राष्ट्रवाद किसे कहते हैं

  1. राष्ट्रवाद किसे कहते हैं? » Rashtravad Kise Kehte Hain
  2. GK HINDI GYAN
  3. रिपोर्ताज किसे कहते है? riportaj kya hai
  4. राष्ट्रभाषा और राजभाषा किसे कहते हैं?
  5. रूढ़िवाद किसे कहते है
  6. राष्ट्रभाषा और राजभाषा किसे कहते हैं? अंतर के साथ राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का स्पष्ट करें।


Download: राष्ट्रवाद किसे कहते हैं
Size: 24.42 MB

राष्ट्रवाद किसे कहते हैं? » Rashtravad Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका क्वेश्चन है कि राष्ट्रवाद किसे कहते हैं राष्ट्रवादी भावना है जिज्ञासा मतलब अपने मन की एक भावना पासवर्ड मतलब अपने देश से प्यार करना प्रेम करना अपने देश से लगाओ अपने देश में रहने वाले हर व्यक्ति से प्यार मोहब्बत राष्ट्रवाद हमें यह सिखाता है यह कोई भी हो किसी भी धर्म से कोई भी हो सकता है हिंदू मुसलमान सिख ईसाई सब आपस में मिल जुल कर रहना भी एक हमारा राष्ट्रवाद यही हम एक ऐसी शिक्षा देता है इसी को हम राष्ट्रवाद कहते हैं आपस में मिल जुल कर रहना अपने देश के लिए प्रेम भावना जिज्ञासा है यह सब चीजें पार्क के अंदर आखिर थैंक यू aapka question hai ki rashtravad kise kehte hain rashtrawadi bhavna hai jigyasa matlab apne man ki ek bhavna password matlab apne desh se pyar karna prem karna apne desh se lagao apne desh mein rehne waale har vyakti se pyar mohabbat rashtravad hamein yah sikhata hai yah koi bhi ho kisi bhi dharm se koi bhi ho sakta hai hindu musalman sikh isai sab aapas mein mil jul kar rehna bhi ek hamara rashtravad yahi hum ek aisi shiksha deta hai isi ko hum rashtravad kehte hain aapas mein mil jul kar rehna apne desh ke liye prem bhavna jigyasa hai yah sab cheezen park ke andar aakhir thank you आपका क्वेश्चन है कि राष्ट्रवाद किसे कहते हैं राष्ट्रवादी भावना है जिज्ञासा मतलब अपने मन की

GK HINDI GYAN

फ्रांसीसी क्रांति यूरोप में राष्ट्रवाद क्रांतियों का युग जर्मनी और इटली के निर्माण राष्ट्र का दृश्य-कल्पना राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद राष्ट्रवाद क्या है? राष्ट्रवाद होता है कि जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की

रिपोर्ताज किसे कहते है? riportaj kya hai

रिपोर्ताज किसे कहते हैं? (riportaj kya hai) रिपोर्ताज मूल रूप से फ्रांसीसी भाषा का शब्द है जिसका आशय हैं सरस एवं भावात्मक अंकन। इसमे लेखक किसी भी आयोजन घटना, संस्था आदि की कलात्मक ढंग से ब्यौरे-बार रिपोर्ट तैयार करके जो प्रस्तुततीकरण करता हैं, उसे ही रिपोर्ताज कहते हैं। आंखों देखी घटनाओं पर ही रिपोर्ताज लिखा जा सकता है। रिपोर्ताज का विषय कभी कल्पित नही होता। तथ्य को रोचकता प्रदान करने के लिए इसमें कल्पना तत्व की सहायता ली जा सकती है। रिपोर्ताज लेखक को पत्रकार तथा कलाकार दोनों की ही जिम्मेदारी निभानी पड़ती हैं। इममे लेखक प्रत्यक्ष दर्शन के आधार पर किसी घटना की रिपोर्ट तैयार करता है और उसमें अपनी सहज साहित्यक कला से जब लालित्य ले आता है तब वही गद्य की आकर्षक विधा "रिपोर्ताज" कहलाती है। वास्तव मे रिपोर्ट के कलात्मक एवं साहित्यक रूप को ही रिपोर्ताज कहते है। सहसा घटित होने वाली अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना ही इस विधा को जन्म देने का मुख्य कारण बन जाती है। रिपोर्ताज विधा पर सर्वप्रथम शास्त्रीय विवेचन श्री शिवदान सिंह चौहान ने मार्च 1941 मे प्रस्तुत किया था। हिन्दी मे रिपोर्ताज की विधा प्रारंभ करने का श्रेय हंस पत्रिका को है। जिसमें समाचार और विचार शीर्षक एक स्तम्भ की सृष्टि की गई। इस स्तम्भ मे प्रस्तुत सामग्री रिपोर्ताज ही होती हैं। रिपोर्ताज गद्य साहित्य की आधुनिक विधा है। कुछ प्रमुख रिपोर्ताज लेखक कन्हैयालाल मिश्र "प्रभाकर" विष्णू प्रभाकर माचवे, श्याम परमार, अमृतराय, रांगेय राघव तथा प्रकाश चन्द्र गुप्त आदि हैं। आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए सरल एवं स्पष्ट भाषा में आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए...

राष्ट्रभाषा और राजभाषा किसे कहते हैं?

हिन्दी ग्यारहवीं सदी से ही अक्षुण्ण रूप से इस देश की राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित रही है, भले ही राजकीय प्रशासन के स्तर पर कभी संस्कृत, कभी फारसी और अंग्रजी की मान्यता रही हो, लेकिन समूचे राष्ट्र के जन-समुदाय के आपसी सम्पर्क, संवाद-संचार विचार-विमर्श, सांस्कृतिक ऐक्य और जीवन-व्यवहार का माध्यम हिन्दी ही रही। वस्तुतः आदिकाल मंे लोक स्तर से लेकर शासन स्तर तक और सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र से लेकर साहित्यिक क्षेत्र तक हिन्दी राष्ट्रभाषा की कोटि की ओर अग्रसर हो रही थी। मध्यकाल में भक्ति आन्दोलन के प्रभाव से हिन्दी भारत के एक छोर से दूसरे छोर तक जनभाषा बन गई। आधुनिक काल में विदेशी अंग्रेजी शासकों को समूचे भारत राष्ट्र में जिस भाषा का सर्वाधिक प्रयोग, प्रसार अैार प्रभाव दिखाई दिया, वह हिन्दी ही थी, जिसे वे लोग हिन्दुस्तानी कहते थे। स्वतन्त्रता के बाद हिन्दी भारत की राजभाषा घोषित की गई तथा उसका प्रयोग न्यूनाधिक रूप में कार्यालायों में होने लगा तो क्रमशः उसका एक राजभाषा रूप विकसित हो गया। राजभाषा भाषा के उस रूप को कहते हैं, जो राजकाज में प्रयुक्त होता है। भारत की आजादी के बाद एक राजभाषा आयोग की स्थापना की गई थी। उसी आयोग ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाई जाए। तदनुसार, संविधान में इसे राजभाषा घोषित किया गया था। प्रादेशिक प्रशासन में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली, बिहार, झारखण्ड राजभाषा हिन्दी का प्रयोग कर रहे हैं। राष्ट्रभाषा किसे कहते है राष्ट्रभाषा का सीधा अर्थ है राष्ट्र की वह भाषा, जिसके माध्यम से सम्पूर्ण राष्ट्र में विचार विनिमय एवं सम्पर्क किया जा सके। जब किसी देश में कोई भाषा अपने क्षेत्र की सीम...

रूढ़िवाद किसे कहते है

Fundamentalism in hindi meaning definition रूढ़िवाद किसे कहते है | रूढ़िवाद की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब मीनिंग इन इंग्लिश ? रूढ़िवाद (Fundamentalism) सबसे पहले रूढ़िवाद का अर्थ समझें। रूढ़िवाद का अर्थ है धार्मिक ग्रंथों (जैसे बाइबिल, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, गीता) की मान्यताओं और सिद्धांतों को अविवाद्ध मानना । अनुयायी इसे ऐतिहासिक सत्य के रूप में देखते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि अनुयायी कट्टर दृष्टिकोण अपनाते हैं, वे अक्सर अपने स्वतंत्र राष्ट्र की मांग भी करते हैं। इसे भी ग्रंथों की भविष्यवाणी के रूप में देखा जाता है। इस प्रकार रूढ़िवाद के कारण एक विशिष्ट समुदाय समाज की मुख्य धारा से अलग हो जाता है। पुलिस, सेना आदि की मदद से शेष समाज इन्हें दबाने या खत्म करने की कोशिश करता है, खासतौर पर तब जब ये कानून का उल्लंघन करने लगते हैं। सांप्रदायिकता, हिंसा और दंगे फैलाती है। रूढ़िवाद और साम्प्रदायिकता के बीच अंतर यह है कि सामुदायिक आधिपत्य के अलावा साम्प्रदायिक दंगों का और कोई विशेष उद्देश्य नहीं होता है। रूढ़िवाद एक संगठित आंदोलन है जिसका उददेश्य विशेष रूप से धार्मिक प्रष्ठिता के दृष्टिगत सामाजिक लक्ष्यों को बढ़ावा देना है। कार्यात्मक रणनीति में शांतिपूर्ण और युद्ध जैसे प्रयोग और आंदोलन शामिल हैं। रूढ़िवाद के पहलू (Aspects of Fundamentalism) अवधारणा के रूप में ‘‘रूढ़िवाद‘‘ का प्रयोग सर्वप्रथम 1910-1915 में किया गया था जब अज्ञात लेखकों ने साहित्य के 12 खण्ड प्रकाशित किए जो ‘‘फंडामेंटल्स‘‘ कहलाए। 20वीं शताब्दी के आंरभ में मुद्रण जगत ने इस शब्द का प्रयोग उत्तरी अमेरिका में रूढ़िवादी प्रोटेस्टैंट समूहों के संदर्भ में किया। ये समूह बाइबिल की उदार व्याख्याओं के बारे में चिंतित थे। इससे चिंतत होक...

राष्ट्रभाषा और राजभाषा किसे कहते हैं? अंतर के साथ राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का स्पष्ट करें।

अपनेविचारोंकोहमलोगोंकेसाथजिसमाध्यमसेआदान-प्रदानकरतेहैं, उसेभाषाकहतेहैं।प्रत्येकदेशयाराज्यमेंकोई-न-कोईराष्ट्रभाषाऔरराजभाषाहोतीहै।औरआजहमइसीकेबारेमेंविस्तारसेबातकरेंगेकि राष्ट्रभाषाऔरराजभाषाकिसेकहतेहैं? Difference between Rashtrabhasha and Rajbhasha in Hindi केसाथहीहमराष्ट्रभाषाकेरूपमेंहिंदीकोभीस्पष्टकरेंगे। समाजमेंजिसभाषाकाप्रयोगहोताहै, साहित्यकीभाषाउसीकापरिष्कृतरूपहै।भाषाकाआदर्शरूपवहीहैजिसमेंविशालसमुदायअपनेविचारप्रकटकरताहै।अर्थात्वहउसकाशिक्षा, शासनऔरसाहित्यकीरचनाकेलिएप्रयोगकरताहै।इन्हींकारणोंसेजबभाषाकाक्षेत्रअधिकव्यापकऔरविस्तृतहोकरसमस्तराष्ट्रमेंव्याप्तहोजाताहैतबवहभाषा‘राष्ट्रभाषा’कहलातीहै। Table of Contents • • • • • • राष्ट्रभाषाकिसेकहतेहैं? ‘राष्ट्रभाषा’कासीधाअर्थहैराष्ट्रकीवहभाषा, जिसकेमाध्यमसेपूरेराष्ट्रमें विचारविनिमयएवंसम्पर्ककियाजासके।जबकिसीदेशमेंकोईभाषाअपनेक्षेत्रकीसीमाकोलाँघकरअन्यभाषाकेक्षेत्रोंमेंप्रवेशकरकेवहाँकेजनमानसकेभावऔरविचारोंकामाध्यमबनजातीहैंतबवहराष्ट्रभाषाकेरूपमेंस्थानप्राप्तकरतीहैं। वहीभाषासच्चीराष्ट्रभाषाहोसकतीहै, जिसकीप्रवृत्तिसारेराष्ट्रकीप्रवृत्तिहोजिसपरसमस्तराष्ट्रकाप्रेमहो।राष्ट्रकेअधिकाधिकक्षेत्रोंमेंबोलीजानेवालीतथासमझीजानेवालीभाषाहीराष्ट्रभाषाकहलातीहै।राष्ट्रभाषामेंसमस्तराष्ट्रकोएकसूत्रमेंबाँधने, राष्ट्रीयभावनाकोजागृतकरनेतथाराष्ट्रीयगौरवकीभावनाकोसंहवनकरनेकीशक्तिहोतीहै। राष्ट्रभाषामेंसमस्तराष्ट्रकेजन-जीवनकीआशाओं, आकांक्षाओं, भावनाओंएवंआदर्शोंकोचित्रितकरनेकीअद्भुतशक्तिहोतीहै।एकदेशमेंकईभाषाएँबोलीजातीहैपरंतुउनमेंसेकिसीएकभाषाकोहीराष्ट्रभाषाराष्ट्रकेबहुसंख्यकलोगोंकेद्वारासमझीऔरबोलीजानेवालीभाषाहोतीहै। राजभाषाकिसेकहतेहैं? ‘राजभाषा’कासामान्यअर्थहै- राजकाज...