पुनर्नवा मंडूर

  1. Ayurvedic Treatment For Kidney Failure: किडनी फेलियर से बचाएंगी ये 6 जड़ी बूटियां, नहीं आएगी Dialysis की नौबत
  2. Punarnava/గలిజేరు/पुनर्नवा के औषधीय गुण और यह 20+फायदें !!
  3. पतंजलि रीनोग्रिट के 11 फायदे व नुकसान
  4. लिवर सिरोसिस जेसे असाध्य रोग में अचूक आयुर्वेदिक नुस्खे
  5. Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor in Hindi
  6. कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज द्वारा cholesterol को जड़ से ख़त्म करें
  7. पुनर्नवा मंडूर कैसे बनता है एवं इसके क्या फायदे है ? घटक द्रव्य और उपयोग


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Ayurvedic Treatment For Kidney Failure: किडनी फेलियर से बचाएंगी ये 6 जड़ी बूटियां, नहीं आएगी Dialysis की नौबत

डीएनए हिंदी:किडनी फेलियर एक गंभीर स्थिति है जो तब होती है जब गुर्दे रक्त से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थों को फ़िल्टर करने में सक्षम नहीं होते हैं. इससे शरीर में टॉकिसन का निर्माण होता है कई परेशानियां हो सकती हैं. यहां तक कि डायलिसिल और किडनी ट्रांसप्लांट की भी नौबत आ सकती हैं. आज हम आपको ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में आपको बताएंगे जिन्हें आयुर्वेद में किडनी के लिए वरदान माना गया है. पुनर्नवा (Punarnava or Boerhavia diffusa benefits for Kidney) आयुर्वेद में एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी है, जो मूत्र प्रवाह को बढ़ावा देती है और गुर्दे से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करती है. यह भी माना जाता है कि इसमें सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं, जो किडनी की सूजन को कम करने और आगे होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं.

Punarnava/గలిజేరు/पुनर्नवा के औषधीय गुण और यह 20+फायदें !!

पुनर्नवा के औषधीय गुण और यह 28 फायदें पुनर्नवा/గలిజేరు/Punarnavaका संस्कृत पर्याय ‘शोथघ्नी’ (सूजन को हरनेवाली) है। पुनर्नवा (साटी) या विषखपरा के नाम से विख्यात यह वनस्पति वर्षा ऋतु में बहुतायत से पायी जाती है। शरीर की आँतरिक एवं बाह्य सूजन को दूर करने के लिए यह अत्यंत उपयोगी है। यह तीन प्रकार की होती हैः सफेद, लाल, एवं काली। काली पुनर्नवा प्रायः देखने में भी नहीं आती, सफेद ही देखने में आती है। काली प्रजाति बहुत कम स्थलों पर पायी जाती है। जैसे तांदूल तथा पालक की भाजी बनाते हैं, वैसे ही पुनर्नवा की सब्जी बनाकर खायी जाती है। इसकी सब्जी शोथ (सूजन) की नाशक, मूत्रल तथा स्वास्थ्यवर्धक है। पुनर्नवा कड़वी, उष्ण, तीखी, कसैली, रूच्य, अग्निदीपक, रुक्ष, मधुर, खारी, सारक, मूत्रल एवं हृदय के लिए लाभदायक है। यह वायु, कफ, सूजन, खाँसी, बवासीर, व्रण, पांडुरोग, विषदोष एवं शूल का नाश करती है। पुनर्नवा में से पुनर्नवादि क्वाथ, पुनर्नवा मंडूर, पुनर्नवामूल धनवटी, पुनर्नवाचूर्ण आदि औषधियाँ बनती हैं। बड़ी पुनर्नवा को साटोड़ी (वर्षाभू) कहा जाता है। उसके गुण भी पुनर्नवा के जैसे ही हैं। औषधि-प्रयोग 1. नेत्रों की फूलीः पुनर्नवा की जड़ को घी में घिसकर आँखों में आँजें। 2. नेत्रों की खुजलीः पुनर्नवा की जड़ को शहद अथवा दूध में घिसकर आँजने से लाभ होता है। 3. नेत्रों से पानी गिरनाः पुनर्नवा की जड़ को शहद में घिसकर आँखों में आँजने से लाभ होता है। 4. रतौंधीः पुनर्नवा की जड़ को काँजी में घिसकर आँखों में आँजें। 5. खूनी बवासीरः पुनर्नवा की जड़ को हल्दी के काढ़े में देने से लाभ होता है। 6. पीलियाः पुनर्नवा के पंचांग (जड़, छाल, पत्ती, फूल और बीज) को शहद एवं मिश्री के साथ लें अथवा उसका रस या काढ़ा पियें। 7. मस्तक रो...

पतंजलि रीनोग्रिट के 11 फायदे व नुकसान

Patanjali Renogrit Tablet Uses in Hindi हम सभी जानते हैं कि किडनी या गुर्दे हमारे शरीर का कितना जरूरी अंग है। इस जरूरी अंग में कोई भी गड़बड़ हमारे पूरे शरीर को बीमार बना सकती है। ना चाहते हुए भी कहीं व्यक्ति किडनी रोगों से ग्रसित हो जाते हैं तथा उनकी जिंदगी बीमारियों की वजह से बहुत ही धीमी चलने लगती है। किडनी रोगों से बचाव के लिए आज हम रीनोग्रिट टैबलेट की जानकारी लाए हैं Join WhatsApp रीनोग्रिट टैबलेट को हर्बल तरीके से तैयार किया गया है इसे खासतौर पर किडनी रोगों से बचाव तथा उनमें आराम पाने के लिए निर्मित किया गया है। आज हम इस लेख में आपको रीनोग्रिट टैबलेट की सभी खूबियाँ बताएंगे तो यह भी बताएंगे कि यह किन-किन गुर्दे या किडनी रोगों में लाभ प्राप्त कराती है। आइए जानते हैं दिव्य पतंजलि रीनोग्रिट टैबलेट के फायदे और नुकसान के बारे में – Table of Contents • • • • • • • • • • पतंजलि रीनोग्रिट टैबलेट क्या है ( Patanjali Renogrit Tablet in Hindi ) रीनोग्रिट एक आयुर्वेदिक दवाई है जिसे पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा बनाया गया है इस दवाई को बनाने का उद्देश्य लोगों को किडनी रोगों में राहत प्रदान कराना है। किडनी हमारी बॉडी के एक महत्वपूर्ण अंग में से एक है तथा इस अंग में कई बीमारियां जन्म ले लेती है। कई बार व्यक्ति ऐसी कंडीशन में पहुंच जाते हैं कि उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट या फिर डायलिसिस कराने की नौबत आ जाती है। किडनी से जुड़े बहुत से लोग हैं जिनका सही समय पर इलाज कराना बहुत अधिक आवश्यक होता है। इसीलिए पतंजलि कंपनी द्वारा रीनोग्रिट टैबलेट तैयार की गई है जिससे लोग किडनी रोगों में आराम प्राप्त कर सके। 👉 यह भी पढ़े > किडनी क्या होती है? किडनी रोगों के बारे में जाने से पहले जरूरी है कि हमें...

लिवर सिरोसिस जेसे असाध्य रोग में अचूक आयुर्वेदिक नुस्खे

हो जाते है तो समझ ले रोग असाध्य की और जा रहा है ऐसे रोगी को केवल दूध पिलाकर ही जीवन रक्षा करनी चाहिए • रोग -यकृत का सिकुड़ जाना – दवा —- सुबह खाली पेट ताजा मुली पत्तो समेत नींबू रस व नमक डाल कर दिन में दो -तीन बार खिलाये ऐसे रोगियों को पत्तो समेत मुली की सब्जी भी खिलाये . 2. बढ़ी हुई यकृत \प्लीहा पर – दवा —- यकृत -प्लीहरी लोंह , गोली को 5 साल के बच्चे को आधी से 1 गोली की मात्रा में 3 बार गरम पानी के साथ दे ,5-15 साल के बच्चे को 1-1 गोली दे और 16 से ऊपर के रोगी को 2-2 गोली दिन में तीन बार दे . लाभ होगा 3. यकृत विकार ,सिरोसिस लिवर जन्य जलोदर रोग – दवा —– यकृत प्लिहारी लोह 1-2 गोली ,कुमार्यासव 20 ml बराबर पानी मिलाकर सुबह शाम सेवन कराए . 4. सुजन गुर्दे प्लीहा या पुरे शरीर या पेट की आंत में सुजन होना – दवा —– पुनर्नवा मंडूर 2 गोली ,आरोग्य व्ध्नी 1 गोली ,शोथारी लोह 2 गोली ये सभी एक समय की दवा है ऐसे सुबह शाम पानी के साथ खाने के बाद सेवन करे साथ में पुनर्नवरिष्ट ,लोहासव ,कुमारीआसव 2-2 ढक्कन पानी आधा कप मिलाकर दिन में दो बार दे खाने के बाद अनुभूत योग है 5. शरीर की सुजन मिटाने के लिए – दवा —- सफेद पुनर्नवा के पत्तो का रस 15 ग्राम खाली पेट पिए ,3-3 दिन बाद मात्रा बढ़ाते जाये तथा 30-40 ग्राम तक कर ले इससे सुजन कुछ दिनों में उतर जाएगी 6. शरीर की सुजन – दवा —- श्वेत पुनर्नवा पंचांग 1 किलो ,मकोय पंचांग 500 ग्राम ,अर्जुन की छाल हरी 500 ग्राम ,गोमूत्र 3 किलो पानी 2 किलो और इनका क्वाथ बनाकर सीसी में रख ले और आरोग्य व्र्ध्नी 1 गोली ,पुनर्नवा मंडूर 2 गोली को 30 ml क्वाथ के साथ सुबह शाम दे . 7. बार -बार खून बदलना पड़ता हो (थेलेसिमिया )- दवा —- अंगूठे के बराबर मोटी हरी गिलोय का टुकड़ा 5 इंच लेकर इ...

Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor in Hindi

Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः किडनी रोग, एनीमिया, लीवर बढ़ना, तिल्ली बढ़ना के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor के मुख्य घटक हैं पुनर्नवा, काली मिर्च, हरीतकी (हरड़), बहेड़ा, दांती, मंडूर भस्म जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है। • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं। • पाचन क्रिया और पेट को आराम देने वाले घटक। • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं। • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है। • सूजन को कम करने वाली दवाएं। • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं। बहेड़ा • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है। मंडूर भस्म • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं। दांती • दवाइयां जो शरीर से परजीवी कीड़ों को निकालती हैं और उन्हें मारती हैं। • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व। Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor के लाभ - Patanjali Divya Punarnavadi Mandoor Benefits in Hindi बुजुर्ग • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें • खाने के बाद या पहले: खाने के बाद • अधिकतम मात्रा: 1000...

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज द्वारा cholesterol को जड़ से ख़त्म करें

आधुनिक समय में व्यक्त विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित रहता है, जिसके कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं। आधुनिक समय में व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की बीमारी होती है, जिसके कारण व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण हमारा शरीर में सांस फूलना, चक्कर आना, थकान होना, पैर सुन्न होना, शरीर का वजन अचानक बढ़ जाना आदि प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं, जिसके कारण हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार की गंभीर समस्याओं से खतरा होने लगता है, जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए हमें अपने जीवन शैली में तथा खान-पान में परिवर्तन करके कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचा जा सकता है। आज हम आपको कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज बताएंगे जिससे आप अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण होने वाले विभिन्न प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं, तथा होने वाली हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। Table of Contents • • • • • • • कोलेस्ट्रोल क्या है हमारे शरीर के स्वस्थ रूप से कार्य करने रहने के लिये शरीर में केलेस्ट्रोल का बनना आवश्यक है। Cholesterol को रक्तवसा एवं पित्त-सांद्रव के नाम से भी जाना जाता है। कोलेस्ट्रॉल प्रोटीन के साथ मिलकर लिपोप्रोटीन का निर्माण करता है, जो वसा (Fat) को रक्त में घुलने से रोकता है। मानव शरीर दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है, हाई डेंसिटी लीपोप्रोटीन (HDL) जिसे मानव शरीर के लिये अच्छा कोलेस्ट्राल माना जाता है।लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) जिसे मानव शरीर के लिये बुरा कोलेस्ट्राल माना जाता है। HDL को गुड कोलेस्ट्रोल एवं LDL को बैड कोलेस्ट्रॉल भी ...

पुनर्नवा मंडूर कैसे बनता है एवं इसके क्या फायदे है ? घटक द्रव्य और उपयोग

Post Contents • • • • पुनर्नवा मंडूर के घटक द्रव्य क्या है ? इसमें पुनर्नवा, सफ़ेद निशोथ, पीपर, सोंठ आदि कुल 19 आयुर्वेदिक द्रव्यों का इस्तेमाल किया जाता है | पुनर्नवा एवं मंडूर इसके मुख्य घटक कहे जा सकते है | • • सफ़ेद निशोथ • पीपर • सोंठ • कालीमिर्च • • देवदारु • चित्रक्मुल • कुठ • • हल्दी • • हरड • बहेड़ा • दंती मूल • चव्य इन्द्र्यव • पीपरामूल • • शुद्ध मंडूर चूर्ण कैसे बनता है / पुनर्नवा मंडूर को बनाने की विधी इसके निर्माण में ऊपर बताये गए क्रम संख्या 18 तक के सभी द्रव्यों को 1 – 1 पल की मात्रा में लिया जाता है | इन सभी का प्रथम महीन कपडछान चूर्ण तैयार किया जाता है | अब शुद्ध मंडूर के चूर्ण को द्विगुण लेकर गाय के द्विआढ़क गोमूत्र में पकाया जाता है | अच्छी तरह पकाने के बाद जब घोल गाढ़ा होने लगे तो बेर की गुठली की आकार की गोली या वटी बना ली जाती है | इस वटी को छाछ के साथ सेवन करना चाहिए | पुनर्नवादी मंडूर की सेवन विधि / कैसे सेवन करें ? इसका सेवन 1 – 1 गोली सुबह – शाम पांडू (एनीमिया), कामला मन्दाग्नि एवं अर्श या भगंदर में छाछ के साथ करना चाहिए | यकृत एवं प्लीहा की व्रद्धी या सुजन में पुनर्नवादी क्वाथ के अनुपान के साथ प्रयोग करनी चाहिए | कृमि रोग में मुस्तादी क्वाथ का अनुपान लेना चाहिए | पुनर्नवा मंडूर के फायदे एवं स्वास्थ्य उपयोग • यह आयुर्वेदि दवा उत्तम शोथ हर अर्थात सुजन को दूर करने वाली है | • यह शरीर में रक्त की वृद्धि करती है एवं एनीमिया जैसे रोग में लाभदायक है | • मुख्य द्रव्य पुनर्नवा होने के कारण यकृत के सभी विकारों में लाभदायक परिणाम देती है | • प्लीहा की सुजन एवं वृद्धि में फायदेमंद औषधि है | • यह दीपन एवं पाचन का कार्य करके मन्दाग्नि को नष्ट करती है | • कृमि अर्थात...