Vyakaran kise kahate hain

  1. व्याकरण का अर्थ, परिभाषा, व्याकरण शिक्षण के उद्देश्य, महत्व
  2. अयोगवाह किसे कहते हैं
  3. श्रुतलेख
  4. Vyakaran Kise Kahate Hain
  5. Vyakaran kise kahate hain । व्याकरण किसे कहते है?


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व्याकरण का अर्थ, परिभाषा, व्याकरण शिक्षण के उद्देश्य, महत्व

व्याकरण शिक्षण का अर्थ (vyakaran kise kahate hai) Vyakaran shikshan arth paribhasha uddeshy mahatva;डाॅ. स्वीट ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'न्यु इंग्लिश ग्रामर' में व्याकरण को भाषा और उसके स्वरूप का व्यावहारिक विश्लेषण बताया हैं। इस तरह मुनि पतंजलि ने महाकाव्य में व्याकरण को भाषा का अनुशासन माना हैं। वे कहते है कि व्याकरण शब्दानुशासन हैं। वह भाषा रूपी अश्व का नियन्ता है। जिस प्रकार सत्तू को छानकर छलनी से परिष्कृत किया जाता हैं, उसी प्रकार बुद्धिमान लोग भाषा को बुद्धि-बल से परिष्कृत करते हैं। यह बुद्धि-बल कौन हैं? यह हैं-- भाषा का व्याकरण। मानव अपने विचारों को अभिव्यक्त करने लिए भाषा का सहारा लेता हैं। विचारों को मौखिक एवं लिखित रूप से व्यक्त करता है। भाषाओं के उन रूपों में नियमितता और स्थिरता लाने के लिए कुछ नियम बनाए जाते हैं जो उस भाषा से संबंधित हैं। इन्हीं नियमों को व्याकरण कहा जाता हैं। प्राचीन समय मे हर विद्यार्थी को व्याकरण की शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य था। जो व्यक्ति व्याकरण में बहुत निपुण होता था, उसे विद्वान माना जाता था तथा समाज भी उसका सम्मान करता था। महोजी, पाणिन एवं पतंजलि जैस महान व्याकरण के विद्वान हुये है। संस्कृत साहित्य में व्याकरण के कई ग्रंथ मिलते है। वास्तव मे भाषा पर पूर्ण अधिकार प्राप्त करने के लिये व्याकरण का ज्ञान प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। व्याकरण की परिभाषा (vyakaran ki paribhasha) व्याकरण की परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने ढंग से दी है जो निम्न है-- महर्षि पाणिनी के अनुसार," व्याकरण शब्दानुशासन है। इससे भाषा का रूप व्यवस्थित होता है।" महर्षि पतंजलि ने भी अपने महाभाष्य मे इसे 'शब्दानुशासन' कहा है। हेमचन्द के अनुसार," व्याकरण का काम है भ...

अयोगवाह किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • अयोगवाह किसे कहते हैं एवं उसका प्रयोग कहाँ किया जाता है अयोगवाह की परिभाषा (ayogwah ki paribhasha) – ऐसे वर्ण जिनमें स्वर एवं व्यंजन दोनों के गुण पाए जाते हैं, उन्हें अयोगवाह कहते हैं। अनुस्वार(अं) एवं विसर्ग(अ:) अयोगवाह वर्ण होते हैं। अं एवं अ: अयोगवाह होते हैं। हिंदी में अयोगवाह की संख्या 2 होती है। अगर हम अयोगवाह नाम के आधार पर इन्हें परिभाषित करें तो- ऐसे वर्ण जो “अ” के योग से उच्चारित होते हैं और व्यंजन वर्णों का उच्चारण वहन करते हैं अयोगवाह कहलाते हैं। अयोगवाह कितने होते हैं – Ayogwah Kitne Hote Hain हिंदी वर्णमाला में दो अयोगवाह होते हैं. अं एवं अ: अयोगवाह होते हैं। अयोगवाह न तो पूर्ण रूप से स्वर होते हैं और ना ही पूर्ण रूप से व्यंजन होते हैं। आइए, अब इस बात को समझते हैं कि अयोगवाह वर्ण पूरी तरह स्वर क्यों नहीं होते हैं। स्वर की परिभाषा से हम जानते हैं कि इनका उच्चारण बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता के किया जाता है, लेकिन अनुस्वार(अं) एवं विसर्ग(:) का उच्चारण बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता के नहीं किया जा सकता। वर्णों का यह गुण व्यंजनों में पाया जाता है क्योंकि व्यंजन वर्णों का उच्चारण बिना स्वरों की सहायता के नहीं किया जा सकता। अतः यह दोनों वर्ण स्वर की परिभाषा को संतुष्ट नहीं करते हैं और इनमें व्यंजनों का गुण पाया जाता है। इस हिसाब से अनुस्वार(अं) एवं विसर्ग(अ:) को व्यंजन होना चाहिए। आइए, अब इस बात को समझते हैं कि अयोगवाह वर्ण पूरी तरह व्यंजन क्यों नहीं होते हैं। हम सभी जानते हैं कि जब किसी व्यंजन वर्ण को स्वर वर्ण से मिलाया या जोड़ा जाता है, तो स्वर वर्ण व्यंजन वर्ण को उच्चारित कर देते हैं। जब व्यंजनों के साथ अनुस्वार(...

श्रुतलेख

श्रुतलेख - श्रुतलेख क्या है, श्रुतलेख कैसे लिखते हैं, श्रुतलेख के उदाहरण, स्वर, क-वर्ग, च-वर्ग, ट-वर्ग, त-वर्ग, प-वर्ग, अंतःस्थ, ऊष्म, श्रुतलेख शब्द | Shrutlekh kise kahate hain | Shrutlekhan in Hindi | Shrutlekh words in hindi (वर्तनी) Vartani - वर्तनी - Spelling - Hindi Vyakaran - Hindi Grammar श्रुतलेख क्या है - श्रुतलेख कैसे लिखते हैं - श्रुतलेख के उदाहरण - श्रुतलेख शब्द - Shrutlekh kise kahate hain | Shrutlekhan in Hindi | Shrutlekh words in hindi श्रुतलेख के लिए सूची स्वर - अंकगणित, अंकित, अंकुरण, अंगभूत, अंगविकृति, अंगारिणी अंगूर, अंडवृद्धि, अंडाकृति, अंतरिक्ष, अंतर्दृष्टि, अंतर्निहित, अंतर्यामी, अंतर्राष्ट्रीय, अंतर्विकार, अंतिम, अंत्यकर्म, अंत्याक्षरी, अंधविश्वास, अंबुनिधि, अंशुनाभि, अंशुमान, अकड़ना, अकर्मण्य, अकीर्ति, अक्रूर, अक्लिष्ट, अक्षिपटल, अक्षौहिणी, अखिलेश, अग्निक्रिया, अग्निक्रीड़ा, अग्रलिखित, अच्युत, अछूतोद्धार, अजीर्ण, अणुवीक्षण, अतलस्पर्शी, अतिरथी, अतिरिक्त, अतिवृष्टि, अतिशयोक्ति, अतुलित, अत्युक्ति, अदिति, अदूरदर्शी, अदृष्टपूर्व, अद्वितीय, अधार्मिक, अधिपति, अधिष्ठित, अनर्जित, अनिच्छित, अनिच्छुक, अनियंत्रित, अनियमित, अनिर्दिष्ट, अनुकूल, अनुकृति, अनुक्रमणिका, अनुचित, अनुजीवी, अनुत्तरित, अनुत्तीर्ण, अनुपयोगिता, अनुपयोगी, अनुपस्थिति, अनुवर्ती, अनुश्रुति, अनुष्ठित, अनैतिहासिक, अन्योन्याश्रय, अन्वय, अन्विति, अन्वेषण, अपभ्रंश, अपभ्रष्ट, अपरिचित, अपरिमित, अपरिवर्तनीय, अपूर्णभूत, अपेक्षित, अभिजित, अभिनंदनीय, अभिनंदित, अभिनिविष्ट, अभिनिवेश अभिभूत, अभिमन्यु, अभिरुचि, अभिलाषी, अभूतपूर्व, अभ्यर्थना, अभ्युत्थान, अमिश्रराशि, अमूर्तिमान्, अमृतसंजीवनी, अरुणशिखा, अरुणिम...

Vyakaran Kise Kahate Hain

Hindi Grammar - हिंदी व्याकरण - Hindi Vyakaran Vyakaran in Hindi | Grammar in Hindi • व्याकरण किसे कहते हैं • • • • • व्याकरण किसे कहते हैं ? | What is Grammar in Hindi ? व्याकरण उस शास्त्र को कहते है जिसके पढ़ने से मनुष्य किसी भी भाषा को शुद्ध तरीके से बोलना एवं लिखना सीखता हैं।सरल भाषा में हम यह कह सकते है की, व्याकरण वह विद्या है, जिसके द्वारा भाषा का शुद्ध मानक रूप निर्धारित कर उसे बोलते समय और लिखते समय प्रयोग किया जाता हैं। आगे पढ़िए : • • • •

Vyakaran kise kahate hain । व्याकरण किसे कहते है?

Table of Contents 1 • • • • • • • • • • • • व्याकरण किसे कहते है? (Vyakaran Kise Kahate Hain) व्याकरण की परिभाषा– किसी भी भाषा के सही तरीका से लिखने और बोलने के लिए या ऐसे कहे किसी भी भाषा के सही तरीका से समझने के नियम को ही व्याकरण कहते है । इस पोस्ट में हम आगे और विस्तार से समझेंगे । किसे कहते है व्याकरण ? व्याकरण किसे कहते है ? क्या आपने कभी सोचा ? व्याकरण उस ज्ञान को कहते जिसको जान कर भाषा को शुद्ध शुद्ध लिखना या बोलना आ जाये । अगर हिंदी भाषा का ज्ञान आपको चाहिए तो आपको हिंदी व्याकरण की जानकारी होना चाहिए , ठीक उसी तरह इंग्लिश भाषा के जानकारी के इंग्लिश व्याकरण का ज्ञान होना चाहिए , जिससे आप उस भाषा को शुद्ध शुद्ध लिख और बोल सके । अब ये बात आप समझ गए होंगे की किसी भी english भाषा में Grammer कहते है। आज के इस पोस्ट में हम हमहिंदी व्याकरणके बारे मे बात करेंगे , जैसा की हम जानते है हिंदी व्याकरण में बहुत सारे प्रकरण होते हैं, जैसे कि अलंकार, छंद, संधि, विशेषण इत्यादि होते है । इन सभी को सिख कर ही हम हिंदी भाषा के पूरे व्याकरण को सीख सकते हैं । किसी भी स्कूल में भी हमें व्याकरण को ही सिखाया जाता है । जिस प्रकार से इंग्लिश भाषा के लिए इंग्लिश ग्रामर को सीखना होता है , ठीक उसी तरह से हिंदी भाषा को सीखने के लिए हिंदी ग्रामर का सीखना होता है । व्याकरण के प्रकार (How Many Type of Vyakaran) भाषा के अनुसार व्याकरण के भी अलग अलग प्रकार होते है । 1 हिंदी भाषा के लिए हिंदी व्याकरण 2 इंग्लिश भाषा के लिए इंग्लिश व्याकरण 3 संस्कृत व्याकरण Vyakaran Kise Kahate Hain व्याकरण के ज्ञान के कारण ही वर्ण, शब्द, तथा वाक्यों का शुद्धउच्चारण, और शुद्ध लिखना आता है।व्याकरण जो की सभी भाषा के लिए उ...