तिरुपति बालाजी मंदिर कहा है

  1. तिरुपति बालाजी: ये है भारत का सबसे अमीर मंदिर, विराजते हैं भगवान विष्णु
  2. Tirupati Balaji Mandir .. तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में 22 सच जो आप नहीं जानते
  3. तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, रोचक तथ्य
  4. तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी रहस्यमयी जानकारी
  5. तिरुपति बालाजी के वो दस रहस्य, जिसे देख आप हैरान हो जायेंगे
  6. तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर
  7. तिरुपति बालाजी मंदिर कहां है और मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य
  8. Tirupati Balaji Mandir .. तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में 22 सच जो आप नहीं जानते
  9. तिरुपति बालाजी: ये है भारत का सबसे अमीर मंदिर, विराजते हैं भगवान विष्णु
  10. तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी रहस्यमयी जानकारी


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तिरुपति बालाजी: ये है भारत का सबसे अमीर मंदिर, विराजते हैं भगवान विष्णु

विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बाला जी का मंदिर, भारत में आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले तिरूमाला पहाड़ियों की सातवीं चोटी पर स्थापित है। इस चोटी को वेंकटाद्री के नाम से भी जाना जाता है। यह शेषचलम पहाड़ियों की एक किस्म है, यह 7 पहाड़ियों की एक श्रृंखला है जो अडिशैया के 7 प्रमुखों (भगवान विष्णु के नाग प्रकट) को दर्शाती है। यह मंदिर कई शताब्दी पहले बनाया गया था। मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला एवं शिल्पकला का अद्भूत उदाहरण है। कहते हैं कि यह मंदिर पांचवी शताब्दी से भी पहले का है। आज भी तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी दो कहानी सबसे ज्यादा प्रख्यात हैं, वेंकटचल महात्म्य और वरहा पुराण इन दो कहानियों से पता चलता है कि तिरुमला की भूमि भगवान विष्णु के अवतार द्वारा व्याप्त थी। दक्षिण भारत का प्रख्यात मंदिर वास्तुकला और शिल्प कला का अद्भूत उदाहरण है। इस मंदिर की स्थापना और इतिहास को लेकर कई मतभेद हैं लेकिन माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 5वीं शताब्दी में हुई थी। इस मंदिर के लिए एक मान्यता प्रचलित है कि प्रभु वेंकटेश्वर को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। माना जाता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तलाब के किनारे निवास किया था। ये तलाब तिरुमाला के पास स्थित है। तिरुमाला- तिरुपति के मंदिर को चारो ओर से घेरे हुई चारों और पहाडियां हैं। ये सभी शेषनाग के आकार में हैं इस कारण से इन्हें सप्तगिरि भी कहा जाता है। इस मंदिर की स्थापना को लेकर हमेशा से मतभेद रहा है लेकिन 15 वीं शताब्दी के बाद से इसकी ख्याति दूर-दूर के स्थानों तक फैलने लगी। माना जाता है कि यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस मंदिर की प्रख्याति यहां आए भक्तों की लंबी लाइन देखकर लगाया जा सकता है। इस...

Tirupati Balaji Mandir .. तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में 22 सच जो आप नहीं जानते

Contents • • • • Tirupati Balaji Mandir Hindi Facts Tirupati Balaji Mandir तिरुपति बालाजी मंदिर को नाम सभी ने सुना होगा। यह मंदिर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों एक से एक है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति कस्बे से 9 किलोमीटर दूर तिरुमला पहाड़ियों पर तिरुपति वेंकटेशवर मंदिर स्थित है। बालाजी मंदिर के बारे में कई चमत्कार हैं। कहा जाता है की तिरुपति बालाजी से जो भी सच्चे मन से मनोकामना मांगों पूर्ण होती है। बालाजी को गोविंदा के नाम से भी जाना जाता है। तिरुपति बालाजी के दर्शन हेतु बड़े से बड़े अमीर और निर्धन दोनों जाते हैं। कई नामी हस्तियां, राजनेता, फिल्म स्टार, बिजनेसमैन आदि हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में कई ऐसी रोचक बाते हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे। तो आइये जानते हैं तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में सच – तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में 22 सच जो आप नहीं जानते होंगे। Tirupati Balaji Mandir Hindi Facts 1- कुछ श्रद्धालु यहां पहुंचने के लिए पैदल मार्ग चुनते हैं। इसके दो सोपानमार्ग (सीढ़ियों का रास्ता) है, जो 6 से 11 किलोमीटर लंबे है। तिरुमला पहुंचकर श्रद्धालु 50 फीट ऊंचे श्री वेंकटेश्वर स्वामी महाद्वार पर पहुंचते हैं। जहां से आगे व मुख्य मंदिर के खुले आंगन में प्रवेश करते हैं। 2- मंदिर तक पहुंचने के लिए 8 द्वारों से होकर गुजरना होता है। पहले द्वार से जैसे आगे बढ़ते हैं और मार्ग सकरा होता जाता है। कहा जाता है यह आत्मा के परमात्मा से मिलने का प्रतीक है। 3- श्रद्धालुओं को कतार बंद करने के लिए वैकुंठम क्यू कांप्लेक्स है, जिसमें कुल 56 हाल है। तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए हर भक्त को इन सभी हाल से गुजर ना होता है। एक हाल में करीब 450 व्यक्तियों को कतार में रखने की क्षमता है। इस तरह स...

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, रोचक तथ्य

Sri Venkateswara Swamy Temple / श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है जो भगवान विष्णु के अवतार थे, जो की आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के तिरुपति में स्थित है। लोगो का ऐसा मानना है की कलियुग से आ रही मुश्किलों और क्लेश के चलते वे मानवी जीवन को बचाने के लिये भगवान विष्णु, वेंकटेश्वर भगवान के रूप में अवतरित हुए थे। तिरुमला के सात पर्वतों में से एक वेंकटाद्रि पर बना श्री वेंकटेश्वर मन्दिर यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण का केन्द्र है। इसलिए इसे सात पर्वतों का मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर दुसरे भी नामो से जाना जाता है जैसे की तिरुमाला मंदिर, तिरुपति मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) – वेंकटेश्वर भगवान भी कई नामो से जाने जाते है जैसे की बालाजी, गोविंदा और श्रीनिवासा। Contents • • • • • • • • • • तिरुपति बालाजी मंदिर की जानकारी – Tirupati Balaji Temple Information in Hindi भगवान व्यंकटेश स्वामी को संपूर्ण ब्रह्मांड का स्वामी माना जाता है। हर साल करोड़ों लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। साल के बारह महीनों में एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब यहाँ वेंकटेश्वरस्वामी के दर्शन करने के लिए भक्तों का ताँता न लगा हो। कई शताब्दी पूर्व बने इस मन्दिर की सबसे ख़ास बात इसकी दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला का अदभुत संगम है। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान भारत के सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र है। इसके साथ ही इसे विश्व के सर्वाधिक धनी धार्मिक स्थानों में से भी एक माना जाता है। पौराणिक आख्यानों के अनुसार, इस मन्दिर में स्थापित भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति में ही भगवान बसते हैं और वे यहाँ समूचे कलियुग में विराजमान रहेंगे। वैष्णव परम्पर...

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी रहस्यमयी जानकारी

Tirupati Balaji History in Hindi: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है, इसी वजह से भारत में हर साल लाखों पर्यटक सिर्फ मंदिर देखने और भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। भारत में सबसे पोपुलर मंदिर या फिर सबसे ज्यादा पर्यटकों वाला मंदिर अगर कोई है तो वह है तिरुपति बालाजी मंदिर। इस मंदिर में हर दिन लाखों की संख्या में पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं। चूँकि यह मंदिर अपने आप में ही बहुत ख़ास है। माना जाता है कि जो भी इस मंदिर आया है, उसकी हर मनोकामना पूरी हुई है। दुनिया के बड़े-बड़े लोग भी इस मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए आते है। इस मंदिर की बनावट और इस मंदिर का हर एक अंश काफी दर्शनीय और लोगों को अपनी और आकर्षित करने वाला है। तिरुपति बालाजी मंदिर इस आर्टिकल में हम आपको तिरुपति बालाजी का इतिहास, तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास (Tirupati Balaji Temple History), तिरुपति बालाजी किसका रूप है? एवं इस मंदिर से जुड़ी अनेक ऐसी जानकारियां बताने वाले है, जो बहुत कम लोगों को पता है। वैसे तो मंदिर हिन्दू धर्म के लोगों का धार्मिक स्थल है, लेकिन यहाँ पर मंदिर के दर्शन करने के लिए हर धर्म के लोग आते हैं। आइये जानते है मंदिर और मंदिर के इतिहास के बारें में विस्तार से। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास (Tirupati Balaji History in Hindi) तिरुपति बालाजी को वेंकटेश्वर भगवान भी कहा जाता है, जो भगवान विष्णु जी का ही अवतार माना जाता है। भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर तिरुमला पहाड़ी पर स्थित है। यह कुल 7 पहाड़ी है और उनमें से सातवी पहाड़ी पर भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर है। तिरुपति बालाजी मंदिर के इतिहास की बात करें तो यह 9वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। लेकिन अनेक ए...

तिरुपति बालाजी के वो दस रहस्य, जिसे देख आप हैरान हो जायेंगे

भारत में सबसे ज्यादा माथा टेकनेवाला मंदिर तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji), कहा जाता है. हर साल यहाँ लाखो भक्त दर्शन के लिए आते है. भारत में और मंदिरोंकी तुलना में यहाँ सबसे ज्यादा चमत्कारिक और रहस्य्मयी चीजे देखने को मिलती है. तिरुपति बालाजी मंदिर के मान्यता नुसार भगवान बालाजी (Tirupati Balaji) अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में रहते थे. यह दुनिया का एकमात्र मंदिर होगा, आपके पास देने के लिए अगर कुछ ना हो, तो आप आपके केश यानि बाल दान कर सकते हो. इस मंदिर के ऐसे कुछ रहस्य है. जिसे देखकर हैरान हो सकते हो. तो चलिए देर किस बात की, देखते भगवान बालाजी के मूर्ति पर बाल है असली ▪ कहा जाता है, तिरुपति बालाजी मंदिर के भगवान् वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर जो बाल है, वो उन्हीके असली बाल है. यह बाल कभी भी बिखरते नहीं और हमेशा मुलायम रहते है. और यह भी कहा जाता है, इसके पीछे का कारण यह है, की यहाँ पर साक्षात् स्वयं भगवान वेंकटेश्वर निवास करते है. मंदिर में रखी छडी का रहस्य ▪ तिरुपति बालाजी मंदिर के मुख्य प्रवेशद्वार के दाहिने द्वार के बाजू में एक छड़ी है. इस छड़ी के बारे में कहा जाता है, बचपन में भगवान् बालाजी को इस छड़ी से मार खानी पड़ती थी. और उस वक्त भगवान बालाजी के थोड़ी पर मार लगी थी. उसी वक्त से लेकर आजतक प्रत्येक शुक्रवार के दिन भगवान् बालाजी के थोड़ी पर चंदन का लेप लगाया जाता है. जिससे उनकी जख्म का घाव भर जाये. भगवान बालाजी के ह्रदय में माता लक्ष्मी का वास ▪ श्री भगवान बालाजी के ह्रदय में माता लक्ष्मी वास करती है. यह बात तब समझने में आती है. जब हर बृहस्पतिवार भगवान बालाजी का पूर्ण श्रृंगार निकाल कर, उन्हें स्नान कर चंदन का लेप लगाया जाता है. यह चंदन का लेप निकालने पर, हृदयपर लगे च...

तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर

आन्ध्र प्रदेश में अवस्थिति 13°40′59.7″N 79°20′49.9″E / 13.683250°N 79.347194°E / 13.683250; 79.347194 13°40′59.7″N 79°20′49.9″E / 13.683250°N 79.347194°E / 13.683250; 79.347194 वास्तु विवरण प्रकार द्रविड़ शैली आयाम विवरण मंदिर संख्या 1 अभिलेख द्रविड़ भाषाओं और संस्कृत में अवस्थिति ऊँचाई 853मी॰ (2,799फीट) वेबसाइट .tirumala .org तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर तिरुपति में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है। तमिल के शुरुआती साहित्य में से एक संगम साहित्य में तिरुपति को त्रिवेंगदम कहा गया है। तिरुपति के इतिहास को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि 5वीं शताब्दी तक यह एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका था। कहा जाता है कि चोल, होयसल और विजयनगर के राजाओं का आर्थिक रूप से इस मंदिर के निर्माण में खास योगदान था। अनुश्रुतियां [ ] अनुक्रम • 1 अनुश्रुतियां • 2 इतिहास • 3 वर्णन • 3.1 मुख्य मंदिर • 3.2 मंदिर की चढ़ाई • 4 अन्य आकर्षण • 4.1 श्री पद्मावती समोवर मंदिर • 4.2 श्री गोविंदराजस्वामी मंदिर • 4.3 श्री कोदंडरामस्वमी मंदिर • 4.4 श्री कपिलेश्वरस्वामी मंदिर • 4.5 श्री कल्याण वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर • 4.6 श्री कल्याण वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर • 4.7 श्री वेद नारायणस्वामी मंदिर • 4.8 श्री वेणुगोपालस्वामी मंदिर • 4.9 श्री प्रसन्ना वैंकटेश्वरस्वामी मंदिर • 4.10 श्री चेन्नाकेशवस्वामी मंदिर • 4.11 श्री करिया मणिक्यस्वामी मंदिर • 4.12 श्री अन्नपूर्णा-काशी विश्वेश्वरस्वामी • 4.13 स्वामी पुष्करिणी • 4.14 आकाशगंगा जलप्रपात • 4.15 श्री वराहस्वामी मंदिर • 4.16 श्री बेदी अंजनेयस्वामी मंदिर • 4.17 टीटीडी गार्डन • 4.18 ध्यान मंदिरम • 5 खानपान • 5.1 तिरुमला में • 5.2 तिरुपत...

तिरुपति बालाजी मंदिर कहां है और मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य

तिरुपति बालाजी मंदिर कहां है? भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर भी है. यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित समुद्र तल से 3200 फीट की ऊंचाई पर तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित है. यह मंदिर विश्व के सबसे संपन्न व प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाना है. भक्तों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था जुड़ी हुई है. प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं. इस मंदिर को श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. आज के लेख में हम बात करने जा रहे है तिरुपति बालाजी मंदिर कहां है और इस पवित्र मंदिर के इतिहास के बारें में. तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रतिदिन भक्तों द्वारा बेहिसाब चढ़ावा चढ़ता है. कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अदभूत उदाहरण हैं. इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद जरुर पूरी होती है. इसलिए यहां सुबह से ही दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आ जाते हैं. तिरुपति के इतिहास को लेकर इतिहासकारों में कई मतभेद हैं. लेकिन यह स्पष्ट है कि 5वीं शताब्दी तक यह एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका था. कहते है कि चोल, होयसल और विजयनगर के राजाओं ने इस मंदिर के निर्माण में योगदान दिया था. तिरुपति बालाजी मंदिर कहां है? तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित समुद्र तल से 3200 फीट की ऊंचाई पर तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित है. श्री वैंकटेश्वर मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित एक मंदिर है. श्री वैंकटेश्वर का यह प्राचीन मंदिर तिरुपति पहाड़ की सातवीं चोटी पर स्थित है. माना जाता है कि वेंकट पहाड़ी का स्वामी होने के कारण ही इन्‍हें वैंकटेश्‍...

Tirupati Balaji Mandir .. तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में 22 सच जो आप नहीं जानते

Contents • • • • Tirupati Balaji Mandir Hindi Facts Tirupati Balaji Mandir तिरुपति बालाजी मंदिर को नाम सभी ने सुना होगा। यह मंदिर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों एक से एक है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति कस्बे से 9 किलोमीटर दूर तिरुमला पहाड़ियों पर तिरुपति वेंकटेशवर मंदिर स्थित है। बालाजी मंदिर के बारे में कई चमत्कार हैं। कहा जाता है की तिरुपति बालाजी से जो भी सच्चे मन से मनोकामना मांगों पूर्ण होती है। बालाजी को गोविंदा के नाम से भी जाना जाता है। तिरुपति बालाजी के दर्शन हेतु बड़े से बड़े अमीर और निर्धन दोनों जाते हैं। कई नामी हस्तियां, राजनेता, फिल्म स्टार, बिजनेसमैन आदि हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में कई ऐसी रोचक बाते हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे। तो आइये जानते हैं तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में सच – तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में 22 सच जो आप नहीं जानते होंगे। Tirupati Balaji Mandir Hindi Facts 1- कुछ श्रद्धालु यहां पहुंचने के लिए पैदल मार्ग चुनते हैं। इसके दो सोपानमार्ग (सीढ़ियों का रास्ता) है, जो 6 से 11 किलोमीटर लंबे है। तिरुमला पहुंचकर श्रद्धालु 50 फीट ऊंचे श्री वेंकटेश्वर स्वामी महाद्वार पर पहुंचते हैं। जहां से आगे व मुख्य मंदिर के खुले आंगन में प्रवेश करते हैं। 2- मंदिर तक पहुंचने के लिए 8 द्वारों से होकर गुजरना होता है। पहले द्वार से जैसे आगे बढ़ते हैं और मार्ग सकरा होता जाता है। कहा जाता है यह आत्मा के परमात्मा से मिलने का प्रतीक है। 3- श्रद्धालुओं को कतार बंद करने के लिए वैकुंठम क्यू कांप्लेक्स है, जिसमें कुल 56 हाल है। तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए हर भक्त को इन सभी हाल से गुजर ना होता है। एक हाल में करीब 450 व्यक्तियों को कतार में रखने की क्षमता है। इस तरह स...

तिरुपति बालाजी: ये है भारत का सबसे अमीर मंदिर, विराजते हैं भगवान विष्णु

विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बाला जी का मंदिर, भारत में आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले तिरूमाला पहाड़ियों की सातवीं चोटी पर स्थापित है। इस चोटी को वेंकटाद्री के नाम से भी जाना जाता है। यह शेषचलम पहाड़ियों की एक किस्म है, यह 7 पहाड़ियों की एक श्रृंखला है जो अडिशैया के 7 प्रमुखों (भगवान विष्णु के नाग प्रकट) को दर्शाती है। यह मंदिर कई शताब्दी पहले बनाया गया था। मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला एवं शिल्पकला का अद्भूत उदाहरण है। कहते हैं कि यह मंदिर पांचवी शताब्दी से भी पहले का है। आज भी तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी दो कहानी सबसे ज्यादा प्रख्यात हैं, वेंकटचल महात्म्य और वरहा पुराण इन दो कहानियों से पता चलता है कि तिरुमला की भूमि भगवान विष्णु के अवतार द्वारा व्याप्त थी। दक्षिण भारत का प्रख्यात मंदिर वास्तुकला और शिल्प कला का अद्भूत उदाहरण है। इस मंदिर की स्थापना और इतिहास को लेकर कई मतभेद हैं लेकिन माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 5वीं शताब्दी में हुई थी। इस मंदिर के लिए एक मान्यता प्रचलित है कि प्रभु वेंकटेश्वर को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। माना जाता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तलाब के किनारे निवास किया था। ये तलाब तिरुमाला के पास स्थित है। तिरुमाला- तिरुपति के मंदिर को चारो ओर से घेरे हुई चारों और पहाडियां हैं। ये सभी शेषनाग के आकार में हैं इस कारण से इन्हें सप्तगिरि भी कहा जाता है। इस मंदिर की स्थापना को लेकर हमेशा से मतभेद रहा है लेकिन 15 वीं शताब्दी के बाद से इसकी ख्याति दूर-दूर के स्थानों तक फैलने लगी। माना जाता है कि यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस मंदिर की प्रख्याति यहां आए भक्तों की लंबी लाइन देखकर लगाया जा सकता है। इस...

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी रहस्यमयी जानकारी

Tirupati Balaji History in Hindi: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है, इसी वजह से भारत में हर साल लाखों पर्यटक सिर्फ मंदिर देखने और भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। भारत में सबसे पोपुलर मंदिर या फिर सबसे ज्यादा पर्यटकों वाला मंदिर अगर कोई है तो वह है तिरुपति बालाजी मंदिर। इस मंदिर में हर दिन लाखों की संख्या में पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं। चूँकि यह मंदिर अपने आप में ही बहुत ख़ास है। माना जाता है कि जो भी इस मंदिर आया है, उसकी हर मनोकामना पूरी हुई है। दुनिया के बड़े-बड़े लोग भी इस मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए आते है। इस मंदिर की बनावट और इस मंदिर का हर एक अंश काफी दर्शनीय और लोगों को अपनी और आकर्षित करने वाला है। तिरुपति बालाजी मंदिर इस आर्टिकल में हम आपको तिरुपति बालाजी का इतिहास, तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास (Tirupati Balaji Temple History), तिरुपति बालाजी किसका रूप है? एवं इस मंदिर से जुड़ी अनेक ऐसी जानकारियां बताने वाले है, जो बहुत कम लोगों को पता है। वैसे तो मंदिर हिन्दू धर्म के लोगों का धार्मिक स्थल है, लेकिन यहाँ पर मंदिर के दर्शन करने के लिए हर धर्म के लोग आते हैं। आइये जानते है मंदिर और मंदिर के इतिहास के बारें में विस्तार से। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास (Tirupati Balaji History in Hindi) तिरुपति बालाजी को वेंकटेश्वर भगवान भी कहा जाता है, जो भगवान विष्णु जी का ही अवतार माना जाता है। भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर तिरुमला पहाड़ी पर स्थित है। यह कुल 7 पहाड़ी है और उनमें से सातवी पहाड़ी पर भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर है। तिरुपति बालाजी मंदिर के इतिहास की बात करें तो यह 9वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। लेकिन अनेक ए...