महागौरी बीज मंत्र

  1. इस दिन करें मां महागौरी के इन मंत्रों का जाप, मनचाही मुरादें होंगी पूरी।
  2. Navratri Day 8: आज मां महागौरी की करें इस विधि से पूजा, जानें बीज मंत्र से भोग तक सब कुछ


Download: महागौरी बीज मंत्र
Size: 37.62 MB

इस दिन करें मां महागौरी के इन मंत्रों का जाप, मनचाही मुरादें होंगी पूरी।

Advertisement नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है। नवरात्रि में अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के महागौरी के स्वरूप की पूजा की जाती है। कहते हैं कि मां महागौरी की पूजा और व्रत करने पर वे अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं। वही मां महागौरी के मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता, उन्नति और तरक्की​ मिलती है। मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा को प्रसन्न करने का उत्तम अवसर है। इस दिन मां महागौरी की आरती और बीज मंत्र का जाप कर उनकी कृपा पाई जा सकती है। बता दे कि पूजा के अंत में मां महागौरी की आरती कर्पूर या गाय के घी का दीपक जलाकर करनी चाहिए। दुर्गा अष्टमी के अवसर पर हम आपको मां महागौरी के मंत्रों और उसको करने से प्राप्त होने वाले फलों के बारे में बताएंगे। दुर्गा अष्टमी में मां महागौरी के किन मंत्रों के जाप से प्राप्त होंगे कौन-कौन से फल गौरी मंत्र गौरी मंत्रों को अष्टमी तिथि में 1100 बार करने से योग्य जीवन साथी की प्राप्ति होती हैं । हे गौरी शंकरधंगी, यथा तवं शंकरप्रिया । तथा मां कुरु कल्याणी, कान्तकान्तम् सुदुर्लभं ।। पत्‍‌नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम् । तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम् ॥ धन मंत्र अष्टमी तिथि को धन मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती हैं । दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि । दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता ॥ सिद्ध मंत्र ये मां दुर्गा का विशेष मंत्र है। इसे चमत्कारी मंत्र भी कहा गया है। ये मंत्र सभी प्रकार की सिद्धि देने वाला है। इस मंत्र को करने से सभी मनवाक्षिंत इच्छाओं को प्राप्ति होती है। ये मां महागौरी क...

Navratri Day 8: आज मां महागौरी की करें इस विधि से पूजा, जानें बीज मंत्र से भोग तक सब कुछ

डीएनए हिंदीः आज मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा होगी. मां महागौरी का रंग गोरा होने के कारण ही उन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है. देवी महागौरी की पूजा से धन व सुख.समृद्धि की प्राप्ति होती है और अखंड सौभाग्य मिलता है. देवी काऊपरी दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है और निचले हाथ में त्रिशूल हैण् ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू जबकि नीचे वाला हाथ शांत मुद्रा में है. तो चलिए आज देवी की पूजा से जुड़ी संपूर्ण विधि जानें. मां महागौरी पूजा विधि सुबह उठकर स्नान करने के बाद मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं. इसके बाद देवी को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें. मां को सफेद रंग पसंद है. इस दिन पुष्प भी देवी को सफेद ही अर्पित करें. इसके बाद देवी को रोली कुमकुम और सिंदूर लगाएं. इसके बाद मिष्ठान, पंच मेवा और फल अर्पित करें. इसके बाद देवी के मंत्र, स्त्रोत और चालीसा का पाठ करें. भोग अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी को नारियल या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. इस दिन देवी को काले चने का भोग जरूर लगाएं. मां महागौरी का प्रिय पुष्प मां का प्रिय पुष्प रात की रानी है. इनका राहु ग्रह पर आधिपत्य है, यही कारण है कि राहुदोष से मुक्ति पाने के लिए मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां महागौरी बीज मंत्र श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:. श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः. महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां महागौरी के लिए मंत्र सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते.. स्तोत्र मंत्र- सुख शांति दात्री, धन धान्य प्रदायनीम्. ध्यान मंत्र वन्दे वा...