ईद क्यों मनाया जाता है

  1. Ramazan Eid 2021: ईद की खुशियां हजार! जानें क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार!
  2. ईद क्यों मनाई जाती है? (Eid ki history) पूरी जानकारी
  3. ईद कब है तथा ईद क्यो मनाया जाता है।
  4. Eid al
  5. Eid Celebration 2023: ईद
  6. ईद क्यों मानते है ,ईद का त्यौहार कैसे मनाया जाता है eid festival 2023


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Ramazan Eid 2021: ईद की खुशियां हजार! जानें क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार!

Ramazan Eid 2021: ईद की खुशियां हजार! जानें क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार! ‘ईद मुबारक!’ इस त्यौहार को अमूमन लोग क्या समझते हैं? पब्लिक हॉली डे!, अच्छे रेस्टोरेंट में लजीज खाना!, भरपूर मनोरंजन वाली फिल्में देखना, मेला घूमना और घर पर बिरयानी के साथ सेवइयों का जायका लेना, लोगों को ईद मुबारक कहना! ज्यादातर लोग ईद को इसी रूप में देखते-जानते और मानते हैं. देखो फिर से ईद का त्योहार आया है ‘ईद मुबारक!’ इस त्यौहार को अमूमन लोग क्या समझते हैं? पब्लिक हॉली डे!, अच्छे रेस्टोरेंट में लजीज खाना!, भरपूर मनोरंजन वाली फिल्में देखना, मेला घूमना और घर पर बिरयानी के साथ सेवइयों का जायका लेना, लोगों को ईद मुबारक कहना! ज्यादातर लोग ईद को इसी रूप में देखते-जानते और मानते हैं. लेकिन ईद मनाते क्यों हैं? आखिर क्या और क्यों है इस त्यौहार का महत्व? आज हम इसके पीछे की कहानी पर हम बात करेंगे... क्यों रखे जाते हैं रोजे! ईद और उसके पहले के रमजान के पूरे महीने को इस्लाम धर्म में बहुत पाक माना जाता है. दरअसल इस्लामिक कैलेंडर में नवां महीना रमजान को समर्पित किया गया है. रमजान माह के संदर्भ में मान्यता है कि करीब 1400 साल पहले सन् 610 (AD) में लैलत-अल-कद्र जिसे ‘नाइट ऑफ पॉवर’ (Night Of Power) भी कहा जाता है, इसी दिन अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद को पवित्र कुरान का ज्ञान दिया था, इसीलिए पवित्र रमजान के पूरे महीने रोजे रखे जाते हैं. क्या है रोजे का मूल भाव रोजे यानी सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जल उपवास रखना. मस्जिद द्वारा प्रातःकाल निर्धारित समय पर सहरी खाने के बाद नमाज पढ़ी जाती है और रोजा शुरू हो जाता है. सांयकाल यानी सूर्यास्त के बाद समूह में बैठकर इफ्तार किया जाता है, इसके साथ ही रोजा खुल जाता है. रोजे क...

ईद क्यों मनाई जाती है? (Eid ki history) पूरी जानकारी

दोस्तो मुस्लिम धर्म में आपने ईद festival के बारे में तो सुना ही होगा। और अगर आप ईद मनाते हो तो भी आपको ये जनना जरूरी हैं की ईद क्यों मनाई जाती हैं? और कैसे मनाते हैं। इस पेज पर आपको बकरा ईद का पूरा इतिहास बताया जाएगा कि आखिर पहले बकरा ईद कब मनाई गई थी और इसको कैसे मनाया जाता है इसकी पूरी जानकारी इसी पेज पर मिलेगी। ईद क्या होती है? ईद एक मुस्लिम त्यौहार है इसको साल भर में 2 बार मनाया जाता है। Eid आपसी भाईचारे का त्यौहार है और बुरी सोच और भावनाओं को दूर रखकर यह त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन ईद के दिन मुस्लिम लोग निर्दोष जानवरों की कुर्बानी देते हैं मतलब उन को मारते हैं और खुशी खुशी से उस जानवर के गोश्त को एक दूसरे में बांटते हैं, और खाते हैं। और साथ में कुछ मिठाई और उपहार भी एक दूसरे में साझा करते हैं कुछ इस तरीके का त्यौहार ही मुस्लिमों के लिए ईद होता है। मुस्लिम धर्म में दुनिया भर के लोग रमज़ान (Ramadan) महीने को मनाते हैं। रमजान महीने में रोजे रखने होते हैं और यह रोजे 30 दिन तक चलते हैं रोजे खत्म होते ही अपने अल्लाह को 30 दिन तक रोजे रखने की हिम्मत देने खुशी में ईद मनाते हैं और ईद साल में दो बार मनाई जाती है एक रमजान महीने के खत्म होते ही और दूसरी रमजान महीना खत्म होने के लगभग 70 दिन बाद में। ईद कितने तरह की होती है? How many types of Eid are there in hindi?– ईद (eid) दो प्रकार की होते हैं, इन दोनों को साल में अलग-अलग बार मनाया जाता है इस तरीके से साल में दो बार ईद आती है। और इन दोनों ईद को पूरी दुनिया भर के मुस्लिम लोग (Muslim peoples) मनाते हैं। Eid kitni hoti hain? Kitne parkar ki muslim eid aati hain? • ईद उल-फ़ित्र / عید الفطر (Eid al-Fitr) • ईद उल-अज़हा / عید الاضحی ...

ईद कब है तथा ईद क्यो मनाया जाता है।

• • • • • • • • • • • ईद 2022 कब है- दोस्तो आज यानि 3 मई 2022 को पूरे भारत मे ईद का पर्व मनाया जायेगा। ईल-उल-फितर को मीठी ईद के रूप मे भी जाना जाता है। हिजरी कैलेंडर के अनुसार दशवे महीने यानि शव्वाल के पहले दिन ये त्योहार दुनिया भर मे मनाया जाता है। इस्लामी कैलेंडर मे यह महीना चाँद देखने के साथ शुरू होता है। जब तक चाँद न दिखाई दे तब तक रमजान का महीना खत्म नही माना जाता है। इस तरह रमजान के आखिरी दिन चाँद दिख जाने पर अगले दिन ईद मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हजरत मुहम्मद मक्का शहर से मदीना के लिये निकले थे। ईद क्यो मनाया जाता है- दोस्तो मुस्लिम ग्रन्थो के अनुसार ईद खुशी और जीत मे मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बद्र के युद्ध मे जब पैगम्बर मोहम्मद साहब को सफलता मिली थी तब लोगो ने पहली बार खुशी मे ईल-उल-फितर का पर्व मनाया था। तब से लेकर हर मुस्लिम इस त्योहार को मनाते है तथा एक दूसरे के गले मिलते है। इस दिन लोग अपने घरो मे तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते है और साथ ही मीठी खीर भी बनाते है और दूसरो को खिलाते है। मोहम्मद साहब ने कुरान मे दो पवित्र दिनो मे ईद-उल-फितर निर्धारित किया इसी कारण साल मे दो बार ईद का त्योहार मनाया जाता है। पहली ईल-उल-फितर को मीठी ईद के नाम से जाना जाता है तथा दूसरी ईद-उल-अजहा को बकरीद के नाम से जाना जाता है। ईल-उल-फितर का महत्व- दोस्तो मुस्लिम समुदाय के लिये ईद का पर्व काफी खास होता है।इस्लामी कैलेंडर के अनुसार रमजान 9वाँ महीना होता है जिसमे रोजा रखा जाता है। वही दशवे महीने मे शव्वाल होता है। दोस्तो शव्वाल का अर्थ होता है उपवास तोडने का पर्व। ईद-उल-फितर का इतिहास- इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार जंग-ए-बद्र के बाद ईल-उल-फितर की शुरूआत हुई थी। ऐसा...

Eid al

Eid al-Adha 2023 Date in India: ईद उल अजहा (Eid al-Adha) को 'बलिदान का पर्व' भी कहा जाता है, जिसे दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है. इस्लाम में मनाए जाने वाले दो प्रमुख उत्सवों में यह दूसरा महत्वपूर्ण पर्व है, जो सऊदी अरब में मक्का के पास मीना में हज (तीर्थयात्रा) संस्कारों की समाप्ति का प्रतीक है. ईद उल अजहा (Eid al-Adha) को बकरीद (Bakrid), बकरा ईद (Bakra Eid) और ईद उल जुहा (Eid al-Juha) के नाम से भी जाना जाता है. मुस्लिम समुदाय के लोग इस पर्व को तीन से चार दिनों तक मनाते हं. रमजान ईद (Ramzan Eid) यानी मीठी ईद (Meethi Eid) मनाए जाने के करीब 2 महीने बाद कुर्बानी का पर्व बकरीद आता है. इस दिन सुबह के वक्त नमाज अदा करने के बाद लोग अल्लाह के नाम पर बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा निभाते हैं. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के बारहवें महीने जु-अल-हज्जा (Dhu al-Hijjah) के दसवें दिन बकरीद का त्योहार मनाया जाता है और करीब 4 दिनों तक इसका जश्न मनाया जाता है, जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल बकरीद की तारीखें बदलती रहती हैं. साल 2023 में ईद उल अजहा 29 जून की शाम से शुरु होकर 30 जून की शाम तक समाप्त होने की उम्मीद है. हालांकि चांद दिखने के आधार पर इस्लामी छुट्टियों की सटीक तिथियों थोड़ी भिन्न हो सकती हैं. आइए जानते हैं कुर्बानी के पर्व बकरीद का महत्व. ईद उल अजहा 2023 की तिथि ईद उल अजहा 2023 को 29 जून और 30 जून को चंद्रमा के देखे जाने के आधार पर चिह्नित किया जाएगा. ईद उल अजहा का महत्व कुर्बानी के पर्व बकरीद से जुड़ी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, इस्लाम धर्म में कुर्बानी की परंपरा पैगंबर हजरत इब्राहिम से हुई. ऐसी मान्यता है कि अल्लाह से काफी मिन्नतों के बाद उन्हें एक संत...

Eid Celebration 2023: ईद

रमजान के अंत को ईद-उल-फितर (मीठी ईद) के रूप में मनाया जाता है। फितर का मतलब तोड़ना है; और यह उपवास की अवधि के साथ-साथ सभी बुरी आदतों का अंत करता है। यह एक महीने के उपवास के बाद आध्यात्मिक समृद्धि प्राप्त करने पर खुशी का प्रतीक है। ईद उल फितर को दुनिया भर के कई मुस्लिम देशों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है, रमजान का पवित्र महीना जो ईद उल फितर त्योहार में समाप्त होता है, सभी मुस्लिमों को उपवास (रोजा), नमाज और दावत करने के लिए एक साथ लाता है। यह आध्यात्मिक शांति और भाईचारे का प्रतीक है। ईद उल फितर 21 अप्रैल 2023, शुक्रवार की शाम से शुरू होकर, 22 अप्रैल 2023, शनिवार को खत्म होगा। 14.1 अन्य संबंधित पोस्ट: क्या है ईद उल फितर का इतिहास? एक महीने की प्रार्थना समर्पण और आत्म-संयम के बाद मुसलमान उपवास तोड़ने के त्योहार ईद उल फितर की शुरुआत के साथ अपनी पवित्र जिम्मेदारियों को पूरा करने का जश्न मनाते हैं। इस त्योहार को कई मुस्लिम देशों में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है । ईद उल फितर उत्सव आमतौर पर ईद उल अधा की तुलना में एक दिन छोटा होता है।परिणामस्वरूप ईद उल फितर को छोटी ईद के रूप में भी जाना जाता है। इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक ज़कात है जो ज़रूरतमंदों की मदद करती है।ईद-उल-फितर के लिए मुसलमान अक्सर चैरिटी के लिए पैसे दान करते हैं ताकि कम भाग्यशाली परिवार भी उत्सव का आनंद ले सकें। दान के‌ अलावा मुसलमानों को ईद-उल-फितर के दौरान दान करने और क्षमा मांगने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और अगले वर्ष रमजान के दौरान फिर से अवसर की प्रतीक्षा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ईद उल फितर की उत्पत्ति क्या है? ईद उल फितर का इतिहास क्या है और क्या एक ही सिक्के के दो...

ईद क्यों मानते है ,ईद का त्यौहार कैसे मनाया जाता है eid festival 2023

ईद उल फितर मुस्लिम धर्म के महीने रमज़ान के अंत में मनाया जाता है। रमज़ान एक महीने का त्योहार होता है जब मुसलमान दिन में रोज़ा रखते हैं, जिसका अर्थ है कि वे दिन में कुछ नहीं खाते और नहीं पीते हैं। रमज़ान के बाद ईद उल फितर मनाया जाता है, जो उनके रोज़ों के पूरे करने के बाद खुशी का एक मौका प्रदान करता है। ईद उल अजहा या बकरी ईद मुस्लिम धर्म में एक और महत्वपूर्ण त्योहार है जो ईद उल फितर के कुछ हफ्ते बाद मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, मुसलमान बकरे या अन्य जानवरों का क़ुर्बानी देते हैं जो उनकी नज़र में ईश्वर के लिए अर्पित किया जाता है। इस त्योहार का अर्थ होता है "बलि देने की ईद" या "बलि का त्योहार"। ईद उल फितर और ईद उल अजहा के द ईद के दिन सबसे पहले मुसलमान लोग अलग-अलग नमाज़घरों में नमाज़ पढ़ते हैं। इस नमाज़ को ईद नमाज़ कहा जाता है। नमाज़ के बाद मुसलमान लोग एक दूसरे को "ईद मुबारक" या "आपको ईद की बधाई" कहते हैं और गले मिलते हैं। ईद के दिन मुसलमान लोग खुशी के साथ अपने घरों में खाने की तैयारियाँ करते हैं। वे अपने दोस्तों और परिवार के साथ मीठे पकवान खाते हैं, जैसे कि सफ़ेद बर्फ़ी, सेवइयां और शाही तुकड़ा आदि। इसके अलावा, दानदारी भी ईद के दिन की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। मुसलमान लोग दानदारी करते हैं, जिसमें वे गरीब लोगों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यकताओं की वस्तुओं का दान देते हैं। इससे गरीब लोगों के लिए भेट देते है • भारत • पाकिस्तान • बांग्लादेश • इंडोनेशिया • मलेशिया • तुर्की • ईरान • सऊदी अरब • अफगानिस्तान • इराक • मिस्र • यमन • जोर्डन • सूडान • तुनिशिया • मोरक्को • अल्जीरिया • तजाकिस्तान • उजबेकिस्तान • कजाखस्तान • ख़ीरगिज़स्तान • तुर्कमेनिस्तान • आज़रबाइजान • कुवैत • बहरीन • उ...

ईद

Eid al-Fitr in Hindi- ईद मुसलमानों सबसे बड़ा त्योहार है। यह त्यौहार रमजान महीने का 30 रोजा पूरा करने के बाद चांद देखकर मनाई जाती है। इसे लोग ईद-उल-फित्र भी कहते हैं। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इसलामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। यह त्यौहार मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। ईद-उल-फ़ितर की जानकारी – Eid al-Fitr Information in Hindi ‘ईद-उल-फ़ित्‌र’ दरअसल दो शब्द हैं। ‘ईद’ और ‘फ़ित्‌र’। असल में ‘ईद’ के साथ ‘फ़ित्‌र’ को जोड़े जाने का एक ख़ास मक़सद है। वह मक़सद है रमज़ान में ज़रूरी की गई रुकावटों को ख़त्म करने का ऐलान। साथ ही छोटे-बड़े, अमीर-ग़रीब सबकी ईद हो जाना। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं। ईद पूरी दुनिया में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है, क्योंकि पूरी दुनिया में मुस्लिमों की आबादी काफी ज़्यादा है। हमारे देश में भी ईद पर बाज़ारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त, नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। रमजान महीने में फितरा निकाला जाता हैं। मतलब इस्लाम को मानने वाले का फर्ज होता है कि अपनी हैसियत के हिसाब से इस दिन जरूरतमंदों को दान दें। इस दान को इस्लाम में जकात और फितरा भी कहा जाता है। ईद पर मीठे पकवान खासतौर पर सेंवई बनती है। इसलिए इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। लोग परिवार संग इसे खाते हैं। मेहमानों को खिलाते हैं। ईदी बांटी जाती है। गले मिलकर सभी एक-दूसरी को ईद की मुबारकबाद देते हैं। लोग नए कपडे में ईद को सेलिब्रेट करते हैं...