सोडियम पेंटोथल

  1. Delhi Shraddha Murder Case Accused Wants Too Read English Book In Jail ANN
  2. Narco Test: What is Narco Test, really a person starts spitting everything?
  3. नार्को टेस्ट क्या होता है? Narco Test कैसे होता है (What is Narco Test in Hindi)
  4. What is the Difference Between Narco And Polygraph Test Shraddha Case सोमवार को हो सकता है आफताब का नार्को टेस्ट, जानें क्या है
  5. नार्को टेस्ट क्या है
  6. What is Narco Test : नारको टेस्ट में अपराधी कैसे सच बोलने लगता है? क्या होता है नारको टेस्ट?
  7. explained what is difference between narco and polygraph test spb 94


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Delhi Shraddha Murder Case Accused Wants Too Read English Book In Jail ANN

Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब पूनावाला ने तिहाड़ प्रशासन से जेल में पढ़ने के लिए किताबें मांगी है. प्रशासन ने बताया कि पूनावाला ने इंग्लिश नॉवेल और लिटरेचर के लिए कहा है. एडमिनिस्ट्रेशन जल्द ही उसे अंग्रेजी किताब या नॉवेल मुहैया कराएगा. उसे ऐसी किताब दी जाएगी जिससे वो किसी दूसरे को या खुद को नुकसान न पहुंचाए. सूत्रों ने बताया कि आफताब को The great railway bazaar नाम की नॉवेल पढ़ने के लिए दी जाएगी. आफताब पूनावाला पर आरोप है कि उसने ‘लिव इन रिलेशन’ में रह रही श्रद्धा की हत्या की, उसके शव के 35 टुकड़े कर उन्हें तीन हफ्ते तक दक्षिणी दिल्ली के महरौली स्थित आवास में 300 लीटर के फ्रिज में रखने और शव के हिस्सों को कई दिनों में शहर के विभिन्न हिस्सों में ठिकाने लगाया. पूनावाला को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया. इस को 17 नवंबर को और पांच दिन के लिए बढ़़ाया गया. कोर्ट ने 26 नवंबर को उसे 13 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. फिर क्यों हुई थी पूछताछ? श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला के नार्को टेस्ट के बाद उससे शुक्रवार (2 दिसंबर) को भी दो घंटे भी पूछताछ की गई थी. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FASL) की चार सदस्यीय टीम और जांच अधिकारी पूनावाला से नार्को टेस्ट के बाद पूछताछ के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे. पूनावाला की नार्को टेस्ट भी करीब दो घंटे तक रोहिणी के अस्पताल चला था. एफएसएल ने इससे पहले बताया था कि नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफी जांच के दौरान आफताब के दिए गए जवाब का विश्लेषण किया जाएगा और उसे भी उसके जवाबों की जानकारी दी जाएगी. बता दें कि ‘नार्को’ जांच में सोडियम पेंटोथल (Sodium thiopental), स्कोपोलामाइन ...

Narco Test: What is Narco Test, really a person starts spitting everything?

दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों का धरना प्रदर्शन (Wrestlers Protest) जारी है. कुश्ती खिलाड़ियों की मांग है कि भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ (wrestling federation of india) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (brijbhushan sharan singh) को गिरफ्तार किया जाए. इस बीच बृजभूषण ने झूठ और सच का पता लगाने के लिए चुनौती दे दी. जिसे पहलवानों ने स्वीकार भी कर लिया, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सच में नार्को टेस्ट में इंसान सबकुछ उगलने लगता है? विशेषज्ञों की मानें तो इसकी 50 प्रतिशत ही संभावना रहती है. दवा के प्रभाव से यदि कोई बात बाहर आ भी जाती है, तो उसके लिए सबूत भी जुटाना पड़ता है. क्या है नार्को टेस्ट नार्को टेस्ट किसी मामले में सच के करीब पहुंचने का एक प्रयास है. यह करीब 60 मिनट की एक प्रक्रिया है. जिस व्यक्ति का नार्को टेस्ट होता है, उसे सोडियम पेंटोथल नाम की दवा दी जाती है. इस दवा के प्रभाव से व्यक्ति सम्मोहक अवस्था में चला जाता है और तब उससे सवाल पूछे जाते हैं. ] कैसे होता है नार्को टेस्ट जिस व्यक्ति का नार्को टेस्ट होता है, उसे सोडियम पेंटोथल (sodium pentothal) नाम की दवा दी जाती है. सम्मोहक अवस्था में उस व्यक्ति से सवाल पूछे जाते हैं. दवा के प्रभाव से उस व्यक्ति में संकोच खत्म हो जाता है. दवा की मात्रा ज्यादा हो गई तो व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है. दवा के प्रभाव से यदि कुछ बातें बाहर आती है, तो उसके सबूत भी जुटाने पड़ते हैं. नार्कों टेस्ट के जरिए सच बाहर लाना, बस एक कोशिश है, क्योंकि इसमें 50-50 के ही चांस होते हैं. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होती है, लेकिन टेस्ट की प्रक्रिया को लाइव नहीं दिखाया जाता है. नार्को टेस्ट, खुद में कोई सबूत नहीं विशेषज्ञों की मानें तो नार्को ...

नार्को टेस्ट क्या होता है? Narco Test कैसे होता है (What is Narco Test in Hindi)

क्या आपने कभी नार्को टेस्ट का नाम सुना है यदि आप इस टेस्ट के बारे में नहीं जानते हैं तो आज के लेख के माध्यम से आपको नार्को टेस्ट से संबंधित सभी जानकारी लेख के माध्यम से प्रदान की जाएगी Narco Test में व्यक्ति को ड्रग नाम की एक साइक्लो एक्टिव मेडिसन दी जाती है या फिर उसको सोडियम पेंटोथल नाम का इंजेक्शन दिया जाता है| व्यक्ति के शरीर में इस दवा का असर पहुंचते ही व्यक्ति एक अवस्था में पहुंच जाता है जिसमें व्यक्ति पूरी तरह से बेहोश भी नहीं होता और पूरी तरह से होश में भी नहीं रहता है कई अपराधिक मामलों में इस टेस्ट का प्रयोग किया जाता है| कई बार पुलिस अपराधी से सच का पता नहीं लग पाता तब इसी टेस्ट की मांग पुलिस द्वारा या फिर पीड़ित द्वारा की जाती है| नार्को टेस्ट छोटे अपराधों में प्रयोग नहीं किया जा सकता है यह टेस्ट केवल बड़े और संगीन अपराधों में ही प्रयोग किया जा सकता है| यदि आप Narco Test Kya Hota Hai से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे साथ अंत तक बने रहे| Narco Test Kya Hota Hai Table of Contents • • • • • • • • NCBI के अनुसार नारको टेस्ट 1 डिस्पर्शन डिटेक्शन टेस्ट होता है जिस कैटेगरी में पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी आते हैं अपराध से जुड़ी सच्चाई और सबूतों को ढूंढने में नारको परीक्षण बहुत मदद करता है| क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट विकास खन्ना के मुताबिक यह टेस्ट व्यक्ति को हिप्नोटिज्म की स्थिति में ले जाता है जहां उसका चेतन मन कमजोर हो जाता है वह ना पूरी तरह से बेहोश होता है और ना ही सही प्रकार से होश में होता है| और वह जानकारी देने से पहले सोचने समझने की स्थिति में नहीं रहता है NCBI कहता है कि न्यायालय में नार्को टेस्ट की रिपोर्ट मान्य नहीं है लेक...

What is the Difference Between Narco And Polygraph Test Shraddha Case सोमवार को हो सकता है आफताब का नार्को टेस्ट, जानें क्या है

highlights • आफताब का सोमवार को हो सकता है नार्को टेस्ट • साकेत अदालत ने पांच दिन के भीतर कराने को कहा नई दिल्ली: श्रद्धा वाकर (Shraddha Walkar) हत्याकांड में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (AAftab Amin Poonawala) का सोमवार को नार्को टेस्ट हो सकता है. साकेत कोर्ट ने पांच दिन के भीतर आफताब का नार्को टेस्ट (Narco Test) कराने का आदेश दिया है और मंगलवार को आफताब की रिमांड खत्म हो रही है. आफताब भी इसके लिए हामी भर चुका है. हालांकि नार्को टेस्ट से पहले कई तरह की मेडिकल जांच होती हैं, जो पुलिस को जल्द से जल्द करानी होंगी. पुलिस पहले ही नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) कराने की इच्छुक थी. श्रद्धा हत्याकांड ने देश को झकझोर कर रख दिया है. सामाजिक संगठनों से लेकर आम लोग मामले में आफताब को कड़ी से कड़ी सजा के पक्षधर हैं तो फिल्मी दुनिया की भी नामी-गिरामी शख्सियतें आफताब को दुर्लभतम सजा की मांग कर चुकी हैं. नार्को टेस्ट का इस्तेमाल अमूमन बेहद हाई प्रोफाइल या उलझे हुए आपराधिक मामलों में किया जाता है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि नार्को टेस्ट किस तरह से पॉलीग्राफ टेस्ट से अलग होता है. क्या होता है नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट ट्रुथ सीरम के नाम से लोकप्रिय सोडियम पेंटोथल का इस्तेमाल नार्कोटिक्स एनालिसिस टेस्ट में किया जाता है. इस दवा के इस्तेमाल से किसी शख्स की चेतना कम हो जाती है, जिससे वह खुलकर बोलने लगता है. इसके साथ ही वह सम्मोहन की स्थिति में पहुंच जाता है और तब यह टेस्ट किया जाता है. इसके तहत परीक्षण कर रहे लोग उस शख्स से सवाल कर सही उत्तर पाते हैं. नार्को टेस्ट करते वक्त एक मनोविज्ञानी, जांच अधिकारी और फोरेंसिक विशेषज्ञ ही संबंधित शख्स के साथ मौजूद रह सकता है. अपराध को कब...

नार्को टेस्ट क्या है

Rate this post Narco Test : नार्को टेस्ट में अपराधी या व्यक्ति को ट्रुथ ड्रग नाम का साइकोएक्टिव ड्रग या सोडियम पेंटोथोल इंजेक्शन नाम का इंजेक्शन दिया जाता है. थोड़े ही समय में दवा का असर दिखना शुरू हो जाता है और व्यक्ति ऐसी स्थिति में चला जाता है जहां न तो वह पूरी तरह से होश में होता है और न ही पूरी तरह से बेहोश. अक्सर आपने फिल्मों या न्यूज़ में देखा और सुना होगा कि अपराधी से सच उगलवाने के लिए उसका नार्को टेस्ट किया गया है. दरअसल ऐसे टेस्ट की मांग पुलिस करती है या पीड़िता करती है. छोटे अपराधों में नार्को टेस्ट नहीं किया जा सकता, यह केवल बड़े और गंभीर अपराधों में होता है. अक्सर कहा जाता है कि पुलिस की पिटाई के सामने गूंगे भी सच बोलने लगते हैं, लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता. सच्चाई सामने लाने के लिए पुलिस कई तरीके भी अपनाती है, उन्हीं में से एक है नार्को टेस्ट. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे नार्को टेस्ट क्या है ( What is Narco Test in Hindi), नार्को टेस्ट कैसे किया जाता है, नार्को टेस्ट के साइड इफेक्ट और नार्को टेस्ट के लिए कानून प्रावधान क्या है Table of Contents • • • • • • • • नार्को टेस्ट क्या होता है? (What is Narco Test in Hindi) यह टेस्ट अपराधी या आरोपी व्यक्ति से सच्चाई निकालने के लिए किया जाता है. यह टेस्ट फोरेंसिक विशेषज्ञ, जांच अधिकारी, डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक आदि की मौजूदगी में किया जाता है. नार्को टेस्ट के तहत आरोपी को कुछ दवाएं दी जाती हैं, जिससे उस आरोपी का सचेतन दिमाग धीमी अवस्था में चला जाता है यानी व्यक्ति की तार्किक क्षमता थोड़ी कम हो जाती है. उस अवस्था में व्यक्ति न तो पूरी तरह जागता है और न ही सोता है. इस स्थिति में कोई भी जानकारी देने के लिए सोचने और...

What is Narco Test : नारको टेस्ट में अपराधी कैसे सच बोलने लगता है? क्या होता है नारको टेस्ट?

What is Narco Test? | नारको टेस्ट क्या होता है? What is Narco Test? | नारको टेस्ट क्या होता है? Narco Test kya hota hai: नारको टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जो कि आम भाषा में कहें तो अपराधी या आरोपी व्यक्ति से सच उगलवाने के लिए किया जाता है. और इस टेस्ट में ऐसा कहा भी जाता है कि इसमें सच उगलवाने की पूरी संभावना रहती है. नारको टेस्ट में अपराधी के साथ क्या किया जाता है? Kiska kiya jata hai Narco test : नारको टेस्ट में अपराधी को कुछ दवाइयां दी जाती हैं इस दवाई को खाते ही इंसान का एक्टिव दिमाग पूरी तरह से सुस्त अवस्था में चला जाता है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं. जैसे आपने देखा होगा कि अक्सर किसी ने ज्यादा शराब अगर पी ली हो तो उसका दिमाग पर कंट्रोल नहीं होता है. ऐसे में कहा जाता है कि ये आदमी शराब पीकर झूठ नहीं बोलता, उसी तरह इस टेस्ट में भी आदमी पूरी तरह से अपने दिमाग को एक सुस्त अवस्था में ले जाता है. जिसके बाद व्यक्ति की लॉजिकल स्किल थोड़ी कम पड़ जाती है. और वह जानबूझकर या फिर दिमाग लगाकर मनगढ़ंत बातें नहीं कह पाता है. नारको टेस्ट में ये इंजेक्शन शामिल होती है? नारको टेस्ट में सोडियम पेंटोथल (sodium pentothal) का इंजेक्शन लगाया जाता है. इस इंजेक्शन को ट्रूथ ड्रग (Truth Drug) नाम से जाना जाता है. कई मामलों में सोडियम पेंटोथोल का इंजेक्शन खून में ये दवा पहुंचते ही व्यक्त‍ि सुस्त अवस्था में पहुंच जाता है. उस व्यक्त‍ि से अर्धम‍ूर्छित अवस्था में टीम अपने पैटर्न से सवाल करती है. Narco Test Kon Karta hai? कौन करता है ये टेस्ट? • डॉक्टर (फिजिकल एग्जामिन, दवा देना) • मनोवैज्ञानिक (मानसिक रूप से जब दिमाग असंतुलित होता है तो उसका एग्जामिन करना) इस दौरान सुस्त अवस्था में सोच रहे व्यक्ति से सवाल-जव...

explained what is difference between narco and polygraph test spb 94

वसईतील श्रद्धा वालकर या २६ वर्षीय तरुणीचा तिचा प्रियकर आफताब अमीन पूनावालाने गळा आवळून खून केला. त्यानंतर तिच्या मृतदेहाची विल्हेवाट लावण्यासाठी मृतदेहाचे तब्बल ३५ तुकडे केल्याचेही उघड झाले. याप्रकरणी पोलिसांनी आफताबला अटकही केली. मात्र, तपासादरम्यान तो वारंवार खोटे बोलत असून पोलिसांची दिशाभूल करत असल्याचे समोर आले. त्यामुळे त्याची नार्को चाचणी करण्याची परवानगी द्यावी, अशी मागणी दिल्ली पोलिसांनी दिल्लीतील साकेत न्यायालयात केली. न्यायालयाच्या परवानगीनंतर त्याची नार्को चाचणी होणारही होती. मात्र, त्यापूर्वी केल्या जाणाऱ्या पॉलिग्राफ चाचणीची परवानगी अद्याप न मिळाल्याने ही नार्को चाचणी स्थगित करण्यात आली. दरम्यान, आता नार्को आणि पॉलिग्राफ चाचणीत नेमका काय फरक आहे? आणि दोन्ही चाचण्या नेमक्या कशा केल्या जातात? असा प्रश्न अनेकांना पडला आहे. याबद्दल सविस्तर जाऊन घेऊया. मसाबा गुप्ताशी घटस्फोटानंतर मधू मंटेनाने केलं दुसरं लग्न, पत्नीबरोबरचे फोटो पाहून नीना गुप्तांची कमेंट, म्हणाल्या… नार्को चाचणी म्हणजे काय? नार्को चाचणी करताना ‘सोडियम पेंटोथल’ म्हणजेच ‘ट्रुथ सिरम’ या औषधाचा वापर केला जातो. या औषधाच्या परिणामामुळे त्या व्यक्तीला आत्मभान राहत नाही. त्यामुळे ही व्यक्ती कुठल्याही प्रभावाशिवाय बोलू लागते. या औषधीमुळे संबंधित व्यक्ती संमोहन स्थितीत पोहोचते. त्यामुळे तपास अधिकाऱ्यांना आरोपीने केलेल्या गुन्ह्याबाबत खरी माहिती मिळण्याची शक्यता असते. ही चाचणी करताना केवळ मानसशास्त्रज्ञ, तपास अधिकारी आणि फॉरेन्सिक तज्ञ यांच्या शिवाय इतर कोणालाही उपस्थित राहण्याची परवानगी नसते. हेही वाचा – पॉलिग्राफ चाचणी म्हणजे काय? एखादा आरोपी खरं बोलतो आहे, की खोटं हे शारीरिक क्रियांमधून तपासण्यासाठी पॉलिग्र...