Mitochondria ki khoj kisne ki thi

  1. अमेरिका की खोज किसने की थी America Ki Khoj Kisne Ki Thi
  2. Proton ki khoj kisne ki thi और कब? (4 रोचक तथ्य)
  3. जीरो की खोज किसने की थी?
  4. इलेक्ट्रॉन (Electron) की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?


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अमेरिका की खोज किसने की थी America Ki Khoj Kisne Ki Thi

अमेरिका की खोज किसने की थी ( America Ki Khoj Kisne Ki Thi) इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास इस आर्टिकल “Christopher Columbus History” में है। इतिहास की किताबों में आता है कि अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने की थी। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि कोलंबस अमेरिका खोजने नही निकला था। वह भारत की खोज करने निकला था लेकिन अमेरिका पहुंच गया। तो आइए क्रिस्टोफर कोलंबस का इतिहास में अमेरिका की खोज (America Ki Khoj Kisne Ki Thi) जानने का प्रयास करते है। Contents • • • क्रिस्टोफर कोलम्बस का इतिहास Christopher Columbus In Hindi America Ki Khoj Kisne Ki Thi– क्रिस्टोफर कोलंबस एक नाविक थे जिनका जन्म 1451 ईसवी में जिनेवा, इटली में हुआ था। उनके पिता का नाम डोमेनिको कोलंबो था। कोलंबस का बचपन गरीबी में गुजरा था। उसे बचपन से ही समुद्री खोज करने की चाह थी। बचपन से ही कोलंबस ने जहाजी बनने की शिक्षा ली थी। कोलंबस के समय के लोग यह मानते थे कि दुनिया चपटी है। उनका मानना था कि समुद्र के रास्ते आगे जाने पर दुनिया खत्म हो जाएगी क्योंकि दुनिया का एक छोर है। कोलंबस ने साहस दिखाया और नई दुनिया की खोज के लिए निकले थे। क्रिस्टोफर कोलंबस ( Christopher Columbus) के अमेरिका खोजने के पीछे की कहानी बड़ी ही रोचक है। कोलंबस भारत की खोज करने निकले थे लेकिन अमेरिका पहुंच गए। वहां के लोगो को उन्होंने रेड इंडियन कहा। अमेरिका की खोज से पहले यह एक अनजान दुनिया थी। यूरोपवासियों को अमेरिका के बारे में नही पता था। कोलंबस ने नई दुनिया की खोज की थी। यूरोप के लोग भारत से लाये गए मसालों को खरीदते थे। अरब यूरोपवासियों को मसालें बेचा करते थे। यूरोप के लोगो के पास भारत जाने का जमीनी रास्ता नही था। भारत जाने के जमीनी रास्ते पर अरबों...

Proton ki khoj kisne ki thi और कब? (4 रोचक तथ्य)

अनुक्रम • • • • • • • • • • • नमस्कार दोस्तों स्वागत हैं आपका हमारे इस नए लेख में आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर Proton ki khoj kisne ki thi और कब? दोस्तों अगर आप नहीं जानते कि और कब? तो कृपया इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें क्योंकि आपको इसमे प्रोटॉन के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। प्रोटॉन एक धनात्मक (Positive) विद्युत आवेश वाला परमाणु कण है। प्रोटॉन, न्यूट्रॉन के साथ परमाणु के नाभिक के अंदर पाया जाता है। प्रोटॉन में न्यूट्रॉन की तुलना में अधिक द्रव्यमान होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को सामूहिक रूप से “ Nucleon (न्यूक्लिऑन)” कहा जाता है। क्योंकि परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन और प्रोटॉन सामूहिक रूप से पाए जाते हैं। ADVERTISEMENT विज्ञापन प्रोटॉन का द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का लगभग 1,840 गुना होता है। किसी भी दिए गए नाभिक में न्यूक्लियॉन की कुल संख्या, जैसे प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को सामूहिक रूप से जोड़कर निकाला जाता है। • • • प्रोटॉन क्या है इन हिंदी? (Definition of Proton in Hindi) प्रोटॉन परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन के साथ पाए जाते हैं, जिन पर धनात्मक आवेश होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक में पाए जाते हैं और इलेक्ट्रॉन इसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं। एक प्रोटॉन को p या p+ द्वारा निरूपित किया जाता है, जो एक धनावेशित कण (प्रोटॉन) को दर्शाता है। ADVERTISEMENT विज्ञापन प्रोटॉन का द्रव्यमान 1.67×10^-27 किग्रा है जो इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का 1847 गुना है। साथ ही इसमें 1.6021176634×10-19 कुलांब आवेश होता है। भौतिकी के आधुनिक मानक मॉडल से पहले , प्रोटॉन को मूल रूप से एक मौलिक या प्राथमिक कण माना जाता था, यह क्वार्क नामक अन्य छोटे, अस्थायी सूक्ष्म कणों स...

जीरो की खोज किसने की थी?

नमस्कार दोस्तों गणित विषय के अंतर्गत 0 सबसे महत्वपूर्ण अंक होता है, जीरो के बिना आज के समय गणित विषय की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि आखिर इस जीरो की खोज किसने की थी? (0 ki khoj kisne kari thi) यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। आज के इस पोस्ट के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं कि जीरो की खोज किसने की थी। इसके अलावा हम आपको इस पोस्ट के अंतर्गत 0 से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी शेयर करने वाले हैं, तो ऐसे में आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, तो इसको अंत तक जरूर पढ़िए। जीरो की खोज किसने की थी? | 0 Ki Khoj Kisne Ki दोस्तों गणित विषय के सबसे महत्वपूर्ण अंक जीरो की खोज महान गणितज्ञ तथा खगोल विद आचार्य आर्यभट्ट के द्वारा की गई थी। आर्यभट्ट के द्वारा पांचवी सदी के अंतर्गत पहली बार 0 अंक का इस्तेमाल किया गया था, या फिर 0 संख्या का इस्तेमाल किया गया था। जैसा कि आपको पता होगा कि आर्यभट्ट भारत के ही निवासी थे, तो उन्होंने जीरो की खोज भी भारत के अंतर्गत ही की थी, तो आज के समय इस पूरी दुनिया को जीरो की देन भारत के द्वारा ही की गई है। आर्यभट ने अपनी पुस्तक आर्यभटीय में लिखा है:- 0 की खोज किसने की थी? | zero ka khoj kisne kiya tha एक (1), दश (10), शत (100), सहस्र (1000), अयुत (10000), नियुत (100000), प्रयुत (1000000), कोटि (10000000), अर्बुद (100000000), स्थानों में प्रत्येक संख्या अपनी पिछली संख्या से दस गुणा है। दोस्तों यदि आज के समय 0 नहीं होता तो विज्ञान तथा गणित विषय की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। ...

इलेक्ट्रॉन (Electron) की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?

नमस्कार दोस्तों, दोस्तों आपने परमाणु के बारे में तो सुना ही होगा या फिर स्कूल में पढ़ा होगा, आपको पता होगा कि परमाणु इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है। इसमें इलेक्ट्रॉन परमाणु के चारों तरफ चक्कर लगाता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि आखिरकार इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से सारी जानकारी मिलने वाली है। तो चलिए दोस्तों जानते हैं कि इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी इलेक्ट्रॉन की खोज “जे. जे. थॉमसन” (Sir Joseph John Thomson) नामक वैज्ञानिक ने की थी, जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) ने बोर मॉडल दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि परमाणु एक उदासीन गोला होता है जिसमें इलेक्ट्रॉन बसे हुए रहते हैं उन्होंने इसे समझाने के लिए तरबूज का उदाहरण भी दिया था कि जिस तरह से तरबूज में उसकी बीज होते हैं उसी तरह परमाणु में इलेक्ट्रॉन होते हैं लेकिन उनका यह मॉडल आगे चलकर गलत साबित कर दिया गया था, जब रदरफोर्ड ने अपना इलेक्ट्रॉन का मॉडल दिया तो उन्होंने यह सिद्ध किया कि परमाणु में इलेक्ट्रॉन उसके चारों तरफ पाए जाते हैं ना कि उसके बीच में परमाणु के बीच का स्थान रिक्त होता है तथा उसमें किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉन नहीं होते है। जे जे थॉमसन ने बाद में इस इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान भी ज्ञात किया था जो कि 1.6 × 10−19 कुलम्ब (C) एवं 9.109 × 10−31 कि. ग्रा. (kg) प्राप्त हुआ था। जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) इसके अलावा भी अपने जीवन में अनेक प्रयोग किए थे तथा उन पर अध्ययन किया था। जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) के द्वारा इलेक्ट्रॉन की खोज एक काफी बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि विज्ञान ...