लोथल कहां स्थित है

  1. [Solved] 'लोथल ’निम्नलिखित में से किस नदी के पास स्थ�
  2. लोथल की प्रसिद्धि के क्या कारण है?
  3. लोथल कहां पर है
  4. बादामी की गुफा कहां स्थित है
  5. लोथल कहाँ स्थित है
  6. लोथल
  7. लोथल कहाँ स्थित है
  8. कालीबंगा
  9. [Solved] लोथल नामक हड़प्पाई स्थल कहाँ स्थित है?


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[Solved] 'लोथल ’निम्नलिखित में से किस नदी के पास स्थ�

सही उत्तर है भोगवा। Key Points • लोथल भारत में एक प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता स्थल था। • यह गुजरात में स्थित था । • 'लोथल' भोगवा नदी के पास स्थित है। • लोथल की खोज 1954 में हुई थी। • इसकी खुदाई एस.आर.राव ने की थी। • लोथल एक निचला शहर और डॉकयार्ड है। • लोथल से चावल के साक्ष्य मिले हैं। • प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता स्थल रोपड़ सतलज नदी के पास स्थित है। • प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता स्थल कालीबंगन घग्गर नदी के पास स्थित है। • प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता स्थल हड़प्पा रावी नदी के पास स्थित है।

लोथल की प्रसिद्धि के क्या कारण है?

विषयसूची Show • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 1 लोथल गोदी क्या है? • 2 जहां लोथल स्थित है क्यों लोथल प्रसिद्ध था? • 3 प्र 1 लोथल नगर क्यों प्रसिद्ध था? • 4 लोथल की प्रसिद्धि का क्या कारण है? • 5 हड़प्पा सभ्यता कौन सी नदी पर है? • 6 सिंधु सभ्यता का बंदरगाह कौन सा था? लोथल गोदी क्या है? इसे सुनेंरोकेंलोथल गोदी जो कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी है, सिंध में स्थित हड़प्पा के शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच बहने वाली साबरमती नदी की प्राचीन धारा के द्वारा शहर से जुड़ी थी, जो इन स्थानों के मध्य एक व्यापार मार्ग था। उस समय इसके आसपास का कच्छ का मरुस्थल, अरब सागर का एक हिस्सा था। मोहनजोदड़ो की खुदाई में क्या मिला? इसे सुनेंरोकेंइनमें गेहूँ, ताँबे और काँसे के बर्तन, मुहरें, वाद्य यंत्र, चाक पर बने बड़े-बड़े मिट्टी के मटके, ताँबे का शीशा, दो पाटों वाली चक्की, माप-तोल के पत्थर, चौपड़ की गोटियाँ, मिट्टी के कंगन, रंग-बिरंगे मनके आदि प्रमुख हैं। जहां लोथल स्थित है क्यों लोथल प्रसिद्ध था? इसे सुनेंरोकेंलोथल (गुजराती: લોથલ), प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लोथल गोदी जो कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी है, सिंध में स्थित हड़प्पा के शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच बहने वाली साबरमती नदी की प्राचीन धारा के द्वारा शहर से जुड़ी थी, जो इन स्थानों के मध्य एक व्यापार मार्ग था। रंगपुर कहाँ स्थित है? इसे सुनेंरोकेंरंगपुर गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप में सुकभादर नदी के समीप स्थित है। इस स्थल की खुदाई वर्ष 1953-1954 में ए. रंगनाथ राव द्वारा की गई थी। यहाँ पर पूर्व हड़प्पा कालीन संस्कृति के अवशेष मिले हैं। प्र 1 लोथल नगर क्यों प्रसिद्ध थ...

लोथल कहां पर है

उत्तर: [b] गुजरात व्याख्या:लोथल गुजरात में स्थित है। चन्हूदड़ों वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। यह सिंधु नदी के बाएं तट पर स्थित है। इसकी खोज 1931 में अर्नेस्ट मैके एन.जी. मजूमदार ने की। यहाँ से प्रमुख रूप से मनके बनाने का कारखाना, कांस्य गाड़ी, वक्राकार ईंट, लिपिस्टिक, बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते का साक्ष्य प्राप्त हुआ कालीबंगा राजस्थान में स्थित है। बनावली हरियाणा में स्थित है। रोपड़ पंजाब में स्थित है। सुरकोटदा गुजरात में स्थित है। आलमगीरपुर उत्तर प्रदेश में स्थित है। रंगपुर गुजरात में स्थित है। हड़प्पा पाकिस्तान के पंजाब में स्थित है।

बादामी की गुफा कहां स्थित है

badami caves in hindi build by whom ? बादामी की गुफा कहां स्थित है | बादामी गुफा की खोज किसने की कहाँ अवस्थित है * ? प्रश्न: बादामी की गुफाएं (पूर्व मध्यकाल) उत्तर: बादामी की गुफाएं ’बीजापुर जिले’ के अंतर्गत ’आइहोल’ के निकट ’महाराष्ट्र प्रांत’ में स्थित हैं। आज ’वात्यपिपुरम’ (Vatapipuram) नामक स्थान का आधुनिक नाम ’बादामी’ है। कीर्तिवर्मन के मरणोपरांत उसका छोटा भाई ‘मंगलेश’ चालुक्य साम्राज्य का शासक बना और उसने ’वात्यपिपुरम’ को अपनी राजधानी बनाया। कलाओं का महान संरक्षक होने की वजह से उसके राज्य काल में महाबलीपुरम, कांचीपुरम तथा बादामी की चैथी गुफा बनकर तैयार हुई। यह गुफा चित्रकारी, वास्तु एवं शिल्पसज्जा (मुख्य मंडप) की दृष्टि से श्रेष्ठ मानी जाती है। इस गुफा में ’मंगलेश’ के शासन काल के बारहवें वर्ष का लेख प्राप्त हुआ है, जिसका समय 579 ई. है। बादामी चित्रों की खोज का श्रेय ’डॉ. स्टेला क्रेमरिश’ को है। चालुक्यों द्वारा बादामी में चार गुफा मंदिर निर्मित हैं, जिनमें एक जैन धर्म से और तीन ब्राह्मण धर्म से संबंधित हैं। इस प्रकार ब्राह्मण धर्म से संबंधित चित्रों में अब तक के ज्ञात उदाहरणों में से ये सबसे प्राचीनतम् भित्ति चित्र हैं। इनकी शैली अजन्ता शैली जैसी है। प्रश्न: बादामी गुफा के चित्र उत्तर: प्रथम विशाल पैनल में महल का दृश्य अंकित है, जिसमें केन्द्र में प्रदर्शित सिंहासनारूढ़ राजा-रानी संगीत-नृत्य का आनन्द ले रहे हैं। बायीं ओर ’इन्द्र सभा’ का चित्रण है। दूसरे पैनल में सिंहासन पर एक राजा किंचित विश्राम की स्थिति में लीलासन की मुद्रा में है। गुफा के निकट ही ’वराह की प्रतिमा’ है। बादामी गुफा के अन्य पैनलों में जो खण्डित चित्र बचे हैं, उनमें ’आकाशधारी विद्याधर’ विशेष उल्लेखनीय ह...

लोथल कहाँ स्थित है

लोथल (गुजराती : લોથલ), प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर भारत के राज्य गुजरात के भाल क्षेत्र में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस शहर की खुदाई 13 फ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल, अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका के गाँव सरागवाला के निकट स्थित है। अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन के स्टेशन लोथल भुरखी से यह दक्षिण पूर्व दिशा में 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोथल अहमदाबाद, राजकोट , भावनगर और धोलका शहरों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा है जिनमें से सबसे करीबी शहर धोलका और बगोदरा हैं।

लोथल

• यह • खुदाई 1954-55 ई. में 'रंगनाथ राव' के नेतृत्व में की गई। • इस स्थल से समकालीन सभ्यता के पांच स्तर पाए गए हैं। • यहाँ पर दो भिन्न-भिन्न टीले नहीं मिले हैं, बल्कि पूरी बस्ती एक ही दीवार से घिरी थी। यह छह खण्डों में विभक्त था। नगर दुर्ग लोथल का ऊपरी नगर था नगर दुर्ग विषय चतुर्भुजाकार था जो पूर्व से पश्चिम 117 मी. और उत्तर से दक्षिण की ओर 136 मी. तक फैला हुआ था। बाज़ार और औद्योगिक क्षेत्र लोथल नगर के उत्तर में एक बाज़ार और दक्षिण में एक औद्योगिक क्षेत्र था। मनके बनाने वालों, नगर दुर्ग के पश्चिम की ओर विभिन्न आकार के 11 कमरें बने थे, जिनका प्रयोग मनके या दाना बनाने वाले फैक्ट्री के रूप में किया जाता था। लोथल नगर क्षेत्र के बाहरी उत्तरी-पश्चिमी किनारे पर समाधि क्षेत्र का, जहां से बीस समाधियां मिली हैं। यहाँ की सर्वाधिक प्रसिद्व उपलब्धि हड़प्पाकालीन बन्दरगाह के अतिरिक्त विशिष्ट मृदभांड, उपकरण, मुहरें, बांट तथा माप एवं पाषाण उपकरण है। यहाँ तीन युग्मित समाधि के भी उदाहरण मिले हैं। स्त्री-पुरुष शवाधान के साक्ष्य भी लोथल से ही मिले है। लोथल की अधिकांश क़ब्रों में कंकाल के सिर उत्तर की ओर और पैर दक्षिण की ओर था। केवल अपवाद स्वरूप एक कंकाल का दिशा पूर्व-पश्चिम की ओर मिला है। बन्दरगाह अथवा गोदी बाड़ा(Dock Yard) • बन्दरगाह लोथल की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों में से है। इस बन्दरगाह पर • इसके उत्तर में 12 मीटर चौड़ा एक प्रवेश द्वार निर्मित था। जिससे होकर जहाज़ आते-जाते थे और दक्षिण दीवार में अतिरिक्त जल के लिए निकास द्वार था। • लोथल में गढ़ी और नगर दोनों एक ही रक्षा प्राचीर से घिरे हैं। • अन्य अवशेषों में धान ( • इसके अतिरिक्त अन्य अवशेषों में लोथल से प्राप्त एक मृदभांड पर एक विशेष चित्र...

लोथल कहाँ स्थित है

1954 में लोथल को खोजा गया था। लोथल की खुदाई 13 फरवरी 1955 से 19 मई 1960 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा की गई थी। जो प्राचीन स्मारकों के संरक्षण के लिए आधिकारिक भारतीय सरकारी एजेंसी है। लोथल कहाँ स्थित है लोथल प्राचीन ASI के अनुसार, लोथल के पास दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात जहाज घाट था, जो शहर को सिंध के हड़प्पा शहरों और सौराष्ट्र के हालांकि इस व्याख्या को अन्य पुरातत्वविदों ने चुनौती दी है। जो तर्क देते हैं कि लोथल एक अपेक्षाकृत छोटा शहर था। यह कि जहाज घाट वास्तव में एक सिंचाई टैंक था। विवाद को अंततः तब सुलझाया गया जब द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी, गोवा के वैज्ञानिकों ने आयताकार संरचना में फोरामिनिफेरा और नमक, जिप्सम क्रिस्टल की खोज की, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि समुद्र का पानी संरचना में भर गया था और यह निश्चित रूप से एक जहाज घाट था। लोथल प्राचीन काल में एक महत्वपूर्ण और संपन्न व्यापार केंद्र था। जिसके मोतियों, रत्नों और बहुमूल्य गहनों का व्यापार पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदूर कोनों तक पहुंचता था।मनका बनाने और धातु विज्ञान में उन्होंने जिन तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया है, वे 4000 से अधिक वर्षों से समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। लोथल अहमदाबाद जिले के ढोलका तालुका में सरगवाला गांव के पास स्थित है। यह अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन पर लोथल-भुरखी रेलवे स्टेशन से छह किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। यह अहमदाबाद, भावनगर, राजकोट और ढोलका शहरों से हर मौसम में सड़कों से जुड़ा हुआ है। निकटतम शहर ढोलका और बगोदरा हैं। लोथल की सभ्यता लोथल के लोगों ने सिंधु युग में शहर नियोजन, कला, वास्तुकला, विज्ञान, इंजीनियरिंग, मिट्टी के बर्तनों और धर्म के क्षेत्र में मानव सभ्यता में म...

कालीबंगा

अनुक्रम • 1 कालीबंगा की स्थिति • 2 कालीबंगा का इतिहास • 3 परिचय • 4 कालीबंगा से प्राप्त पुरातात्विक सामग्रियाँ • 4.1 ताँबे के औजार व मूर्तियाँ • 4.2 अंकित मुहरें • 4.3 ताँबे या मिट्टी की बनी मूर्तियाँ, पशु-पक्षी व मानव कृतियाँ • 4.4 तोलने के बाट • 4.5 बर्तन • 4.6 आभूषण • 4.7 नगर नियोजन • 4.8 कृषि-कार्य संबंधी अवशेष • 4.9 खिलौने • 4.10 धर्म संबंधी अवशेष • 4.11 दुर्ग (किला) • 5 चित्रदीर्घा • 6 इन्हें भी देखें • 7 बाहरी कड़ियाँ • 8 सन्दर्भ कालीबंगा की स्थिति [ ] पुरातात्विक स्थल कालीबंगा, राजस्थान के कालीबंगा का इतिहास [ ] कालीबंगा सिंधु भाषा का शब्द है जो काली+बंगा (काले रंग की चूड़ियां) से बना है। काली का अर्थ काले रंग से तथा बंगा का अर्थ चूड़ीयों से है। परिचय [ ] सी.एफ. ओल्डन (C.F. OLDEN) ने ऐतिहासिक और भौगोलिक तथ्यों के आधार पर बताया कि घग्घर (पाकिस्तान में हकरा) नदी के घाट पर ॠग्वेद में बहने वाली नदी सरस्वती 'दृषद्वती' थी। तब सतलज व यमुना नदियाँ अपने वर्तमान पाटों में प्रवाहित न होकर घग्घर व हकरा के पाटों में बहती थीं। कालीबंगा से प्राप्त पुरातात्विक सामग्रियाँ [ ] १९२२ ई. में ताँबे के औजार व मूर्तियाँ [ ] अंकित मुहरें [ ] कालीबंगा से सिंधु घाटी (हड़प्पा) सभ्यता की मिट्टी पर बनी मुहरें मिली हैं, जिन पर वृषभ व अन्य पशुओं के चित्र व र्तृधव लिपि में अंकित लेख है जिन्हें अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है। वह लिपि दाएँ से बाएँ लिखी जाती थी। ताँबे या मिट्टी की बनी मूर्तियाँ, पशु-पक्षी व मानव कृतियाँ [ ] यहां से मिली मूर्तियां व अन्य कृतियां जो मोहनजोद़ो व हड़प्पा के समान हैं। पशुओं में बैल, बंदर व पक्षियों की मूर्तियाँ मिली हैं जो पशु-पालन, व कृषि में बैल का उपयोग किया जाना प्रकट करत...

[Solved] लोथल नामक हड़प्पाई स्थल कहाँ स्थित है?

सही उत्तर गुजरात है। Key Points • लोथल गुजरात में साबरमती नदी और इसकी सहायक नदी भोगवाके बीच स्थित है। • यह हड़प्पा सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। • इसकी खोज 1954 में हुई थी। • इसकी खुदाई एस.आर.राव ने की थी। • इसे ' सिंधु घाटी सभ्यता केमैनचेस्टर'के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकार, लोथल नामक हड़प्पाईस्थल गुजरात में स्थित है। Additional Information • हड़प्पा सभ्यता • हड़प्पा सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे पुरानी ज्ञात शहरी संस्कृति है। • सिंधु घाटी सभ्यता की स्थापना लगभग 3300 ईसा पूर्व हुई थी। यह 2600 ईसा पूर्व और 1900 ईसा पूर्व के बीच और विकसित हुई। • इसे खुदाई किए जाने वाले प्रथमशहर, हड़प्पा ( पंजाब, पाकिस्तान) के बाद हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। • पाकिस्तानके मेहरगढ़ में पूर्व हड़प्पा सभ्यता पाई गई है जो कपास की खेती का प्रथमप्रमाण दिखाती है। • भौगोलिक रूप से, इस सभ्यता ने पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, राजस्थान, गुजरात और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को आच्छादितकिया।