Prakritik sankhya kya hoti hai

  1. वास्तविक संख्या किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार और उदाहरण
  2. पूर्णांक संख्या किसे कहते हैं? प्रकार, संख्या, नियम और प्रश्न
  3. प्राकृत संख्या किसे कहते हैं?
  4. हाथी
  5. आपदायें और आपदा प्रबंधन के उपाय (Preventive measures of Disasters in Hindi)


Download: Prakritik sankhya kya hoti hai
Size: 45.3 MB

वास्तविक संख्या किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

नमस्कार दोस्तों, यदि आप गणित विषय के बारे में रुचि रखते हैं या फिर गणित विषय पढ़ते हैं, तो आपने वास्तविक संख्या के बारे में जरूर सुना होगा। अगर आप गणित विषय को अच्छी तरह से समझना चाहते हैं तथा इसकी गहराई में जाना चाहते हैं तो आपको वास्तविक संख्या के बारे में जानकारी होना काफी आवश्यक है। क्या आप जानते हैं कि वास्तविक संख्या क्या होती है या फिर वास्तविक संख्या किसे कहते हैं, यदि आपको इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम जाने वाले हैं कि वास्तविक संख्या किसे कहते हैं, इसके अलावा इस पोस्ट के अंतर्गत हम आपको वास्तविक संख्या से जुड़ी लगभग हर जानकारी देने वाले हैं। तो ऐसे में आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण तथा काफी फायदेमंद होने वाला है, तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए। वास्तविक संख्या किसे कहते हैं? पूर्ण, प्राकृत, पूर्णांक, परिमेय व अपरिमेय संख्या के समूह को वास्तविक संख्या कहते हैं। वास्तविक संख्या को निम्न अलग-अलग भागों के अंतर्गत बांटा गया है :- 1. प्राकृत संख्या धनात्मक 1 से लेकर धनात्मक अनंत तक संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं। या फिर जीरो को छोड़कर अनंत तक की सभी धनात्मक संख्याओं को प्राकृत संख्या कहते हैं। जैसे:- 1,2,3,4,5,6,7,8,9 2. पूर्ण संख्या जीरो से लेकर अंत तक धनात्मक संख्याओं को पूर्ण संख्या कहा जाता है। यदि प्राकृत संख्या के अंतर्गत जीरो को और जोड़ दिया जाता है, तो वह पूर्ण संख्या बन जाती है। 3. पूर्णांक संख्या सभी धनात्मक संख्या तथा सभी रीणात्मक संख्या व जीरो के समूह को पूर्णांक संख्या क...

पूर्णांक संख्या किसे कहते हैं? प्रकार, संख्या, नियम और प्रश्न

नमस्कार दोस्तों, यदि आप गणित विषय के बारे में रुचि रखते हैं या फिर गणित विषय पढ़ते हैं, तो आपने पूर्णांक संख्या के बारे में जरूर सुना होगा। अगर आप गणित विषय को अच्छी तरह से समझना चाहते हैं तथा इसकी गहराई में जाना चाहते हैं तो आपको पूर्णांक संख्या के बारे में जानकारी होना काफी आवश्यक है। क्या आप जानते हैं कि पूर्णांक संख्या क्या होती है या फिर पूर्णांक संख्या किसे कहते हैं, यदि आपको इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम जाने वाले हैं कि पूर्णांक संख्या किसे कहते हैं, इसके अलावा इस पोस्ट के अंतर्गत हम आपको पूर्णांक संख्या से जुड़ी लगभग हर जानकारी देने वाले हैं। तो ऐसे में आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण तथा काफी फायदेमंद होने वाला है, तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए। पूर्णांक संख्या किसे कहते हैं? सभी पूर्ण संख्याओं तथा ऋण आत्मक संख्याओं के एक सम्मिलित समूह है या फिर एक सम्मिलित संग्रह को पूर्णांक संख्या कहते हैं। जैसे:- 1, 2, 3, -5, 0 आदि पूर्णांक संख्या के कितने प्रकार के होते है? मुख्य रूप से पूर्णांक संख्या के तीन प्रकार के होते हैं • धनात्मक पूर्णांक संख्या • शून्य पूर्णांक • ऋण आत्मक पूर्णांक संख्या 1. धनात्मक पूर्णांक संख्या (Positive Integers in hindi):- धनात्मक पूर्णांक संख्या संख्या को कहा जाता है जिसके अंतर्गत न ही तो ऋण आत्मक पूर्णांक संख्या होती है, तथा न ही पूर्णांक संख्या होती है। जैसे 1, 22, 55, 100, 12, 3 आदि 2. शून्य पूर्णांक संख्या (zero integers in hindi):- जीरो को शून्य पूर्णांक संख...

प्राकृत संख्या किसे कहते हैं?

423 विश्व में बहुत से ऐसे महान गणितज्ञ हुए हैं जिनकी वजह से गणित के क्षेत्र में आज हमें काफी उन्नति देखने को मिल रही है, और गणित के वजह से आज हम इतनी तरक्की कर रहे है। लेकिन इस उन्नति के पीछे उन महान गणितज्ञों का बहुत बड़ा योगदान है। इसी प्रकार नंबर सिस्टम का भी गणित के क्षेत्र में, आज तक हुई इस महान उन्नति में बहुत बड़ा योगदान है। इसमें प्राकृतिक तौर पर सबसे बड़ा योगदान प्राकृतिक संख्या का माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Prakritik Sankhya kise kahate hain? और प्राकृतिक संख्या को प्राकृतिक संख्या क्यों कहा जाता है? यदि आप नहीं जानते और आप जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। आज हम आपको बताएंगे कि Prakritik Sankhya kise kahate hain? प्राकृतिक संख्या को प्राकृतिक संख्या क्यों कहा जाता है, इसी के साथ हम आपको बताएंगे की संख्या कितनी प्रकार की होती है, और उन सब के कुछ उदाहरण भी आज के लेख में हम आपको देंगे, तो चलिए शुरू करते हैं- Inside Contents • • • • • • • • • Prakritik Sankhya kise kahate hain? मित्रों, प्राकृतिक संख्या की परिभाषा अपने आप में बहुत ही सरल है, और इसकी परिभाषा को हम कुछ इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं- प्राकृतिक संख्या वह होती है जिसे प्राकृतिक दुनिया में हम इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि प्राकृतिक दुनिया में इस्तेमाल होने वाली प्राथमिक संख्या में शुरुआती 0 का महत्व नहीं होता है, इसीलिए शुरुआती 0 से बड़ी हर संख्या को प्राकृतिक संख्या कहा जाता है। उदाहरण के लिए 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, , , 234563434, 234563435, … जैसी अनंत तक की संख्या को प्राकृतिक संख्या कहा जाता है। प्राकृतिक संख्या में “केवल जीरो” क्यों नहीं होता?...

हाथी

jagat jiv - jantu sangh k aaurdeta (Chordata) varg stanapayi (Mammalia) gan probosidiya (Proboscidea) kul elifaiantidi (Elephantidae) jati elifas (Elephas) prajati maiksimas (maximus) dvipad nam elifas maiksimas (Elephas maximus) upaprajati iandikas (indicus) any janakari bharatiy hathi eshiyaee hathiyoan ki hi upajati haian. bharatiy hathiyoan ke afriki hathiyoan ke muqabale kan chhote hote haian, aur matha chau da hota hai. mada ke hathidaant nahian hote haian. adyatan‎ 14:39, 25 sitambar 2011 (IST) hathi adhunik manav ke samay ka eshiyaee hathi eshiyaee hathi ab pahale ke muqabale simit kshetr mean hi pae jate haian. pahale yah kshetr pashchim eshiya ke tigris-yoofretas besin se poorv ki or uttari jivashmoan se pata chalata hai ki kisi samay borniyoan mean bhi hathi the, lekin yah spasht nahian hai ki ve vahaan ke mool nivasi the ya 1750 ke dashak mean vahaan lakar chho de ge bandi hathiyoan ke vanshaj haian. abhi mukhy roop se hathi sabah ( bharatiy hathi bharatiy hathi eshiyaee hathiyoan ki hi upajati haian, atah inamean koee vishesh antar nahian hai. bharatiy hathiyoan ke afriki hathiyoan ke muqabale kan chhote hote haian, aur matha chau da hota hai. mada ke hathidaant nahian hote haian. nar mada se zyada b de hote haian. sooand afriki hathi se zyada b di hoti hai. panje b de v chau de hote haian. pair ke nakhoon zyada b de nahian hote haian. afriki p dosiyoan ke muqabale inaka pet sharir ke vazan ke anupat mean hi hota hai, lekin afriki hathi ka sir ke anupat mean p...

आपदायें और आपदा प्रबंधन के उपाय (Preventive measures of Disasters in Hindi)

सारांश Abstract - Disasters are the result of imbalance in nature that leads to hindered development and progress. Besides natural calamities there are several manmade situations. Natural disaster are earthquake, Tsunami, Landslide, coopcration of volcanocs, draught, flood, melting of glaciers etc. Patience, intelligence, mutual cooperation and proper management are the remedial means. Disaster management is of two types-pre disaster and post disaster. भारत की प्राकृतिक संरचना में पर्वतों, नदियों, समुद्रों आदि का बहुत महत्त्व है। इनसे असंख्य लोगों की आजीविका चलती है। लेकिन जब प्रकृति में असंतुलन की स्थिति होती है, तब आपदायें आती हैं इनके आने से प्रगति बाधित होती है और परिश्रम तथा यत्न पूर्वक किये गये विकास कार्य नष्ट हो जाते हैं। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार जब ग्रह बुरी स्थिति में होते हैं तब आपदायें आती हैं धर्म शास्त्र के अनुसार जब पाप बढ़ जाते हैं तब पृथ्वी पर आपदायें आती हैं इन आपदाओं में बाढ़, चक्रवात, बवन्डर, भूकम्प, भूस्खलन, सुनामी, सूखा, ज्वालामुखी विस्फोट, दावानल, टिट्डी दल का हमला, महामारी, समुद्री तूफान, गर्म हवाएँ और शीतलहर आदि इन प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त कुछ मानव जनित आपदायें हैं जैसे साम्प्रदायिक दंगे, आतंकवाद आगजनी, शरणार्थी समस्यायें, वायु, रेल व सड़क दुर्घटनाएँ आदि हैं। इसके अतिरिक्त भी अनेक प्रकार की आपदायें हैं जो मानव जीवन को तहस नहस कर देती हैं। भारत में 1980 से 2010 के बीच में समुचित आपदाओं में सूखा 7 बार, भूकम्प 16 बार, महामारी 56 बार, अत्यधिक गर्मी 38 बार, बाढ़ 184 बार, कीट संक्रमण 1 बार, बड़े पैमाने पर सूखा 34 बार, तूफान 92 बार, ज्वालामुखी 2 बार ...