Scientific basis of physical education in hindi

  1. Physical Education – BA/ BSc (Part 1, Paper I) – Gyan Sanchay
  2. The scientific basis of physical education by F. W. W. Griffin
  3. Physical Education
  4. शारीरिक शिक्षा का कार्यक्षेत्र
  5. भौतिक विज्ञान का महत्व (physical science importance in hindi)
  6. शारीरिक शिक्षा (Physical Education) का अर्थ एवं परिभाषा
  7. स्वास्थ्य शिक्षा


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Physical Education – BA/ BSc (Part 1, Paper I) – Gyan Sanchay

Associate Professor and HOD, Physical Education in DGPG College, Kanpur. Teaching experience of 17 plus years in UG and PG classes. Gold medalist in BPE and and 2nd position holder in MPE – LNIPE, Gwalior. Written and published a series of four books on Scientific Approach to Physical Education for BA/ BSc (1st, 2nd and 3rd year – both in Hindi and English) as per the syllabus of CSJMU.

The scientific basis of physical education by F. W. W. Griffin

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Physical Education

DEPARTMENT OF PHYSICAL EDUCATION AND SPORTS MAJOR DHYANCHAND INSTITUTE OF PHYSICAL EDUCATION Department of Physical Education and sports is a center facility department of Barkatullah University. Department has started teaching course of Physical Education from 1995 in the name of Hokey ke Jadugar Major Dhyanchand on his birth dated 29 August 1995 which is known as National Sports Day. The Institute is recognized by National Council of Teachers Education Western Regional Committee by the Department of Physical Education and Sports. Code No. 214006.The Institute provides quality physical education at the undergraduate and postgraduate degree (B.P.Ed. and M.P.Ed. ) and to provide sufficient facilities and opportunities for the players to achieve excellence in different areas of sports and games. The institute has sufficient infrastructure and facilities for coaching and preparing sports personnel. The Institute has its own building with modern equipped facilities required for physical education such as, Anatomy Laboratory and Physiology Laboratory, Sports Medicine, Health Laboratory. The Institute has 60 acres of land where well equipped play grounds for Hokey, Football, Cricket, Volleyball, Kho Kho, Kabaddi, Handball, Basketball, Athletics, Boxing and large hall having all facilities for indoor games (Badminton, Table Tennis, Judo, Wrestling and Gymnastic). The institute also has Athletic track. The Institute runs a Gymnasium with modern equipment for exercise. The only ins...

शारीरिक शिक्षा का कार्यक्षेत्र

पूर्ण अकादमिक अनुशासन की कसौटी पर खरा उतरने के लिए शारीरिक शिक्षा विषय शैक्षणिक अनुशासन की निम्न विशेषताओं को सम्मिलित करता है (i) सुदृढ़ सैद्धान्तिक आधार- शारीरिक शिक्षा का क्षेत्र सुदृढ़ एवं परिशुद्ध सैद्धांतिक आधार पर आधारित है जो सही एवं प्रासंगिक गतिविधियों में इस शैक्षणिक क्षेत्र को निर्देशित करने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त शारीरिक शिक्षा में अनुसंधान प्रयोजनों के लिए और शिक्षण एवं प्रशिक्षण के उद्देश्यों के लिए सुदृढ़ प्रतिरूपों का भी अनुपालन किया जाता है। (ii) वैज्ञानिक आधार- शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत घटनाओं एवं तथ्यों के बारे में ज्ञान वैज्ञानिक विधि से प्राप्त होते हैं। शारीरिक शिक्षा में वैज्ञानिक अध्ययन के लिए अपनायी गयी प्रमुख विधियों के सम्भावित क्रम का अनुपालन किया जाता है। (iii) मापन का सुग्राही उपकरण- शारीरिक शिक्षा में प्रयोगिक अध्ययनों में अत्यन्त संवेदनशील उपकरणों (यथा इर्गोमीटर, जैवयांत्रिक सॉफ्टवेयर) द्वारा गौण अंतरों का पता लगाया जाता है तथा वर्णनात्मक एवं अन्य अध्ययनों में वैधता एवं विश्वसनीयता के परिशुद्ध माप के लिए विभिन्न सांख्यिकीय तरीकों का उपयोग किया जाता है। (iv) विशिष्ट सीमाएँ – शारीरिक शिक्षा में भी अन्य विषय क्षेत्रों की भाँति गठन के दो रूप, सामान्यीकरण एवं विभेदीकरण होते हैं। सामान्यीकरण के अन्तर्गत अन्य विषय क्षेत्रों से जानकारियों को ग्रहण किया जाता है। विभेदीकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत अन्य विषय क्षेत्रों से प्राप्त असम्बन्धित जानकारियों का विभेद करके केवल सम्बन्धित जानकारियों एवं अवधारणाओं को अध्ययन क्षेत्र में शामिल किया जाता है। (v) एकीकृत विषयक्षेत्र एवं पाठ्यक्रम- शारीरिक शिक्षा में अवधारणाओं का एकीकृत सोपानक्रम है जो ज्ञा...

भौतिक विज्ञान का महत्व (physical science importance in hindi)

• भौतिक विज्ञानओं का दैनिकजीवन संबंधित महत्व • भौतिक विज्ञानओं का जीविकोपार्जन संबंधित महत्व • भौतिक विज्ञानओं का सामाजिक महत्व • भौतिक विज्ञानओं का बौद्धिक महत्व • भौतिक विज्ञानओं का अनुशासन संबंधित महत्व • भौतिक विज्ञानओं का सांस्कृतिक महत्व • भौतिक विज्ञानओं का नैतिक महत्व • भौतिक विज्ञानओं का कलात्मक एवं सौंदर्यआत्मक महत्व • विज्ञान का मनोवैज्ञानिक महत्व • वैज्ञानिक विधि का प्रशिक्षण संबंधित महत्व भौतिक विज्ञान का दैनिक जीवन संबंधित महत्व-

शारीरिक शिक्षा (Physical Education) का अर्थ एवं परिभाषा

शारीरिक शिक्षा Physical Education वह शिक्षा हैं जिसके अंतर्गत छात्रों को स्वस्थ रहने के तरीकों को सिखाया एवं उसकी महत्ता को दर्शाया जाता हैं। इस शिक्षा के अंतर्गत छात्र शरीर की आवश्यकताओं एवं स्वस्थ रहने हेतु विभिन्न कलाओं के विषय मे जानकारी एकत्रित करते हैं। विद्यालय में सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को सम्मिलित करना शारीरिक शिक्षा का ही एक भाग हैं। जिसकी सहायता से छात्रों को सक्रिय एवं स्वस्थ रखने का प्रयास किया जाता हैं। यह पोस्ट आपके लिए निम्न परीक्षाओं हेतु लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। जैसे- शारीरिक शिक्षा क्या हैं? What is Physical Education शारीरिक शिक्षा से आशय शरीर से संबंधित शिक्षा प्रदान करना हैं। यह शिक्षा सामान्यतः व्यायाम,योग,साफ-सफाई,जिमनास्टिक, क्योंकि यह शरीर को ही नही अपितु छात्रों के मस्तिष्क एवं उनके व्यवहार में भी परिवर्तन लाने का कार्य करती हैं। यह छात्रों की मानसिक क्रियाओं को संतुलित रखने का कार्य करती हैं। यह शिक्षा का वह साधन है जो छात्रों को मानसिक,सामाजिक,बौद्धिक,आर्थिक सभी रूपो में प्रभावित करती हैं। यह छात्रों की मांसपेशियों का विकास करती हैं। शारीरिक शिक्षा शारीरिक शिक्षा की परिभाषा Definition of Physical Education डेलबर्ट यूफर के अनुसार -“शारीरिक शिक्षा उन अनुभवों का सामूहिक प्रभाव है जो शारीरिक क्रियाओं द्वारा व्यक्ति को प्राप्त होता हैं।” जे.एफ विलियम्स के अनुसार -“शारीरिक शिक्षा उन शारीरिक क्रियाओं को कहते है जिसका चुनाव उनके प्रभाव की दृष्टि से किया जाता हैं।” रोजालैंड के अनुसार -“शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के भीतरी अनुभवों के कारण व्यक्ति विशेष में होने वाले परिवर्तनों की कुल जोड़ को कहते हैं। जे.बी नेश के अनुसार -“यह शिक्षा के संपूर्ण क्षेत्र का वह...

स्वास्थ्य शिक्षा

अनुक्रम • 1 परिचय • 2 स्वास्थ्य शिक्षा की विधि • 3 इन्हें भी देखें • 4 बाहरी कड़ियाँ परिचय [ ] स्वास्थ्य शिक्षा (Health Education) ऐसा साधन है जिससे कुछ विशेष योग्य एवं शिक्षित व्यक्तियों की सहायता से जनता को स्वास्थ्यसंबंधी ज्ञान तथा स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा जनसाधारण को यह समझाने का प्रयास किया जाता है कि उसके लिए क्या स्वास्थ्यप्रद और क्या हानिप्रद है तथा इनसे साधारण बचाव कैसे किया जाय। संक्रामक रोगों जैसे चिकित्साक्षेत्र में कार्य करनेवाले प्रत्येक व्यक्ति को रोगोपचार के अतिरिक्त किसी न किसी रूप में स्वास्थ्य शिक्षक के रूप में भी कार्य करने की क्षमता रखनी पड़ती है। 'स्वास्थ्य शिक्षा' का कार्य कभी भी स्वतंत्र रूप से नहीं चल सकता। यह हमेशा 'शिक्षा विभाग' एवं 'स्वास्थ्य विभाग' के संयुक्त उत्तरदायित्व पर ही चलता है। इसका सफलतापूर्वक प्रसार स्वयंसेवकों द्वारा होता है। स्वास्थ्य स्वयंसेवकों के लिए यह आवश्यक है कि वे आधुनिकतम स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी ज्ञान से अपनी योग्यता बढ़ाते रहें जिससे उस ज्ञान का सही स्थान पर उचित रूप से स्वास्थ्य शिक्षा के अंतर्गत जनता के लाभार्थ पसार एवं उपयोग कर सकें। स्वास्थ्य शिक्षा की विधि [ ] स्वास्थ्य शिक्षा की तीन प्रमुख विधियाँ हैं जिनमें दो विधियों में तो चिकित्सक की आंशिक आवश्यकता पड़ती है परंतु तीसरी स्वास्थ्य शिक्षक के ही अधीन है। ये तीनों विधियाँ इस प्रकार हैं - १ - स्कूलों एवं कालेजों के पाठ्यक्रमों में स्वास्थ्य शिक्षा का समावेश। इसके अंतर्गत निम्नलिखित बातें आती हैं: - (क) व्यक्तिगत स्वास्थ्य तथा व्यक्ति एवं पारिवारिक स्वास्थ्य की रक्षा तथा लोगों को स्वास्थ्य के नियमों की जानकारी करना। (ख) संक्रामक रोगों की धातकता तथा रोगनिरोधन के...