यौन शिक्षा से क्या आशय है

  1. Sex Education in Hindi
  2. बच्चों को जरूर दें यौन शिक्षा की जानकारी, इन बातों का विशेष रूप से रखें ध्यान
  3. सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) की जानकारी
  4. Essay on Sex Education in Hindi यौन शिक्षा पर निबंध
  5. यौन शिक्षा :: एक दृष्टिकोण – अनुपमा गर्ग (भाग – 1) – Ground Report India – Hindi
  6. यौन आसनों की सूची
  7. शिक्षा: यौन शिक्षा (Sex education)
  8. यौन शिक्षा क्या है ? इसे शालाओं के कोर्स में सम्मिलित करना क्यों आवश्यक है ? महिलाओं के विरुद्ध बनती हिंसा व अपराधों को रोकने में यौन शिक्षा कैसे कारगर है


Download: यौन शिक्षा से क्या आशय है
Size: 18.49 MB

Sex Education in Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • Yon Shiksha in Hindi – Sex Education क्या है? भारत में यौन शिक्षा के बारे में खुलकर बात करने का मतलब होता है अपनी संस्कृति के विरुद्ध जाना। इसमें सही भी कुछ नही है और गलत भी कुछ नही। दोनो बातें ही अपने-अपने प्रोस्पेक्ट्स (नजरिए) से सही है। लेकिन सेक्स एजुकेशन भारत की हर अविवाहित लड़के-लड़कियों को जरूर मिलना चाहिए। क्योंकी जब आपको पता होता है की क्या करना है और क्या नही? तो फिर आपको जीवन में कभी भी यौन रोग (Sexual Disorder) नही होंगा। आपने Sex Education पर इंटरनेट पर सैकड़ो पोस्ट पढ़ी होंगी और हजारो वीडियो देखें होंगे सब एक ही घिसी-पीटी बात को बोल रहे हैं या लिख रहे हैं की सेक्स कैसे करें, किस उम्र में क्या करे, बच्चा कैसे पैदा होता है लेकिन इस पोस्ट में आप आपको असली, वास्तविक और यूनिक यौन ज्ञान प्राप्त होंगा। यहाँ पर किसी भी प्रकार के उत्पाद का प्रचार नही किया जायेगा। आप चाहे शादीशुदा लोग हो या युवा लड़का-लड़की, ये पोस्ट हर कैटेगरी के लोगो के लिए लिखी गई है। भारत के महान लोगो और यौन रोग विशेषज्ञों (प्राकृतिक डॉक्टर) के विचारों को लिया गया है । साथ ही परिवार नियोजन लड़की या लड़को के नीचे के बाल काटने का सही तरीका (natural way to clean private parts hair) , चुम्बन, सेक्स के बारे में रौचक तथ्य, महिला के पीरियड्स (मासिक धर्म) आना और यौन रोग निवारण घरेलू उपाय के बारे में भी काफी अमूल्य जानकारी दी गई है। Sex Facts and Myths in Hindi सेक्स से जुड़े तथ्य #1. वीर्य में कई प्रकार के हार्मोन्स, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं। जो महिला के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होते हैं। वीर्य, मुँह के द्वार से महिला के शरीर में जाने से वो इसलिए गर्भवती नही होती है। ...

बच्चों को जरूर दें यौन शिक्षा की जानकारी, इन बातों का विशेष रूप से रखें ध्यान

भारतीय समाज में आज भी यौन शिक्षा (Sex Education) को असहज भाव से लिया जाता है. ऐसे में टीवी पर आने वाले गर्भनिरोधक विज्ञापनों को देखकर बच्चों (Children) के मन में भी कई सवाल उठते हैं और बढ़ती उम्र में उनके सवालों का यदि उचित तरीके से समाधान न हो तो कई बच्चे गलत राह भी चुन लेते हैं. बच्चों को यौन शिक्षा देने के प्रति हर माता-पिता को जागरूक (Aware) होना चाहिए. कई माता-पिता इसे लेकर सकारात्मक कदम भी उठाते हैं, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि आखिर कैसे यौन संबंधों के बारे में खुलकर बच्चों से बात की जाए या किस प्रकार से बच्चों को इस बारे में शिक्षित किया जाए. आइए जानते हैं इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण टिप्स - उम्र के आधार पर दें सेक्स ज्ञान बच्चों को एक सही उम्र में ही यौन शिक्षा के बारे में जानकारी देनी चाहिए, ताकि वे गलत रास्ते पर ना जाएं. विशेषज्ञों के मुताबिक, एक सही उम्र में और सही तरीके से सेक्स की शिक्षा देना बच्चों के लिए बेहद जरूरी होता है. इसकी शुरुआत बच्चे की चार या पांच साल की उम्र से की जा सकती है. छोटी उम्र में बच्चों को उनके प्राइवेट पार्टस् के बारे में जानकारी दें. उन्हें शरीर के नाम के साथ प्राइवेट पार्ट्स के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए. गुड टच और बेड टच के बारे में भी बताना चाहिए. आठ साल तक की उम्र के बच्चों के लिए आठ साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चे इन दिनों काफी समझदार होने लगे हैं. टीवी, इंटरनेट देखकर भी काफी कुछ समझने लगते हैं. कई बार इन तमाम माध्यमों से गलत जानकारी भी मिल जाती है. इसलिए बच्चों की यौन गतिविधियों पर नजर रखने के साथ उन्हें सही जानकारी देने की जिम्मेदारी भी माता-पिता की होती है. myUpchar के अनुसार, बच्चे अक्सर यह सवाल पूछते...

सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) की जानकारी

Sex Education In Hindi सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) का ज्ञान उतना ही जरूरी है, जितना कि दूसरे विषयों का ज्ञान होना जरूरी है। हमारे देश में कॉलेज तक में सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) के बारे में नहीं बताया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सेक्स एजुकेशन से जुड़ी भ्रांतियां, सेक्स संबंधी अंधविश्वास और इससे जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके आलावा वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए भी स्त्री-पुरुष दोनों को सेक्स के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसलिए हमने आपके लिए यह सेक्स शिक्षा गाइड तैयार की है इसमें हमने: सेक्स की जानकारी, किशोरों के लिए यौन शिक्षा, माता-पिता के लिए सेक्स एजुकेशन, विवाहित जोड़ो के लिए सेक्स एजुकेशन, और स्कूलों में सेक्स शिक्षा के बारे में बताया है। यहां पर हम आपको सेक्स एजुकेशन (सेक्स शिक्षा) के बारे में सम्पूर्ण जानकारियां दे रहे हैं। परंपरागत रूप से हमारी संस्कृति में किशोरों को यौन संबंधों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती है। वास्तव में इस मुद्दे पर बात करना भी वर्जित माना जाता है। लोग मानते हैं कि शादी से पहले यौन क्रियाओं के बारे में जानना जरूरी नहीं होता है लेकिन समय बदलने के साथ ही यौन संबंधों को लेकर धारणा भी बदली है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों पर यौन शिक्षा दी जानी अनिवार्य है। एक आंकड़े के अनुसार एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में से 34 प्रतिशत 12 से 19 आयु वर्ग के हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सेक्स एजुकेशन क्या होता है और इसके फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे। हर लड़के और लड़की को ज़रूर जाननी चाहिए सेक्स एजुकेशन से जुड़ी ये खास बातें। विषय सूची 1. 2. 3. • • • • • • 4. सेक्स एजुकेशन (सेक्स शिक्षा) क्या है? – What is Se...

Essay on Sex Education in Hindi यौन शिक्षा पर निबंध

Read an essay on sex education in Hindi language for students and young generation. In India, parents feel ashamed while talking about sex or sex education. But, we are writing an essay on sex education in Hindi just to help the young generation. It is the most important thing that your parents should talk to you. यौन शिक्षा पर निबंध। यौन शिक्षा पर निबंध आज के तेजी से बदलते परिवेश में यौन शिक्षा की जरूरत महसूस होने लगी है। खासकर लड़कियों को शिक्षा देने पर मतभेद बने हुए हैं। यौन शिक्षा अनिवार्य हो और वह किस उम्र में दी जानी चाहिए’: ये सवाल आज भारतीय समाज में महत्वपूर्ण हो उठे हैं। आज यौन शिक्षा बहुत जरूरी हो गई है। हमे रोज समाचारों के माध्यम से पता चलता है कि किस तरह से लड़कियाँ शिकार हो रही हैं। छोटी लड़कियों को पता नहीं होता कि उनके साथ क्या सलूक हो रहा है। वे मानसिक प्रताड़ना से गुजरती हैं। आस-पास रहने वाले और रिश्तेदार तक गलत काम करते हैं। अगर थोड़ी समझ आने से पहले लड़की को जानकारी दी जाए, तो वह यौन शिक्षा के अभाव में इस उत्पीड़न का शिकार नहीं होगी। इस तरह की शिक्षा से जागरूकता आती है। हम हिंसा और कानूनी चीजों की बातें करते हैं, तो अपनी भलाई के लिए लड़कियों को यौन शिक्षा की बहुत ज्यादा जरूरत है। यह जरूरी नहीं है कि ऐसी शिक्षा देने के काम सिर्फ माता-पिता करें। मेरे ख्याल से सामान्य शिक्षा की तरह ही यौन शिक्षा को भी रखना चाहिए। हो सकता है कि स्कूल में माहौल न बना हो, लेकिन माहौल बनाने के लिए सरकार, अध्यापक, माता-पिता को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। सवाल सिर्फ लडकियों को सुरक्षित रखने का नहीं है, बल्कि एक लड़की के संपर्ण विकास का भी है। पढ़े-लिखे परिवार में टीवी के जरिए...

यौन शिक्षा :: एक दृष्टिकोण – अनुपमा गर्ग (भाग – 1) – Ground Report India – Hindi

भूमिका - आज एक कॉलेज सीनियर ने फ़ोन किया। 18 - 19 साल का बच्चा है उनका। जब मैं मास्टर्स के एक्साम्स देने गयी थी, तब ये भी बच्चे को घर छोड़ कर आती थीं प्राइवेट एक्साम्स देने। हम दोनों अलग-अलग सब्जेक्ट्स में थे, और ये शादी के कई सालों बाद दोबारा पढाई शुरू कर रही थीं। पति के साथ रिलेशनशिप बिलकुल उतनी ही टॉक्सिक और अब्यूसिव है, जितनी आम हिंदुस्तानी घरों में होती है। लेकिन बच्चे को इन्होंने बहुत खुले मन से पाला। बच्चा बड़े शहर की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने जब गया पहली बार, तो इन्होने अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए, उसे सेफ सेक्स, प्रोटेक्शन, वगैरह भी समझाया। बच्चा ने वहां bumble, tinder वगैरह चलाया, और hookup कर के आया। अभी छुट्टियों में घर लौटा और बाप ने condoms देख लिए बच्चे के सामान में। उधर हमारी सीनियर को बच्चे ने खुले मन से बताया कि वो कैसे अपनी एक सीनियर विजिटिंग स्टूडेंट के साथ मिला डेटिंग ऐप पर, और उसने कैसे इंटिमेसी एक्स्प्लोर की। 'We enjoyed ourselves mumma without commitments, without baggage, and with safety. Maybe we will do it again'. मेरी दोस्त के चेहरे पर कुछ भाव आये, कुछ गए। बच्चे ने देखे, और बोला "Sorry mamma, I upset you " दोस्त ने बच्चे से कहा कि वो अपसेट नहीं हैं लेकिन मुझसे बात करते समय वो चिंतित थीं। उनके शब्द थे - "अनुपमा वो distract हो जायेगा पढ़ाई से। क्या मैंने उसे मेंटली prepare करने में कोई गलती कर दी? मैं डिस्कस किस से करूं ?" मुझे लेकिन सिर्फ़ ये एक ही सवाल नहीं दिखा यहाँ। मुझे कई सवाल सुनाई दिए - कहे अनकहे। एक सवाल - क्या मेरी परवरिश में कमी रह गयी ? क्या मैं अच्छी माँ नहीं हूँ ? क्या मेरा बेटा बिगड़ रहा है ? क्या मेरा बेटा भटक जायेगा ? खैर मेरी दोस्त और मेरा...

यौन आसनों की सूची

अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 विशेष रूप से मर्मज्ञ • 2.1 फ्रंट एंट्री के साथ शीर्ष पर पेनेट्रेटिंग पार्टनर • 2.2 पीछे से घुसना • 2.3 शीर्ष पर भागीदार प्राप्त करना • 2.4 बैठना और घुटने टेकना • 2.5 खड़ा होकर • 2.6 गुदा सेक्स पोजीशन • 2.7 कम सामान्य पद • 2.7.1 अन्य • 2.8 फर्नीचर या विशेष उपकरण का उपयोग करना • 2.9 गर्भाधान को बढ़ावा देने या रोकने की स्थिति Position • 2.10 गर्भावस्था के दौरान की स्थिति • 3 गैर-अनन्य मर्मज्ञ • 3.1 ओरल सेक्स पोजीशन • 3.1.1 मुखमैथुन • 3.1.2 पान • 3.1.3 उनहत्तर • 3.1.4 अनिलिंगस • 3.2 अन्य पद • 4 गैर छेदक • 4.1 जननांग-जननांग रगड़ • 5 समूह सेक्स • 5.1 तिकड़ी • 5.2 चौकड़ी • 5.3 कई प्रतिभागियों के साथ • 5.4 एकाधिक प्रवेश • 6 पदों की संख्या, और शारीरिक क्षमताओं पर प्रभाव • 7 संदर्भ • 8 अग्रिम पठन इतिहास [ ] सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सेक्स पोजीशन • मर्मज्ञ साथी प्राप्त करने वाले साथी के सामने खड़ा होता है, जिसके पैर बिस्तर के किनारे या टेबल जैसे किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर लटके होते हैं। • प्राप्त करने वाले साथी के पैरों को छत की ओर उठाकर और मर्मज्ञ साथी के खिलाफ आराम करने के साथ, इसे कभी-कभी तितली की स्थिति कहा जाता है। इसे घुटने टेकने की स्थिति के रूप में भी किया जा सकता है। • प्राप्त करने वाला साथी उनकी पीठ के बल लेट जाता है। मर्मज्ञ भागीदार खड़ा होता है और प्रवेश के लिए प्राप्तकर्ता साथी के श्रोणि को ऊपर उठाता है। एक प्रकार प्राप्त करने वाले साथी के लिए मर्मज्ञ साथी के कंधों पर अपने पैरों को आराम करने के लिए है। • प्राप्त करने वाला साथी उनकी पीठ के बल लेट जाता है, पैर सीधे ऊपर खींचे जाते हैं और घुटने सिर के पास होते हैं। मर्मज्ञ साथी प्राप्त करने वाले स...

शिक्षा: यौन शिक्षा (Sex education)

यौन शिक्षा का तात्पर्य युवक-युवतियों में अपने शरीर के प्रति ज्ञान का नया आयाम विकसित करने से है। यौन शिक्षा का अर्थ केवल शारीरिक संसर्ग से ही सम्बंधित नहीं है बल्कि यौन शिक्षा के माध्यम से हम यौन जनित विभिन्न जिज्ञासाओं, विभिन्न यौन जनक बीमारियों की जानकारी और उससे बचने के उपायों के प्रति जागरूक होते हैं। अगर सही तरीके से किशोर एवं किशोरियों को सेक्स से सम्बंधित सलाह दी जाय तो यौन रोगों में तथा यौन अपराधों में में भी कमी आ सकती है। यौन सम्बन्धी जिज्ञासाओं के सही समाधान न होने से युवा कहीं न कहीं गलत दिशा में भटक जाते हैं। यौन शिक्षा उन्हें अपने शरीर के प्रति, यौन संबंधों के प्रति, यौन जनित बीमारियों के प्रति, सुरक्षित यौन संबंधों के प्रति, रिश्तों की गरिमा के प्रति सचेत करती है। यौन - शास्त्र के प्रसिद्ध विद्वान फ्रायड कहते हैं कि छोटे छोटे शिशुओं में भी काम वासना होती है। जिसके कुछ प्रमाण मिलते हैं जो हमें यह मानने पर विवश कर देते हैं कि बच्चों में काम वासना होती है। उदाहरण - बच्चों का अपने एवं दूसरे के यौनांगों को ध्यान से देखना , बच्चों का हाथ प्रायः अपने यौनांगों पर होता है (मुख्यतः ऐसा लड़के शिशु में अधिक देखने को मिलता है) डी एस एम एन आर यू के समाज कार्य विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रूपेश कुमार सिंह के अनुसार किशोर एवं किशोरियों की जो उम्र होती है वह जीवन की बहुत ही महत्वपूर्ण अवस्था है। इस समय उनमें यौनाकर्षण होना स्वाभाविक है और उस यौनाकर्षण के बाद उनके दिमाग में यौन क्रियाओं से सम्बंधित बहुत सारी जिज्ञासाएं होती हैं और उन जिज्ञासाओं को कैसे शांत किया जाय उसके लिए यौन शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। दूसरी बात यह है कि बच्चे अपने परिवार में उन प्रश्नों के जवाब ढूढने की...

यौन शिक्षा क्या है ? इसे शालाओं के कोर्स में सम्मिलित करना क्यों आवश्यक है ? महिलाओं के विरुद्ध बनती हिंसा व अपराधों को रोकने में यौन शिक्षा कैसे कारगर है

Q.29: यौन शिक्षा क्या है ? इसे शालाओं के कोर्स में सम्मिलित करना क्यों आवश्यक है ? महिलाओं के विरुद्ध बनती हिंसा व अपराधों को रोकने में यौन शिक्षा कैसे कारगर है – उत्तर : सेक्स का अर्थ अधिकतर प्राणियों में (जिनमें मानव भी सम्मिलित है) नर व मादा होने से है जो पुर्नउत्पादन अंगों तथा संरचना से युक्त होते हैं। कैंब्रिज इंग्लिश डिक्शनरी में योन पुर्नउत्पादन तथा यौन अनुभवों पर पाठों द्वारा शिक्षा स्कूलों में देने को यौन शिक्षा कहा गया है । परन्तु यौन शिक्षा का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक है तथा यह परिभाषा केवल प्रजनन तथा सेक्स अनुभव तक सीमित है अतः मान्य नहीं की जा सकती। लीपसन ने यौन शिक्षा को यौन प्रतिक्रियाओं व पुर्नउत्पादन की विभिन्न शारीरिक, मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक पक्षों की शिक्षा कहा है। इसमें सम्मिलित हैं शरीर रचनाएं, मानव यौन गतिविधियाँ, प्रजनन, स्वास्थ्य, प्रजनन अधिकार, यौन . संयम्, गर्भ निरोध, यौन संबंधी बीमारियाँ, गुप्त रोग, सेक्स संबंधी समस्याएं (नपुंसकता, स्वप्नदोष, हस्तमैथुन, मारवाड़ी आदि) यौन संबंधी सामाजिक नियंत्रण के कानून, गर्भ धारण, सेक्स का सही ज्ञान, सुरक्षित सेक्स इत्यादि । अतः सेक्स एजुकेशन मात्र संभोग या प्रजनन से ही संबंधित न होकर वैज्ञानिक यौन संबंधों, यौन व्यवहारों का विस्तृत विज्ञान है । यौन शिक्षा को भारत की शालाओं के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का विषय विवादग्रस्त तथा संवेदनशील मुद्दा है । सन् 2005 में भारत सरकार द्वारा “एडोलसेंट एजुकेशन प्रोग्राम” प्रारंभ किया गया जिस पर अध्यापकों, अभिभावकों, शिक्षाविदों तथा नीति निर्माताओं ने आपत्तियाँ उठाई। उनके मुख्य तर्क ये थे कि यूरोप व पश्चिमी अन्य देशों में यौन शिक्षा जरूरी हो सकती है क्योंकि वहाँ टीन प्रिग्नेंस...