी को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर और मीठी बूंदी? रोचक हैं इसकी वजहें, मिलेंगे आपको गजब के 3 लाभ हनुमान जयंती पूजन स...

हनुमान जयंती 2023: बजरंगबली को चोला चढ़ाते वक्त 5 चीजें होना ज़रूरी, पंडित जी से जानें सही विधि, बरसेगी कृपा

हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए विधि-विधान का पालन करें. हनुमान जी के प्रसन्न होने पर भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं. Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जयंती 06 अप्रैल को देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दिन पवनपुत्र की पूजा विधि-विधान से की जाती है और संकटों को हरने वाले रामभक्त हनुमान जी को सिंदूर का चोला भी चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि चोला चढ़ाने से पवनपुत्र अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न होते हैं. हनुमान जयंती के दिन तो चोला चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है. हनुमान जी को चोला विधि-विधानपूर्वक चढ़ाना अनिवार्य होता है. बजरंगबली को चोला चढ़ाने के लिए 5 चीजें अनिवार्य होती है. इनके बिना चोला चढ़ाने का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है. आप भी अगर हनुमान जयंती पर हनुमान जी को खुद चोला चढ़ा रहे हैं या फिर किसी पुजारी के जरिये चोला चढ़वा रहे हैं तो चोला सामग्री में 5 चीजों को जरूर रखें. इंदौर के पंडित नवीन उपाध्याय के मुताबिक हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए एक निश्चित विधि का पालन करना अनिवार्य है. इसके साथ ही चोला चढ़ाने के पहले संकल्प लेना भी जरूरी है. आइए जानते हैं चोला चढ़ाने की विधि के बारे में.. इसे भी पढ़ें: चोला चढ़ाने के लिए 5 चीजें हैं अनिवार्य हनुमान जयंती के विशेष अवसर पर बजरंगबली के भक्त अपने इष्ट को चोला भी चढ़ाते हैं. कई लोग मंदिरों में चोला चढ़ाने के लिए सामग्री का भी दान करते हैं. आप भी अगर चोला चढ़ाने जा रहे हैं तो इसके लिए 5 चीजें होना अनिवार्य हैं. इन चीजों में सिंदूर, इत्र, चमेली का तेल, लाल कपड़े की लंगोट और जनेऊ बेहद आवश्यक है. नियम पूर्क चोला चढ़ाने पर हनुमान जी अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों के जीवन के सारे संकटों को दूर कर दें. हनुमान जी को ...

Know Why Hanuman God Is Called Bajrangbali

हनुमान जी को क्यों कहा जाता है बजरंगबली, पढ़िए इनसे जुड़ी यह पौराणिक कथा मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान जी को समर्पित होता है. मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है. महाबली हनुमान जी को कई नामों से पुकारा और पूजा जाता है. आज हम आपको बताएंगे हनुमान जी को बजरंगबली बोलने की पीछे का रहस्य. नई दिल्ली: भगवान श्री राम (Lord Ram) के परम भक्‍त हनुमान जी (Hanuman Ji) को बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करने वाले देवता माना जाता हैं. मंगलवार (Tuesday) का दिन पवनपुत्र हनुमान (Lord Hanuman) जी को समर्पित होता है. कहते हैं भगवान हनुमान बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं. मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-उपासना की जाती है और उन्हें चोला चढ़ाया जाता है. मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करना शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी बेहद बलशाली हैं उनका शरीर बज्र के समान है, इसलिए उन्हें बजरंगबली कहा जाता है. हनुमान जी को इसलिए कहते हैं बजरंगबली कपि रूप हनुमानजी को कोई संकटनाशक के रूप में पूजता है तो कोई काज संवारने के लिए याद करता है. भगवान श्री राम के प्रिय और रूद्र अवतार हनुमान के पराक्रम का शास्त्रों में भी खूब उल्लेख है. रामायण के अनुसार, हनुमान जी का एक नाम बजरंगबली भी है, यह नाम उनके पिता केसरी जी ने रखा था. हनुमानजी के अनेक नाम प्रचलित हैं, जिनमें बजरंगबली के रूप में वे सबसे ज्यादा विख्यात हैं. वे पवनपुत्र के रूप में भी जाने जाते हैं. वहीं, हनुमान जी को संकटमोचक भी कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी बेहद बलशाली हैं उनका शरीर बज्र के समान ह...