रामायण दोहा चौपाई

  1. रामचरितमानस संपूर्ण सुन्दरकाण्ड चौपाई पाठ
  2. Ramayan Chaupai in Hindi
  3. बालकाण्ड हिंदी अर्थ सहित
  4. रामायण चौपाई
  5. घर मे कभी गरीबी नही आएगी रामायण की 8 चौपाई का नित्य पाठ करें
  6. रामचरितमानस तुलसीकृत रामायण में कितनी चौपाई, दोहे, श्लोक, सोरठा, अन्य छंद है


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रामचरितमानस संपूर्ण सुन्दरकाण्ड चौपाई पाठ

॥श्रीगणेशायनमः ॥ ॥श्रीजानकीवल्लभोविजयते ॥ ॥श्रीरामचरितमानस ॥ पञ्चमसोपान सुन्दरकाण्ड श्लोक शान्तंशाश्वतमप्रमेयमनघंनिर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशंवेदान्तवेद्यंविभुम्। रामाख्यंजगदीश्वरंसुरगुरुंमायामनुष्यंहरिं वन्देऽहंकरुणाकरंरघुवरंभूपालचूड़ामणिम्।।1।। नान्यास्पृहारघुपतेहृदयेऽस्मदीये सत्यंवदामिचभवानखिलान्तरात्मा। भक्तिंप्रयच्छरघुपुङ्गवनिर्भरांमे कामादिदोषरहितंकुरुमानसंच।।2।। अतुलितबलधामंहेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुंज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानंवानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तंवातजातंनमामि।।3।। जामवंतकेबचनसुहाए।सुनिहनुमंतहृदयअतिभाए।। तबलगिमोहिपरिखेहुतुम्हभाई।सहिदुखकंदमूलफलखाई।। जबलगिआवौंसीतहिदेखी।होइहिकाजुमोहिहरषबिसेषी।। यहकहिनाइसबन्हिकहुँमाथा।चलेउहरषिहियँधरिरघुनाथा।। सिंधुतीरएकभूधरसुंदर।कौतुककूदिचढ़ेउताऊपर।। बारबाररघुबीरसँभारी।तरकेउपवनतनयबलभारी।। जेहिंगिरिचरनदेइहनुमंता।चलेउसोगापातालतुरंता।। जिमिअमोघरघुपतिकरबाना।एहीभाँतिचलेउहनुमाना।। जलनिधिरघुपतिदूतबिचारी।तैंमैनाकहोहिश्रमहारी।। दो0- हनूमानतेहिपरसाकरपुनिकीन्हप्रनाम। रामकाजुकीन्हेंबिनुमोहिकहाँबिश्राम।।1।। –*–*– जातपवनसुतदेवन्हदेखा।जानैंकहुँबलबुद्धिबिसेषा।। सुरसानामअहिन्हकैमाता।पठइन्हिआइकहीतेहिंबाता।। आजुसुरन्हमोहिदीन्हअहारा।सुनतबचनकहपवनकुमारा।। रामकाजुकरिफिरिमैंआवौं।सीताकइसुधिप्रभुहिसुनावौं।। तबतवबदनपैठिहउँआई।सत्यकहउँमोहिजानदेमाई।। कबनेहुँजतनदेइनहिंजाना।ग्रससिनमोहिकहेउहनुमाना।। जोजनभरितेहिंबदनुपसारा।कपितनुकीन्हदुगुनबिस्तारा।। सोरहजोजनमुखतेहिंठयऊ।तुरतपवनसुतबत्तिसभयऊ।। जसजससुरसाबदनुबढ़ावा।तासुदूनकपिरूपदेखावा।। सतजोजनतेहिंआननकीन्हा।अतिलघुरूपपवनसुतलीन्हा।। बदनपइठिपुनिबाहेरआवा।मागाबिदाताहिसिरुनावा।। मोहिसुरन्हजेहिलागिपठावा।...

Ramayan Chaupai in Hindi

Ramayan Chaupai in Hindi or रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई :- हिन्दू धर्म में रामायण का विशिष्ठ स्थान हैं। रामायण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह कहानी हैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जिन्होंने में मानव जीवन के धर्म का उदाहरण प्रस्तुत किया हैं। रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि थे। Here are Offer That user May Like: रामायण में आपको तुलसीदास की ढेर सारी चौपाइयां (ramayan doha in hindi) मिलेंगी। इन रामायण चौपाई को यदि मनुष्य पढ़ ले और उसका अर्थ समझ ले तो जान लीजिये उसका जीवन सफल है। रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई का विधिपूर्वक जाप करने पर जीवन की विभिन्न प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। Ramayana has a special place in Hinduism. Ramayana has special significance in Hinduism. This is the story of Maryada Purushottam Rama, who has presented an example of the religion of human life. Maharishi Valmiki was the author of Ramayana. You will find many chaupaiyans of Tulsidas in Ramayana. If a person reads these Ramayana chaupai and understands its meaning, then know that his life is successful. By chanting the best chaupai of Ramayana, various kinds of wishes of life are fulfilled. Here are Offer That user May Like: Ramayan Chaupai is a Hindi rendition of the Ramayana epic that was first aired on Doordarshan in 1988. The show is written and directed by Ram Vilas Paswan and stars Anupam Kher, Sanjeev Kumar, Neetu Singh, Pankaj Kapur and Madhur Jaffrey. Ramayan Chaupai in Hindi रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई अर्थ Ramayan Chaupai बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।। सठ सुधरहिं...

बालकाण्ड हिंदी अर्थ सहित

रामचरितमानसबालकाण्डअर्थसहित | Bal Kand with Hindi Meaning श्रीगणेशायनमः श्रीजानकीवल्लभोविजयते श्रीरामचरितमानस प्रथमसोपान श्रीबालकाण्ड श्लोक : * वर्णानामर्थसंघानांरसानांछन्दसामपि। मंगलानांचकर्त्तारौवन्देवाणीविनायकौ॥1॥ भावार्थ:-अक्षरों, अर्थसमूहों, रसों, छन्दोंऔरमंगलोंकोकरनेवालीसरस्वतीजीऔरगणेशजीकीमैंवंदनाकरताहूँ॥1॥ * भवानीशंकरौवन्देश्रद्धाविश्वासरूपिणौ। याभ्यांविनानपश्यन्तिसिद्धाःस्वान्तःस्थमीश्वरम्‌॥2॥ भावार्थ:-श्रद्धाऔरविश्वासकेस्वरूपश्रीपार्वतीजीऔरश्रीशंकरजीकीमैंवंदनाकरताहूँ, जिनकेबिनासिद्धजनअपनेअन्तःकरणमेंस्थितईश्वरकोनहींदेखसकते॥2॥ * वन्देबोधमयंनित्यंगुरुंशंकररूपिणम्‌। यमाश्रितोहिवक्रोऽपिचन्द्रःसर्वत्रवन्द्यते॥3॥ भावार्थ:-ज्ञानमय, नित्य, शंकररूपीगुरुकीमैंवन्दनाकरताहूँ, जिनकेआश्रितहोनेसेहीटेढ़ाचन्द्रमाभीसर्वत्रवन्दितहोताहै॥3॥ * सीतारामगुणग्रामपुण्यारण्यविहारिणौ। वन्देविशुद्धविज्ञानौकवीश्वरकपीश्वरौ॥4॥ भावार्थ:-श्रीसीतारामजीकेगुणसमूहरूपीपवित्रवनमेंविहारकरनेवाले, विशुद्धविज्ञानसम्पन्नकवीश्वरश्रीवाल्मीकिजीऔरकपीश्वरश्रीहनुमानजीकीमैंवन्दनाकरताहूँ॥4॥ * उद्भवस्थितिसंहारकारिणींक्लेशहारिणीम्‌। सर्वश्रेयस्करींसीतांनतोऽहंरामवल्लभाम्‌॥5॥ भावार्थ:-उत्पत्ति, स्थिति (पालन) औरसंहारकरनेवाली, क्लेशोंकोहरनेवालीतथासम्पूर्णकल्याणोंकोकरनेवालीश्रीरामचन्द्रजीकीप्रियतमाश्रीसीताजीकोमैंनमस्कारकरताहूँ॥5॥ * यन्मायावशवर्तिविश्वमखिलंब्रह्मादिदेवासुरा यत्सत्त्वादमृषैवभातिसकलंरज्जौयथाहेर्भ्रमः। यत्पादप्लवमेकमेवहिभवाम्भोधेस्तितीर्षावतां वन्देऽहंतमशेषकारणपरंरामाख्यमीशंहरिम्‌॥6॥ भावार्थ:-जिनकीमायाकेवशीभूतसम्पूर्णविश्व, ब्रह्मादिदेवताऔरअसुरहैं, जिनकीसत्तासेरस्सीमेंसर्पकेभ्रमकीभाँतियहसारादृश्यजगत्‌सत्यहीप्रतीत...

रामायण चौपाई

जाने रामचरितमानस चौपाई के बारे में: रामायण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. रामायण की किताब लगभग हर हिंदू घर में मिलती है. रामायण में हर एक किरदारों का अपना एक अलग महत्व है. रामायण के बारे में ज़्यादातर लोगों को टीवी, सीरियल या राम-लीला देखकर ही जानकारी मिली है. बहुत लोग किताब पढ़कर भी रामायण में निपुण हुए हैं. तुलसीदास महाराज ने रामायण लिखकर मनुष्य का जीवन सफल कर दिया है. रामचरितमानस अवधी भाषा में तुलसीदास द्वारा 16वीं सदी में रचित एक महाकाव्य है. रामायण में आपको रामायण चौपाई को यदि मनुष्य पढ़ ले और उसका अर्थ समझ ले तो जान लीजिये उसका जीवन सफल है. इन चौपाइयों का विधिपूर्वक जाप करने पर जीवन की विभिन्न प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति के लिये रामायण चौपाई साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं।। प्रेम वृद्धि के लिए रामायण चौपाई सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।। धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिंII सुख प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई सुनहि विमुक्त बिरत अरू विबई। लहहि भगति गति संपति नई।। विद्या प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाई गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अलपकाल विद्या सब आई।। शास्त्रार्थ में विजय पाने के लिए रामायण चौपाई तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। ज्ञान प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाई तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। विपत्ति में सफलता के लिए रामायण चौपाई राजिव नयन धरैधनु सायक। भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। पुत्र प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान...

घर मे कभी गरीबी नही आएगी रामायण की 8 चौपाई का नित्य पाठ करें

घर मे कभी गरीबी नही आएगी रामायण की 8 चौपाई का नित्य पाठ करें जब तें रामु ब्याहि घर आए (रामायण चौपाई जो गरीबी मिटाये) घर की दरिद्रता दूर करने के लिए रामायण की 8 चौपाई दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ भावार्थ:-श्री गुरुजी के चरण कमलों की रज से अपने मन रूपी दर्पण को साफ करके मैं श्री रघुनाथजी के उस निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फलों को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) देने वाला है। चौपाई : जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए॥ भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी॥ भावार्थ:-जब से श्री रामचन्द्रजी विवाह करके घर आए, तब से (अयोध्या में) नित्य नए मंगल हो रहे हैं और आनंद के बधावे बज रहे हैं। चौदहों लोक रूपी बड़े भारी पर्वतों पर पुण्य रूपी मेघ सुख रूपी जल बरसा रहे हैं॥1॥ रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥ मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती॥ भावार्थ:-ऋद्धि-सिद्धि और सम्पत्ति रूपी सुहावनी नदियाँ उमड़-उमड़कर अयोध्या रूपी समुद्र में आ मिलीं। नगर के स्त्री-पुरुष अच्छी जाति के मणियों के समूह हैं, जो सब प्रकार से पवित्र, अमूल्य और सुंदर हैं॥2॥ कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥ सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी॥ भावार्थ:-नगर का ऐश्वर्य कुछ कहा नहीं जाता। ऐसा जान पड़ता है, मानो ब्रह्माजी की कारीगरी बस इतनी ही है। सब नगर निवासी श्री रामचन्द्रजी के मुखचन्द्र को देखकर सब प्रकार से सुखी हैं॥3॥ रामचरितमानस आज ही ख़रीदे Reference • •

रामचरितमानस तुलसीकृत रामायण में कितनी चौपाई, दोहे, श्लोक, सोरठा, अन्य छंद है

रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकितनीचौपाईदोहेछंदहै: श्रीरामचरितमानसभगवानश्रीरामकावाङ्गमयविग्रहहीहै।गोस्वामीतुलसीदासजीकीसिद्धशब्दसाधनानेइसकेप्रत्येकशब्दकोमंत्रात्मकसामर्थ्यप्रदानकियाहै।उन्होंनेस्वयंहीमानसमेंलिखाकिअर्थहीनऔरअनमिलहोतेहुएभी‘महेशकेप्रताप’सेअनेकशब्द‘साबरमंत्र’होजातेहैं।अतःइस‘महेशमानस’कीरचनामेंऐसीशक्तिनहोगीतोअन्यत्रकहाँहोगी? मानसमेंकेवलपाँचछन्दहैंजोप्रत्येककाण्डमेंहैं– चौपाई, दोहा, हरिगीतिका, सोरठाऔरशार्दूलविक्रीडित आइयेजानतेहैंरामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकुलकितनीचौपाई, दोहे, श्लोक, सोरठा, अन्यछंदहै; रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकुलकितनेपदहै: रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकुल 10902 पदहै। रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकितनीचौपाईहै: रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) में 9388 चौपाईहै। रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकितनेदोहेहै: रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) में 1172 दोहाहै।जिनमें • बालकाण्डमें 359, • अयोध्याकाण्डमें 314, • अरण्यकाण्डमें 51, • किष्किन्धाकाण्डमें 31, • सुन्दरकाण्डमें 62, • युद्धकाण्डमें148 और • उत्तरकाण्डमें207 दोहेसम्मिलितहैं। रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकितनेसोरठाहै: रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) में 87 सोरठाहै। रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकितनेश्लोकहै: रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकुल 47 श्लोकहै।इनश्लोकोंमेंअनुष्टुप्, शार्दूलविक्रीडित, वसन्ततिलका, वंशस्थ,उपजाति, प्रमाणिका, मालिनी, स्रग्धरा, रथोद्धता, भुजङ्गप्रयात, तोटकशामिलहैं। रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंकितनेछन्दहै: रामचरितमानस (तुलसीकृतरामायण) मेंहरिगीतिका, चौपैया, त्रिभङ्गी, तोमरछंदोंकीसंख्या– 208 हरिगीतिकाओंकीसङ्ख्या 139 है– • बालकाण्डमें 47, • अयोध्याकाण्डमें 13, • अरण्यका...